sir aapne bataya tha ki vikrmaditya ne shak smvat chalaya but ye to kanishka ne chalaya tha ... vikramaditya ne to vikram samvat chalaya tha na sir plszz doubt clear kijiye ...... or sir class bhot hee achchi lgi continue rakhiye
नागो ने कुषाणो को देश बाहर खदेडकर भारशिव की उपादी धारण की थी भारशिव शासनकाल मै भारशिव राजाओ ने आपने नाम मै नन्दी सब्द को जोड लिया था और आपने सिक्को मै शिव, नन्दी,त्रिशूल को उत्तीर्ण कर वाया था नाग भारशिव के नवनाग राजाओ को समुद्रगुप्त ने युद्ध मै परास्त किया था दुश्मनी को खत्म करने के लिए समुद्रगुप्त और गणपातिनाग ने बिवाहिक संबंध स्थापित किए थे तब समुद्रगुप्त ने नाग भारशिवो राजाओ को पुलिस बिभाग मै भर्ती की जो दण्डपासिक कहलाए उस समय पुलिस के हथो मै दण्डा और रस्सी होती थी जो पाश मै बान्धकर दण्डे से पीडते थे गुप्त काल मै पुलिस को भट्ट कहा जाता था आगे चलकर नाग भारशिव उत्तर भारत मै भर पासी के नाम से जाने गए 918 ईसवीं मै बहराइच के राजा त्रिलोकचंद पासी ने दिल्ली के राजा आनंगपाल और बिक्रमपाल को युद्ध मै नागपाश मै बन्दी बना लिया था और दिल्ली को जितकर राजपासी की उपादी धारण की थी उत्तर भारत मै पासी को भर पासी के नाम से जाना जाता है जय सुहेलदेव पासी हर हर महादेव
महोदय जी गलत जानकारी मत दी जिए वैदिक सभ्याता ब्राह्मणो की बवस्था थी और वरण बवस्था भी ब्राह्मणो की बवस्था थी इसी वरण बवस्था से तंग होकर नागो ने आपनी राजधानी बिदिसा को छोड़कर आपनी दुसरी राजधानी पद्मावती को बनाया था और नागो की शैव सभ्यता थी और कोई भेदभाव नही होता था नाग शासक वरण बवस्था के खिलाफ थे शुंगवांश ब्राह्मण वांस था जो वरण बवस्था जाति बवस्था भेदभाव पर आधारित था जो वैदिक धर्म को मानते थे
जब दुबारा शकों का आक्रमण हुआ तो विक्रमादित्य के द्वारा बनाए गए आक्रमण रोधी केंद्र कई दिनों तक आक्रमणकारियों को रोकने में सफल रहे
Iske notes kaha milege??
Naagvansh ka pdf upload kriye sir ji notes bnane h
Iske notes kaha se milege ya pdf mil Jaye to
Sir ji aap ka padana mujhe itna samajh aa jata hai ki bina notes ke bhi sab yaad ho jata hai ❤❤❤❤
Poonam ji aap kaha se ho
Pahli bar itni details me nag vansh pada hai.. thank you Sir
Jai Hind Sir Ji
Bahut sandar sir
Continue like share karo mitro ❤
Sir...must waiting next video sir
Very nice class guru dev 🙏👍👍👍
Thank you sir kam sabdho me sab kuch clear ho jata h
Jai Hind sir ji 🎉🎉🎉
Waiting for next vedio
Thanks❤❤😊😊
Thank you Sir
You are the best teacher
Sir youTube pr continue rkhna pls... Boht accha pdaya apne .. Thanku sir
धन्यवाद सर 🙏🙏
Thank you so much sir 🎉🎉
Thank you so much sir ji
Thankyou sir ❤🎉
Thank you so much sir ji bahut achcha session
Series ko continue kijiye please sir 🙏🙏
Sir pdf kaha pr milega
Next video sir..🙏
Waiting for next class
thanku sir.. sir pdf v provide kraye...🙏
Sir Raj bansh pure complete kra Dena sir pls continue series
Sir plzzz pdf de dijiye
Very nice class sir
AAP KAB SE PREPARE.. KRRHE H?
Sir next class kab lagegi pls lagwa dijiye sir
Sir iski pdf kaha milegi
sir aapne bataya tha ki vikrmaditya ne shak smvat chalaya but ye to kanishka ne chalaya tha ... vikramaditya ne to vikram samvat chalaya tha na sir plszz doubt clear kijiye ...... or sir class bhot hee achchi lgi continue rakhiye
Sir koshbi yudhh ke bare me btaya nhi
नागो ने कुषाणो को देश बाहर खदेडकर भारशिव की उपादी धारण की थी भारशिव शासनकाल मै भारशिव राजाओ ने आपने नाम मै नन्दी सब्द को जोड लिया था और आपने सिक्को मै शिव, नन्दी,त्रिशूल को उत्तीर्ण कर वाया था नाग भारशिव के नवनाग राजाओ को समुद्रगुप्त ने युद्ध मै परास्त किया था दुश्मनी को खत्म करने के लिए समुद्रगुप्त और गणपातिनाग ने बिवाहिक संबंध स्थापित किए थे तब समुद्रगुप्त ने नाग भारशिवो राजाओ को पुलिस बिभाग मै भर्ती की जो दण्डपासिक कहलाए उस समय पुलिस के हथो मै दण्डा और रस्सी होती थी जो पाश मै बान्धकर दण्डे से पीडते थे गुप्त काल मै पुलिस को भट्ट कहा जाता था आगे चलकर नाग भारशिव उत्तर भारत मै भर पासी के नाम से जाने गए 918 ईसवीं मै बहराइच के राजा त्रिलोकचंद पासी ने दिल्ली के राजा आनंगपाल और बिक्रमपाल को युद्ध मै नागपाश मै बन्दी बना लिया था और दिल्ली को जितकर राजपासी की उपादी धारण की थी उत्तर भारत मै पासी को भर पासी के नाम से जाना जाता है
जय सुहेलदेव पासी हर हर महादेव
Pdf kha milega
sir pdf bhi de dijiye..old student hai
Sir book kon si h
Iska pdf Kahan milega notes bnane k liye
🙏 🙏
Sirji ek doubt tha shung kaal to 187 to 73 bce tha aur nag vansh to 150 to 200 A.D me establish hua by vrishnag to usko hm shung kaaleen kyu bol rhe
Surendra is last hope for quality content ❤❤
महोदय जी गलत जानकारी मत दी जिए वैदिक सभ्याता ब्राह्मणो की बवस्था थी और वरण बवस्था भी ब्राह्मणो की बवस्था थी इसी वरण बवस्था से तंग होकर नागो ने आपनी राजधानी बिदिसा को छोड़कर आपनी दुसरी राजधानी पद्मावती को बनाया था और
नागो की शैव सभ्यता थी और कोई भेदभाव नही होता था नाग शासक वरण बवस्था के खिलाफ थे शुंगवांश ब्राह्मण वांस था जो वरण बवस्था जाति बवस्था भेदभाव पर आधारित था जो वैदिक धर्म को मानते थे
शैव सही मे वैदिक का हि धर्म है?
Pahli bar itni details me nag vansh pada hai.. thank you Sir
Bhut bdiya class ,,,,, Thank you sir🙏