पहाड़ के छोटे-छोटे मंदिरों वाले शक्तिशाली लोक देवता | भैरव का थान
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- Опубликовано: 4 авг 2023
- उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आपने अक्सर छोटे-छोटे मंदिर देखे होंगे. कभी सड़क के किनारे तो कभी गांव को जाती किसी पगडंडी के पास और कभी गाड़-गदेरों के किनारे तो कभी दूर किसी पहाड़ी चोटी पर स्थित, आड़े-तिरछे पत्थरों से बने छोटे-छोटे मंदिर. न तो इन मंदिरों में बद्रीनाथ या केदारनाथ के मंदिरों जैसी विशालता और भव्यता होती है, न जागेश्वर या बैजनाथ के मंदिरों जैसे निर्माण शैली और न ही कोई भौतिक आकर्षण. छोटे-बड़े पत्थरों या हद से हद सीमेंट से बने, बमुश्किल दो बाई दो के इन मंदिरों में किसी चर्चित देवता की तस्वीर या मूर्ति तक नहीं होती है. न तो ये मंदिर भगवान शिव के होते हैं, न विष्णु या श्री राम के और न ही भगवती या काली के. तो आख़िर ये मंदिर होते किन देवताओं के हैं? क्या है इन मंदिरों का इतिहास? क्यों ये पहाड़ के कोने-कोने में सदियों से पूजे जाते हैं और क्यों इन मंदिरों को स्थानीय लोग इतना प्रभावशाली मानते हैं कि यही मंदिर उनके लिए न्याय की अंतिम उम्मीद भी होते हैं, तो रुष्ट होने पर दोष लगाने वाली सबसे ख़तरनाक शक्ति भी.
इन मंदिरों को असल में थान या मंडुला कहा जाता है. ये उन लोक देवताओं के पूज्य स्थल होते हैं जिन्हें भुम्याल देवता भी कहते हैं. भुम्याल का अर्थ हुआ भूमि के देवता. यानी वो देवता जो स्वर्ग में नहीं बल्कि यहीं इसी धरती पर, आम लोगों के बीच ही निवास करते हैं और आम लोगों पर ही अवतरित भी होते. पहाड़ों में जगह-जगह जो छोटे-छोटे थान नजर आते हैं, वो इन्हीं स्थानीय देवताओं के हैं जिनमें नरसिंह, नागरजा, घण्डियाल या घंटाकर्ण, क्षेत्रपाल और भैरू या भैरव देवता के थान प्रमुख हैं.
William S Sax विलियम एस सैक्स
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भैरव देवता के संबंध में जितनी भी जानकारी आपने दी है वे तथ्य सही है तुरंत भैरव की जो मूल उत्पत्ति है शिव की जटा से माना जाता है गढ़वाल में भी वही भैरव है
Lord bhaironath shiv k roop hai, krodh m shivji bhaironath k roop lete, shant hone par bholenath 🙏🙏
नही भाई लोगो सही बात तो ये है की आजकल भैरव एक पद हो चुका है कोई भी देवता को भैरव रूप में पूजा जाने लगा है। या कोई साधक किसी प्रेत को भैरव मंत्रों की ऊर्जा दे उसे भी भैरव बना देता है लेकिन ये सभी भैरव मूल भैरव जो शिव के अवतार है उनसे बिलकुल अलग होते है। इन भैरबो में तो इतना सामर्थ्य भी नही की मूल भैरव बटुक और काल भैरव के दर्शन भी कर सके ये मंत्र उनकी छोटी से ऊर्जा से पोषित होकर भैरव का काम करते है
@@balrajgosain2262जब जब अन्याय बढ़ा है तब तब शिव ने न्याय की स्थापना लिये भैरव को भेजा है।
@@manishrawat8194 abhi kaha ye rishwat khoob chal rhi hai administration, court, ministry, gunde,bhoomafia, kaha hai devta?
Answer - ?
अद्भुत प्रस्तुती, अभी तक जितना शानदार काम उत्तराखंड में बारामासा ने किया है ऐसा कोई और यूट्यूब चैनल नही पर यहां के लोगों ने उस हिसाब से सहयोग नहीं दिया।
nanga naach hora hoga kisi channel par waha sehyog de rahe honge
जब व्यक्तियों का दमन होता है तो उन्हे दलित कहा जाता है यानी दमन से दलित होता हैं ये एक दशा हैं न की जाती ...... और जो व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर समाज को निस्वार्थ भाव से देता है उसे देवता बोला जाता हैं
अब तो जाती बनगई है
गलत। जातिया बनाई ही इसलिये गयी थी कि अपने स्वार्थ को पुरा करने के लिय किसी का दमन कर सके। मै भारत के कई राज्य घुमा हूँ मैने बात नोटिस कि जहाँ-जहाँ ब्रहमण और राजपूत कि अधिक है वहाँ बाकि सभी जातियो को छोटा कर दिया गया। और जहाँ-जहाँ संख्या कम है वहाँ कुछ और जातियो साथ लेके संख्या नियंत्रण किया गया। ताकि कुछ लोगो दमन कर सके।
जय हो देवभूमि उत्तराखण्ड धन्य हो यहाँ के सभी देवी देवताओं जिनका आशीर्वाद सदैव हम सभी पर बनी रहे
20 वर्ष पहले एक दिन मैं नानी के साथ लेटा था नानी की तिवारी में, गर्मी के दिन थे, सुबह सुबह उठा तो नानी ने बताया भैरव देवता सैंदिस्ट(साक्षात) दिखे। पहले भी नानी ने कई बार देखा था, बच्चे के भेश में आते थे सुबह सुबह नहाने जाते थे नानी के चौक के आगे से, उनकी धागुली खग्वाली की आवाज़ आती थी, जबकि पूरे खोले में कोई बच्चा नहीं था उन दिनों, सामने वाले मकान के ऊपर ही भैरव मण्डला था
Good 👍 bhaironath bhagwaan shiv hi hai ,inki Shakti mahan hai,kal yug k jagrut lord hai🙏🙏🙏
Dekho bhairav devta ko sabse ache se sirf Orr sirf uttarakhandi hi samjh skte hain.. unka pyar unka ashirwad Orr unka prakop bhi ache se jaanta hai..
@@TheBuransh011 bhai Shiv ji aur unke avataro ko kisi ek jagah tak seemit mat karo poori duniya Shiv ji ko poojti hai sirf Uttarakhand ke log hi nahi.
@@TheBuransh011Tu jyada bolra hai Himachal vale bhi jante hai smjha or tum uttrakhand Valo se kahin jyada Himachal mein Devi devta ko mana jata hai
भैरवनाथ जी अपने भक्तों को उसी रूप में दर्शन देते हैं...जिसमें भक्तों की भावना होती है..
पहाड़ नाम की किताब में इन लोकदेवताओ का जिक्र पड़ा था।
काफी उम्दा प्रस्तुति 🎉
lekhak kon hai plese bataye muje padhna hai ya link bheje
अनेक पहाड़ के लेखकों ने इन किताबों को लिखने में सहयोग किया है जैसे शेखर पाठक, ललित पंत, ललित खत्री, दिवा भट्ट आदि अनेकों ने इसमें अपने लेख लिए है।
'पहाड़' नामक पुस्तक की काफी लंबी श्रृंखला है जो अस्कोट आराकोट यात्रा नाम से प्रारंभ हुई थी।
इसमें जिम कार्बेट के लिखे लेख, पुराने कुमाऊं कमिश्नर आदि के भी उत्तराखंड संबंधी लेख मिलते हैं
@@SpaceOnion01 thnx dear "dastane e himalay by shekhar pathak i got if u read any special then plz recomand me that book name plz
@@buddhamaitriy3472 find the book named "अस्कोट आराकोट अभियान"
मुझे अपने पहाड़ों पर गौरव है ❤❤❤ jai dev dhumi uk....... From uttarkashi😊
मुझे उत्तराखंड के प्रति आकर्षक सदा से रहा है, बारहमासा ने उसे और बड़ा दिया है।
प्रगति जी का प्रस्तुतीकरण पूरा वीडियो देखने पर मजबूर कर देता है
Sabhi dalit bhaiyon aur behon se hath jodakar🙏 maafi mangti hun jo hamare purvajo ne kiya....Sath me baramasa ki team ko bhi dhanywaad aapki wajah se ye Adbhut jaankari hum sabhi tak pahunchi...Dhanywaad Baramasa Team👍🏻 keep doing great work ahead......Jai Bhairav Devta
Sirf dalit mat bolo...Mitr dost bhai bheji bolo bs
Tu kaun h bhai??? Mafi apni taraf se mang
उत्तराखंड जातिवाद का गढ़ है ना??? बहार से जैसा दिखता है सच्चाई उसके उलट है???
दलित नहीं है वो अब, सवर्ण है वो अब 2023 मै
@@ar02816 मतलब
Being an uttarakhandi, it is just awesome to watch this. Thanks for this. I would like to watch stories on these topics too:
1. Gvel devta kumaun
2. Haruhit
3. Rajula - malushahi
भैरवनाथा बरोबर बद्दल खूप छान माहिती मिळाली
They will again quote some foreigners' research paper to manipulate the truth....rather than seeking truth from greedy and some unknowledgeable people like these ask your elders and especially auji....they are encyclopaedia of garhwal history specially when it comes to folklore and worship of different deities.
Y😢g
Beautiful! Please promote such knowledge.we love it and find it illuminating.
अद्भुत प्रस्तुति हैं भाषा का जो शब्दों का जो मीरन है वाह बहुत सुन्दर है जैसे गाड़ गडेरो ,❤❤❤❤
गढवाल उत्तराखंड के लोक देवताओं पर बहुत सुंदर प्रस्तुति !👍👌👌
Tumhara garhwal uttrakhand mei nahi aata hai kya?????
@@Kumaoni- मैने क्या लिखा ? गढ़वाल उत्तराखंड ही तो लिखा ? जिसका अर्थ उत्तराखंड का गढ़वाल मण्डल है ?
ये देवता क्षेत्रपाल 🌺🌼🙏🏼🚩कहलाते है क्षेत्र के रक्षक देवता 🌺🌺
ब्राह्मणों ने इन्हीं रक्षक देवी देवताओं को राक्षस के रूप में अपने ग्रंथो में स्थान दिया है।
@@nareshganwre6603 rakhsas ka अर्थ ही rakhsak hota hai murkh 🤣
Jara gyaan leke aao शब्द अर्थो का
Thanks Baramasa team for making available culture of the Paharis to the youth. We will be grateful to you for saving our culture. Its big fight against Sanskritisation and other threats to our rituals.
ये बड़ा ही अद्भुत लगा है, ये कमाल सोसलमिडिया का ही तो है, जिनबातो का ज्ञान नहीं था, वह आज मोबाईल के द्वारा प्राप्त हो रहा है, 👍👌
वाह बहुत सुन्दर आपने बहुत ही सुंदर ज्ञान वर्धक जानकारी दी। उत्तराखंड तो देव भूमि है हर जगह पर देवी देवताओं के छोटे बड़े मन्दिर आपको दिखने को मिल जाते हैं। आपका प्रस्तुतिकरण बहुत ही शानदार है। पहली बार देखा अच्छा लगा।
Being uttrakhandi I am proud to be... Lord bhaironath shiv k avatar hai shiv k shant roop m Shankar kahlata 👍,krodh hone par shiv ji
Aap ka ye show muja bahut pasand aaya ma bhi uk sa hu kae bar m bhi en chezo k bare m sochta tha par koi javab nahi milta par aaj apke en show sa muja mare kae javab mil jate h
Dhanywad ❤
अद्भुत प्रस्तुति , जय भैरव देवता 👏👏👏
बेहतरीन प्रस्तुति, इस प्रकार से उत्तराखण्ड के कोर सब्जेक्ट्स पर वृहद प्रामाणिक जानकारी आवश्यक हैं। टीम बारामासा को बधाई।
Ye bhairav he saheb puri duniya ko chalate he isharo pr❤
धाम देवता और नरसिंह देवता के प्रसिद्ध जागरों पर भी एक विस्तृत व्यख्या कीजिएगा , बारामासा का बहुत बहुत धन्यवाद । 🙏
Jai ho sri est kul dev Bhatuknath bharaiv ji gram Bhatkoti🙏
वाकई शानदार जानकारी 🙏
@Baramasa ❤
सर्वहारा के देवता भैरव की जय ✊
Proud to be uttarakhandi ❤
बहुत ही गहन और सुन्दर जानकारी।साधुवाद।साथ ही भाषा और संस्कृति को खत्म होते हुये देखने का दुःख।
क्यों न इसे गढ़वाली बोली में भी प्रस्तुत किया जाये?
अच्छा-खासा शोधपरक video. ये शोध दिखाता है कि उत्तराखंड में दलितों के साथ अत्याचार की परंपरा बहुत व्यापक और पुरानी है.
Jai ho bhairav devta ki...
Bahut sundar 👏👏👏
Dil se धन्यवाद आपका 🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤❤😊
आपने हमारी संस्कृति और समाज से जुड़े रहने के लिए बहुत कुछ सीखाया है जो हम गांव में रह कर भी नहीं सीख पाए वो आपने हमें शहरो में रह कर सीखा दिया और सीखा रहे हैं।। Thanks so much diii and बारामासा ❤
बहुत सुन्दर है उत्तराखंड के भैरव देवता और नर्सिंग देवता और अन्य देवता जो पर्याय जागरो में देखने को मिलते है वो पुराणों से अलग है
Nahi bhai wahi hote hum mandan jahar m khushi s nachate poja karte❤ kalyug hai
बिल्कुल सही कहा आपने।मैं तो इसका partyksh दर्शी रहा हूं।गरीब अस्याहाय को सताने वाले के लिए भैरव देवता की पुकार का मैं अपने आखों से देखा
बहुत ही अच्छी विडियो छा👍👍♥️♥️🌺🌺
भैरव देवता को हमारा प्रणाम स्वीकार हो
Kumaon main bhi jagah jagah gaad-Gadhero ke paas Bhairav devta ke thaan bhi hote hai . Kumaon main Bhairav devta ko gaon ka rakshak(defender ) kaha jaata hai
Masan ko 'Jal Bheru' bolte hai, ye Gaad Gadhero ke pass hi hote hai.
Inki pooja me bali di jati hai...
Agar aspke uper mahashakti ka ashirbad nahi hai to ye pisachani shaktiya krodhit hone par aapki jaan bhi le shakti hai....!!!
बहुत सुंदर जानकारी प्रगति राणा जी आपके द्वारा दी गई सरकारी अति सुंदर हम आपके द्वारा किया गया यह सराहनीय कार्य हम सबके लिए उपयोगी है
कुमांऊ में इसी भैरव को “ कलुआ वीर ” कहते हैं.। ज्यादातर इन कलुआ वीर के थान., गाड़ गधेरे के पास होते हैं.।
*गढ़वाल का भैरव देवता ही कुमाऊ का गौर भैरव यानी गोलज्यू है। जो न्याय के लिऐ प्रसिद्ध है।इसी के उग्र अवतार कुमाऊ मैं भराड़ा और भनरिया देवता भी हैं।*
Got Goosebumps 😳 literally 2 times🛐
समाज के वंचित वर्ग को दलित, पतित और शोषित शब्दों से विभूषित किया गया। सामाजिक कुंठित अवस्था आवाज देती है। मनोदशा का विरोधाभास सहारा ढूंढता है। इस सर्व सहारे की सदा जय हो।
सुन्दर 👍👍मैं इस पर स्टडी पूरी कर चुका हूँ
Adbhut, Atuliya❤❤❤❤
जय हो हमारे पहाड़ के देवी देवताओं की कृपा ही हमारे जीवन की एक कड़ी साझा है।।
आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है यह जानकारी हमारी नई पीढ़ी के लिए बहुत उपयुक्त है जो लोग पहाड़ से जाकर बाहर बस गए हैं उन तक पहुंचाने की जरूर कोशिश करें
Madam apne Bahut Achi Jankari Di. Thanks
शानदार प्रस्तुतिकरण
हम सभी को हर देवता की महत्ता स्वीकारनी चाहिए। ये शक्ति के ऐसे अवतार है जिन्होंने समानता को आदर्श बनाया है। जय गोलू देवता जय भैरव देवता।
Bhut acha lga kaal nath bhairv hmare khul devta h 🎉❤
2:19 बहुत सुन्दर खोज छोटे छोटे मंदिरों पर, बहुत बहुत धन्यवाद। 4:45
Madam you are beauty with brain the information you provide us is really very authentic and the way you speak or elaborate is really great thanks mam for providing us the information about our motherland Uttarakhand
बहुत ही अद्भुत जानकारी
उत्तराखंड का ललनटॉप
एनडीटीवी 😂
Ye channel manipulate karta hai,
Nepal mey bhi Bhairab ki puja hoti hey. Even local shopkeepers of Kathmandu worship Bhairav. And there are lots of Bhairav Thaan in Kathmandu.
Nepalese are eastern pahadi, uttrakhand is central pahadi & HP & JK is western pahadi people.
फिर इंडिया से इतनी नफरत क्यों करते हो तुम नेपाली ऊ मऊ चाऊ चीन को खा जाऊं
Bhai Me Rajasthan se hu yaha bhi bheru baba ka than h
@@dipeshkumar195Mere physics wale sir ne bta ya tha ki purane samay mein pahado mein jo rishi muni tapasya karte the aur gir wahin samadhi le lete the tab uske baad unhe hi bharat devtaa ki tarah puja jaane laga.....aksar sadhu ya yogi pahado mein tapasya karne jaate the aur waha ke logo ke bich wo yogi bhairav ke naam se prasidhh hue aur samadhi ke paad puje jaane lage
@@dipeshkumar195 bhai hamari gadhwali bhaasha mein kayi sabd rajasthani ke bhi hain...
apna uttarakhand, dekhte hi subscribe kar liya 😊
कितना सच्चाई भरा व्याख्यान
कितनी अच्छी रिर्सच
बहुत अच्छे उदाहरण
आपने इतिहास को सही रूप में दर्शया है।
आप अपनी बात सही तरह से रखने में सफल हुई
आपकी कोशिश काबिले ए तारिफ है।
आगे भी ऐसी ही सफल कोशिश करेंगी मुझे पूर्ण आशा है।
भेदभाव जातिवाद छुआ छात ऊँच नीच समाप्त होनी चाहिए
आपका धन्यवाद ।
बेहतरीन कार्यक्रम
Aaj es video se mujhe bahut se questions ke answers mile thanks team 💕
Bahut badiya 👌🏻
Fabulous prastuti pragatii
Jai golu devta ji 🚩♥️ jai devbhoomi uttarakhand 🙏
उत्तराखंड - हिमांचल में मंदिर छोटे ही होते हैं क्यों की यहाँ योगिनियां , देवी देवता फूलों, नदियों & पेड़ पौंधो में गुप्त रूप से निवास करते हैं
Pragati beta i seen ur all videos God Bless u
Cute my dear child.
God bless you
अद्भुत प्रस्तुति बारामासा,,,
अद्भुत प्रस्तुति , जय भैरव देवता
🙏🚩जय भैरवनाथ (नमंडूबाबा)कौबबार - क्योठारबार 🙏🚩
Nice information
🎉 very nice presentation
अभिनंदन है बेटा जो आपने इतनी रोचक और विस्मयकारी जानकारी से दुनिया को अवगत कराया । हमारे देश के मीडिया ने, जिस पर कौमनष्टों का कब्ज़ा है, करोड़ों के पैकेज ले कर हमेशा भारतीय संस्कृति को नीचा दिखाने का ही काम किया है । लेकिन अब सोशल मीडिया द्वारा हमारी गौरवशाली परंपराओं की जानकारी पूरे विश्व के सामने आ रही है । आपको कोटि कोटि नमन है ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
उत्तराखंड में सब सें पूर्व खस आये उन्में उनके ग्राम देवता होते थे और जागर लगते थे जिनमें सब के अपने देवता न्याय करते थे बाद में शंकराचार्य आये और हिन्दु संस्कृति की रचना की और कुमाऊँ में चंद राजाओं नें कार्य के आधार पर समाज दिया हमारे मूल देवता लोक देवता थे ❤
बहुत ही सुन्दर और सारगर्भित एतिहासिक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी।
Bahut khuub pragati ji❤❤
Appreciable .plz continue.
Hnji bahoot dekhe hain yadddgharrrr🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
बहुत सुन्दर प्रस्तति।। अपने अराध्य देवताओं की गाथा सुनकर धन्य. हुए । इसी प्रकार पौराणिक. गाथाओं पर आधारित देव गाथा को समय पर प्रस्तुत करना अ च्छा होगा। नयी पीढ़ी को अ च्छे रास्ते, दिशा में सोचने का अवसर मिलेगा।
बेहतरीन प्रस्तुति
बहुत अच्छी जानकारी मिली🙏
Very informative. Indeed any belief has antropoligical reasons. Very happy to see somebody is exploring uttarakhand rationally and in detail. I would love to see rational, researches and exploration on "manifestation of devta in human body". जैसा कि आमतौर पर उत्तराखंड में हर जगह देखा जाता है| और हर उत्तराखंड हर एक मर्ज का इलाज उन्हें में ढूंढता है
Thanks Baramasa❤
विलियम के अनुसार भैरव लामा द्वारा लाल मटके में भेजा गया,
जैन मत में भैरव पूजन के लिये विलियम का तर्क भी उचित जान पड़ता है कालांतर में जैनों ने वर्ग विशेष को सताया हो और शाप से बचने के लिये भैरव का पूजन कर रहै है
बुद्ध को मानने वाले लामाओं ने भैरव को लाल मटकी भेजना क्यों चुना जबकि वो बुद्ध को मानते थे सम्पूर्ण राजस्थान और मुख्यतः उत्तर भारत में भैरव के इसी प्रकार खुले चबूतरे या मन्दिर पाए जाते है जहाँ पुजारी ब्राह्मण नही होते ये संकेत है कि भैरव ब्राह्मणी देव नही
बहुत खूब
Thanks for sharing the history and please keep it safe. Jai Devbhoomi
बहुत ही अच्छी जानकारी
बहुत बहुत अच्छा काम किया है।
भोत सुन्दर भुली।। बहुत सुंदर जानकारी ।।
Thanks to you for explaining our local God's.they are very powerful
Very knowledgeable
Bahut kuchh nya janne ko mila is video se . Baramasa ko bahut bahut dhanyawad
Very nice 👌 👍 😊🎉
Very good presentation. Just love this channel as it gives insight into our uttrakhand
Excellent presentation of our culture and Devtas
Kya baat hai zabardast 👍 beauty with brain 🙏👍
आपने बहुत ही महत्वपूर्ण बात बताई उत्तराखंड के मंदिरों के बारे लेकिन उत्तराखंड में काली और देवी भगवती के मंदिर भी होते है,क्योंकि जहां भी भैरो मंदिर होगा वहां काली का मंदिर भी जरूर होगा चाहे छोटी मूर्ति क्यूं ना हो पर होगी जरूर
Bahut sunder mostly uttrakhandi unknown thanks
*गढ़वाल का भैरव देवता ही कुमाऊ का गौर भैरव यानी गोलज्यू है। जो न्याय के लिऐ प्रसिद्ध है।इसी के उग्र अवतार कुमाऊ मैं भराड़ा और भनरिया देवता भी हैं।*
Bhairav devta aur goljyu devta alag alag hain bhai
Miss information mat failaa
@@pahadi_traditionalist *गोल ज्यूँ को गौर भैरव बोलते हैं, और उत्तराखंड मैं अष्ट भैरव को माना और पूजा जाता है। गढ़वाल का भैरव देवता तो, भैरव के ही नाम से पूजा जाता है,गौर भैरव और गढ़वाल का भैरव ,दोनों ही न्याय के लिये प्रसिद्ध हैं तो दोनों मैं अलग अलग क्या है बताओ ??*
अद्भूत प्रस्तुति
Thankyou Team baramasa for sharing these insights about our culture. We and our future generation need this.
Thank you 🙏
एकबार महायानी, वज्रयाणी,(सहजयान)तंत्रयाणी,नाथ और साक्त संप्रदाओं के ग्रंथों को पढ़ें तो इस देश के विभिन्न मंदिर, मठ, और मूर्तियों के बारे में जानकारी वृहत जानकारी मिलता है।
हम भी इन्हीं देवी देवताओं को मानते हैं। ये देवी देवता धमपाल, यक्ष, यक्षीणी, ग्राम देवता, भूमियार, देवहरीन, कंकालीन, महामाया (महामयी), ठाकुर देव इत्यादि।
इस महत्वपूर्ण जानकारी को बताने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, उत्तराखंड के देवी देवता वास्तव में सभी लोगों के गहन आस्था के प्रतीक हैं, यह बात भी बिल्कुल सत्य है कि यदि कोई भी परिवार का व्यक्ति बीमार पड़ता था तो उसका निवारन, सवा रुपया उचाना के रूप में रखा जाता था और वह व्यक्ति ठीक हो जाता था, यह बात बिल्कुल सत्य है, कहीं पर भी ऊंच नीच नहीं होता, यह तो इंसान के कुकृत्यों के आधार पर होता है, परमात्मा ने तो सबको एक जैसे ही बनाया है, अब तो सब पढ़े लिखे लोग हैं, मानवता को समझते हैं, आपने बिस्तार से यह जानकारी दी, एक बार पुनः आपको धन्यवाद करते हैं.
Bahut acha explanation diya aapne