@@izhar8509 ... Tum Angrejo ki chakri karte the ....Aur unke jute chaat te the.....Desh ki azadi e liye saheed hone wale 70% brahman the....Khudi ram bose se lekar azad tak
यही थे वे सच्चे देशभक्त हिन्दुस्तानी जिन्होंने राजतंत्र की दमनकारी ताकतों को हिन्दुस्तान छोड़ने पर मजबूर होने की पहल की ... ऐसे जांबाजों को शत-शत नमन धन्यवाद
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
बंघुओ ... समझ में नहीं आ रहा कि संप्रदायवाद के समर्थकों को जीवों की किस श्रेणी में रक्खा जाए ? ? ? ? ? क्योंकि जीवों की श्रेणी को विज्ञानिकों द्वारा मोटे तौर पर बुद्धि के विकास के अनुसार बांटा गया है ... 1) उच्चतम ------- इंसान 2) मध्यम --------- अन्य बडे जीव 3) न्यूनतम ------- कीडे-मकोडे , निम्न जीव, सूक्ष्मदर्शी जीव मध्य एंव न्यूनतम जीवों में भी बदले की भावना का विकास नहीं हुआ होता ... हां आत्म रक्षा करने की शक्ति उनमें अवश्यक रूप से होती है ... ऐसा लगता है 21वी सदी की दुनिया के लिए विज्ञानिकों को न्यूनतम से भी नीचे की 4थी श्रेणी बनानी पडेगी जिसमें --- वैमनस्य , बदले की भावना, हिंसा और विवेक बुद्धि का इस्तेमाल करने में असक्षम एंव असमर्थ हो चुके जीवों को रक्खने की प्रवधान हो ... यकीन मानिए इस 4थी श्रेणी में केवल निम्न सोच और बुद्धि के जीव जो गलती से मनुष्य योनि में जन्म पा गये है ही स्थान पा पाएंगे ... नोट :-- *उच्चतम यानी पहली श्रेणी में जन्म पा कर भी हम में से किन-किन मनुष्यों को चौथी श्रेणी में शामिल होना है ... यह हमें खुद व्यक्तिगत तौर पर तय करना है ...* बहुत-बहुत धन्यवाद
@@HuzaifaAfridi-yp9bd You are right... but this brave man was infact from a region which was considered a part of the Indian Subcontinent which was usually addressed as Sar-Jameen-E-Hind... world wide... 🙏 🙏
@@aniltuli5860 he was considered Indian because he worked for the British Raj. That’s why he was labelled as an Indian. He however is originally an Afghan
@@gajendramoksha8531 BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....
जब सावरकर अंग्रेज वायसराय को माफीनामा लिख रहे थे इस समय बहादुर अफरीदी ने लॉर्ड मेयो को दुनिया से विदा कर दिया । उसका नाम कहीं नहीं लिया जाता और दूसरे के नाम के साथ वीर जोड़ा जाता है ।
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
@@user-sy7zp8vy3t रिपोर्टर ने कब उसे क्रांतिकारी कहा? वे तो घटना का वर्णन कर रहे है, न तारीफ न टिका ये दर्शक को उनकी आवाज़ पसंद है वे पसंद है ऐसा नहीं कहा।
Agar tujhe general diare mile ( jalya wala Bagh kand ) jisne kiye tha wo to Tu kya krega ? Jakr chikhkr lalkarega oye a ldle ? Tujhe pulwama Ka koi mastermind mile to tu kya krega Fozi esa nhi sochta use Jo krna hota hey wo krta hey
@@RAJYADAV-ec2oq saale kayar qaum ki kayar naslo, Muslim na hote to angrejo se bhi na Azad ho paate tm kayaro ke bas ki ye bhi nhi thi,, 1000 saal to ghulami me rahe ho
@@michaeljoe4609 Don't react politically, Lord Mayo was a good person, learn about him. He literally wanted to work for the good of Indian people. And your should respect other's political ideology. Sometimes it is not same as yours.
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
. अगर क़ुरआन अल्लाह ने ही लिखवाई है तो .... .... तो क़ुरआन में केवल अरब के ही ऊंट 🐪 बकरे 🐎 क्यों भरे पड़े हैं? कंगारू, जीराफ़, जेब्रा, भालू, पांडा क्यों नहीं हैं और डायनासोर की तो खैर छोड़ो! .... तो क़ुरआन में अरब के ही खजूरों का इतना जिक्र क्यों है अरब से दूर के दूसरे अनेक उससे बेहतर फलों का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो क़ुरआन में अरब के पास रहने वाले ईसाइयों और मुठ्ठी भर यहूदियों का ही जिक्र क्यों है उस समय के सबसे बड़े किंतू दूर रहने वाले सनातन हिंदू धर्म के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो क़ुरआन में अरब के पास के तूर पर्वत (सीनाई पर्वत) का तो आठ (8) बार जिक्र है पर दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रंखला एंडीज़ और सबसे ऊंचे हिमालय पर्वत (माउंट एवरेस्ट) के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है? .... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है। .... तो क़ुरआन में केवल वहीं के लोकल पेगन मुशरीकों (मूर्तीपूजकों) का ही जिक्र क्यों है? .... तो क़ुरआन में दोनों पवित्र शहर अरब के ही क्यों बताए गए हैं? .... तो क़ुरआन में अरब के उस दौर की सभी बातों, परिस्थितियों और चीजों का जिक्र तो है पर आज के दौर की चीजों का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है तो यह कैसे मान लिया जाए कि क़ुरआन कयामत तक के लिये लिखी गई! .... तो कयामत तक के लिये लागू बताई गई क़ुरआन में अरब की तात्कालिक गुलाम प्रथा का जिक्र क्यों है जबकि आज दुनिया के सभी देशों के लिखित कानून में गुलामी प्रथा को अवैध बताया जा चुका है! ..... तो पूरी दुनिया के हिसाब से लिखी बताई गयी क़ुरआन की आयतें केवल अरबी भाषा में ही क्यों लिखवाई गयी! .... तो क़ुरआन की आयतें मोहम्मद की जिंदगी से जुड़े घटनाक्रम के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हैं? (जैसे तलाक पर वहां कोई विवाद हुआ तो मोहम्मद अगले दिन तलाक पर आयत ले आया, वहां जंग चली तो जंग पर आयत ले आया, उसने अपनी बहू को बीबी बना ली तो अगले दिन एक नई आयत लाकर इसको भी जायज बता दिया .... आदि) .... तो आसमान में लिखी क़ुरआन में प्राकृतिक और सामाजिक परिस्थितियां अरब की ही क्यों लिखी गई हैं? .... तो क़ुरआन में 160 से अधिक बार पानी का जिक्र ऐसे क्यों किया गया है जैसे किसी रेगिस्तानी इंसान के लिये पानी का महत्व होता है जबकि पानी का ऐसा महत्व और विवरण किसी भी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं है। .... तो क़ुरआन की सूरा अल-अनफाल (8) की आयत 65 को झुठलाती हुई अगली आयत 66 क्यों लिखी गई है? .... तो अल्लाह खुद क़ुरआन पर शक-शुबहा करने से मना क्यों करता है? .... तो क़ुरआन में जन्नत के जिक्र के साथ ही पानी और नहरों का भी जिक्र करना क्या रेगिस्तान में पानी की भयंकर कमी झेलते इंसानी एहसास को नहीं दिखलाता है? .... तो अल्लाह ने धरती में छिपी हर बात को जानने का तो लिखा पर भविष्य में अरब में ही मिलने वाले तेल का जिक्र क्यों नहीं किया? .... तो क़ुरआन में रेगिस्तान के किसी इंसान की सोच/आस यानि हरियाली के हरे रंग का ही इतना प्रेम-प्रभाव क्यों है? .... तो क़ुरआन में मोहम्मद को अल्लाह के समकक्ष क्यों बताया गया है मतलब अल्लाह के नाम के साथ एक इंसान का नाम क्यों लिया जाता है और मोहम्मद ने खुद को आखरी पैगम्बर बताकर दूसरों का पूजनीय बनने का रास्ता क्यों बंद किया? .... तो क़ुरआन की आयतें आसमान से आते हुए नबी के अलावा किसी और ने क्यों नहीं देखीं मेरा मतलब क़ुरआन का आसमानी होना केवल एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई माउथ पब्लिसिटी ही क्यों है कोई सबूत क्यों नहीं है? .... तो मोहम्मद के पहले और बाद में ऐसा कोई एक भी मुस्लिम नाम क्यों नहीं है जो इस्लाम में मोहम्मद से ऊपर का दर्जा रखता हो? .... तो मोहम्मद ने ही स्वयं को नबी क्यों बताया, पूरे अरब के आकाश में कोई आकाशवाणी क्यों नहीं हुई? .... तो पूरी दुनिया में दारुल इस्लाम लाने की वृहद सोच रखते हुए केवल अरब के रेगिस्तान के हिसाब से ही संकीर्ण क़ुरआन क्यों लिखी गई? .... तो इस बात की क्या ग्यारंटी है कि जो अल्लाह ने कहा वही अक्षरशः लिखा भी गया हो? उपरोक्त सभी तथ्यों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि क़ुरआन अरब में ही किसी इंसानी सोच के साथ लिखी गई और मोहम्मद ने स्वयं को आखरी नबी बताकर महिमामंडित किया -. . .
@@telepost2250 तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है? .... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है।
@@Thukai-Operater you are right ki har koi apne aapko pathan khrha h....But Ham Shajrah e Nasab vaale pathan hain aur Khudai Khidmatgar Khan Abdul Gaffar khan ki aulad hain
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
Sher ali khan fight against freedom fighter in 1857 he killed mayo because british not relive him from murder accusations he done crime personal reason no for patriotic reason you fool
@@amitmangsulikar7153 to fight injustice against anyone is noble job, even it give no result. But anddd bhakts don't understand these things. In shakhas they have been brainwashed against Muslims to hate them.
@@letmethinkv जीन अँग्रेजो ने भारत को बूरी तरह लुटा aur भारतीय पर असंख्य अत्याचार कीये उन पर तरस आ रहा...आप enhe हत्यारा कहकर सभी क्रांतीकारक का अपमान कर रहे हो...वीर भगतसिंग,राजगुरू, अश्फाक उल्ला खान, चंद्रशेखर आझाद, इन सभी ने अंग्रेजो को जान से मारा ये भी हत्यारे the kya... किसी अँग्रेज के talwe चाटे nhi इन लोगो ने... शत शत नमन इंन सभी को...तुम जैसे bjp Anti cell ke andh bhkt ko yah samjega nahi..Jay हिंद
@@amaan8744 bhagat singh ne koi personal reason se kuch nahi kiya....Bhagat singh ne desh ke liye inquilab zindabadh ka naara diya.....aur ye gaandoo pathan apne bhai ka murder kar ke jail me baitha tha aur bas apna personal badla lena chahta tha.... gaandoo 😂
. अगर क़ुरआन अल्लाह ने ही लिखवाई है तो .... .... तो क़ुरआन में केवल अरब के ही ऊंट 🐪 बकरे 🐎 क्यों भरे पड़े हैं? कंगारू, जीराफ़, जेब्रा, भालू, पांडा क्यों नहीं हैं और डायनासोर की तो खैर छोड़ो! .... तो क़ुरआन में अरब के ही खजूरों का इतना जिक्र क्यों है अरब से दूर के दूसरे अनेक उससे बेहतर फलों का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो क़ुरआन में अरब के पास रहने वाले ईसाइयों और मुठ्ठी भर यहूदियों का ही जिक्र क्यों है उस समय के सबसे बड़े किंतू दूर रहने वाले सनातन हिंदू धर्म के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो क़ुरआन में अरब के पास के तूर पर्वत (सीनाई पर्वत) का तो आठ (8) बार जिक्र है पर दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रंखला एंडीज़ और सबसे ऊंचे हिमालय पर्वत (माउंट एवरेस्ट) के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है? .... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है। .... तो क़ुरआन में केवल वहीं के लोकल पेगन मुशरीकों (मूर्तीपूजकों) का ही जिक्र क्यों है? .... तो क़ुरआन में दोनों पवित्र शहर अरब के ही क्यों बताए गए हैं? .... तो क़ुरआन में अरब के उस दौर की सभी बातों, परिस्थितियों और चीजों का जिक्र तो है पर आज के दौर की चीजों का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है तो यह कैसे मान लिया जाए कि क़ुरआन कयामत तक के लिये लिखी गई! .... तो कयामत तक के लिये लागू बताई गई क़ुरआन में अरब की तात्कालिक गुलाम प्रथा का जिक्र क्यों है जबकि आज दुनिया के सभी देशों के लिखित कानून में गुलामी प्रथा को अवैध बताया जा चुका है! ..... तो पूरी दुनिया के हिसाब से लिखी बताई गयी क़ुरआन की आयतें केवल अरबी भाषा में ही क्यों लिखवाई गयी! .... तो क़ुरआन की आयतें मोहम्मद की जिंदगी से जुड़े घटनाक्रम के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हैं? (जैसे तलाक पर वहां कोई विवाद हुआ तो मोहम्मद अगले दिन तलाक पर आयत ले आया, वहां जंग चली तो जंग पर आयत ले आया, उसने अपनी बहू को बीबी बना ली तो अगले दिन एक नई आयत लाकर इसको भी जायज बता दिया .... आदि) .... तो आसमान में लिखी क़ुरआन में प्राकृतिक और सामाजिक परिस्थितियां अरब की ही क्यों लिखी गई हैं? .... तो क़ुरआन में 160 से अधिक बार पानी का जिक्र ऐसे क्यों किया गया है जैसे किसी रेगिस्तानी इंसान के लिये पानी का महत्व होता है जबकि पानी का ऐसा महत्व और विवरण किसी भी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं है। .... तो क़ुरआन की सूरा अल-अनफाल (8) की आयत 65 को झुठलाती हुई अगली आयत 66 क्यों लिखी गई है? .... तो अल्लाह खुद क़ुरआन पर शक-शुबहा करने से मना क्यों करता है? .... तो क़ुरआन में जन्नत के जिक्र के साथ ही पानी और नहरों का भी जिक्र करना क्या रेगिस्तान में पानी की भयंकर कमी झेलते इंसानी एहसास को नहीं दिखलाता है? .... तो अल्लाह ने धरती में छिपी हर बात को जानने का तो लिखा पर भविष्य में अरब में ही मिलने वाले तेल का जिक्र क्यों नहीं किया? .... तो क़ुरआन में रेगिस्तान के किसी इंसान की सोच/आस यानि हरियाली के हरे रंग का ही इतना प्रेम-प्रभाव क्यों है? .... तो क़ुरआन में मोहम्मद को अल्लाह के समकक्ष क्यों बताया गया है मतलब अल्लाह के नाम के साथ एक इंसान का नाम क्यों लिया जाता है और मोहम्मद ने खुद को आखरी पैगम्बर बताकर दूसरों का पूजनीय बनने का रास्ता क्यों बंद किया? .... तो क़ुरआन की आयतें आसमान से आते हुए नबी के अलावा किसी और ने क्यों नहीं देखीं मेरा मतलब क़ुरआन का आसमानी होना केवल एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई माउथ पब्लिसिटी ही क्यों है कोई सबूत क्यों नहीं है? .... तो मोहम्मद के पहले और बाद में ऐसा कोई एक भी मुस्लिम नाम क्यों नहीं है जो इस्लाम में मोहम्मद से ऊपर का दर्जा रखता हो? .... तो मोहम्मद ने ही स्वयं को नबी क्यों बताया, पूरे अरब के आकाश में कोई आकाशवाणी क्यों नहीं हुई? .... तो पूरी दुनिया में दारुल इस्लाम लाने की वृहद सोच रखते हुए केवल अरब के रेगिस्तान के हिसाब से ही संकीर्ण क़ुरआन क्यों लिखी गई? .... तो इस बात की क्या ग्यारंटी है कि जो अल्लाह ने कहा वही अक्षरशः लिखा भी गया हो? उपरोक्त सभी तथ्यों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि क़ुरआन अरब में ही किसी इंसानी सोच के साथ लिखी गई और मोहम्मद ने स्वयं को आखरी नबी बताकर महिमामंडित किया -. . .
@@amansinghrawat1606 kyu tum kiya usr pasand krte ho jo desh k khilaf kaam kre commet se to aisa lgta h ot bjp raaj mai hinduo ki zayda mari h chahhe to abhi bata skta hu mujhr ab seriously modi se dikkat ni wo or rhe desh mai achi baat h nepal jese tk goli chla jate h
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
बहुत बहुत शुक्रिया जनाब रेहान फजल साहब, आज जो मुस्लिमो के प्रति समाज मे मीडिया द्वारा नफरत घोला जा रहा है एसे समय मे इस तरह कि पहल समाज पर सकारात्मक असर डाले गा,
रेहान फ़ज़ल, धन्यवाद,आपने एक गुमनाम हकीक़त को उजागर कीया ,ऐसेही छुपाये गये ईतीहास को सब के सामने गर्व से लाओ ,अंदमान की धरती भी शेरखान को सलाम करती रहेगी , आप का अंदाजे बयां भी बहोत खुशगवांर है,
. अगर क़ुरआन अल्लाह ने ही लिखवाई है तो .... .... तो क़ुरआन में केवल अरब के ही ऊंट 🐪 बकरे 🐎 क्यों भरे पड़े हैं? कंगारू, जीराफ़, जेब्रा, भालू, पांडा क्यों नहीं हैं और डायनासोर की तो खैर छोड़ो! .... तो क़ुरआन में अरब के ही खजूरों का इतना जिक्र क्यों है अरब से दूर के दूसरे अनेक उससे बेहतर फलों का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो क़ुरआन में अरब के पास रहने वाले ईसाइयों और मुठ्ठी भर यहूदियों का ही जिक्र क्यों है उस समय के सबसे बड़े किंतू दूर रहने वाले सनातन हिंदू धर्म के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो क़ुरआन में अरब के पास के तूर पर्वत (सीनाई पर्वत) का तो आठ (8) बार जिक्र है पर दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रंखला एंडीज़ और सबसे ऊंचे हिमालय पर्वत (माउंट एवरेस्ट) के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है? .... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है। .... तो क़ुरआन में केवल वहीं के लोकल पेगन मुशरीकों (मूर्तीपूजकों) का ही जिक्र क्यों है? .... तो क़ुरआन में दोनों पवित्र शहर अरब के ही क्यों बताए गए हैं? .... तो क़ुरआन में अरब के उस दौर की सभी बातों, परिस्थितियों और चीजों का जिक्र तो है पर आज के दौर की चीजों का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है तो यह कैसे मान लिया जाए कि क़ुरआन कयामत तक के लिये लिखी गई! .... तो कयामत तक के लिये लागू बताई गई क़ुरआन में अरब की तात्कालिक गुलाम प्रथा का जिक्र क्यों है जबकि आज दुनिया के सभी देशों के लिखित कानून में गुलामी प्रथा को अवैध बताया जा चुका है! ..... तो पूरी दुनिया के हिसाब से लिखी बताई गयी क़ुरआन की आयतें केवल अरबी भाषा में ही क्यों लिखवाई गयी! .... तो क़ुरआन की आयतें मोहम्मद की जिंदगी से जुड़े घटनाक्रम के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हैं? (जैसे तलाक पर वहां कोई विवाद हुआ तो मोहम्मद अगले दिन तलाक पर आयत ले आया, वहां जंग चली तो जंग पर आयत ले आया, उसने अपनी बहू को बीबी बना ली तो अगले दिन एक नई आयत लाकर इसको भी जायज बता दिया .... आदि) .... तो आसमान में लिखी क़ुरआन में प्राकृतिक और सामाजिक परिस्थितियां अरब की ही क्यों लिखी गई हैं? .... तो क़ुरआन में 160 से अधिक बार पानी का जिक्र ऐसे क्यों किया गया है जैसे किसी रेगिस्तानी इंसान के लिये पानी का महत्व होता है जबकि पानी का ऐसा महत्व और विवरण किसी भी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं है। .... तो क़ुरआन की सूरा अल-अनफाल (8) की आयत 65 को झुठलाती हुई अगली आयत 66 क्यों लिखी गई है? .... तो अल्लाह खुद क़ुरआन पर शक-शुबहा करने से मना क्यों करता है? .... तो क़ुरआन में जन्नत के जिक्र के साथ ही पानी और नहरों का भी जिक्र करना क्या रेगिस्तान में पानी की भयंकर कमी झेलते इंसानी एहसास को नहीं दिखलाता है? .... तो अल्लाह ने धरती में छिपी हर बात को जानने का तो लिखा पर भविष्य में अरब में ही मिलने वाले तेल का जिक्र क्यों नहीं किया? .... तो क़ुरआन में रेगिस्तान के किसी इंसान की सोच/आस यानि हरियाली के हरे रंग का ही इतना प्रेम-प्रभाव क्यों है? .... तो क़ुरआन में मोहम्मद को अल्लाह के समकक्ष क्यों बताया गया है मतलब अल्लाह के नाम के साथ एक इंसान का नाम क्यों लिया जाता है और मोहम्मद ने खुद को आखरी पैगम्बर बताकर दूसरों का पूजनीय बनने का रास्ता क्यों बंद किया? .... तो क़ुरआन की आयतें आसमान से आते हुए नबी के अलावा किसी और ने क्यों नहीं देखीं मेरा मतलब क़ुरआन का आसमानी होना केवल एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई माउथ पब्लिसिटी ही क्यों है कोई सबूत क्यों नहीं है? .... तो मोहम्मद के पहले और बाद में ऐसा कोई एक भी मुस्लिम नाम क्यों नहीं है जो इस्लाम में मोहम्मद से ऊपर का दर्जा रखता हो? .... तो मोहम्मद ने ही स्वयं को नबी क्यों बताया, पूरे अरब के आकाश में कोई आकाशवाणी क्यों नहीं हुई? .... तो पूरी दुनिया में दारुल इस्लाम लाने की वृहद सोच रखते हुए केवल अरब के रेगिस्तान के हिसाब से ही संकीर्ण क़ुरआन क्यों लिखी गई? .... तो इस बात की क्या ग्यारंटी है कि जो अल्लाह ने कहा वही अक्षरशः लिखा भी गया हो? उपरोक्त सभी तथ्यों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि क़ुरआन अरब में ही किसी इंसानी सोच के साथ लिखी गई और मोहम्मद ने स्वयं को आखरी नबी बताकर महिमामंडित किया -. . .
Great, great, great, excellent job done by you, excellent reporting on the page of history, lots of thanks for job done by you, I hope coming days you will do such kind of report
एक ओ शेर खान थे जिनको दिल चन्दन बंदन और नमन करता है और एक आज के कुछ मुसलमान है जो अपने काम से सभी मुसलमान को शक के नजर से देखने पर मजबूर करता है? शेर खान को दिल से सलाम 💞🙏💞
Behtareen vivechana Sir. Just loved the presentation as always. Also a presentation on colonial anecdote was much awaited, this came as a surprise, It's more like a warm gesture, an bonour for all your listeners. Many Regards Rehan Sir.
. अगर क़ुरआन अल्लाह ने ही लिखवाई है तो .... .... तो क़ुरआन में केवल अरब के ही ऊंट 🐪 बकरे 🐎 क्यों भरे पड़े हैं? कंगारू, जीराफ़, जेब्रा, भालू, पांडा क्यों नहीं हैं और डायनासोर की तो खैर छोड़ो! .... तो क़ुरआन में अरब के ही खजूरों का इतना जिक्र क्यों है अरब से दूर के दूसरे अनेक उससे बेहतर फलों का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो क़ुरआन में अरब के पास रहने वाले ईसाइयों और मुठ्ठी भर यहूदियों का ही जिक्र क्यों है उस समय के सबसे बड़े किंतू दूर रहने वाले सनातन हिंदू धर्म के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो क़ुरआन में अरब के पास के तूर पर्वत (सीनाई पर्वत) का तो आठ (8) बार जिक्र है पर दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रंखला एंडीज़ और सबसे ऊंचे हिमालय पर्वत (माउंट एवरेस्ट) के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है? .... तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है? .... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है। .... तो क़ुरआन में केवल वहीं के लोकल पेगन मुशरीकों (मूर्तीपूजकों) का ही जिक्र क्यों है? .... तो क़ुरआन में दोनों पवित्र शहर अरब के ही क्यों बताए गए हैं? .... तो क़ुरआन में अरब के उस दौर की सभी बातों, परिस्थितियों और चीजों का जिक्र तो है पर आज के दौर की चीजों का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है तो यह कैसे मान लिया जाए कि क़ुरआन कयामत तक के लिये लिखी गई! .... तो कयामत तक के लिये लागू बताई गई क़ुरआन में अरब की तात्कालिक गुलाम प्रथा का जिक्र क्यों है जबकि आज दुनिया के सभी देशों के लिखित कानून में गुलामी प्रथा को अवैध बताया जा चुका है! ..... तो पूरी दुनिया के हिसाब से लिखी बताई गयी क़ुरआन की आयतें केवल अरबी भाषा में ही क्यों लिखवाई गयी! .... तो क़ुरआन की आयतें मोहम्मद की जिंदगी से जुड़े घटनाक्रम के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हैं? (जैसे तलाक पर वहां कोई विवाद हुआ तो मोहम्मद अगले दिन तलाक पर आयत ले आया, वहां जंग चली तो जंग पर आयत ले आया, उसने अपनी बहू को बीबी बना ली तो अगले दिन एक नई आयत लाकर इसको भी जायज बता दिया .... आदि) .... तो आसमान में लिखी क़ुरआन में प्राकृतिक और सामाजिक परिस्थितियां अरब की ही क्यों लिखी गई हैं? .... तो क़ुरआन में 160 से अधिक बार पानी का जिक्र ऐसे क्यों किया गया है जैसे किसी रेगिस्तानी इंसान के लिये पानी का महत्व होता है जबकि पानी का ऐसा महत्व और विवरण किसी भी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं है। .... तो क़ुरआन की सूरा अल-अनफाल (8) की आयत 65 को झुठलाती हुई अगली आयत 66 क्यों लिखी गई है? .... तो अल्लाह खुद क़ुरआन पर शक-शुबहा करने से मना क्यों करता है? .... तो क़ुरआन में जन्नत के जिक्र के साथ ही पानी और नहरों का भी जिक्र करना क्या रेगिस्तान में पानी की भयंकर कमी झेलते इंसानी एहसास को नहीं दिखलाता है? .... तो अल्लाह ने धरती में छिपी हर बात को जानने का तो लिखा पर भविष्य में अरब में ही मिलने वाले तेल का जिक्र क्यों नहीं किया? .... तो क़ुरआन में रेगिस्तान के किसी इंसान की सोच/आस यानि हरियाली के हरे रंग का ही इतना प्रेम-प्रभाव क्यों है? .... तो क़ुरआन में मोहम्मद को अल्लाह के समकक्ष क्यों बताया गया है मतलब अल्लाह के नाम के साथ एक इंसान का नाम क्यों लिया जाता है और मोहम्मद ने खुद को आखरी पैगम्बर बताकर दूसरों का पूजनीय बनने का रास्ता क्यों बंद किया? .... तो क़ुरआन की आयतें आसमान से आते हुए नबी के अलावा किसी और ने क्यों नहीं देखीं मेरा मतलब क़ुरआन का आसमानी होना केवल एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई माउथ पब्लिसिटी ही क्यों है कोई सबूत क्यों नहीं है? .... तो मोहम्मद के पहले और बाद में ऐसा कोई एक भी मुस्लिम नाम क्यों नहीं है जो इस्लाम में मोहम्मद से ऊपर का दर्जा रखता हो? .... तो मोहम्मद ने ही स्वयं को नबी क्यों बताया, पूरे अरब के आकाश में कोई आकाशवाणी क्यों नहीं हुई? .... तो पूरी दुनिया में दारुल इस्लाम लाने की वृहद सोच रखते हुए केवल अरब के रेगिस्तान के हिसाब से ही संकीर्ण क़ुरआन क्यों लिखी गई? .... तो इस बात की क्या ग्यारंटी है कि जो अल्लाह ने कहा वही अक्षरशः लिखा भी गया हो? उपरोक्त सभी तथ्यों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि क़ुरआन अरब में ही किसी इंसानी सोच के साथ लिखी गई और मोहम्मद ने स्वयं को आखरी नबी बताकर महिमामंडित किया -. . .
@@Shashi-hd6jk Bhai truth hamesha truth hotta Hain Jaise tumhare baap kaa naam koi puche tum har Baar kya alag naam batate ho agar aisa Hain phir ma 2 rs Ka andhbhakt hu varnaa aap andhvirodhi ho Lagta Hain isme konse baat jhoot Hain bataoge
@@Shashi-hd6jk Bhai yahi baat ma bhi bol Raha hu Bhai chara sirf Hindu kyu dekhaye kya Muslim Mandi jaakar buagavat Gita karenge Jo Muslim vande marram Nahi bol sakte Bharat maa ke jai Nahi bol sakte kyuke unke Qur'an ma Nahi Likha inse Bhai chare ke ummid Nahi jyada Bhai chara Karna Hain ek Baar Apne maa bhen ke Saath Muslim majority area ma raho phir baat karna
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
जय हो शेर खान की| ऐसे ही शेरों की हिंदुस्तान को ज़रूरत थी।
Lekin aj badle me kia milta hai muslimon ko India rss ke dwara
@@mdajimuddin9745 sahi bt h
चचेरे भाई की हत्या करने वाले को सही सजा दी गई थी और फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील करना माफी नहीं कहलायेगा क्या ?
चचेरे भाई की हत्या करने वाले को हत्यारा ही कहा जाएगा ?
भाई की हत्या का दाग नहीं लगा होता तो आन्दोलनकारी कहा जाता।
Mafiveero ki aulad ki nahi
इसे हम वीर कहेंगे, और जिसने माफीनामा लिखा उसे हम माफी वीर कहेंगे
उस समय अंग्रेजों की मुखबिरी करने वाले लोग आज खुद को राष्ट्रवादी बताते हैं।
Savarkar😂
Gaddar sawerkar
Che Guevara is that you ?
Ekval Jinna Gandhi 97 percent muslim ling supporter momin sabhi gaddar the. jinhone Rastra se upar kuran ko rakha.
@@izhar8509 ... Tum Angrejo ki chakri karte the ....Aur unke jute chaat te the.....Desh ki azadi e liye saheed hone wale 70% brahman the....Khudi ram bose se lekar azad tak
Pathan to fir pathan hain..respect from a jatt sikh🇮🇳
Love our jatt brothers(Aryans as we are)
@@papisir3551 Bhai ab khudko aryan na bolo...qki aryans ka bht naam badnaam krdia Adolf Hitler ne
शेर अली अभी जिंदा है लोगों के दिलों में।
ईश्वर इस खूबसूरत आवाज को हमेशा बुलंद रखें, रेहान जी की वाक् शक्ति का जवाब नहीं
यही थे वे सच्चे देशभक्त हिन्दुस्तानी जिन्होंने राजतंत्र की दमनकारी ताकतों को हिन्दुस्तान छोड़ने पर मजबूर होने की पहल की ... ऐसे जांबाजों को शत-शत नमन
धन्यवाद
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
बंघुओ ...
समझ में नहीं आ रहा कि संप्रदायवाद के समर्थकों को जीवों की किस श्रेणी में रक्खा जाए ? ? ? ? ?
क्योंकि जीवों की श्रेणी को विज्ञानिकों द्वारा मोटे तौर पर बुद्धि के विकास के अनुसार बांटा गया है ...
1) उच्चतम ------- इंसान
2) मध्यम --------- अन्य बडे जीव
3) न्यूनतम ------- कीडे-मकोडे , निम्न जीव, सूक्ष्मदर्शी जीव
मध्य एंव न्यूनतम जीवों में भी बदले की भावना का विकास नहीं हुआ होता ... हां आत्म रक्षा करने की शक्ति उनमें अवश्यक रूप से होती है ...
ऐसा लगता है 21वी सदी की दुनिया के लिए विज्ञानिकों को न्यूनतम से भी नीचे की 4थी श्रेणी बनानी पडेगी जिसमें --- वैमनस्य , बदले की भावना, हिंसा और विवेक बुद्धि का इस्तेमाल करने में असक्षम एंव असमर्थ हो चुके जीवों को रक्खने की प्रवधान हो ...
यकीन मानिए इस 4थी श्रेणी में केवल निम्न सोच और बुद्धि के जीव जो गलती से मनुष्य योनि में जन्म पा गये है ही स्थान पा पाएंगे ...
नोट :--
*उच्चतम यानी पहली श्रेणी में जन्म पा कर भी हम में से किन-किन मनुष्यों को चौथी श्रेणी में शामिल होना है ... यह हमें खुद व्यक्तिगत तौर पर तय करना है ...*
बहुत-बहुत धन्यवाद
He was not Indian he was ethnically Afghan
@@HuzaifaAfridi-yp9bd
You are right... but this brave man was infact from a region which was considered a part of the Indian Subcontinent which was usually addressed as Sar-Jameen-E-Hind... world wide...
🙏
🙏
@@aniltuli5860 he was considered Indian because he worked for the British Raj. That’s why he was labelled as an Indian. He however is originally an Afghan
हमने कभी माफी मांगना सिखा ही नहीं लोग माफी मांग के वीर हो गए
अगर "सनी लियोनी" BJP में शामिल हो जाए तो अंधभक्त ये साबित करने में लग जाएंगे कि, "पोर्न फिल्म" देखना भी "राष्ट्रवाद" है।😂😂
Ho jaye tou ban hatt jaye , 👍👍
😂😂😂🤣🤣🤣
😀😀😀😀
हलाला को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने वाले चपटी दुनिया के कीड़े
पोर्न को गलत बता रहे हैं.......।।।
@@harshsysnet साब इनका हाल ना पूँछो 4 बीबी + 72 हूर
फिर भी करते है घर की बहन बेटियों को
हलाला के लिए मजबूर....!!!!
PROUD TO BE AN INDIAN MUSLIMS 👑 🌹 🌹 👏
और कुछ लोग माफीनामा लिख कर देश भक्त बन गए ✍️✍️✍️
@@newsjunkieish or kuch log Halala se peda ho Gaye
Abba jail me Ammi khel me
@@vkant2607 Teri Maa ka naam Halala hai?
वीर सावरकर को सिर्फ और सिर्फ congressi हि ऐसा बोलते है, एक बार उनके बारे मे पढो मित्र, अगर
1 किताब गलत लगे तो 4,5 किताबे पढना।।
@@शिव-न9ढ okay Sanghi bhai.
और कुछ अंग्रेजों की चमचागीरी करके देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए
खूंखार केदी सही शब्द नहीं हैं, वहा अधिकतम क्रांतिकारी लोग थे|
Bhai ye BBC hai. British Broadcasting corporation.. for them all Indian freedom fighters are either hardcore criminals or terrorist.
Right
Sher Ali Khan afridi bhi freedom fighter the
@@natolanamolasidhamuhpebola5557 unhi k smman me mene ye comment kiya tha.
@@gajendramoksha8531 BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....
ओर एक वो था जिसका ज़मीर मर गया था और उसने 6 बार अंग्रेजों को माफीनामा लिख कर दिया था
100% right lekin and bhakto ko raas nhi aaygi
Jal kr rakh Ho jaygi bhakto ki... Ye video Dekh kr
India house bhul gaya ?
Wo Andaman kyu lejayagaya pata hai)
@@sats798 Saheb singh ji
Aida ta maharaja DALIP SINGH VI CI
Bahadar shah bhuda ci
Dalip singh bachcha ci .
ऐसे ही रोचक घटनाएं लाया करे जो याद और इतिहास को जानने में मदद और उत्सुकता बढ़े...आप का ये कार्यक्रम बहुत पसंद आया
धन्यवाद, BBC....
जब सावरकर अंग्रेज वायसराय को माफीनामा लिख रहे थे इस समय बहादुर अफरीदी ने लॉर्ड मेयो को दुनिया से विदा कर दिया । उसका नाम कहीं नहीं लिया जाता और दूसरे के नाम के साथ वीर जोड़ा जाता है ।
Ky karoge janab
मुझे गर्व है के भारत के इतिहास को जानने वाले अभी भी हैं
1872 mein savarkar kahan se aa gye
History kamzor hai sir aaapki
श्रीमान रेहान फज़ल को नमस्कार आपकी आवाज बहुत पसंद है।
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
@@user-sy7zp8vy3t रिपोर्टर ने कब उसे क्रांतिकारी कहा? वे तो घटना का वर्णन कर रहे है, न तारीफ न टिका
ये दर्शक को उनकी आवाज़ पसंद है वे पसंद है ऐसा नहीं कहा।
पठानों से तो अमेरिका हार गया... ये क्या चीज है.
Kb
@@specture9529 kuch mhine phle hi america ne apna force utha lya afganistaan se...google kr lo
😁😂😄😆😅
@@atiffaizal9148 😂
@Mohit Saxena kuch din pehle america ne apne sena ko bulayA hai afganistan se bhai google kr lo
SACH MEIN SHER THAA
Being a pashtoon (pathan) I'm feeling really proud that our enemy (Britishers) acknowledged our bravery
Using weapon on the back of a man is not a bravery.
Agar tujhe general diare mile ( jalya wala Bagh kand ) jisne kiye tha wo to Tu kya krega ?
Jakr chikhkr lalkarega oye a ldle ?
Tujhe pulwama Ka koi mastermind mile to tu kya krega
Fozi esa nhi sochta use Jo krna hota hey wo krta hey
@@RAJYADAV-ec2oq oo yes, maafiveer sawarkar was so brave saar 🤡🤡🤡,,,
@@RAJYADAV-ec2oq saale kayar qaum ki kayar naslo, Muslim na hote to angrejo se bhi na Azad ho paate tm kayaro ke bas ki ye bhi nhi thi,, 1000 saal to ghulami me rahe ho
@@michaeljoe4609 Don't react politically, Lord Mayo was a good person, learn about him. He literally wanted to work for the good of Indian people. And your should respect other's political ideology. Sometimes it is not same as yours.
रेहान साहब खबर पढने मे आप की कोई सानी नहीं बहुत ही प्यारी आवाज है।
काला पानी में पठान ने वायसराय की हत्या कर दी और माफी वीर ने 11 बार माफी मांगकर काला पानी से निकल लिया।
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
@@user-sy7zp8vy3t आपके लहु मे हरामखोरी है
. अगर क़ुरआन अल्लाह ने ही लिखवाई है तो ....
.... तो क़ुरआन में केवल अरब के ही ऊंट 🐪 बकरे 🐎 क्यों भरे पड़े हैं? कंगारू, जीराफ़, जेब्रा, भालू, पांडा क्यों नहीं हैं और डायनासोर की तो खैर छोड़ो!
.... तो क़ुरआन में अरब के ही खजूरों का इतना जिक्र क्यों है अरब से दूर के दूसरे अनेक उससे बेहतर फलों का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो क़ुरआन में अरब के पास रहने वाले ईसाइयों और मुठ्ठी भर यहूदियों का ही जिक्र क्यों है उस समय के सबसे बड़े किंतू दूर रहने वाले सनातन हिंदू धर्म के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो क़ुरआन में अरब के पास के तूर पर्वत (सीनाई पर्वत) का तो आठ (8) बार जिक्र है पर दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रंखला एंडीज़ और सबसे ऊंचे हिमालय पर्वत (माउंट एवरेस्ट) के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है?
.... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है।
.... तो क़ुरआन में केवल वहीं के लोकल पेगन मुशरीकों (मूर्तीपूजकों) का ही जिक्र क्यों है?
.... तो क़ुरआन में दोनों पवित्र शहर अरब के ही क्यों बताए गए हैं?
.... तो क़ुरआन में अरब के उस दौर की सभी बातों, परिस्थितियों और चीजों का जिक्र तो है पर आज के दौर की चीजों का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है तो यह कैसे मान लिया जाए कि क़ुरआन कयामत तक के लिये लिखी गई!
.... तो कयामत तक के लिये लागू बताई गई क़ुरआन में अरब की तात्कालिक गुलाम प्रथा का जिक्र क्यों है जबकि आज दुनिया के सभी देशों के लिखित कानून में गुलामी प्रथा को अवैध बताया जा चुका है!
..... तो पूरी दुनिया के हिसाब से लिखी बताई गयी क़ुरआन की आयतें केवल अरबी भाषा में ही क्यों लिखवाई गयी!
.... तो क़ुरआन की आयतें मोहम्मद की जिंदगी से जुड़े घटनाक्रम के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हैं? (जैसे तलाक पर वहां कोई विवाद हुआ तो मोहम्मद अगले दिन तलाक पर आयत ले आया, वहां जंग चली तो जंग पर आयत ले आया, उसने अपनी बहू को बीबी बना ली तो अगले दिन एक नई आयत लाकर इसको भी जायज बता दिया .... आदि)
.... तो आसमान में लिखी क़ुरआन में प्राकृतिक और सामाजिक परिस्थितियां अरब की ही क्यों लिखी गई हैं?
.... तो क़ुरआन में 160 से अधिक बार पानी का जिक्र ऐसे क्यों किया गया है जैसे किसी रेगिस्तानी इंसान के लिये पानी का महत्व होता है जबकि पानी का ऐसा महत्व और विवरण किसी भी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं है।
.... तो क़ुरआन की सूरा अल-अनफाल (8) की आयत 65 को झुठलाती हुई अगली आयत 66 क्यों लिखी गई है?
.... तो अल्लाह खुद क़ुरआन पर शक-शुबहा करने से मना क्यों करता है?
.... तो क़ुरआन में जन्नत के जिक्र के साथ ही पानी और नहरों का भी जिक्र करना क्या रेगिस्तान में पानी की भयंकर कमी झेलते इंसानी एहसास को नहीं दिखलाता है?
.... तो अल्लाह ने धरती में छिपी हर बात को जानने का तो लिखा पर भविष्य में अरब में ही मिलने वाले तेल का जिक्र क्यों नहीं किया?
.... तो क़ुरआन में रेगिस्तान के किसी इंसान की सोच/आस यानि हरियाली के हरे रंग का ही इतना प्रेम-प्रभाव क्यों है?
.... तो क़ुरआन में मोहम्मद को अल्लाह के समकक्ष क्यों बताया गया है मतलब अल्लाह के नाम के साथ एक इंसान का नाम क्यों लिया जाता है और मोहम्मद ने खुद को आखरी पैगम्बर बताकर दूसरों का पूजनीय बनने का रास्ता क्यों बंद किया?
.... तो क़ुरआन की आयतें आसमान से आते हुए नबी के अलावा किसी और ने क्यों नहीं देखीं मेरा मतलब क़ुरआन का आसमानी होना केवल एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई माउथ पब्लिसिटी ही क्यों है कोई सबूत क्यों नहीं है?
.... तो मोहम्मद के पहले और बाद में ऐसा कोई एक भी मुस्लिम नाम क्यों नहीं है जो इस्लाम में मोहम्मद से ऊपर का दर्जा रखता हो?
.... तो मोहम्मद ने ही स्वयं को नबी क्यों बताया, पूरे अरब के आकाश में कोई आकाशवाणी क्यों नहीं हुई?
.... तो पूरी दुनिया में दारुल इस्लाम लाने की वृहद सोच रखते हुए केवल अरब के रेगिस्तान के हिसाब से ही संकीर्ण क़ुरआन क्यों लिखी गई?
.... तो इस बात की क्या ग्यारंटी है कि जो अल्लाह ने कहा वही अक्षरशः लिखा भी गया हो?
उपरोक्त सभी तथ्यों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि क़ुरआन अरब में ही किसी इंसानी सोच के साथ लिखी गई और मोहम्मद ने स्वयं को आखरी नबी बताकर महिमामंडित किया -. . .
@@Indian14197 कुरान को छोड़ो पहले वेद. वगैरा मे जो भरा पडा है उसकी चिंता करो
@@telepost2250 तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है?
.... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है।
PATHAN is always known as a Great warrior...
Abe to wo original pathan tha ab k farmi pathan hai 😆
@@Thukai-Operater you are right ki har koi apne aapko pathan khrha h....But Ham Shajrah e Nasab vaale pathan hain aur Khudai Khidmatgar Khan Abdul Gaffar khan ki aulad hain
Right
Shri Rehan fajal जियो हजारों साल
आपके द्वारा प्रस्तुत विवेचना बहुत पसंद आई
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
Salute to Sher Ali the fearless man. He never wrote letters to British East India to forgive him like Sawarkar n others....
नमन है भारत माँ के वीर सपूत को
जय हिंद !!!!!!
-
-रिहान फजलसाब !!
आपका कोई जवाब नही!!!
तुमको हमारी ऊमर लग जाए!!!!!!!!!!!-
Sher Ali Khan Afridi is a real hero.
Not a coward like British agent Savarkar.
Sher ali khan fight against freedom fighter in 1857 he killed mayo because british not relive him from murder accusations he done crime personal reason no for patriotic reason you fool
mera lwda
@@amitmangsulikar7153 to fight injustice against anyone is noble job, even it give no result. But anddd bhakts don't understand these things. In shakhas they have been brainwashed against Muslims to hate them.
Musalmaan na hote to mulk aaj bhi ghulaam hota.
Muslim maut se nahi darte wah sirf Allah se Darte hai✌✌👑👑
पठान हमेशा सच्चा , निडर और ईमानदार होता है ।
@Anuj Kushwaha tu he btaday kya krty hai
@Anuj Kushwaha or tu kya kra Arab desh mai
@Anuj Kushwaha pathan Arab main nahi rahte bhai
@@farazpathan3377 sabhi jagah pit raha hi pakistan me v balchistan me v
@@indialoves7061 kon pit rha hai
पठाण शेर अली आफ्रिदी जैसे देशभक्त का इतिहास बताया नहीं जाता लेकीन कट्टरवादी को यह nahi pata इतिहास छुपाया nhi jata...शेर अली जिंदाबाद... जय हिंद
Murderer deshbhakt kaise ho gaya
@@letmethinkv ach fir to teri nazar mai bhagat singh bhi glt h bomb giraya tha umhone
@@letmethinkv जीन अँग्रेजो ने भारत को बूरी तरह लुटा aur भारतीय पर असंख्य अत्याचार कीये उन पर तरस आ रहा...आप enhe हत्यारा कहकर सभी क्रांतीकारक का अपमान कर रहे हो...वीर भगतसिंग,राजगुरू, अश्फाक उल्ला खान, चंद्रशेखर आझाद, इन सभी ने अंग्रेजो को जान से मारा ये भी हत्यारे the kya... किसी अँग्रेज के talwe चाटे nhi इन लोगो ने... शत शत नमन इंन सभी को...तुम जैसे bjp Anti cell ke andh bhkt ko yah samjega nahi..Jay हिंद
@@amaan8744 😆
@@amaan8744 bhagat singh ne koi personal reason se kuch nahi kiya....Bhagat singh ne desh ke liye inquilab zindabadh ka naara diya.....aur ye gaandoo pathan apne bhai ka murder kar ke jail me baitha tha aur bas apna personal badla lena chahta tha.... gaandoo 😂
Feel Proud as a Pathan ❤️
U R SRKIAN???
@@SAVE_CONSTITUTION_DEMOCRACY koi Shakkkk
Love u too pathan
❣️❣️❣️❣️
@@manashpaswan7974 (yry yrs whovfxia
जिसने अंग्रेज़ो से माफी मांगी और अपने ऊपर किताब लिखा और ख़ुद को वीर लिखा और आज सब से बड़ा देशभक्त कहलाता है
संघी होता तो माफ़ी मांग कर पतली गली से खिसक जाता
Chupe I love sankhi
@@abhimannyuyadav4752
🤣🤣🤣🤣🤣
@@abhimannyuyadav4752 🤣
@@user-sy7zp8vy3t अंध-भक्त चुतिया साला
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣
He real time Sheer(Tiger) Pathan is Great I Prode to Indian muslim
Attacking like a dog from behind is not bravery 😂
@@letmethinkv are u the supporter of lard mayo ???
@@letmethinkv gaddar hi thoge tum angrezo ki gulam the tum
@@letmethinkv sala angrez ki aulad hai ye....jalia walabagh me jo tumhara baap general dyer goli chalwa ya tha wo bahaduri hai
100%, or aaj k yuva ka ye kartavya hai k wo partybazi se ooper uthkar desh k anndaata ka saath de,, jai jawan jai kisan🙏
Sher ali ko mera salaam. Bharat use yaad rahega .
this type of chapters are not still taught in our syllabus. Thanks for providing such story of BRAVE martyr
Sher Ali, the unsung Hero
दुनिया में पठान ही ऐसी कौम है जो अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को घुटने टेका दिया अल्लाह सलामत रखे ऐसी बहादुर कौम को
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣
@@user-sy7zp8vy3t mujhe malum hai teri aukat.. chal tere lie thodi asani kardeta hu tere number de
. अगर क़ुरआन अल्लाह ने ही लिखवाई है तो ....
.... तो क़ुरआन में केवल अरब के ही ऊंट 🐪 बकरे 🐎 क्यों भरे पड़े हैं? कंगारू, जीराफ़, जेब्रा, भालू, पांडा क्यों नहीं हैं और डायनासोर की तो खैर छोड़ो!
.... तो क़ुरआन में अरब के ही खजूरों का इतना जिक्र क्यों है अरब से दूर के दूसरे अनेक उससे बेहतर फलों का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो क़ुरआन में अरब के पास रहने वाले ईसाइयों और मुठ्ठी भर यहूदियों का ही जिक्र क्यों है उस समय के सबसे बड़े किंतू दूर रहने वाले सनातन हिंदू धर्म के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो क़ुरआन में अरब के पास के तूर पर्वत (सीनाई पर्वत) का तो आठ (8) बार जिक्र है पर दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रंखला एंडीज़ और सबसे ऊंचे हिमालय पर्वत (माउंट एवरेस्ट) के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है?
.... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है।
.... तो क़ुरआन में केवल वहीं के लोकल पेगन मुशरीकों (मूर्तीपूजकों) का ही जिक्र क्यों है?
.... तो क़ुरआन में दोनों पवित्र शहर अरब के ही क्यों बताए गए हैं?
.... तो क़ुरआन में अरब के उस दौर की सभी बातों, परिस्थितियों और चीजों का जिक्र तो है पर आज के दौर की चीजों का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है तो यह कैसे मान लिया जाए कि क़ुरआन कयामत तक के लिये लिखी गई!
.... तो कयामत तक के लिये लागू बताई गई क़ुरआन में अरब की तात्कालिक गुलाम प्रथा का जिक्र क्यों है जबकि आज दुनिया के सभी देशों के लिखित कानून में गुलामी प्रथा को अवैध बताया जा चुका है!
..... तो पूरी दुनिया के हिसाब से लिखी बताई गयी क़ुरआन की आयतें केवल अरबी भाषा में ही क्यों लिखवाई गयी!
.... तो क़ुरआन की आयतें मोहम्मद की जिंदगी से जुड़े घटनाक्रम के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हैं? (जैसे तलाक पर वहां कोई विवाद हुआ तो मोहम्मद अगले दिन तलाक पर आयत ले आया, वहां जंग चली तो जंग पर आयत ले आया, उसने अपनी बहू को बीबी बना ली तो अगले दिन एक नई आयत लाकर इसको भी जायज बता दिया .... आदि)
.... तो आसमान में लिखी क़ुरआन में प्राकृतिक और सामाजिक परिस्थितियां अरब की ही क्यों लिखी गई हैं?
.... तो क़ुरआन में 160 से अधिक बार पानी का जिक्र ऐसे क्यों किया गया है जैसे किसी रेगिस्तानी इंसान के लिये पानी का महत्व होता है जबकि पानी का ऐसा महत्व और विवरण किसी भी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं है।
.... तो क़ुरआन की सूरा अल-अनफाल (8) की आयत 65 को झुठलाती हुई अगली आयत 66 क्यों लिखी गई है?
.... तो अल्लाह खुद क़ुरआन पर शक-शुबहा करने से मना क्यों करता है?
.... तो क़ुरआन में जन्नत के जिक्र के साथ ही पानी और नहरों का भी जिक्र करना क्या रेगिस्तान में पानी की भयंकर कमी झेलते इंसानी एहसास को नहीं दिखलाता है?
.... तो अल्लाह ने धरती में छिपी हर बात को जानने का तो लिखा पर भविष्य में अरब में ही मिलने वाले तेल का जिक्र क्यों नहीं किया?
.... तो क़ुरआन में रेगिस्तान के किसी इंसान की सोच/आस यानि हरियाली के हरे रंग का ही इतना प्रेम-प्रभाव क्यों है?
.... तो क़ुरआन में मोहम्मद को अल्लाह के समकक्ष क्यों बताया गया है मतलब अल्लाह के नाम के साथ एक इंसान का नाम क्यों लिया जाता है और मोहम्मद ने खुद को आखरी पैगम्बर बताकर दूसरों का पूजनीय बनने का रास्ता क्यों बंद किया?
.... तो क़ुरआन की आयतें आसमान से आते हुए नबी के अलावा किसी और ने क्यों नहीं देखीं मेरा मतलब क़ुरआन का आसमानी होना केवल एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई माउथ पब्लिसिटी ही क्यों है कोई सबूत क्यों नहीं है?
.... तो मोहम्मद के पहले और बाद में ऐसा कोई एक भी मुस्लिम नाम क्यों नहीं है जो इस्लाम में मोहम्मद से ऊपर का दर्जा रखता हो?
.... तो मोहम्मद ने ही स्वयं को नबी क्यों बताया, पूरे अरब के आकाश में कोई आकाशवाणी क्यों नहीं हुई?
.... तो पूरी दुनिया में दारुल इस्लाम लाने की वृहद सोच रखते हुए केवल अरब के रेगिस्तान के हिसाब से ही संकीर्ण क़ुरआन क्यों लिखी गई?
.... तो इस बात की क्या ग्यारंटी है कि जो अल्लाह ने कहा वही अक्षरशः लिखा भी गया हो?
उपरोक्त सभी तथ्यों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि क़ुरआन अरब में ही किसी इंसानी सोच के साथ लिखी गई और मोहम्मद ने स्वयं को आखरी नबी बताकर महिमामंडित किया -. . .
@@user-sy7zp8vy3t suar savarkar se to achcha hi tha
Boycot bjp boycott godi media
@Punjab Singh tum Sikh nahi ho
@Punjab Singh Jai Hind,
Congress nai 70 saal sai maze kare hai tumhe ab bjp aa gaye toh saare maze bekar ho gaye tabhi bjp sai itni nafrat hai tumko
@@amansinghrawat1606 kyu tum kiya usr pasand krte ho jo desh k khilaf kaam kre commet se to aisa lgta h ot bjp raaj mai hinduo ki zayda mari h chahhe to abhi bata skta hu mujhr ab seriously modi se dikkat ni wo or rhe desh mai achi baat h nepal jese tk goli chla jate h
@Punjab Singh nrc aayegi to tum zyafa illegal nikloge assam ki yarah
रेहान फजल सहाब मै आपसे बीबीसीपर हमेशा हिन्दी भाषा सुनता आया हु। आपकाहिंदी भाषा बोलने का ढंग मुझे बहोत पसंद है।
Proud to be from Andaman and a descendant of freedom fighter
Pathan sher ali is legendary freedom fighter we true indian salute him
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
Bhai sher ali freedom fighter nhi, apne cusiun ki hatya k aarop me band tha, pura sun liya karo bs naam aate hi kaan band ho jate h.
Rehan Fazal...great voice...gives character to narration
पठान मेयो को मार कर बहुत अच्छा कार्य किये। जय हो।
एक स्वतंत्रता सेनानी शेर अली jai hind |
बहुत बहुत शुक्रिया जनाब रेहान फजल साहब, आज जो मुस्लिमो के प्रति समाज मे मीडिया द्वारा नफरत घोला जा रहा है एसे समय मे इस तरह कि पहल समाज पर सकारात्मक असर डाले गा,
Bohot khub ❤️ Pathan sahab
Proud to be Pashtun❤️
Not Pathan. Pashtun
R. Fajal sahib, you are doing a great job, historical events need to be continued, as most of us don't know how was Lord Mayo killed. Thanks
सावरकर आरएसएस था और अंग्रेज़ का मुखबिरी था
🌹🌹🌹जय भीम 🌹🌹🌹
It wasn't jihad . Sher ali will remembered for his bravery.
भाई अपनी मेहनत और ईमानदारी से कमाए हुए पैसे से भुके को खाना खिलाना भी जेहाद है ।
असल में जेहाद शब्द का उदय जद ओ जहेद ( कड़े परिश्रम ) से हुआ है ।
@Anuj Kushwaha گوڈسے کی ناجائز اولاد
@Anuj Kushwaha shukr hai sher ali angrezon ki waisarai ko mara dala tha dusron ki tharah maafi ny mangi thi Allahu Akbar
No it is real jihad
ye jihad h aur ham muslim jihad ko sahi maante hn tumhare sochne se farak nahi pdhta
रेहान फ़ज़ल, धन्यवाद,आपने एक गुमनाम हकीक़त को उजागर कीया ,ऐसेही छुपाये गये ईतीहास को सब के सामने गर्व से लाओ ,अंदमान की धरती भी शेरखान को सलाम करती रहेगी , आप का अंदाजे बयां भी बहोत खुशगवांर है,
Great Salute to our national hero Sher Ali Afridi.
Sir when ever I see your video i really feels that yes reporting is still lives in India.
रेहान फजल आपका प्रस्तुति देने का तरीका बेह्तरीन है
शेर अली The real HERO
. अगर क़ुरआन अल्लाह ने ही लिखवाई है तो ....
.... तो क़ुरआन में केवल अरब के ही ऊंट 🐪 बकरे 🐎 क्यों भरे पड़े हैं? कंगारू, जीराफ़, जेब्रा, भालू, पांडा क्यों नहीं हैं और डायनासोर की तो खैर छोड़ो!
.... तो क़ुरआन में अरब के ही खजूरों का इतना जिक्र क्यों है अरब से दूर के दूसरे अनेक उससे बेहतर फलों का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो क़ुरआन में अरब के पास रहने वाले ईसाइयों और मुठ्ठी भर यहूदियों का ही जिक्र क्यों है उस समय के सबसे बड़े किंतू दूर रहने वाले सनातन हिंदू धर्म के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो क़ुरआन में अरब के पास के तूर पर्वत (सीनाई पर्वत) का तो आठ (8) बार जिक्र है पर दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रंखला एंडीज़ और सबसे ऊंचे हिमालय पर्वत (माउंट एवरेस्ट) के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है?
.... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है।
.... तो क़ुरआन में केवल वहीं के लोकल पेगन मुशरीकों (मूर्तीपूजकों) का ही जिक्र क्यों है?
.... तो क़ुरआन में दोनों पवित्र शहर अरब के ही क्यों बताए गए हैं?
.... तो क़ुरआन में अरब के उस दौर की सभी बातों, परिस्थितियों और चीजों का जिक्र तो है पर आज के दौर की चीजों का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है तो यह कैसे मान लिया जाए कि क़ुरआन कयामत तक के लिये लिखी गई!
.... तो कयामत तक के लिये लागू बताई गई क़ुरआन में अरब की तात्कालिक गुलाम प्रथा का जिक्र क्यों है जबकि आज दुनिया के सभी देशों के लिखित कानून में गुलामी प्रथा को अवैध बताया जा चुका है!
..... तो पूरी दुनिया के हिसाब से लिखी बताई गयी क़ुरआन की आयतें केवल अरबी भाषा में ही क्यों लिखवाई गयी!
.... तो क़ुरआन की आयतें मोहम्मद की जिंदगी से जुड़े घटनाक्रम के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हैं? (जैसे तलाक पर वहां कोई विवाद हुआ तो मोहम्मद अगले दिन तलाक पर आयत ले आया, वहां जंग चली तो जंग पर आयत ले आया, उसने अपनी बहू को बीबी बना ली तो अगले दिन एक नई आयत लाकर इसको भी जायज बता दिया .... आदि)
.... तो आसमान में लिखी क़ुरआन में प्राकृतिक और सामाजिक परिस्थितियां अरब की ही क्यों लिखी गई हैं?
.... तो क़ुरआन में 160 से अधिक बार पानी का जिक्र ऐसे क्यों किया गया है जैसे किसी रेगिस्तानी इंसान के लिये पानी का महत्व होता है जबकि पानी का ऐसा महत्व और विवरण किसी भी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं है।
.... तो क़ुरआन की सूरा अल-अनफाल (8) की आयत 65 को झुठलाती हुई अगली आयत 66 क्यों लिखी गई है?
.... तो अल्लाह खुद क़ुरआन पर शक-शुबहा करने से मना क्यों करता है?
.... तो क़ुरआन में जन्नत के जिक्र के साथ ही पानी और नहरों का भी जिक्र करना क्या रेगिस्तान में पानी की भयंकर कमी झेलते इंसानी एहसास को नहीं दिखलाता है?
.... तो अल्लाह ने धरती में छिपी हर बात को जानने का तो लिखा पर भविष्य में अरब में ही मिलने वाले तेल का जिक्र क्यों नहीं किया?
.... तो क़ुरआन में रेगिस्तान के किसी इंसान की सोच/आस यानि हरियाली के हरे रंग का ही इतना प्रेम-प्रभाव क्यों है?
.... तो क़ुरआन में मोहम्मद को अल्लाह के समकक्ष क्यों बताया गया है मतलब अल्लाह के नाम के साथ एक इंसान का नाम क्यों लिया जाता है और मोहम्मद ने खुद को आखरी पैगम्बर बताकर दूसरों का पूजनीय बनने का रास्ता क्यों बंद किया?
.... तो क़ुरआन की आयतें आसमान से आते हुए नबी के अलावा किसी और ने क्यों नहीं देखीं मेरा मतलब क़ुरआन का आसमानी होना केवल एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई माउथ पब्लिसिटी ही क्यों है कोई सबूत क्यों नहीं है?
.... तो मोहम्मद के पहले और बाद में ऐसा कोई एक भी मुस्लिम नाम क्यों नहीं है जो इस्लाम में मोहम्मद से ऊपर का दर्जा रखता हो?
.... तो मोहम्मद ने ही स्वयं को नबी क्यों बताया, पूरे अरब के आकाश में कोई आकाशवाणी क्यों नहीं हुई?
.... तो पूरी दुनिया में दारुल इस्लाम लाने की वृहद सोच रखते हुए केवल अरब के रेगिस्तान के हिसाब से ही संकीर्ण क़ुरआन क्यों लिखी गई?
.... तो इस बात की क्या ग्यारंटी है कि जो अल्लाह ने कहा वही अक्षरशः लिखा भी गया हो?
उपरोक्त सभी तथ्यों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि क़ुरआन अरब में ही किसी इंसानी सोच के साथ लिखी गई और मोहम्मद ने स्वयं को आखरी नबी बताकर महिमामंडित किया -. . .
Great, great, great, excellent job done by you, excellent reporting on the page of history, lots of thanks for job done by you, I hope coming days you will do such kind of report
सेरअली जैसे देश भक्त को सौ सौ बार सलाम 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇭🇺🇭🇺🇭🇺🇭🇺🇭🇺🇮🇳🇮🇳
Ghazi sheed Sher Ali khan Baba ta soor salam...
Da pukhtano shamla ye ochata satale da , sher baba zindabad , baba ta da mardan na salam
Zama um da Mardan na salam@@Omegacrafton
मैंने कल ही पढ़ा आज वीडियो मजा आ गया।
Proud Indian Muslim... Many of my family members in our INDIAN ARMY... JAI HIND
YOU support hindus army support muslim army kashmir army
@@No-name11M Why Saudia and Turkey support american army and NATO?
शेर खाँ की जय, जिसने अंग्रेजो के दिल मे भारतियों का खौफ़ भर दिया
एक ओ शेर खान थे जिनको दिल चन्दन बंदन और नमन करता है और एक आज के कुछ मुसलमान है जो अपने काम से सभी मुसलमान को शक के नजर से देखने पर मजबूर करता है? शेर खान को दिल से सलाम 💞🙏💞
Nice information thanks for your style of narrating the incidents
Mayo college Ajmer 💙💙💙,all should have a look at this school
जानकारी देने के लिए धन्यवाद रेहान फ़जल सर् !
Desh Azaad Karne wale Sab Logo Ko salaam...
aap ek brave freedom fighter the aur pathano ke hamesha idol bhi rahoge. salute to you sher ali khan sahab.
Behtareen vivechana Sir.
Just loved the presentation as always. Also a presentation on colonial anecdote was much awaited, this came as a surprise, It's more like a warm gesture, an bonour for all your listeners.
Many Regards Rehan Sir.
Best ❤️❤️❤️ God gifted beautiful voice
Star of BBC hindi rehan sir
Ghodse then was serving British raaj.
🇮🇳🇮🇳🇮🇳 Best video sir.👍
Wonder full information thank you bbc and team
His voice is as always, awesome 👍
This man has a magical voice.
Proud to be Pathan 💪💪💪💪💪
Sir mai jabsunta ho ye sab apke channel per hindustan ki beeti dichaspi bohat hoti sunne k liye dil karta
Ansuni kahani Ko Gyan mein laane ke liye aapka बहुत-बहुत dhanyvad sir
We are proud of Indian like Share Ali. You have done a good job
@aah a you Right 👍
he has killed mayo in name of jehad not for freedom of india
@DheerajKumar-kr9 fighting for freedom is Jihad.
Sir you have very good voice & the way you give presentation is just awesome 💐.....
Great Job Sher Ali 🙏
You were a lion.
Jai Hind
but some people still call him not good person
Feeling proud for sher ali.. i m also pathan❤
Sir me bachpan se Sher Ali ki story sunta arha hu but aaj apke muh se sun liya apki voice or apka andaz laajawab hai
I just love the way you present yourself... ❤️❤️
Anchoring लाज़वाब है आपकी sir 🙏🏻
Aaj Sir ko dekhkar bahot accha laga hamesha aapki awaz hi suna tha ❤👍
Raihan fazal sahab k baat krne andaaz pe fida hun
Thanks BBC real story and real hero Sher Ali Khan Afridi👏👏👏👏👏👏👏👏👏👍👍❤
He was the most senior british officer in india. If some other religion
Person would have done it, he is called the greatest freedom fighter.
Bilkul
Beautiful voice Rehan Fazal sahab
6:27 ALLAH ne hukum diya .. Subhaan Allah kaise azeem baat keh di 🇸🇦
. अगर क़ुरआन अल्लाह ने ही लिखवाई है तो ....
.... तो क़ुरआन में केवल अरब के ही ऊंट 🐪 बकरे 🐎 क्यों भरे पड़े हैं? कंगारू, जीराफ़, जेब्रा, भालू, पांडा क्यों नहीं हैं और डायनासोर की तो खैर छोड़ो!
.... तो क़ुरआन में अरब के ही खजूरों का इतना जिक्र क्यों है अरब से दूर के दूसरे अनेक उससे बेहतर फलों का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो क़ुरआन में अरब के पास रहने वाले ईसाइयों और मुठ्ठी भर यहूदियों का ही जिक्र क्यों है उस समय के सबसे बड़े किंतू दूर रहने वाले सनातन हिंदू धर्म के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो क़ुरआन में अरब के पास के तूर पर्वत (सीनाई पर्वत) का तो आठ (8) बार जिक्र है पर दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रंखला एंडीज़ और सबसे ऊंचे हिमालय पर्वत (माउंट एवरेस्ट) के नाम तक का जिक्र क्यों नहीं है?
.... तो आसमान में लिखी क़ुरआन की तीन सूरा:आयतों (20:53, 71:19 और 78:6) में धरती को पालने और बिछौने जैसा (यानि चपटा) और एक सूरा:आयत (43:10) में धरती को गहवारा यानि झूले जैसा क्यों बताया गया है?
.... तो क़ुरआन में कहीं भी 'पृथ्वी गोल है' क्यों नहीं लिखा है जबकि आयतें तो उसी आसमान से आई बतायी जाती हैं जहां से पृथ्वी साफ-साफ गोल दिखाई देती है।
.... तो क़ुरआन में केवल वहीं के लोकल पेगन मुशरीकों (मूर्तीपूजकों) का ही जिक्र क्यों है?
.... तो क़ुरआन में दोनों पवित्र शहर अरब के ही क्यों बताए गए हैं?
.... तो क़ुरआन में अरब के उस दौर की सभी बातों, परिस्थितियों और चीजों का जिक्र तो है पर आज के दौर की चीजों का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है तो यह कैसे मान लिया जाए कि क़ुरआन कयामत तक के लिये लिखी गई!
.... तो कयामत तक के लिये लागू बताई गई क़ुरआन में अरब की तात्कालिक गुलाम प्रथा का जिक्र क्यों है जबकि आज दुनिया के सभी देशों के लिखित कानून में गुलामी प्रथा को अवैध बताया जा चुका है!
..... तो पूरी दुनिया के हिसाब से लिखी बताई गयी क़ुरआन की आयतें केवल अरबी भाषा में ही क्यों लिखवाई गयी!
.... तो क़ुरआन की आयतें मोहम्मद की जिंदगी से जुड़े घटनाक्रम के इर्दगिर्द ही क्यों घूमती हैं? (जैसे तलाक पर वहां कोई विवाद हुआ तो मोहम्मद अगले दिन तलाक पर आयत ले आया, वहां जंग चली तो जंग पर आयत ले आया, उसने अपनी बहू को बीबी बना ली तो अगले दिन एक नई आयत लाकर इसको भी जायज बता दिया .... आदि)
.... तो आसमान में लिखी क़ुरआन में प्राकृतिक और सामाजिक परिस्थितियां अरब की ही क्यों लिखी गई हैं?
.... तो क़ुरआन में 160 से अधिक बार पानी का जिक्र ऐसे क्यों किया गया है जैसे किसी रेगिस्तानी इंसान के लिये पानी का महत्व होता है जबकि पानी का ऐसा महत्व और विवरण किसी भी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं है।
.... तो क़ुरआन की सूरा अल-अनफाल (8) की आयत 65 को झुठलाती हुई अगली आयत 66 क्यों लिखी गई है?
.... तो अल्लाह खुद क़ुरआन पर शक-शुबहा करने से मना क्यों करता है?
.... तो क़ुरआन में जन्नत के जिक्र के साथ ही पानी और नहरों का भी जिक्र करना क्या रेगिस्तान में पानी की भयंकर कमी झेलते इंसानी एहसास को नहीं दिखलाता है?
.... तो अल्लाह ने धरती में छिपी हर बात को जानने का तो लिखा पर भविष्य में अरब में ही मिलने वाले तेल का जिक्र क्यों नहीं किया?
.... तो क़ुरआन में रेगिस्तान के किसी इंसान की सोच/आस यानि हरियाली के हरे रंग का ही इतना प्रेम-प्रभाव क्यों है?
.... तो क़ुरआन में मोहम्मद को अल्लाह के समकक्ष क्यों बताया गया है मतलब अल्लाह के नाम के साथ एक इंसान का नाम क्यों लिया जाता है और मोहम्मद ने खुद को आखरी पैगम्बर बताकर दूसरों का पूजनीय बनने का रास्ता क्यों बंद किया?
.... तो क़ुरआन की आयतें आसमान से आते हुए नबी के अलावा किसी और ने क्यों नहीं देखीं मेरा मतलब क़ुरआन का आसमानी होना केवल एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई माउथ पब्लिसिटी ही क्यों है कोई सबूत क्यों नहीं है?
.... तो मोहम्मद के पहले और बाद में ऐसा कोई एक भी मुस्लिम नाम क्यों नहीं है जो इस्लाम में मोहम्मद से ऊपर का दर्जा रखता हो?
.... तो मोहम्मद ने ही स्वयं को नबी क्यों बताया, पूरे अरब के आकाश में कोई आकाशवाणी क्यों नहीं हुई?
.... तो पूरी दुनिया में दारुल इस्लाम लाने की वृहद सोच रखते हुए केवल अरब के रेगिस्तान के हिसाब से ही संकीर्ण क़ुरआन क्यों लिखी गई?
.... तो इस बात की क्या ग्यारंटी है कि जो अल्लाह ने कहा वही अक्षरशः लिखा भी गया हो?
उपरोक्त सभी तथ्यों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि क़ुरआन अरब में ही किसी इंसानी सोच के साथ लिखी गई और मोहम्मद ने स्वयं को आखरी नबी बताकर महिमामंडित किया -. . .
@@Indian14197 tum sale ek hi baat ko har jagah chhap rhe ho , lagta Tu ₹2 vala bikau andhbhakt hai. 😂😂😂😂😂😂
@@Shashi-hd6jk Bhai truth hamesha truth hotta Hain Jaise tumhare baap kaa naam koi puche tum har Baar kya alag naam batate ho agar aisa Hain phir ma 2 rs Ka andhbhakt hu varnaa aap andhvirodhi ho Lagta Hain isme konse baat jhoot Hain bataoge
@@Indian14197 dekh bhai i just wants to say that you should not spread the narrow religious thoughts because this is harmful for our country.
@@Shashi-hd6jk Bhai yahi baat ma bhi bol Raha hu Bhai chara sirf Hindu kyu dekhaye kya Muslim Mandi jaakar buagavat Gita karenge Jo Muslim vande marram Nahi bol sakte Bharat maa ke jai Nahi bol sakte kyuke unke Qur'an ma Nahi Likha inse Bhai chare ke ummid Nahi jyada Bhai chara Karna Hain ek Baar Apne maa bhen ke Saath Muslim majority area ma raho phir baat karna
ओह आवाज।
तेरी कमाल कि काबिलियत।
Hum ek janbaaz Hindustani hai salam ho us Allah ke chahane walo par
Well researched, well narrated
Allah Sher Khan Afridi ko zannat ul firdause me aala maqm at farmaye Ameen
Maafi nahi mangi thi inho ne sawarkar ki tarah angrez ke aage jhuke nahii the 🙄
Savarkar apni letter me angrezon ko likhta hai .. saaar pleej phorgive me becoj i am your moshht obediently 😆😆😆
BBC ke mulle reporter ne ek khud ke bhai ki hatya katne wale suar ko bhi krantikari ki tarah pesh kar diya.....Ise kahte hain reporting..🤣🤣....Usne officer ki hatya khuda ke liye ki....Na ki bharat desh ke liye....Chutiye saale
P aur Maafiveer Savarkar ne jo 11 maafinamay angrezon ko bejay woh Desh ke liye bejay 😆😆😆
P Batwara tumne kiya Hindutva ka nara laga kr
@@kashmir1892 😂😂👍
A great account of history.Thank u Rehaan Saab.B happy.
Sir is trah ki story laane ke liye dil se thanks.....aapko....we r proud on BBC india.
BBC has no replacement when it comes to presentation n voice quality of host
The word Pathan itself means a Warrior..long leave Sher Ali Afridi..
रेहान फज़ल जी को पहली बार देखा
Gajab ka awaz, Gajab ka andaz....
Rihan ji you are amazing story taller