हमारे महापुरुषों के बारे में क्यों अंधविश्वास और पाखंड फैलाया जा रहा है || By रामनिवास आर्य जी
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- Опубликовано: 27 авг 2024
- रामनिवास आर्य जी
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नमस्ते जी भाई साहब बहुत अच्छा अति उत्तम
रामनिवास आर्य जी नमस्ते,बहुत बढ़िया जानकारी प्राप्त हुई,आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
आर्य समाजी असली ज्ञानी होते,जो सत्य समझा देते,जैसे आप समझा रहे ,लोग इस पर चलेंगे तो सुखी रहेंगे ,नही तो दुखी , होकर भटकते है,जय आर्य समाज
बहुत सुंदर प्रस्तुति पर्वचन जी, नमस्ते,
शाष्टांग प्रणाम वेदाचार्य 🙏🙏
सबसे पहले इस भारत का नाम जम्भू द्वीप था। बाद मेंआर्यवर्त नाम हुआ उसके बाद भारत नाम हुआ।
अपने देश का प्राचीन नाम जम्बु द्वीप है।उसके बाद आर्यवर्त हुआ फिर भारत।
अंधविश्वास और पाखंड का विरोध कबीर दास जी ने शदियों पहले कर दिया था। गंगा नहाये हरि मिले तो मैं भी लुंगा नहाय। मैंडक मछली जल के अंदर, उन्हें क्यूँ ना मिल जाये।।
Om om
One number
आर्य समाज की जय हो
जो व्यक्ति लिखे हुए को नहीं मानता उसे क्या कहेंगे दयानंद को वेदों का ज्ञान नहीं था
कबीर साहेब जी ने कहा था कि गंगा नहाये हरि मिले तो मैं पूजूं पहाड़। घर की चाकी क्यूं ना पूजें, जिसका पिस्से खाये संसार।। जय गुरदेव कबीर साहेब जी।
आर्य समाज बहुत अच्छा समाज है पर आर्य समाज के लोग अपने घरों में आर्य के
संस्कार नहीं दे पा रहे हैं इस लिए आर्य समाज
आगे बढ़ाने में कम बढ़ रहा है
पहले खुद आर्य बनना फिर परिवार को बनाना
फिर रिष्ते सम्बंधी फिर समाज
नमस्ते
जय हो जय हो जय हो जय जय हो
Bhut khub
Om nmste ji
Sadar namaste ji
Satya vachan arya ji
👌👌⭐⭐🙏🙏
🎉🎉🚩🚩🚩💐💐💐💐🙏🙏
Jai ho Arya Ji. Vichaar अच्छे, दिल से सच्चे देशभक्त और आर्य वीर,
Sanatan Dharm ji tantrik vyavastha hai aaj Desh loktantra Mein Bhi Nahin Hai Is per Kuchh pravachan kijiye
Kyon Bhat kha rahe hain Samaj Ko Sanatan Dharm Jo tantrik vyavastha hai aaj Desh loktantra Mein Bhi Nahin Hai Is per boliye na
अगर सचाई कही है तो वो आर्य समाज में है,बाकी तो सब जगह पाखंड है