वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है। यजुर्वेदका मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है। तो परमात्मा क्या है उसके लिए वेद कहते हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। परमात्मा सृष्टि से भिन्न है उसका धाम नाम लीला वेदों में नहीं है।🎉🎉
बहुत ही सुंदर संदेश
नमस्ते जी 🙏 कैथल हरियाणा
अच्छा बोलरहे हो आप
कोटि कोटि प्रणाम
महर्षि दयानंद सरस्वती ❤❤❤
सच्चाई है
🙏🙏🙏🙏🙏
Jitani sunder batai utani sunder Vani aasha lag raha hai padhal ma fullo ki barsaat ho Ra hai hai
।। ओ3म् ।।
दयानंद के विचार को जन जन तक पहुंचना है अंतिम सांस तक ❤❤❤❤ तो ही मानवता बच चकती है
वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है। यजुर्वेदका मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
तो परमात्मा क्या है उसके लिए वेद कहते हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।
परमात्मा सृष्टि से भिन्न है उसका धाम नाम लीला वेदों में नहीं है।🎉🎉
Sarahniy
दीदी के कॉन्टेक्ट no कहा से मिलेंगे कथा कराने के लिए
7015255367
Aaã
🙏🙏🙏🙏🙏