34:18 पंच परमेष्ठि कईजंय आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की जय। श्रीपूरणमति माता कईजंय। आत्मबोध शतक सुनकर भावों की सरिता लहरो ने एक नया मोड़ ले लिया।किन शब्दों में आपका गुणगान करूं। आप निश्चय ही सरस्वती रूपी जिणवाणी की संगम हो। आपको शत-शत वंदन। अभिनन्दन जैन चम्पापुर भागलपुर।
Namostu guru Mata ji 🎉🙏
Namotu guru mataje
Vandami mata ji 🎉🎉
34:18
पंच परमेष्ठि कईजंय आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की जय। श्रीपूरणमति माता कईजंय। आत्मबोध शतक सुनकर भावों की सरिता लहरो ने एक नया मोड़ ले लिया।किन शब्दों में आपका गुणगान करूं। आप निश्चय ही सरस्वती रूपी जिणवाणी की संगम हो। आपको शत-शत वंदन। अभिनन्दन जैन चम्पापुर भागलपुर।
Ye koi sadharan atma nahi ha
Vandaami Mata jee 49:52