" पगड़ी" आपनी है सम्मान पगड़ी राजस्थान की शान पगड़ी अपनो का सम्मान पगड़ी अपनो को उपहार पगड़ी जीवन की आधार पगड़ी जीवन के भी साथ पगड़ी अपनत्व का एहसास पगड़ी स्वाभिमान की शुरुआत पगड़ी रौबिला अन्दाज की पहचान पगड़ी वीरों का सम्मान है पगड़ी गीता में उल्लेख है पगड़ी शहीदों की शान पगड़ी खटकने का नाम है पगड़ी पहनने में समान पगड़ी रक्षा हेतु आगे थी पगड़ी प्रताप का मान थी पगड़ी राजस्थान की आन बान शान पगड़ी कवियों की कल्पना है पगड़ी पहनने वालों का ताज पगड़ी भाई-चारे की पहचान है पगड़ी ऊँच- नीच का समान है पगड़ी युद्ध भुमि में आगे थी पगड़ी अमरत्व की पहचान है पगड़ी मुर्ख के है कुछ न पगड़ी जेपाराम ने लिखी है पगड़ी राजस्थान की पहचान है पगड़ी आह! म्हारे राजस्थान री पगड़ी जेपाराम कारटिया राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाड़मेर
रसवंती एवं प्राणवंती स्तुति है, जो पाठकों/श्रावकों को ऊर्जस्वित करती है । आपको चैनल की अपरिमित बधाई! एक अनुरोध - करी विनती प्रेम सो भट्ट चंदं ! पढ़ंते सुनंते मिटे काल फंदं !! (यह पाठांतर देख लिरावें) भाट के स्थान पर भट्ट है हुकम! 🙏🙏
जय हो मां ज्वाला सदा तेरी जय हो
🙏🙏
वा कविराज
जय हो मां 🙏🚩❤️
🙏🏻🙏🏻
बहुत सुंदर बाहरठ जी 🙏😇
🙏🏻🙏🏻
ऐसी अनखोखी स्तुति को लयमय गायन करने के लिए कोटि कोटि प्रणाम
🙏🙏
नमोह
🙏🏻🙏🏻
बहुत बहुत सुन्दर🌟 🔥👍
🙏🏻🙏🏻
बहुत ही शानदार गुरु जी.... मां भवानी की कृपा सदैव आप पर बनी रहे.....!
सादर आभार सा
बहुत खूब छंद वाचन हुकुम
🙏🏻🙏🏻
बहुत सुंदर गुरुजी।
प्रणाम गुरुजी 🙏🙏
साधुवाद। खुश रहें
Bahut hi shandaar guruji 🙏🙏🙏🙏
साधुवाद
" पगड़ी"
आपनी है सम्मान पगड़ी
राजस्थान की शान पगड़ी
अपनो का सम्मान पगड़ी
अपनो को उपहार पगड़ी
जीवन की आधार पगड़ी
जीवन के भी साथ पगड़ी
अपनत्व का एहसास पगड़ी
स्वाभिमान की शुरुआत पगड़ी
रौबिला अन्दाज की पहचान
पगड़ी
वीरों का सम्मान है पगड़ी
गीता में उल्लेख है पगड़ी
शहीदों की शान पगड़ी
खटकने का नाम है पगड़ी
पहनने में समान पगड़ी
रक्षा हेतु आगे थी पगड़ी
प्रताप का मान थी पगड़ी
राजस्थान की आन बान शान पगड़ी
कवियों की कल्पना है पगड़ी
पहनने वालों का ताज पगड़ी
भाई-चारे की पहचान है पगड़ी
ऊँच- नीच का समान है पगड़ी
युद्ध भुमि में आगे थी पगड़ी
अमरत्व की पहचान है पगड़ी
मुर्ख के है कुछ न पगड़ी
जेपाराम ने लिखी है पगड़ी
राजस्थान की पहचान है पगड़ी
आह! म्हारे राजस्थान री पगड़ी
जेपाराम कारटिया
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाड़मेर
हुकुम
nice
प्रणाम गुरुजी
साधुवाद
शानदार छन्द सा.......
सादर आभार
जय माता जी 🙏🙏
सादर आभार सा
बहुत सुंदर, धन्य हो कविश्रेष्ट। चैनल की बधाई ❤️🙏🙏
सादर आभार हुकुम। जय माँ करनी।
खमा खमा
जय माताजी की। आभार
बहुत सुंदर
सादर आभार हुकुम
जय माता जी की
जय माताजी की सा
जय माताजी की सा
रसवंती एवं प्राणवंती स्तुति है, जो पाठकों/श्रावकों को ऊर्जस्वित करती है ।
आपको चैनल की अपरिमित बधाई!
एक अनुरोध -
करी विनती प्रेम सो भट्ट चंदं !
पढ़ंते सुनंते मिटे काल फंदं !!
(यह पाठांतर देख लिरावें)
भाट के स्थान पर भट्ट है हुकम!
🙏🙏
सादर आभार हुकुम। आपके आदेश के अनुसार खोज करता हूँ
🙏
आभार सा
🙏🙏🙏
सादर आभार
जय मां 🙏
जय माँ करनी
Jai maa karni
जय माताजी की सा
प्रतिक्रिया जरूर दै कवि राज
शानदार
Jay mataji ki sa
जय माताजी की
बहुत अच्छी पहल
सादर आभार हुकुम
यह ईश्वरदास रचित देवीयाण है उसकी नकल करके अच्छा छंद रचा है
🙏🏻🙏🏻
🙏🙏🙏