Dr. Shakeel Azmi मर के मिट्टी में मिलूँगा खाद हो जाऊंगा मैं फिर खिलूँगा साख पर अवाद हो जाऊंगा मैं बार-बार आऊंगा तेरी नजर के सामने और फिर एक रोज तेरी याद हो जाऊंगा मैं तेरे शिने में उतर आऊंगा चुपके से कभी फिर जुदा होकर तेरी फ़रियाद हो जाऊंगा मैं अपनी जुल्फों को हवा के सामने मत खोलना वरना खुसबू की तरह आजाद हो जाऊंगा मैं और कुछ दिन यहाँ रुकने का बहाना मिलता इस नए सहर में कोई तो पूराना मिलता मैं जो कुछ भी था जितना भी था सब मिट्टी तुम अगर ढूँढ़ते मुझमे तो खजाना मिलता मुझको हसने के लिए दोस्त मैसर बहोत है मगर कास रोने के लिए भी कोई साना मिलता कहानी जिसकी थी उसके ही जैसा होगया मैं कहानी जिसकी थी उसके ही जैसा होगया था मैं तमासा करते-करते खुद तमासा हो गया था मैं न मेरा नाम था न दाम बाजरे मोहब्बत में बस उसने भाव पूछा और महगा हो गया था मैं बिता दी सारी उम्र उसकी एक आवाज सुनने में जब उसे बोलना आया तो बहरा हो गया था मैं बुझा तो खुद में एक चिंगारी भी बांकी नहीं रखी उसे तारा बनाने में अँधेरा हो गया था मैं तू नहीं दिल में मगर तेरा निसा बांकी है बुझ गई आग मोहब्बत की धुआं बांकी है जिस जगह हमने कलेंडर में जुदाई लिखी उस जगह मुलाकात की एक तारीख बांकी है मेरा बिस्वास मोहब्बत से नहीं उठ सकता जब तलक सहर में फूलों की दुकां बांकी है मैं तेरे बेवफा होने से परेंसा नहीं दिल लगाने को अभी सारा जहां बांकी है हार हो जाती है जब मान लिया जाता है जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है एक झलक देख के जिस इंसान की चाहत हो जाये उसको परदे में भी पहचान लिया जाता है खुद को भी इतना मत बचाया कर बरीसें हो तो भीग जाया कर काम ले कुछ हसीने होंठो से बांतों-बांतों में मुस्कुराया कर चाँद लाके कोई नहीं देगा अपने चहरे से जगमगाया कर धुप मायूस लौट जाती है छत में कपड़े सुखाने आया कर कौन कहता है दिल मिलाने को कम से कम हाथ मिलाया कर बहुत कुछ जान के जाना है तुमको बड़ी मुस्किल से पहचाना है तुमको मुझे जो तुम समझते हो गलत है किसी दिन ये भी समझाना है तुमको मई अपने खौप की हद पे खड़ा हूँ अब इसके बाद घबराना है तुमको ये जंगल है यहाँ घर है न गमले यही पे खिल के मुरझाना है तुमको चले जाओ मगर घर मत गिराओ इसी चौखट में फिर आना है तुमको परों को खोल जमाना उड़ान देखता है जमी पे बैठके क्या असमा देखता है मिला है हुस्न तो इस हुस्न की इफाजत कर सम्हल के चल तुझे सारा जहान देखता है तमीज हो कोई या सहजादी जो इश्क़ करता है कब खानदान देखता है हर घड़ी चश्मे खरीद दार में रहने के लिए कुछ हुनर चाहिए बाजार में रहने के लिए ऐसी मजबूरी नहीं है की चलूँ पैदल खुद को गरमाता हु मैं रफ़्तार में रहने के लिए मैं ने देखा है जो मर्दों की तरह रहते थे मसखरे मन गए दरवार में रहने के लिए अब तो बदनामी से सौहरत का बो रिश्ता है की लोग नंगे हो जाते है अखबार में रहने के लिए
डियर शकील आज़मी साहब बहोत उम्दा शायरी की है आपने , बहोत आसान लफ़्ज़ों मे मुसकिल कैफ़ियत को बयान कर दिया है आपने .......चाँद लाकर कोई नहीं देगा अपने चेहरे से जगमगाया कर मुझे पूरा यकीन है ki
मर कर मिट्टी में मिटूंगा खाद हो जाऊंगा मैं फिर खिलूँगा साख पर आबाद हो जाऊंगा मैं बार बार आऊंगा मैं तेरी नज़र के सामने और फिर एक रोज याद हो जाऊंगा मैं अपनी जुल्फो को हवा के सामने मत खोलना वरना खुशबू की तरह आज़ाद हो जाऊंगा मैं 💐💐👌☺️
Mujhe vese to shayariya gazle sunne ka shok nhi tha kabhi ×2 Par (dil se kehta hu aaj) ki ye shok (shok) se lagaya hai aapne .. Thank you so much sir . Aaj main aapko sunkar kuch shayerana sa ho gaya ×2 Use hi yaad karte reh gaya dil (aapki shayri k dooran ) Use hi yaad karta reh gaya dil Aur main mastana sa ho gaya .
थप्पड़ फ़िल्म का गाना एक टुकड़ा धूप शकील साहब ने ही रचा है अपनी कलम से, गानों को वही सुनहरे युग वाले मकान पर ले जाने के लिए शकील साहब जैसे शायरों की हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री को बेहद ज़रूरत है।
Tera Jo Dil hai, ye jo dil hai Bda hi tanha mizaz hai Tere dil ko kisi dil ki kmi khalti hi nhi Kab se soch betha hu, Tu ishara bhi karde to main haan kr du Par lagta hai Teri haan ko kisi haan ki kmi khalti hi nhi
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Dr. Shakeel Azmi
मर के मिट्टी में मिलूँगा खाद हो जाऊंगा मैं
फिर खिलूँगा साख पर अवाद हो जाऊंगा मैं
बार-बार आऊंगा तेरी नजर के सामने
और फिर एक रोज तेरी याद हो जाऊंगा मैं
तेरे शिने में उतर आऊंगा चुपके से कभी
फिर जुदा होकर तेरी फ़रियाद हो जाऊंगा मैं
अपनी जुल्फों को हवा के सामने मत खोलना
वरना खुसबू की तरह आजाद हो जाऊंगा मैं
और कुछ दिन यहाँ रुकने का बहाना मिलता
इस नए सहर में कोई तो पूराना मिलता
मैं जो कुछ भी था जितना भी था सब मिट्टी
तुम अगर ढूँढ़ते मुझमे तो खजाना मिलता
मुझको हसने के लिए दोस्त मैसर बहोत है मगर
कास रोने के लिए भी कोई साना मिलता
कहानी जिसकी थी उसके ही जैसा होगया मैं
कहानी जिसकी थी उसके ही जैसा होगया था मैं
तमासा करते-करते खुद तमासा हो गया था मैं
न मेरा नाम था न दाम बाजरे मोहब्बत में
बस उसने भाव पूछा और महगा हो गया था मैं
बिता दी सारी उम्र उसकी एक आवाज सुनने में
जब उसे बोलना आया तो बहरा हो गया था मैं
बुझा तो खुद में एक चिंगारी भी बांकी नहीं रखी
उसे तारा बनाने में अँधेरा हो गया था मैं
तू नहीं दिल में मगर तेरा निसा बांकी है
बुझ गई आग मोहब्बत की धुआं बांकी है
जिस जगह हमने कलेंडर में जुदाई लिखी
उस जगह मुलाकात की एक तारीख बांकी है
मेरा बिस्वास मोहब्बत से नहीं उठ सकता
जब तलक सहर में फूलों की दुकां बांकी है
मैं तेरे बेवफा होने से परेंसा नहीं
दिल लगाने को अभी सारा जहां बांकी है
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है
जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है
एक झलक देख के जिस इंसान की चाहत हो जाये
उसको परदे में भी पहचान लिया जाता है
खुद को भी इतना मत बचाया कर
बरीसें हो तो भीग जाया कर
काम ले कुछ हसीने होंठो से
बांतों-बांतों में मुस्कुराया कर
चाँद लाके कोई नहीं देगा
अपने चहरे से जगमगाया कर
धुप मायूस लौट जाती है
छत में कपड़े सुखाने आया कर
कौन कहता है दिल मिलाने को
कम से कम हाथ मिलाया कर
बहुत कुछ जान के जाना है तुमको
बड़ी मुस्किल से पहचाना है तुमको
मुझे जो तुम समझते हो गलत है
किसी दिन ये भी समझाना है तुमको
मई अपने खौप की हद पे खड़ा हूँ
अब इसके बाद घबराना है तुमको
ये जंगल है यहाँ घर है न गमले
यही पे खिल के मुरझाना है तुमको
चले जाओ मगर घर मत गिराओ
इसी चौखट में फिर आना है तुमको
परों को खोल जमाना उड़ान देखता है
जमी पे बैठके क्या असमा देखता है
मिला है हुस्न तो इस हुस्न की इफाजत कर
सम्हल के चल तुझे सारा जहान देखता है
तमीज हो कोई या सहजादी
जो इश्क़ करता है कब खानदान देखता है
हर घड़ी चश्मे खरीद दार में रहने के लिए
कुछ हुनर चाहिए बाजार में रहने के लिए
ऐसी मजबूरी नहीं है की चलूँ पैदल
खुद को गरमाता हु मैं रफ़्तार में रहने के लिए
मैं ने देखा है जो मर्दों की तरह रहते थे
मसखरे मन गए दरवार में रहने के लिए
अब तो बदनामी से सौहरत का बो रिश्ता है
की लोग नंगे हो जाते है अखबार में रहने के लिए
Bahut Khub💓👍
बहुत खूब 👌
Superb
Dhayavaad bhai
.bbv.
वाह आजमी साहब क्या अंदाज और शायरी है आपकी काबिलेतारीफ आपका कोई शानि नहीं
Sri Shakeel Azmi...pains the pain like it's no joke to take it easy.... commendable wisdom... RESPECT SIR
Hiiiii
डियर शकील आज़मी साहब बहोत उम्दा शायरी की है आपने , बहोत आसान लफ़्ज़ों मे मुसकिल कैफ़ियत को बयान कर दिया है आपने .......चाँद लाकर कोई नहीं देगा अपने चेहरे से जगमगाया कर
मुझे पूरा यकीन है ki
आपका नाम शकील आज़मी (Aazmi) है so please write Aazmi instead of Azmi
Thanks
13:00 Mja aa gyaaa...Kya Shayar h yrr ye Janab
Ek jhalak dekhke jis sakhs ki chah ho jaye,use parde mein bhi pachan liya jata hai my heart touching line 😊😊😥😥💔💔
Underrated shayar shakeel sahab 😍
Wah Kya baat hain Shakeel bhai ! Lajawab shayari !
10:45 दिल लगाने को अभी सारा जहां बाकी है👌👌👌
❤Jeet liye sir 🔥🔥🔥🌹🌹
Wah wah kya bat h sakel sahb ap ka aur indori ka Bahut bda fan hu Mai 🙏🙏🙏❤❤❤❤
मुझ को हँसने के लिए दोस्त मयस्सर है बहुत
काश रोने के लिए भी कोई शाना होता
रोना तो हर जगह अकेले ही होता है
गम सह न सके कोइ किसी का
खूबसूरत हौंसला मिटा देता हैं
जख्म दिल के सारे
Subscribe chanal= Rehan baluu= U can see galiib's poetry....
Subscribe chanal= Rehan baluu= U can see galiib's poetry....
Wow
جس طرح شاعری لاجواب ہے اسی طرح پیش کرنے کا انداز بھی بہت لاجواب ہے 👍👍💯💯
नजरें तुमसे मिलाने को,लो मै आ गया हूँ तहखाने से, तेरे दिल में उठीं है जो रंजिशें, लो मै छोङकर आ गया हूँ इस जमाने को
kamaallll💯💯💯🙌🏻🙌🏻🙌🏻
Hi
Shakeel azmi sahab ko mei umr bhar sunn sakta hu. ❤
अदभुत शायर ज़हन से अभिब्यक्ति ज़नाब आज़मी जी
Confidence or body language bht aachi hy sir ki😍😍😍😍😍
Ryt
Mera SHAHAR.."JAIPUR "...YE MANZAR MISS HUA YOU ARE LEGEND REALLY..TONS RESPECT
Use Tara banane Me andhera hogaya tha mai.
I love you
Please reject maat krna
Really 1 week pahale dekha
I love you
kismat h
M bhi Jaipur s hu 😜😜😜
Apki dp bahut khubsurt hi isly ya laik hi
शायरी की 4 लाइन की जुबान सब कुछ बयान कर देती power of shayri musayra gazal etc♥️
Big fan of shakeel bhai
Hello
Janvi Ji kaha se Hai aap
Block bushter shayrana andaz sir ji salaamm apko Mera ♥️♥️♥️♥️♥️♥️🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
10:53 goosebumps 😳😳😳
کیا بات ہے عاظمی صاحب یہ شعر آپ کی نظر. نہیں تیرا نشیمن قصرِ سلطانی کی گمنبد پر. تو شاہی ہے بسیرا کر پہاڑوں کی چٹانوں پر
सुपर भाईजान
आप बेहतरीन शायर है
माशाल्लाह बेशक
Congrats for 1M
Amazing Shakeel Azmi saheb. What a great talent. Wah !
بہت بہتر بہت عمدہ آعظمی صاحب.
उसे तारा बनाने में, अन्धेरा हो गया था मैं ❤
Wah shakeel bhai ..Bahut dam h apke ser me
मै तेरी बेवफाई से परेशान नहीं
दिल लगाने के लिए अभी पूरा जहां बाकी है
थोड़ी सी जिंदगी में
मै तो गम को शरीक न करता
पर क्या करता वहुत मजबूर था
इस दद के साये के सामने
Nahi
अपने भक्ति की हद कर दो।
भगवान के बनाए किस्मत को रद्द कर दो।।
bhot khub... Kya kahne aazmi sahab
कहानी जिसकी थी उसके जैसा ही होगया था मैं तमाशा करते करते तमाशा हो गया था मैं।😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
Aap se badia aur aacha sayar koi nhi 😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍 dil ke baat kr diya aapne
14:35 chand🌙 lakar koi nahi dega,
Apne cehre se jagmagaya💥 kar.❤❤❤👍👍👍
रूह को झजोड दिया आजमी सहाब नै अपनी शायरी सै दिमाक नही दिल मै जगा करलि है
Bilkul
Outstanding. I will never be the same again. Thank you Shakeel bhai
Wah.........bht sundar
Dil baag baag hogaya sunke.. Respect sir !!!
Bemisaal ji pehli Baar suna aur mureed ho gaya ji
I am glad i found this gem today 🙂
Wonderful shayari. Salaam from Nepal.
Shekhar rana
Shakeel azmi sir your poetry and your voice Masha Allah so good i can't stop my tear its very painful poetry big respect from Pakistan 🇵🇰🇨🇮
Sir aapki shayri sab pe bhari h meri nazar me aap hindustaan ke sab se bade shayar ho
Oye hoye hoye “ NO WORDS “ 😍😍😍❤️❤️❤️❤️❤️❤️
बहोत आसान लफ़्ज़ों मे मुशकिल कैफ़ियत को बयान कर दिया है आपने ....
Zabardast kaha lajawab zindabad dil lagane abhi Sara jaha baaki he
very intense and Fierce shayar...doob k shayari krte hai shakeel azmi...my fav after jaun Elia..
एक झलक देख के जिस शख्स की चाहत हो जाए
उसको परदे में भी पहचान लिया जाता है ❤❤
Aj pehli dafa sun rha hu sir ap ko really nice poatry
मर कर मिट्टी में मिटूंगा खाद हो जाऊंगा मैं
फिर खिलूँगा साख पर आबाद हो जाऊंगा मैं
बार बार आऊंगा मैं तेरी नज़र के सामने
और फिर एक रोज याद हो जाऊंगा मैं
अपनी जुल्फो को हवा के सामने मत खोलना वरना खुशबू की तरह आज़ाद हो जाऊंगा मैं
💐💐👌☺️
दिल की हस्ती मिटती नहीं
मिल ही जाताहै खुशबू मे
उसका पता
रोज इंतजार क्यो करूं
उस मौत का
जव इक दिन उसको आना है
वाकई बोहोत खूब ❤️❤️❤️
❤behtreen shayar
बहुत ही बढ़िया🙏🙏👌👌👌
दर्द तो हर दिल में है थोडा बहुत😓😓😓
Mein tere bewafa hone se pateshan nahin, dil lagane ko abhi sara jahan baki hai.... 😍😍
Bahut shandar bhai janab Shakeel
Mujhe vese to shayariya gazle sunne ka shok nhi tha kabhi ×2
Par (dil se kehta hu aaj) ki ye shok (shok) se lagaya hai aapne ..
Thank you so much sir .
Aaj main aapko sunkar kuch shayerana sa ho gaya ×2
Use hi yaad karte reh gaya dil (aapki shayri k dooran )
Use hi yaad karta reh gaya dil
Aur main mastana sa ho gaya .
Jis jis ko ya peotry achi lagi ha like karo
👇
👍
शकील आज़मी साहब की शायरी गजल से दिल्लगी बहुत अच्छी
Superb. Superb. Superb. Every verse is a diamond.
Good
20:00 bhot sahi...
Loved it..
यूं तो बंजर में ग़ज़ल सुनता रहा बरसो मगर प्यार में ठोकर लगी तो शायरी अच्छी लगी, 😭😭💔💔💔💔💔😔😔😔😩😔😩😔😩😔👂
Wah ji wah bhul bhulaiya ho gye .
बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कैफियत ज़ख्म का पता नहीं और तकलीफ की इन्तेहाँ नहीं
Last line was epic ❤
کاش وقت کے صحرا میں لگے تُجھے محبت کی پیاس
اور تُو تڑپ کر مانگے مُجھے پانی کی طرح
Waah sir😍😍 i Love yOur ShaYeri's ..Azmi sir.. i Am BiGGest fAn oF yOu siR😍
mohobatt hona hi kafi nhi hota , khushkismat hona bhi bohot zaroori h
Wooooo tht,s true bt sad😔
तसल्ली देने वाले तो तसल्ली ही देते है
मगर वो क्या करे जिसका भरोसा टूट जाता है
Bahut Khub Shakeel Bhai my favourite
2:30❤️ 3:20❤️ 12:00❤️ 16:30❤️
I love you sakeel sir ji I love you too kya baat hai ❤❤❤
Nida Fazali साब के बाद आप का मुराद हो गया हुं मैं..!!
Laajawab 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Amazing shayari hai ❤❤❤
Super duper jab Shaayari sun leta hu Dil toot jata hai kya bat hai
Mai to Jo Kuch bhi tha jitna bhi tha sab mitti tha tum agar dhundte mujh me to khazana milta wah Kya bat hai bhai mashallah
बेहतरीन
Shakeel sir, zehen main bohot kuch agaya hai aapki kavita ko sunnkar. Thank you
आपका एक गाणा.. मुझे यहाँ तक खींच लाया मुझे..!!
Me kya bolu sir , am speechless ,🙏🙏👌👌🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏👌👌🙏🙏🙏
Bahut khoob ,aap ka her sher lajawab hai janab
Awsm sakeel sir..
बहोत उमदा जबर दस्त💐🌹🌺🌻🌼🌷
Wah sahab kya likhte ho aap
👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ kya khub
زندہ باد شکیل بھائی
19:42 😍😍
Kya andaza shayari ka ☝️☝️
थप्पड़ फ़िल्म का गाना एक टुकड़ा धूप शकील साहब ने ही रचा है अपनी कलम से, गानों को वही सुनहरे युग वाले मकान पर ले जाने के लिए शकील साहब जैसे शायरों की हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री को बेहद ज़रूरत है।
Masa Allah bahut khub
Kya baat hai... Very nice...
Bahut hi khubsurat shakil aajmi sir
पहली बार सुना ला जवाब
Super sir ,kamal ka hai .
واہ کیا اشعار پڑھتے ہے
شکیل اعظمی صاحب
Subscribe chanal= Rehan baluu= U can see galiib's poetry....
Great line ❤❤❤
نہ میرا نام تھا نہ دام بازار محبت میں
بس اس نے بہاؤ پوچھا تو مہنگا ہو گیا تھا میں
wha salaam aapko Aur aapki sayri ko
Tera Jo Dil hai, ye jo dil hai
Bda hi tanha mizaz hai
Tere dil ko kisi dil ki kmi khalti hi nhi
Kab se soch betha hu,
Tu ishara bhi karde to main haan kr du
Par lagta hai Teri haan ko kisi haan ki kmi khalti hi nhi