बज़्म-ए-सागर । विकास यशकीर्ति । ए ख़ुदा ये मुफ़लिसी और आसमानी बिजलियाँ.

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  • Опубликовано: 20 янв 2025

Комментарии • 7

  • @santlalsheoran3193
    @santlalsheoran3193 6 дней назад +1

    🙏

  • @khemchandsehgal5579
    @khemchandsehgal5579 Месяц назад +1

    लाज़वाब बेहतरीन ग़ज़ल सृजन और शानदार ग़ज़लों की प्रस्तुतियां
    डॉक्टर साहब युग युग जियो
    आनंद बरसा दिया🎉

  • @BhumikaYadav-y8s
    @BhumikaYadav-y8s Месяц назад +1

    ❤❤❤

  • @sudhirkumarsinha5726
    @sudhirkumarsinha5726 Месяц назад +1

    बहुत ही सुन्दर तथा एक अलग सा अनूठापनोन्मुख रचना एवं प्रस्तुति ।

  • @loveghosh5427
    @loveghosh5427 Месяц назад +1

    उम्दा

  • @sitajaiswal-677
    @sitajaiswal-677 28 дней назад +1

    Bahut sunder

  • @mahendersinghsagar1572
    @mahendersinghsagar1572 29 дней назад +1

    बहुत खूब