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राजेन्द्र यादव मूर्धन्य कहानीकार और साहित्यिक पत्रकारिता के पुरोधा थे।नमन।
Is mahan sahityakar ki kritiyan samaj ka darpan hain, naman Rajendra Yadav ji 🌺
दलित-विमर्श और स्त्री-विमर्श जैसे मुद्दों को उठाना निर्मला जी को विवादास्पद लग रहा है।वाह!क्या विचार है।
राजेंद्र यादव जी को प्रणाम🙏🇮🇳
राजेन्द्र यादव ने साहित्य में दलित-स्त्री विमर्श को हिंदी साहित्य के मुख्यधारा में शामिल करवाया।
साहित्य के पुरोधा नमन आपको
❤🙏🙏
मैनेजर पाण्डेय जी की मानसिकता पर तरस आता है।साहित्य में दलित और स्त्री विमर्श छोड़िए उन्हें विमर्श को शामिल होने से भी समस्या है जैन की तो अपनी अलग ही राग है।
Rajendra yadav is best
ई मैनेजर तो बड़े खतरनाक दिख रहे😂😂😂
Thanks PB
Rajendra Singh ji 🙏
When this interview conducted?
Sir kindly upload SUNO KAHANI and KHOJ KHAJANA KHOJ
राजेन्द्रजी के स्वर्गवास के बाद से ही हंस पत्रिका पढ़ना ही छोड़ दिया। २५/९/२१
✌
Happy diwali to all of You
राजेन्द्र यादव मूर्धन्य कहानीकार और साहित्यिक पत्रकारिता के पुरोधा थे।नमन।
Is mahan sahityakar ki kritiyan samaj ka darpan hain, naman Rajendra Yadav ji 🌺
दलित-विमर्श और स्त्री-विमर्श जैसे मुद्दों को उठाना निर्मला जी को विवादास्पद लग रहा है।वाह!क्या विचार है।
राजेंद्र यादव जी को प्रणाम🙏🇮🇳
राजेन्द्र यादव ने साहित्य में दलित-स्त्री विमर्श को हिंदी साहित्य के मुख्यधारा में शामिल करवाया।
साहित्य के पुरोधा नमन आपको
❤🙏🙏
मैनेजर पाण्डेय जी की मानसिकता पर तरस आता है।
साहित्य में दलित और स्त्री विमर्श छोड़िए उन्हें विमर्श को शामिल होने से भी समस्या है जैन की तो अपनी अलग ही राग है।
Rajendra yadav is best
ई मैनेजर तो बड़े खतरनाक दिख रहे😂😂😂
Thanks PB
Rajendra Singh ji 🙏
When this interview conducted?
Sir kindly upload SUNO KAHANI and KHOJ KHAJANA KHOJ
राजेन्द्रजी के स्वर्गवास के बाद से ही हंस पत्रिका पढ़ना ही छोड़ दिया। २५/९/२१
✌
Happy diwali to all of You