Srijan | Rajendra Yadav | Part - 1

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  • Опубликовано: 26 янв 2025

Комментарии • 17

  • @pankajroy9070
    @pankajroy9070 3 года назад +6

    राजेन्द्र यादव मूर्धन्य कहानीकार और साहित्यिक पत्रकारिता के पुरोधा थे।नमन।

  • @rambachansinghyadav451
    @rambachansinghyadav451 3 года назад +4

    Is mahan sahityakar ki kritiyan samaj ka darpan hain, naman Rajendra Yadav ji 🌺

  • @saumitramohan1897
    @saumitramohan1897 10 месяцев назад

    दलित-विमर्श और स्त्री-विमर्श जैसे मुद्दों को उठाना निर्मला जी को विवादास्पद लग रहा है।वाह!क्या विचार है।

  • @kaavyasagar147
    @kaavyasagar147 4 года назад +4

    राजेंद्र यादव जी को प्रणाम🙏🇮🇳

  • @rameshkumar06
    @rameshkumar06 4 года назад +5

    राजेन्द्र यादव ने साहित्य में दलित-स्त्री विमर्श को हिंदी साहित्य के मुख्यधारा में शामिल करवाया।

  • @praveenyadav2592
    @praveenyadav2592 2 года назад +1

    साहित्य के पुरोधा नमन आपको

  • @MantuYadavYM
    @MantuYadavYM 26 дней назад

    ❤🙏🙏

  • @sandeepsudhakar7997
    @sandeepsudhakar7997 2 года назад +4

    मैनेजर पाण्डेय जी की मानसिकता पर तरस आता है।
    साहित्य में दलित और स्त्री विमर्श छोड़िए उन्हें विमर्श को शामिल होने से भी समस्या है जैन की तो अपनी अलग ही राग है।

  • @gkmasti8924
    @gkmasti8924 3 года назад +1

    Rajendra yadav is best

  • @KRISHUPRIYADARSHI
    @KRISHUPRIYADARSHI Год назад +1

    ई मैनेजर तो बड़े खतरनाक दिख रहे😂😂😂

  • @RAJESHBhai9514
    @RAJESHBhai9514 4 года назад

    Thanks PB

  • @dheerendrapratapsingh4389
    @dheerendrapratapsingh4389 3 года назад

    Rajendra Singh ji 🙏

  • @Behappy33318
    @Behappy33318 4 года назад +1

    When this interview conducted?

  • @ramansharma5866
    @ramansharma5866 4 года назад +1

    Sir kindly upload SUNO KAHANI and KHOJ KHAJANA KHOJ

  • @sachinsingh-rh6fq
    @sachinsingh-rh6fq 3 года назад +2

    राजेन्द्रजी के स्वर्गवास के बाद से ही हंस पत्रिका पढ़ना ही छोड़ दिया। २५/९/२१

  • @bhakti007
    @bhakti007 Год назад

  • @rcyadav7493
    @rcyadav7493 Год назад

    Happy diwali to all of You