जैन मंदिर झूंसी प्रयागराज ।। Jain temple jhunsi prayagaraj / देखें कैसा होता है जैन धर्म का मंदिर

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  • Опубликовано: 11 ноя 2022
  • जैन मंदिर झूंसी प्रयागराज ।। Jain temple jhunsi prayagaraj / देखें कैसा होता है जैन धर्म का मंदिर
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    प्रयागराज से वाराणसी हाईवे पर झूंसी क्षेत्र अंतर्गत जैन मंदिर स्थित है। तीर्थंकर ऋषभदेव ने जिस सिद्धार्थ नामक वन में जाकर वटवृक्ष के नीचे जैनेश्वरी दीक्षा एवं केवल ज्ञान प्राप्त किया था वही स्थान करोड़ों वर्षों पूर्व से प्रयाग के नाम से प्रसिद्धि को प्राप्त हुआ, ऐसा जैन ग्रन्थों में वर्णन है। हरिवंशपुराण में कहा है कि -"एवमुक्ता प्रजायत्र, प्रजापतिमपूजयत्, प्रदेशः सप्रयागारण्यो, यतः पूजार्थयोगतः',पद्मपुराण में-'प्रकृष्टोवाकृतस्त्याग: प्रयागस्तेन कीर्तितः" वर्णित है । पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से फरवरी 2001 में उक्त ऋषभदेव दीक्षा तीर्थ का अभूतपूर्व निर्माण हुआ है। दीक्षा तपोवन, समवसरण रचना, कैलाश पर्वत, गुफा मन्दिर, कीर्तिस्तम्भ इत्यादि वंदनीय स्थल हैं। 14 फुट ऊँची पद्मासन की विशाल प्रतिमा त्रिकाल चौबीसी की 72 जिनालयों में जिन प्रतिमाएं विराजमान है। समवसरण मंदिर भी दर्शनीय है, तथा पवित्र रचना का नमूना स्थापित है।

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