सत्संग ८ : घटना और अनुभव, अध्यात्म, अवस्था, अकर्ता, अनावश्यक कार्य, उत्तरजीविता, बंधन, कर्म, परीक्षा

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  • Опубликовано: 26 ноя 2024

Комментарии • 3

  • @kundannakrani3857
    @kundannakrani3857 3 дня назад

    Aho aho bhav🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹

  • @deepakassociate8700
    @deepakassociate8700 3 дня назад

    आखिकार अज्ञेपता है, शून्यता है, खालीपण है. सर्व काही मिथ्या आहे. पण ही बुध्दी, ही चेतना, ही स्मृती अशी नावे का दिली आहेत??
    प्रणाम 👏👏

    • @Turiyateet
      @Turiyateet  2 дня назад

      बुद्धि से आप जान सकते हैं आप कौन हैं। स्मृति इस ज्ञान को आपके सामने बनाये रखने के प्रयास को बल देती है। इसी ज्ञान में रहकर आप अपने वास्तविक स्वभाव में स्थापित रह सकते हैं। 🙏