बहुत सुन्दर सर हम लोग गांव में ही रहते है कितनी बार शहर जाते है घूमने के लिए पर कुछ दिन बिताने के बाद मन ऊबने सा लगता है और अपना गाव याद आने लगता है। अपना गाव जिंदाबाद🙏🙏🙏🙏
लेखक महोदय हृदह की गहराइयों से आप को बहुत बहुत धन्यवाद आप ने इतना मार्मिक लिखा की सुन के आत्मा तृप्त हो गई । आप की सोच का लाख लाख सलाम । आप आने वाली भाबी पीढ़ी का ऐसे ही मार्ग दर्शन करतें रहे ।
वाह सर जी आपकी कविता ने तो दिल छू लिया काश इंसान समय रहते यह बात समझ पाता की जिंदगी शहर में नहीं गांव में बस्ती है शहर में तो सिर्फ मुर्दा लाश रहा करती है असल जिंदगी तो गांव में जिया करती
सुनील जी सर जब से आपके द्वारा सुनाई गई माँ की कविता सुनी है आपकी आवाज मुझे हर गाने में आने लगी है।। भगवन करे आपकी आवाज आजीवन ऐसी ही मधुर बनी रहे और हमे ऐसी प्रेरणास्त्रोत कविताए रोज सुनने की मिले।। जय श्री राम।।।।जय श्री कृष्णा
बहुत खूब आदरणीय जी क्या लिखा और क्या बोल दिया हर सक्स को अंनदर से झिकजोर दिया। बातो में एकदम जान भर दी आप ने गरीबों की पहचान लिख दी।। सदर नमन आदरणीय कवि सुनील जोगी जी।❤❤🤞🤞🤟🤟👌👌🙏💥💥🔥
जोगी सर बहुत खूब......... ह्रदयस्पर्शी पंक्तियां सुनकर सच्चे ग्रामीण हिंदुस्तान की तस्वीर आंखों उतर आई नम आंखों से अपने गांव के साथ एक बार फिर से बचपन में पहुंच गया,
"जो सबको अच्छा लगे वो झूठ बोला जाता है," ऐसी तमाम बेहतरीन बातें जो दिल को झकझोरने और प्रफुल्लित करने वाली कविता हम सब तक पहुंचाने के लिए डॉ सुनील जोगी जी का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ धन्यवाद। अनिल गौतम"नायाब"
Sir ji मैंने डॉ कुमार विश्वास को बहुत बार सुना आपको पहली बार सुन रहा हूँ आपने जो लिखा वह ह्रदय को स्पर्श कर गया गांव में जो आनंद आता है वह शहरों में कहा, प्रकृति को करीब से गाँव में ही देखा जा सकता है सुबह को चिड़ियों की की आवाज..... आदि।
@@yoyohs6069 अबे साले मुझे तो पिछले साल गांव जाकर के प्रायश्चित हुआ यहां तो सब सीमित था और गांव जाकर मेरा 👉 फालतू टहलना, सभी लोगों से मिलना, घूमना , नशे बाजी, फालतू में पेट्रोल फूकना, कुछ लोग गाड़ी मांगने भी आ जाते थे, कुछ लोग सिर्फ हमको देख कर जलते यह कहां से आ रहे हैं कहां को जा रहे हैं और लॉकडाउन में फालतू बहुत बवाल हुए, इसीलिए मैंने अब की बार गांव जाने का प्लान कैंसिल कर दिया है क्योंकि गांव के लोग पड़ोसी एक दूसरे से बहुत जलते हैं
सर आपने सही कहा है मैं भी कहीं घूमने गया था लेकिन वापस मन नहीं लगा तो वापस आ गया सर शहर की दवा गांव की हवा के बराबर भी नहीं गांव के सामने तो शहर कुछ भी नहीं यह बात 50% सत्य❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💖💖💖💖💖💖💖💖💖😍😍😍😍💞💞💞💞💞💞💞
वा वाह ! बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी कविता ।दिल को छू गयी ।जो अपनापन ,प्यार मिठास गांवो में है ,वो शहरों में नसीब कहाँ ? कहाँ गांव के नीम ,पीपल की ठंडी छांव और हरे भरे खेत और कंहाँ शहरों की नकली और गुमनाम जिंदगी ।आपने कड़वी सच्चाई खूबसूरत तरीके से बयां कर दी ।
गांवो मे इंसान बसते है शहरो मे जानवर गांव वाले गाय पालते है शहर वाले कुत्ते गांव वाले माता की सेवा करते हे और शहर वाले आश्रम मे हमारे गाव हमारे जिंदगी है
मैं आपकी कविता नही सुन पाता क्योंकि सारा ध्यान तो आपके शब्दो पर चला जाता है सर आप निबन्ध भी कहो तो वो भी कविता बन जाता है आपकी लेखनी बहुत उच्च और अलग है।।। जय हिंद सर
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर वेरी हार्ट टचिंग जब भी ऐसे कोई गीत सुनता हूं ना जाने क्यों दिल रोने को मजबूर हो जाता है चाह कर भी अपने आंसू रोक नहीं नहीं पाता न जाने क्या छुपा है उन यादों में जिन्हें आज तक मैं भुला नहीं पाया लेकिन उन यादों को आज में संजोकर अपने दिल में रखता हूं क्योंकि उन यादों में मेरा दिल मेरा बचपन मेरे दोस्त और मेरे सारे अपने जो मुझे अपनी जान से भी ज्यादा प्यारे हैं जिनके लिए मैं आज भी मर सकता हूं क्योंकि उन यादों के सिवा दूसरा कोई जरिया नहीं है मेरे पास उन सब को संजो कर रखने का
तुम्हारे शहर से तो मेरा गांव अच्छा है तुम्हारे सहर में चिता उठाने के लिए चार आदमी नहीं मिलते हैं हमारे गांव में छप्पर उठाने के लिए दस आदमी आ जाते हैं मेरा गांव मेरा देश
सच कहते हैं जोगी जी आप गांव सा नजारा मां और बाबूजी सा प्यार बरगद पीपल की छांव मंदिर के भंडारे का हमारे गांव में स्वर्ग स्वर्ग के सुखों को भी पीछे छोड़ जाता है
Ji mai aata hai ki es kad ko chhond kar baune ho jaye. Kisi garib ke bachcho ke hanth ke khilaune ho jaye. Bahut khoob jogi sahab. Aapne yatharth ko darsha diya kyonki aap in paristithiyon se gujre hai.
बहुत सुन्दर सर हम लोग गांव में ही रहते है कितनी बार शहर जाते है घूमने के लिए पर कुछ दिन बिताने के बाद मन ऊबने सा लगता है और अपना गाव याद आने लगता है। अपना गाव जिंदाबाद🙏🙏🙏🙏
Ryt
Ryt
लेखक महोदय हृदह की गहराइयों से आप को बहुत बहुत धन्यवाद आप ने इतना मार्मिक लिखा की सुन के आत्मा तृप्त हो गई । आप की सोच का लाख लाख सलाम । आप आने वाली भाबी पीढ़ी का ऐसे ही मार्ग दर्शन करतें रहे ।
वाह सर जी आपकी कविता ने तो दिल छू लिया काश इंसान समय रहते यह बात समझ पाता की जिंदगी शहर में नहीं गांव में बस्ती है शहर में तो सिर्फ मुर्दा लाश रहा करती है असल जिंदगी तो गांव में जिया करती
मैने बहुत बार डा. कुमार विश्वास को सुना।
आज आपको पहली बार सुना।
बहुत अच्छा लगा।
फिर तो हमेशा सुनें ऐसा कवि कुमार विश्वास भी नहीं है 🙏
गजब सर् माजा आ गया सुन कर काश भारत में कवि को भी उतना ही पहचान और सुविधा दिया जाता जितना किसी राजनेता को
आदरणीय जोगी जी, बहुत सुंदर बहुत बढ़िया बहुत बहुत धन्यवाद। सादर नमस्कार।
बहुत खूब सर जी बिल्कुल सही कहा आपने गाँव से बेहतर कोई जन्नत नही..
मुझे भी अपने गाँव से बहुत प्यार हैं
क्या गांव का सुंदर चित्रण किया है मन को हिलाने वाला जिक्र किया है
Sir
दिल को झंकझोर देने वाली कविता
जो सिर्फ कविता नही
अनछुआ सच जो आपने दिलो को फिर नई आस घर लौटने की।
धन्यवाद
इस कविता में भरपूर सच्चाई है। सुनील सर आपकी कविता के शब्द बड़े सटीक हैं। आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏
वर्तमान परिस्थितियों को दिल में महसूस करके आपनें जो कलम में उतारा है।
बहुत सुंदर सर
कम से कम लोग महसूस तो करेंगे
इस आसमा से बड़ी माँ हमारी गाँव में है!
वाह सर क्या बात है 👌👌
अति सुन्दर। दिल कविताओं में खो गया। दिल कर रहा था बस सुनता ही जाऊं।
बहुत अच्छा।दिल को छू गया जो कुछ भी संस्कार बचा है वह गांव में ही है।👌👍
सुनील जी आप को शत् शत् नमन,ऐसी कविता कहने के लिए।
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
Jogi Ji Waah bahut achha
Thanks
Kavita ka bhav bahut sundar hai.
@@JogiJiWaah Thank you so much 🇮🇳👌👌🌹🌹🙏🙏🌷🌷🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
एक कविता में आपने पूरे जीवन को उतार दिया है
आपको बहुत बहुत धन्यबाद सुनील जी
बहुत सुंदर
गाव- गाव ही हैं गाव के जैसे दुनिया का कोई शहर नहीं। धन्यवाद माननीय डॉक्टर सुनील जोगी जी ।
सुनील जी सर जब से आपके द्वारा सुनाई गई माँ की कविता सुनी है आपकी आवाज मुझे हर गाने में आने लगी है।।
भगवन करे आपकी आवाज आजीवन ऐसी ही मधुर बनी रहे और हमे ऐसी प्रेरणास्त्रोत कविताए रोज सुनने की मिले।।
जय श्री राम।।।।जय श्री कृष्णा
आज पहली बार आपकी कविता सुना मन भाव विभोर हो गया धन्यवाद सुनील सर....! Jogi ji Waah
आप महान है
बहुत खूब आदरणीय जी क्या लिखा और क्या बोल दिया हर सक्स को अंनदर से झिकजोर दिया।
बातो में एकदम जान भर दी आप ने गरीबों की पहचान लिख दी।।
सदर नमन आदरणीय कवि सुनील जोगी जी।❤❤🤞🤞🤟🤟👌👌🙏💥💥🔥
गांव का जो आप ने कविता के रूप में चित्रण किया है मन मस्तष्क में एक अलग ही ऊर्जा का संचार उत्पन के दिया। और गांव से फिर जोड़ दिया 🤗🤗🤗
जोगी सर बहुत खूब.........
ह्रदयस्पर्शी पंक्तियां सुनकर सच्चे ग्रामीण हिंदुस्तान की तस्वीर आंखों उतर आई
नम आंखों से अपने गांव के साथ एक बार फिर से बचपन में पहुंच गया,
"जो सबको अच्छा लगे वो झूठ बोला जाता है," ऐसी तमाम बेहतरीन बातें जो दिल को झकझोरने और प्रफुल्लित करने वाली कविता हम सब तक पहुंचाने के लिए डॉ सुनील जोगी जी का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ धन्यवाद। अनिल गौतम"नायाब"
Nice
Super sir
Sir ji मैंने डॉ कुमार विश्वास को बहुत बार सुना आपको पहली बार सुन रहा हूँ आपने जो लिखा वह ह्रदय को स्पर्श कर गया
गांव में जो आनंद आता है वह शहरों में कहा, प्रकृति को करीब से गाँव में ही देखा जा सकता है सुबह को चिड़ियों की की आवाज..... आदि।
इस लॉकडॉउन में बस एक ही मन है सभी का कि.....
गांव चले जाएंगे
AAb gav kyo ja rahe ho , , saher me hi maro salo
Gav se kyo aaye the ,
साले मै तो अपने गांव में ही रहता हूं
@@yoyohs6069 अबे साले मुझे तो पिछले साल गांव जाकर के प्रायश्चित हुआ यहां तो सब सीमित था और गांव जाकर मेरा 👉 फालतू टहलना, सभी लोगों से मिलना, घूमना , नशे बाजी, फालतू में पेट्रोल फूकना, कुछ लोग गाड़ी मांगने भी आ जाते थे, कुछ लोग सिर्फ हमको देख कर जलते यह कहां से आ रहे हैं कहां को जा रहे हैं और लॉकडाउन में फालतू बहुत बवाल हुए, इसीलिए मैंने अब की बार गांव जाने का प्लान कैंसिल कर दिया है क्योंकि गांव के लोग पड़ोसी एक दूसरे से बहुत जलते हैं
@@vijaysinghvijaysingh6672 बोसडी के बिलकुल सही कहा
सर आपने सही कहा है मैं भी कहीं घूमने गया था लेकिन वापस मन नहीं लगा तो वापस आ गया सर शहर की दवा गांव की हवा के बराबर भी नहीं गांव के सामने तो शहर कुछ भी नहीं यह बात 50% सत्य❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💖💖💖💖💖💖💖💖💖😍😍😍😍💞💞💞💞💞💞💞
सुनील जी एसी कविता कहने के लिए बहोत बहोत सत सत नमन 🙏🙏🇮🇳🇮🇳❤️👌❤️❤️❤️❤️
वा वाह ! बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी कविता ।दिल को छू गयी ।जो अपनापन ,प्यार मिठास गांवो में है ,वो शहरों में नसीब कहाँ ?
कहाँ गांव के नीम ,पीपल की ठंडी छांव और हरे भरे खेत और कंहाँ शहरों की नकली और गुमनाम जिंदगी ।आपने कड़वी सच्चाई खूबसूरत तरीके से बयां कर दी ।
शहर की चकाचौंध मे लोग ऐसे गायब हुए ,
गाँव के नीम की छाँव को शहर ढुढ रहे।
This video
आप जैसे कवि की समाज को आवश्यकता है
जबरदस्त भ्राताश्री।
@@yakshprashn6692 y yr Rd ee to us e you r try YYZ yet z tu Dy yr tu Dy tyy
@@yakshprashn6692 yyzzzz yyzzzz yytdzzzzzyzyzz YYZ zy yzty
अनन्त सुन्दर विचार है आपका सत्य को दर्शाता है
पुरानी यादें ताज़ा कर जाता है मौसम बाहार का गाँव में आता है .......
किया खूब कहा आपने
दिल को छू गई आपकी हर एक लाइन और शब्द
Heart ❤️ touching video
सुनील जोसी जी आप को बहुत बहुत प्रणाम
मै धन्यवाद देता हूँ आप की सोच को
मै धन्य हुआ आप को सुन कर
मैं बृजेश कुमार आपके विडियो देखकर मां बाप के बारे में आप से बहुत खुश हूं साम सुबह सुनते हैं
मेरे बड़े भाई सुनील जोगी जी आप को तहे ❤️ से सलाम है
वृक्ष कितना ही बड़ा क्यों न हो जाए उसका अस्तित्व तब ही है,जब उसकी जड़ें ज़मीन में है। धन्यवाद डॉ साहब बहुत खूब।
सर आपकी जितनी तारीफ करे काम है वास्ताम में जो गांव में है वो कही नही है आपकी अद्भुत कविता है
दिल को छू गई सर आपकी कविता दिल से शत-शत नमन
क्या खुब लिखे हैं सुनिल जी मन-मोहक कविता ,शरीर के अंदरात्मा को स्पर्श कर मन झकझोर दिया और नयन को पूर नम कर दिया ...
मेरा बचपन याद आ गया काश पैसे के पीछे ये दुनिया न भागती तो आज मै भी अपने गाँव होता.........
gaav jaisa sukh nhi
नमस्ते भाई साहब जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी आपने बिल्कुल सही कहा आपने
Ye shahar bhi kisi ke gaanw hi to Hain..jeena aana chahiye bas.
डॉ साहब आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।अच्छा लिखते है आप । जहा दूसरे कवि सोचना बंद कर देते है।आप वाह से कविता। शुरू करते हो।
शत शत प्रणाम आपको।
सभी का मन बस्ता है गावो में ,
चलो सभी शहर छोड़ चले।
Bilkul
Na ji pahale jesa nahi hai
जोगी जी आपको ह्दय से बहुत बहुत धन्यवाद| इन पक्तियो को सुनकर मन भाव विभोर हो गया
प्रणाम 🙏💕 सर जी
याद आ गई गांव की सर जी ❤️😢
Mujhe apne gaon se bhot pyar h
दिल को छू गया
थक गये है पाँव अब आ लौट चले,
प्यार के गाँव अब आ लौट चले।
👌👌👌
अपने गाँव से बिछड़ने की सजा पाता हूँ
अब में राशन की लाइन में खुद कोखड़ा पता हूँ
Thak gya hun shahar ki zindagi se. Na koi sukoon, na koi apna, na festival ka maza. Ab wapas gaon Jane ko mann karta hai
सच है बहुत याद आता है गाँव पर अपनों की जरूरतों ने हमें शहर में ढकेल दिया ना जाने हमें पैसों की इतनी क्या पड़ गयी कि हम अपनों से दूर हो गये
मन ,दिल को प्रसन्न हो गया आपको सुनकर सर ।जय हो आपकी गुरु।जय हिंद जय हिंद जय भारत माँ। मेरा गांव मेरा गांव है।
वाह क्या गांव की गीत है सुनील जोगी जी थैंक्स
वाह , हृदयस्पर्शी कविता , शुभकामनाएं
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
क्या खूब जोगीजी धन्य हुआ आपको सुनकर
Nice sir
Kas sab log easa hi sochte
To aaj koi bhi ma , papa apne bacho ke liy rote nahi
सर आपकी कविता का जीता जागता है उदाहरण भगवान राम की नगरी अयोध्या है
जीतना कहो कम है आपकी कविता ❤️,, को छु गया ।पर मजुबुरी आदमी को शहर ले जाता है सर।,,🇨🇮
मेरे प्रिय भाई सुनील जोसी जी आप धन्य हैं आपने दिल से गांव को कलम से कागज पर उतार दिया ❤️🙏
Bilkul! Dear. Mai bhi gaon se hu
Sunil ji was absolutely right, through this verse all the words are true.
सुनील जोगी सर को दिल से नमस्कार पहली बार कविता सुनी और दिल को छू गई
Heart touching Poem Sir...Gaav wala jivan yaad dila diya aapne
बहुत अच्छा लगा और गांव की तस्वीर सामने आ गई शानदार
गांवो मे इंसान बसते है
शहरो मे जानवर
गांव वाले गाय पालते है
शहर वाले कुत्ते
गांव वाले माता की सेवा करते हे
और शहर वाले आश्रम मे
हमारे गाव हमारे जिंदगी है
Kutta bhi toh janwar hai
Dono me bahut fark hai
Jameen aasman ka fark hai
Good bhai saab
@@ooblack5 lekin insan kutto ka dudh peekar bada nahi hota
यह कहानी सुन कर मेरे आँख से आँसू आ गया दिल से आभार🙏🙏🙏
मैं आपकी कविता नही सुन पाता
क्योंकि सारा ध्यान तो आपके शब्दो पर चला जाता है सर
आप निबन्ध भी कहो तो वो भी कविता बन जाता है
आपकी लेखनी बहुत उच्च और अलग है।।।
जय हिंद सर
सुनील जी शहरों की गन्दगी हमें भा गई है गांवों को भुल गए हैं यादों में गांव की रो देते हैं
ये साला शहर से मुझे ईष्या होता है
मगर अफसोस
क्या करें
I hate city
L. No. N n m np np
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर वेरी हार्ट टचिंग जब भी ऐसे कोई गीत सुनता हूं ना जाने क्यों दिल रोने को मजबूर हो जाता है चाह कर भी अपने आंसू रोक नहीं नहीं पाता न जाने क्या छुपा है उन यादों में जिन्हें आज तक मैं भुला नहीं पाया लेकिन उन यादों को आज में संजोकर अपने दिल में रखता हूं क्योंकि उन यादों में मेरा दिल मेरा बचपन मेरे दोस्त और मेरे सारे अपने जो मुझे अपनी जान से भी ज्यादा प्यारे हैं जिनके लिए मैं आज भी मर सकता हूं क्योंकि उन यादों के सिवा दूसरा कोई जरिया नहीं है मेरे पास उन सब को संजो कर रखने का
हृदय को स्पर्श करती अदभुत कविता ।
वाह जोगी क्या खूब बोला है आप ने🙏🙏
तुम्हारे शहर से तो मेरा गांव अच्छा है तुम्हारे सहर में चिता उठाने के लिए चार आदमी नहीं मिलते हैं हमारे गांव में छप्पर उठाने के लिए दस आदमी आ जाते हैं
मेरा गांव मेरा देश
यदि किसी मित्र को मेरी बात बुरी लगी हो तो मैं उसके लिए क्षमा मांगता हूं पर यह सत्य है
Sir you are great poet
सच कहते हैं जोगी जी आप गांव सा नजारा मां और बाबूजी सा प्यार बरगद पीपल की छांव मंदिर के भंडारे का हमारे गांव में स्वर्ग स्वर्ग के सुखों को भी पीछे छोड़ जाता है
Sir G apne kmmal kar diya apke nzm to heart touchline ha sir. G
Aap jaise kavi ke jarrut ha is desh ko.
Love you sir g
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
Bahut sundar
Sir...!!
Bahut he behtareen 👏...
I love you suneel ji love you
App mahan ha
सर जी दिल छू लिया आपके इस गाने ने सलाम है आप जैसे लोगों को।
दिल से सलाम।❤️❤️
Wow maja aa gaya dr.sahab...
Salute to you....
वाह जोगी जी आपको बार-बार नमस्ते
वास्तविकता आपने प्रगट की आज होड़ मची हुई है शहर भागने की
अति सुन्दर रचना...वाह जोगी जी
True poem sir. You are so graet i salute u for this poem . Heart touching lines. I love my village.
भारत की उर्वरा मिट्टी के रत्न हो आप
हम सबके लाडले मां सरस्वती के प्रियपुत्र हो आप ।
अद्भुत प्रस्तुति को हृदय से नमन 🙏🕉️👏
Waaah sir waaah , 👏👏💪✌😇
हमारा प्यारा गांव सहर से बहूत अच्छा है हम भी एक दिन गांव लोट जाएंगे इंसाअल्ला नही रहना हमे शहर में कभी😢😢😢
I haven't words to express my feelings superrr excellent.......
Thank you sir
सचमे आप एक गाँव के दिल दरिया इंसान है,,
Yaha Subh sayani hoti hai
I am happy because I have live in village
Mera khub surt gav
खेतो से गद्दारी नही ये मजबूरी है किसानों की
Amazing mindblowing outstanding fabulous sunilG
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
बहुत बहुत धन्यवाद ऐसे भाई को जिन्होंने ऐसी कविता बनाई धन्यवाद
वाह दिल को छू गाया
नमन आपजो सुनील जी आप जैसा कोई नहीं
Isase sunane ke bad itna hi Kahenge ""Jogi Ji Wah""
Ji mai aata hai ki es kad ko chhond kar baune ho jaye. Kisi garib ke bachcho ke hanth ke khilaune ho jaye. Bahut khoob jogi sahab. Aapne yatharth ko darsha diya kyonki aap in paristithiyon se gujre hai.
Sir heart touching 🙏
आंखों में पानी आ गया।
बहुत बढ़िया सर जी।
" Sam Purab Se Or Paschim Se Savera Hoga..."
Ye Hakikat He Sahab Ek Bar Esa Jarur Joga ,
Or Vo Aakhri Subah Hogi.
Ye Sacchayi he
सर , गांव की यही सच्चाई है मुझे भी गांव से बहुत प्यार है ।
Wa sir I impressed from you
बहुत ही शानदर कवि जी
जारी रखिये
आज सुनकर नज्म आपकी अपने गांव की याद आ गयी।वो शाम याद आ गयी।माँ की ममता और पिता का दुलार याद आ गया।
अति सुन्दर आपकी रचना ने बचपन की याद ताजा कर दी