नमस्ते सरजी. मैं श्रीपाद कुलकर्णी, पुणे, महाराष्ट्रसे हूॅं. आपने आजतक दिये हुए बहुतेक ताल मेरे लिये बहुत उपयुक्त साबित हुए हैं. उ. गुलाम अली की राग मधमाद सारंग में एक सुंदर गज़ल है. " बिन बारिश बरसात ना होगी। रात गयी तो रात न होगी।।" इसमें जो केहरवा बजाया गया है वो अध्दा त्रिताल के वजनसे बजाया है. यह एक अलगसा लेकीन अनोखा प्रयोग हैं. अगर हो सके तो यह और एक नया लूप केहरवा हमें दे दीजिए. अत्यंत धन्यवाद.
Bohat khoubsurat sir jee ❤❤❤
Hey Guys Hope You Will Like This Loop For Your Songs And Ghazals.... Enjoy And Don't Forget to Subscribe
Beautiful sir jee ❤❤❤
नमस्ते सरजी. मैं श्रीपाद कुलकर्णी, पुणे, महाराष्ट्रसे हूॅं. आपने आजतक दिये हुए बहुतेक ताल मेरे लिये बहुत उपयुक्त साबित हुए हैं. उ. गुलाम अली की राग मधमाद सारंग में एक सुंदर गज़ल है.
" बिन बारिश बरसात ना होगी। रात गयी तो रात न होगी।।" इसमें जो केहरवा बजाया गया है वो अध्दा त्रिताल के वजनसे बजाया है. यह एक अलगसा लेकीन अनोखा प्रयोग हैं. अगर हो सके तो यह और एक नया लूप केहरवा हमें दे दीजिए. अत्यंत धन्यवाद.
❤مرغ دلم