Tarpan 21 तर्पण २१ | Badhe Chalo | Jaishankar Prasad
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- Опубликовано: 8 сен 2024
- हिमाद्रि तुंग श्रृंग से
प्रबुद्ध शुद्ध भारती
स्वयंप्रभा समुज्ज्वला
स्वतंत्रता पुकारती
अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच लो
प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो बढ़े चलो
असंख्य कीर्ति रश्मियाँ
विकीर्ण दिव्य दाह-सी
सपूत मातृभूमि के
रुको न शूर साहसी
अराति सैन्य सिन्धु में, सुबाड़वाग्नि से जलो
प्रवीर हो जयी बनो, बढ़े चलो बढ़े चलो
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Himadri Tung Shring Se
Prabuddh Shuddh Bharti
Swayamprabha Samujjwala
Swatantrata Pukarti
Amartya Veer Putra Ho, Dridh Pratigya Soch Lo
Prashast Punya Panth Hai, Badhe Chalo, Badhe Chalo
Asankhya Keeri-Rashmiyan
Vikeern DIvya Daah Si
Sapoot Matribhoomi ke
Ruko Na Shoor Sahasi
Arati Sainya SIndhu Me, Subadawagni Se Jalo
Praveer Ho Vijay Bano, Badhe Chalo, Badhe Chalo
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चाहत के अनुरूप ही आया यह तर्पण। जय हिंद 🇮🇳🙏❤️
बहुत ही अद्भुत प्रस्तुति 🙏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻 न हाथ एक शस्त्र हो
न हाथ एक अस्त्र हो,
न अन्न, नीर, वस्त्र हो,
हटो नहीं,
डटो वहीं,
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
रहे समक्ष हिमशिखर,
तुम्हारा प्रण उठे निखर,
भले ही जाए तन बिखर,
रुको नहीं,
झुको नहीं
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
घटा घिरी अटूट हो,
अधर में कालकूट हो,
वही अम्रत का घूँट हो,
जिये चलो,
मरे चलो,
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
गगन उगलता आग हो,
छिड़ा मरण का राग हो,
लहू का अपने फाग हो,
अड़ो वहीं,
गड़ो वहीं,
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
चलो नई मिसाल हो,
जलो नई मशाल हो,
बढ़ो नया क़माल हो,
झुको नहीं,
रुको नहीं
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!
अशेष रक्त तोल दो,
स्वतन्त्रता का मोल दो,
कड़ी युगों की खोल दो,
डरो नहीं,
मरो वहीं,
बढ़े चलो!
बढ़े चलो!🏃🏻♀️🚶🏻♂️🏃🏻♂️🚶🏻♂️🏃🏻♀️🏃🏻♂️🚶🏽♀️
Waah
I
प्रशस्त पुण्य पन्थ है, बढ़े चलो-बढ़े चलो🚶
जय हिन्द🇮🇳🇮🇳
नमन जयशंकर प्रसाद जी🙏💐💐💐
वाह कुमार भाई.. दिल में देशभक्ति का जोश भरते शब्द एक बेहद जोशिली और सशक्त आवाज... खूबसूरत गायकी.. मेरा भारत महान 🙏 🙏 🙏
जी अंकल मैं सदैव तर्पण का वीडियो शेयर कर देता हूं एक निवेदन है किअज्ञेय जी की एक कविता है"मैने आहुति बनकर देखा ,यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है "को भी तर्पण श्रंखला में जोड़े, आशा है सर कि यह कविता भी आपकी मधुर आवाज में हम तक पहुंचेगी....सादर शुभकामनाएं एवं प्रणाम।
आप भरतीय युवकों-युवतियों के लिये एक आदर्श है।
हमारी परम्पराओ को इस 21वी शताब्दी मे ताकतवर बनाने का जो काम आप कर रहे है उसके लिये आपको बोहोत बोहोत शुभकामनायें!
जय हिन्द
बहुत ही बेहतरीन जितनी अच्छी कविता उतना अच्छा गायन।
अद्वितीय... कुमार साहब लोग आपको तर्पण के लिऐ सदैव याद रखेंगे.. हमारी शुभकामनाएं सदैव साथ है..ईश्वर आपको यूंही प्रगति एवं सत्य के पथ पर अग्रसर करे..प्रणाम।
बहुत सुंदर प्रस्तुति..... इसी तरह मां हिंदी की सेवा में बढे़ चलो-बढ़े चलो।।
यह तो चाणक्य धारावाहिक मे बहुत ही अच्छा से गाया गया है
अदभुत अविस्मरणीय अति सुन्दर
अविस्मरणीय
Jai Hind!
Aag laga di.... aag laga di... aag laga di... aag 😂🔥❣️
Pranam in kaviyo ko ☺🙏
Atisunder ji
ऐसा लगा की स्वयं जयशंकर जी गा रहे है।
wah!!! kya bat hai jai hoo
लाजबाब भैया 🙏👌👌👍👍
बहुत शानदार...बढ़े चलो,बढ़े चलो...
अदब्बुत गुरु जी 🙏🙏
खुबसूरत अप्रतिम
वाह भइया आप तो हर कविता को जीवन्त कर देते है ।
सीधे दिल की गहराइयों में उतर गई उस पर कुमार विश्वास जी के स्वर।
अद्भुत है सर्वोत्तम है ..आपका राष्ट्र प्रेम , भारत के हर कोने से आपने पलो को समावेशित किया है ! गुरू जी (कुमार विश्वास) नाम इतिहास के पन्ने मे स्वर्णिम होगा.....सादर प्रणाम
अद्भुत प्रस्तुति
अगली कड़ी में गोपाल व्यास जी की सुभाष चन्द्र बोस जी पर लिखी कविता को प्रस्तुत कर दे तो मजा आ जाए।
वह कविता बहुत कम लोगो तक पहुंची है
मैं एक स्काउट हूं और साथ ही एनसीसी कैडेट भी, यह कविता सुनने के पश्चात मेरे भीतर एक अलग सा ही जोश और उत्साह उमंग भर आया।🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 , मैं अपना प्रतिदिन का वर्क आउट यही कविता सुनकर करता हूं। 🙏
अब तो इंतज़ार भी नहीं होता 😀
सर आपकी वजह से आज, प्रसाद जी, निराला जी, दिनकर जी और भी हमारे महनीय कवि सब को पढ़ने का मन करने लगा है
बहुत शुभ सुन्दर
मुझे पिछले काफी दिनों से इंतज़ार था sir
आपके स्वर से निकले वीर रस वाणी ऊर्जा प्रदान करती हैं । गुरुवर्य धन्यवाद ।।
बहुत ही बढ़िया है सर
कोटि कोटि नमन गुरु जी
कविवर डॉ:कुमार विश्वास जी को उनके नन्हें श्रोता और प्रसंसक की ओर से प्रणाम🙏🙏🙏 अद्भुत!!
जय हिंद खूबसूरत गाना है सर
बहुत सुंदर प्रस्तुति कुमार भैया। मैं एक हिन्दी का अध्यापक हूं और पढ़ाते हुए आपके द्वारा किए गए वाचन के आधार पर पढ़ाता हूं।
jai ho jayanshakar prasad
अदभुत
बहुत खुब
अद्भुत! अद्भुत! कल ही हम कह रहे थे आपको संगीत की भी कितनी गहरी समझ है।
कमाल है ये
बिलकुल बन्दूक वाले वीडियो की तरह!
कोटिशः नमन!
Sri maan mujhe ye kavita etni achi lagi ki es awaj ko maine apne videos me dala.🤗🕉️🙏🙏🙏🙏
bhut khub sir ggg
Very nice Kumar sir !! God bless you!
क्या बात है..... मतलब क्या बोलें...
कैसा लगा क्या अनुभूति हुई उसकी शब्दों मे अभिव्यक्ति मुझसे तो नही हो सकती
बस....
नि:शब्द.....
Thanks sir for restart tarpan
बहुत ही सुंदर प्रस्तुती
Jay ho
वाः वाह Sरस्वति पुत्र जय हिन्द
Bhut sunder chitran..
लाजबाब......सर
तर्पण देखते हैं.... Amazing
इस तरह की कविता सुनकर के आकाश की विस्तार की तरह अंतर ऊर्जावान होने का एहसास होता है। इस तरह के कविता लिखने वाले लेखक और इसको प्रस्तुत करने वाले प्रस्तुतकर्ता को तहे दिल से धन्यवाद
प्रसादजी के बारे मे जो पढा था वो हालात और काल आंखों के सामने पेश कर दिया आपने
धन्यवाद कुमार जी
love u sir..aap amar rhoge..
अति उत्तम ❤️🙏🇮🇳
wah. kumar bhai. 👌🏻😍😘😘
तर्पण के लिए हमारा कोटि -कोटि समर्पण आपको अर्पण......
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर..
Wah.... Lahjawab......... Hamari peede is Amrit varsa ki aabhari rahegi....
Bahut khub
Wah
Ese kahte hai veer ras ki kavita
सर्वोत्तम...
वाह....
देश के विकास के आगे एक कवि का अहम भूमिका रहता है धन्यवाद आपका
सर अद्भुत !
अतुलनीय है आपके कार्य !
आपने माँ हिंदी का गौरव बढ़ाया है और भारतीय साहित्य को एक नई दिशा दी है और शिखर तक पहुँचाया ।
और इस तर्पण सीरीज से आपने हिंदी साहित्य की महान विभूतियों को ऐसी श्रद्धांजलि दी है जिसके वह सच्चे हकदार थे।
उनके गीत अमर थे, अब जीवंत भी हो गए।
सर में एमआईटीएस ग्वालियर कॉलेज से बीटेक का छात्र हूँ ।आप यहां कभी आए नहीं अगर संभव हुआ तो आपसे अवश्य मिलूँगा और आपके चरण स्पर्श ।
आपने मातृभाषा हिन्दी का गौरव बढ़ाया और देश के युवाओं का पद प्रशस्त किया ।
धन्य हैं आप और धन्य हो गए हम आप जैसा कवि पाकर ।अभी तो आप चर्चित हैं ही यदि आने वाले समय में कभी कवियों का नाम लिया जायेगा तो उनमें शीर्ष पर होंगे आप।
Shandaar sirji... dhanywaad
सर आपकी यह कोशिस अतुलनीय है
कही भूल से गये अपनी माँ हिंदी को आपके इस प्रयाश से जो तस्वीर पुनः उकेरी गई है वह मन को छू गयी।
अब तो सारे दोस्त तर्पन ही गुन गुनाते है । बहुत बहुत आभार हमे बताने के लिए की हम किनके वंशज है।
अच्छा❤❤
Lagawab sir jii
डाॅ. साहब प्रणाम।
तर्पण की इस अद्वितीय एवं अनूठी प्रस्तुति के लिए आपको सदैव याद किया जाता रहेगा। जब किसी कवि के द्वारा कविता की रचना की जायेगी तब सर्वप्रथम आपको ही याद किया जायेगा। क्योंकि आप ही वो बुलन्द सितारा हो जिसके द्वारा विश्व पटल पर हिंदी भाषा को सम्मान दिलाया।
धन्यवाद गुरु जी ।।
one of the best video
अदभुद।
अति उत्तम
Jai Hind Jai Bharat🇮🇳🇮🇳
Tandav wala sur sun kar bahut achchha laga...
जब मैंने अपने कॉलेज के दिनों में इस कविता को पड़ा था मुझको बहुत गुस्सा आया था कितनी कठिन कविता थी ये.. परंतु आज जब इसको सुना है सच में बहुत मजा आया सुनने में ...अंदर तक हिला देती है ... कमाल है...अद्भुद... आपका एहसान रहेगा माँ हिंदी पर
वन्दे मातरम्।।
wah bht khub sir
Behtrin ....
Ek bar sunne k bad , baar baar sunane ka mn karta hai💓💖❤️
Apratim ❤
Wah Kumar beta wah
आह!जाने कब से इन्तेजार कर रहा था मैं इस रचना की ,वाह दादा वाह धन्य कर दिया आज आपने।
ये गीत बचपन में स्कूल की प्रभात फेरी में 26 जनवरी और 15 अगस्त को हम लोग गाते थे ।।
जूनियर हाईस्कूल की याद ताजा हो गई सर ।
अनन्त आभार _/\_
नाइस
Bahut achha sir
बढे चलो, बढे चलो, प्रणाम कविवर
Bahut achhe sir.
Salute Sir ji...
badhe Chalo zindgi me kabhi rukna mt
Nice video 👌👌
ati sunder
बहुत खूब सर जी 👌 👌 👌 👌 👌 👌 👌 👌
Adbhut sir
Adbhut !
सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रसंबोधन । जब मैं इसे सुन रहा था गुप्त जी की भारत भारती का नवीन उत्कर्ष प्रतीत हुआ।😆
GOOD VISHWAS JI
Amazing. .....
This is heartily touched. ......
jai hind....Sir ji