मैं आपकी तरह पहले बचपन में पिक्चरें बहुत देखी थी मैं सारी पिक्चर देखी थी सब भाषा की जो हमारे दूरदर्शन पर दिखाई जाती थी साफ सूत्री फिर बंद हो गया देखना बस ठाकुर जी के पीछे पड़कर ठाकुर जी हमारे पीछे पड़ गए समय नहीं लगता था गुरुजी माल पकड़ा देते थे हमने भी तरीका निकाला माल भी करते थे दूरदर्शन भी देखे थे आप की कथा भी सुनते थे कथा स्थल पर और माल भी करते थे
बापू गुरुकृपा और आपकी कृपा से दो पंक्तियां जो हमें अपने प्रेरणा की गुरुजी ने प्रेरणा की वह लिख रहे हैं जानती हूं चरणों के काबिल नहीं मैं तेरे भक्तों में भी शामिल नहीं मैं घर में किसी काबिल ही ना थी फिर क्यों मेरी प्रीत जागी है ठाकुर तू मेरा मैं तेरी हूं दासी ना मुझे ठुकराना वृंदावन वासी राह तेरी से भटक गई तो फिर कैसी तेरी ठाकुरई है
पर बापू दिल के हाथों मजबूर होकर हमें कहना पड़ा दोस्त दोस्त ना रहा प्यार प्यार ना रहा जिंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा अमानत है वह प्यार की रखना जरा संभल के अगर आपने मेरी अमानत किसी को दी तो देखो बापू मैं पूरी आतंकवादी हूं पूरा आंतक मचा दूंगी मेरे गुरुदेव के गुरुदेव ने उनके गुरुदेव ने उनके भगवान ने महाप्रभुजी प्रेम अवतार प्रेम के दाता आप भी प्रेम के दाता हो तो हमने तो बड़ी जीद की यह व्याख्या गोपी गीत कि हम किसी को नहीं बताएंगे हमें अच्छा नहीं लग रहा था उन्होंने हमें ही केंद्र मां के समझाया तो हमको कोई लायक नहीं लग रहा था यह बात समझने के बापू आप मत देना चाहे कोई अपना नाम लिखें या ना लिखें क्या कृष्ण अवतार प्रेम अवतार महाप्रभुजी नहीं है क्या वह जानते नहीं है यह बात कहां से आई है
यह पंक्तियां ठाकुर जी के चरणों में समर्पित क्या मैं बताऊं तेरे प्रेम में पाया मीठी सी बेचैनी में ही तो चैन आया चाहूं यह बेचैनी यूं ही बड़े भले जहां पर मेरी बन आई है
दर्द भी तू चैन भी तू दर्द भी तू में भी तू तुझको बार बार आवाज में ना दूंगा मेरे गांव में आप आए आपकी मेहरबानी नाम उनका हुआ जिनका भगवान ने कर दिया हमने तो पलके बिछाए नहीं ना आपकी राह में और ना ही आते तो अच्छा था क्यों आई क्यों मेट्रोपॉलिटन सिटी बना दिया मेरे गांव को आप अबकी बार आओ तो जरा इसका सत्यानाश करते आना ऐसे शुभ चरण डालना मेरा गांव मुझे लौटा दो नहीं तो मैं कल का जादा मेट्रोपॉलिटन सिटी बना दूंगी अगर ऐसा होगा तब मैं गाउंगी कोई आएगा आएगा आएगा हमारे गांव कोई आएगा प्यार की डोर से बढ़ जाएगा हमारे गांव कोई आएगा
बापू इस भजन के जो मैंने आपको लिखा इसके 14 15 पैराग्राफ हम बोलते हैं हमें नहीं पता उसको क्या बोलते हैं दो दो पंक्तियों के जिसको हमने दो दो तीन दिन लगातार स्कूल पैदल आज कर लिखा
उन सखी का हम नाम भूल गए बापू दक्षिणी अफ्रीका की हमने ए आर रहमान को भी उनका भजन सुनते देखा पता नहीं वह आर रहमान का घर था यहां किसी और का जिन्होंने वंदे मातरम नहीं धुन बनाई है ओल्ड इस गोल्ड बापू पुराने वाले वंदे मातरम गाने का मुकाबला नहीं यह हमारा मत है जैसे आप रहते हो आपका मत आप जानो
एक और सुनते हैं बोलो बोलो रे बिहारी कुछ तो बोलो रे मैं हो गई तुम्हारी मेरे होले रे नयन दिए कछु काम ना आए तेरे दरस को है अकुल है छाई है घर अंधियारी भीतर के ही पट खोलो रे बापू बिल्कुल ठीक अंधेरी रात है आपने ठीक गया राग मालकौंस हमने पंडित जसराज जी का गया राज मॉल कौन सीखा कॉलेज में नंद के छैला ढीठ लंगरवा
बापू हमारे घर टीवी नहीं है ऐसा नहीं है कि ले नहीं सकते बस आप देखना बंद कर दिया जब से आपने हमें दूर कर दिया बड़ी कोशिश की किसी और की कथा सुन ले पर कोई मन में समय नहीं
आपकी एक कथा में हमने सुना बापू बापू ज्यादा मत करिए अगर आप हमसे सच्चा प्यार करते हैं हमने वह बंद कर दिया हमने एक को कहा उन्होंने औरों की कथा सनी शुरू कर दी हम नहीं सुन पाए बड़ी कोशिश की किसी एकांत की थोड़ा थोड़ा ज्यादा नहीं नहीं आता आप बहुत मुश्किल मुश्किल मुश्किल मुश्किल मुश्किल कथा करते हो हमको ज्यादा संस्कृत नहीं आती गुजराती हम थोड़ा थोड़ा दिल्ली की कथा में सीखे थे फिर भूल गए
Jay siyaram bapu
Anand hi Anand 😊
Jay Siyaram 👏👏👏
Jay siyaram
Jay siyaram 🙏
જય સિયારામ
वाह वाह बाप जय शियाराम
જયસિયારામ
जय सियाराम बापू
Ram
Superb 🎉
Jiyeisiyrambau❤
बाकी सब के चरणों में भी जय सियाराम
मैं आपकी तरह पहले बचपन में पिक्चरें बहुत देखी थी मैं सारी पिक्चर देखी थी सब भाषा की जो हमारे दूरदर्शन पर दिखाई जाती थी साफ सूत्री फिर बंद हो गया देखना बस ठाकुर जी के पीछे पड़कर ठाकुर जी हमारे पीछे पड़ गए समय नहीं लगता था गुरुजी माल पकड़ा देते थे हमने भी तरीका निकाला माल भी करते थे दूरदर्शन भी देखे थे आप की कथा भी सुनते थे कथा स्थल पर और माल भी करते थे
बापू गुरुकृपा और आपकी कृपा से दो पंक्तियां जो हमें अपने प्रेरणा की गुरुजी ने प्रेरणा की वह लिख रहे हैं जानती हूं चरणों के काबिल नहीं मैं तेरे भक्तों में भी शामिल नहीं मैं घर में किसी काबिल ही ना थी फिर क्यों मेरी प्रीत जागी है ठाकुर तू मेरा मैं तेरी हूं दासी ना मुझे ठुकराना वृंदावन वासी राह तेरी से भटक गई तो फिर कैसी तेरी ठाकुरई है
बापू मैं स्कूल जाती थी कभी-कभी पैदल चली जाती थी 12 कि स्कूल था यह भजन मेरे से ठाकुर जी ने तब लिखवाया अभी और याद आ जाएगा तो सुनो जी बहुत बड़ा है
पर बापू दिल के हाथों मजबूर होकर हमें कहना पड़ा दोस्त दोस्त ना रहा प्यार प्यार ना रहा जिंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा अमानत है वह प्यार की रखना जरा संभल के अगर आपने मेरी अमानत किसी को दी तो देखो बापू मैं पूरी आतंकवादी हूं पूरा आंतक मचा दूंगी मेरे गुरुदेव के गुरुदेव ने उनके गुरुदेव ने उनके भगवान ने महाप्रभुजी प्रेम अवतार प्रेम के दाता आप भी प्रेम के दाता हो तो हमने तो बड़ी जीद की यह व्याख्या गोपी गीत कि हम किसी को नहीं बताएंगे हमें अच्छा नहीं लग रहा था उन्होंने हमें ही केंद्र मां के समझाया तो हमको कोई लायक नहीं लग रहा था यह बात समझने के बापू आप मत देना चाहे कोई अपना नाम लिखें या ना लिखें क्या कृष्ण अवतार प्रेम अवतार महाप्रभुजी नहीं है क्या वह जानते नहीं है यह बात कहां से आई है
यह पंक्तियां ठाकुर जी के चरणों में समर्पित क्या मैं बताऊं तेरे प्रेम में पाया मीठी सी बेचैनी में ही तो चैन आया चाहूं यह बेचैनी यूं ही बड़े भले जहां पर मेरी बन आई है
दर्द भी तू चैन भी तू दर्द भी तू में भी तू तुझको बार बार आवाज में ना दूंगा मेरे गांव में आप आए आपकी मेहरबानी नाम उनका हुआ जिनका भगवान ने कर दिया हमने तो पलके बिछाए नहीं ना आपकी राह में और ना ही आते तो अच्छा था क्यों आई क्यों मेट्रोपॉलिटन सिटी बना दिया मेरे गांव को आप अबकी बार आओ तो जरा इसका सत्यानाश करते आना ऐसे शुभ चरण डालना मेरा गांव मुझे लौटा दो नहीं तो मैं कल का जादा मेट्रोपॉलिटन सिटी बना दूंगी अगर ऐसा होगा तब मैं गाउंगी कोई आएगा आएगा आएगा हमारे गांव कोई आएगा प्यार की डोर से बढ़ जाएगा हमारे गांव कोई आएगा
बापू असतो मा सद्गमय बापू इसको संस्कृत में लिखो शहर से गांव की और
बापू इस भजन के जो मैंने आपको लिखा इसके 14 15 पैराग्राफ हम बोलते हैं हमें नहीं पता उसको क्या बोलते हैं दो दो पंक्तियों के जिसको हमने दो दो तीन दिन लगातार स्कूल पैदल आज कर लिखा
डोर से भारी बतिया सुना दे अपने बंद होंठ जरा खोलो रे बोलो बोलो रे बिहारी कुछ तो बोलो रे मैं हो गई थी हरि मेरे हालो रे
उन सखी का हम नाम भूल गए बापू दक्षिणी अफ्रीका की हमने ए आर रहमान को भी उनका भजन सुनते देखा पता नहीं वह आर रहमान का घर था यहां किसी और का जिन्होंने वंदे मातरम नहीं धुन बनाई है ओल्ड इस गोल्ड बापू पुराने वाले वंदे मातरम गाने का मुकाबला नहीं यह हमारा मत है जैसे आप रहते हो आपका मत आप जानो
jay siyaram
आगे की पंक्तियां थोड़ा याद नहीं आ रही झूठ बोल रही हूं दो रसभरी बतिया सुना दे अपने बंद होंठ जरा खोलो रे बोलो बोलो रे बिहारी कुछ तो बोलो रे
एक और सुनते हैं बोलो बोलो रे बिहारी कुछ तो बोलो रे मैं हो गई तुम्हारी मेरे होले रे नयन दिए कछु काम ना आए तेरे दरस को है अकुल है छाई है घर अंधियारी भीतर के ही पट खोलो रे बापू बिल्कुल ठीक अंधेरी रात है आपने ठीक गया राग मालकौंस हमने पंडित जसराज जी का गया राज मॉल कौन सीखा कॉलेज में नंद के छैला ढीठ लंगरवा
बापू हमारे घर टीवी नहीं है ऐसा नहीं है कि ले नहीं सकते बस आप देखना बंद कर दिया जब से आपने हमें दूर कर दिया बड़ी कोशिश की किसी और की कथा सुन ले पर कोई मन में समय नहीं
आपकी एक कथा में हमने सुना बापू बापू ज्यादा मत करिए अगर आप हमसे सच्चा प्यार करते हैं हमने वह बंद कर दिया हमने एक को कहा उन्होंने औरों की कथा सनी शुरू कर दी हम नहीं सुन पाए बड़ी कोशिश की किसी एकांत की थोड़ा थोड़ा ज्यादा नहीं नहीं आता आप बहुत मुश्किल मुश्किल मुश्किल मुश्किल मुश्किल कथा करते हो हमको ज्यादा संस्कृत नहीं आती गुजराती हम थोड़ा थोड़ा दिल्ली की कथा में सीखे थे फिर भूल गए
मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे बापू कहते हैं समझदार दुश्मन बेवकूफ दोस्त से अच्छा
Jay siyaram 🙏
Jay siyaram
Jay siyaram