साकार में ही है निराकार की हस्ती निराकार न होता तो उसका यह जग साकार ना होता निराकार है सूर्य की भाती साकार है किरणों की भाती क्या गुरुदेव यही सत्य है या मुक्ति और कोई ज्ञान से मिलेगी में तो यही समझा हू और तो सब मन बहलाना ही है आत्म ज्ञान ही समस्त जगत का ज्ञान है जय गुरुदेव आपकी
13:17 अनुभूति ही प्रमाण मानी जाएगी बाबाजी! जब राजा जनक ने स्वप्न में अपनी मृत्यु को देखा तो वेदन से दुखी होकर अष्टावक्र से प्रश्न पूछा। उनकी मृत्यु का तो कोई प्रमाण था नहीं ? क्योंकि जीवित थे,यदि अनुभव या वेदन काल्पनिक था! तो उनका प्रश्न ही गलत था। फिर अष्टावक्र जी उसका समाधान ' ये दिन का सपना और वो रात का सपना' ऐसा क्यों देते? गोस्वामी तुलसीदास जी की चौपाई क्यों लिखते? जहां वह कहते हैं "उमा कहीहुं मैं अनुभव अपना, सत हरि भजन जगत सब सपना।। प्रसन्नता,आनंद या दुख हर अवस्था में वेदन होता है। अनुभव के साथ हुए वेदन की कीमत है कि वेदन क्या किया है? क्योंकि आत्मा चेतन है जड़ नहीं। 🙏
ब्रम्ह सत्य जगत मिथ्या ❤❤❤
Gurudev ram ram
सत गुरु देव भगवान को मेरा प्रणाम जी
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
जय जय श्री गुरुदेव दत्त कोटि कोटि प्रणाम गुरुदेव
Shree Ram Jai Ram Jai Jai Ram 🙏🙏🎉🎉💐💮💐💮🌸🌺💐💐🌻
DaduRam SatRam 🙏
Swami ji namo narayan. Sashtaang dandawat pranam 🙏🙏🙏
Param pujyaniy swamy Shri sadguru dev bhagwan ji ke charno mein Mera dandwat pranam.
परम पूज्य श्री सद्गुरु देव भगवान के पावन चरण कमलों में कोटि कोटि साष्टांग दंडवत प्रणाम!🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
Param pujya brahmgyani yugpurush Gurudev bhagwan ji ko koti koti pranam 🙏🙏🎉💐💮💐💮🌸🌺💐💐🌻🌺🌺🌹🥀🌹🏵️💐 Charan sparsh 🙏🙏🎉💐💮💐💮🌸🌸🌺🎉🎉💐💮
जय श्री मन नारायण
धन्यवाद सतगुरु कटिकटिपरणाम
❤Jai shri guru dev sadar pranam Jai shri ram Jai shri hanuman ji 🙏 ❤🎉
Jai shree guru dev ji 🎉
Pujya Gurudev bhagwan ko naman
Radhe Radhe 🙏❤️🩹
परम् पूज्य श्रद्धेय सदगुरु श्री युग पुरूष स्वामी परमानंद गिरी महाराज जी के पावन चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
🌺🌺🙏🙏🌺🌺
प्रणाम गुरू देव 🙏🏻
गुरु भगवान को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏
Shri sadguru dev bhagwan ki jai 🙏🙏
स्वामी जी के प्रवचन बहुत सरल है। मगर बहुत महत्वपूर्ण हैं।
ऋषि कुमार गर्ग, श्री गंगानगर
प्रणाम प्रभू कोटी कोटी दंडवत
Jai jai jai guru maharaj 🙏🙏🙏🙏🙏
ओम शान्ति: 🙏
❤❤❤ गुरु जी को प्रणाम❤❤❤❤ जय सच्चिदानंद❤❤
"जय जय श्री गुरुदेव"🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤⚘️⚘️⚘️⚘️⚘️⚘️
श्री सद्गुरू देव भगवान के श्री चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम।🙏🌷🌷❤️🙏
❤hsht 🎉vsuy😢hdh
ॐ परम पूज्यनीय श्रद्धेय श्री सद्गुरु देव भगवान जी के पावन श्री चरणों में सादर कोटि - कोटि नमन
Parnam Gurdev g
Naman Gurudev Fine unique satsang 🌹💕🌹 cleared bhautik "I"and Adhayatm "I"❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
❤, 🙏🙏🙏🌹🌹🙌
जय गूरू जी.
Om Shivay Namah 🙏🙏
Ramramram ram
☘️🕉☘️🚩🙏
बहुत सुंदर विचार प्रभु जी,कोटि कोटि प्रणाम
જય માતાજી
Jai jai
Pranam maharaj
You are new Buddha n Osho.
धन्यवाद गुरू जी ।
Jai Jagannath 🙏
नमोनारायष गुरुदेब!
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🙏
सहजात्मस्वृप शुद्ध चैतन्य स्वामी ने नमोनाम
🌹🙏🙏🙏🙏🙏🌹
सदगुरुदेव भगवान की जय ❤
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साकार में ही है निराकार की हस्ती निराकार न होता तो उसका यह जग साकार ना होता निराकार है सूर्य की भाती साकार है किरणों की भाती क्या गुरुदेव यही सत्य है या मुक्ति और कोई ज्ञान से मिलेगी में तो यही समझा हू और तो सब मन बहलाना ही है आत्म ज्ञान ही समस्त जगत का ज्ञान है जय गुरुदेव आपकी
13:17 अनुभूति ही प्रमाण मानी जाएगी बाबाजी!
जब राजा जनक ने स्वप्न में अपनी मृत्यु को देखा तो वेदन से दुखी होकर अष्टावक्र से प्रश्न पूछा। उनकी मृत्यु का तो कोई प्रमाण था नहीं ? क्योंकि जीवित थे,यदि अनुभव या वेदन काल्पनिक था! तो उनका प्रश्न ही गलत था। फिर अष्टावक्र जी उसका समाधान ' ये दिन का सपना और वो रात का सपना' ऐसा क्यों देते?
गोस्वामी तुलसीदास जी की चौपाई क्यों लिखते? जहां वह कहते हैं "उमा कहीहुं मैं अनुभव अपना, सत हरि भजन जगत सब सपना।।
प्रसन्नता,आनंद या दुख हर अवस्था में वेदन होता है। अनुभव के साथ हुए वेदन की कीमत है कि वेदन क्या किया है? क्योंकि आत्मा चेतन है जड़ नहीं। 🙏
जीवन स्वप्न मय ही है क्योंकि मृत्यु से ही यह टुटगा
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प्रणाम सद्गुरु सरकार
ओम श्री गुरुवे नमः
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श्री सदगुरु देवाय नमो नमः।
DaduRam SatRam 🙏