आपका कथन सनातन ही सनातन के करीब है,महात्मा जी।कबीरपंथियों का उद्देश्य , कबीर को सनातन से बाहर दिखाना है,जबकि कबीर जी ने सनातन की ही व्याख्या की है,जो एक जागृत पूर्ण पुरुष थे।जय हो आपकी। कबीर ने सच को ही उजागर किया है।ये तो पंथियों की संकीर्ण मानसिकता ही जो ,की अपनी दुकान चलने को किया ।इसका एक उदाहरण है ,संत रामपाल जो कि जेल मे सजा भोग रहा है,और उसके भक्त ,उसके महिमा मंडन में लगे है।❤❤
सर है नाम ऐसा मत कहो। मैने अनुभव किया है। प्रभु के सारे नाम हमारे द्वारे रखे गए हैं। लेकिन कबीर साहेब द्वारा बताया गया नाम से पुकारने पर साक्षत्कार होगा। अग्नि को पानी पानी पुकारने से अग्नि नहीं जलेगी।
आपका कथन सनातन ही सनातन के करीब है,महात्मा जी।कबीरपंथियों का उद्देश्य , कबीर को सनातन से बाहर दिखाना है,जबकि कबीर जी ने सनातन की ही व्याख्या की है,जो एक जागृत पूर्ण पुरुष थे।जय हो आपकी। कबीर ने सच को ही उजागर किया है।ये तो पंथियों की संकीर्ण मानसिकता ही जो ,की अपनी दुकान चलने को किया ।इसका एक उदाहरण है ,संत रामपाल जो कि जेल मे सजा भोग रहा है,और उसके भक्त ,उसके महिमा मंडन में लगे है।❤❤
कबीर साहेब को समझने के लिए कबीर होना होगा। पोथियों से कबीर पंथी होना चाहते हैं
Ek bar sadhna channel 7:30 pm.
सर है नाम ऐसा मत कहो। मैने अनुभव किया है। प्रभु के सारे नाम हमारे द्वारे रखे गए हैं। लेकिन कबीर साहेब द्वारा बताया गया नाम से पुकारने पर साक्षत्कार होगा। अग्नि को पानी पानी पुकारने से अग्नि नहीं जलेगी।