himachali dhaja | mansukh swang | आता है जी लाला मनसुख | dhaja himachali
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- Опубликовано: 21 янв 2025
- Himachali Dhaja is a folk drama of lower Himachal Pradesh. The Drama is dedicated to a Sidh Purusha named Baba Sidh Chano who was contemporary to Lord Krishna in Dwapar Yuga. The Dhaja Himachali daram consists of various roles like Ganesh puja, Narad Muni, Punjabi Jatt, Baura and Sidh Chano swaari. Many roles are full of folk music-dance and folk comedy.
"धाजा हिमाचली " हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों जैसे कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी,बिलासपुर,ऊना जिलों की लोक संस्कृति का एक अभिन्न अंग है । धाजा एक लोक मंच है लोक नाट्य संस्कृती व पूजा अर्चना है जो द्वापर युग के सिद्ध पुरुष "सिद्ध चानो " के लिए समर्पित है । इन इलाकों में बाबा सिद्ध चानो को न्याय का देवता के रूप में पूजा जाता है । जगह जगह बाबा सिद्ध चानो के मन्दिर बने हैं । धाजा या ध्वजा बाबा सिद्ध चानो की सवारी का एक नाट्य रूप है। जिसमें लोक गायन, लोक नृत्य, लोक मनोरंजन (comedy) स्वांग से लवरेज विभिन्न नाट्य रूपांतर जैसे गणेश पूजा, कृष्ण भक्ति, मनसूखा, नारद मुनि, पञ्जाबी जट्ट स्वांग, बौरा, हाथी सवारी, गद्दी स्वांग , नानके स्वांग , चूहड़ा व दाई के स्वांग आदि में लोकल भाषा में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया जाता है ।
धाजा में सभी लोक कलाकार (केवल पुरुष) भाग लेते हैं । स्वांग में महिला कलाकार का रोल पुरुष ही करते हैं जिसमें कृषण गोपियाँ , सखियाँ, जट्टी , गद्दन, दाई व लोक नरित्यागना का पार्ट पुरुषों द्वारा बखूबी प्रस्तुत किया जाता है ।
धाजा में दर्शकों के कोई एंट्री फीस नहीं होती लेकिन वे अपनी श्रद्धा से जो भी भेंट (बेल) के रूप में इन लोक कलाकारों को देते हैं वे स्वीकार कर लेते हैं।