सभी भगतो , गुरू जनों को नमन करता हूं, सब लोग, बामनिया जातें हैं मामाजी शिष्य को कहने चाहता हूं कि, या ऐसे ग्रुपों के रूप में ग्रुप बनाएं,,, मामाजी का धाम व्यवस्थित हों,, हर कोई गुरू बन कर जातें हैं,मामा बालेश्वर दयाल जी ने भक्ति आन्दोलन व भीलों जागृत किया था,, हर कोई खुद मामाजी बन जाते हैं मामाजी किस सिद्धांतों को लेकर चले थे, बामनिया में मामाजी का व्यवस्थित मंदिर या कोई बड़ा धर्मशाला बनाओं व हर लोग कोने कोने से आते है, एक राह पर नहीं चलते, झुंड में आतें हैं, झुंड में वापस चलें जातें हैं, कोई ग़लती हो मामाजी मामा बालेश्वर दयाल की जय हो
सभी भगतो , गुरू जनों को नमन करता हूं, सब लोग, बामनिया जातें हैं मामाजी शिष्य को कहने चाहता हूं कि, या ऐसे ग्रुपों के रूप में ग्रुप बनाएं,,, मामाजी का धाम व्यवस्थित हों,, हर कोई गुरू बन कर जातें हैं,मामा बालेश्वर दयाल जी ने भक्ति आन्दोलन व भीलों जागृत किया था,, हर कोई खुद मामाजी बन जाते हैं मामाजी किस सिद्धांतों को लेकर चले थे, बामनिया में मामाजी का व्यवस्थित मंदिर या कोई बड़ा धर्मशाला बनाओं व हर लोग कोने कोने से आते है, एक राह पर नहीं चलते, झुंड में आतें हैं, झुंड में वापस चलें जातें हैं, कोई ग़लती हो मामाजी मामा बालेश्वर दयाल की जय हो