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दूसरों की जिंदगी में उनकी इजाजत के बिना दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है जैसे भारतीयों को यह बीमारी हो गई है और वे दूसरों की जिंदगी में बिना इजाजत के दखलंदाजी करते रहते हैं। नतीजा यह होता है कि हम सार्वजनिक जगहों पर भी यही करने लगते हैं।
कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏 मुझे मेरे हर सवाल का जवाब मिल जाता है🙏 जैसे सिंगल लाइफ रहना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है ना कि लोगो की झूठी खुशी के कारण अपनी निजता को दाव पे लगाना,, जो लोग खुद फस जाते है समाज के इस नियम मे,वो खुद नरक की जिंदगी जीते ही है चाहते है की सबको जबरदस्ती इस नर्क के दल दल मे धकेल दो ताकि उन्हे आपकी जिंदगी बर्बाद होते देख सके, is se ज्यादा नीजी कुछ नही की आप अपनी मर्ज़ी से किसी को अपनी जिंदगी मे लाये और ना लाये🙏 जिसको लोग शादी कहते है वो एक समझौता है, जिंदगी भर का बंधन और कुछ नहीं😢
जीवन में दूसरों का दखल, एक सीमा तक ही होना चाहिए। खासकर, हमें उनसे दूर रहना चाहिए, जो हमारी आवाज को दबाने की कोशिश करते हैं। हम लोगों को नहीं बदल सकते, पर उनके साथ अपने रिश्तों को बदल सकते हैं। हमें लगातार ऐसी जगह बने रहने की कोई जरूरत नहीं है, जहां रहना हमें तकलीफ देता है।
Acharya ji ne apni jindgi bita di hum logo ko yani samaj ko sudharne main sahi galat ka gyaan karane main ab bhi agr hum unko aadarsh na mane ya unhen samaan na de to ye humare insaniyat or insan hone ki rohini/apman hoga isaliye acharya ji ko jarur sune aor unhen samjhe .
वारि जाऊँ मैं सतगुरु के, किया मेरा भरम सब दूर। चंद चढ़ा कुल आलम देखे, मैं देखूँ भरम दूर।। हुआ प्रकाश आस गयी दूजी, उगिया निर्मल नूर। माया मोह तिमिर सब नाशा, पाया हाले हुज़ूर।। विषय विकार लार जेता है, सब कुछ धूल कर दिया। पिया पियाला सुधि-बुधि बिसारि, हुआ चकनाचूर।। हुआ अमर मरें नहीं कबहूँ, पाया जीवन मूल। बंधन कटा छूटिया जम से, किया दरस मंजूर ।। ममता गई भई उर समता, सुख-दुख डारा दूर। समझे बनै कहे नहीं आवै, भयो आनंद भरपूर ।। कहें कबीर सुनो भाई साधो, बाजिया निर्मल तूर। वारि जाऊँ मैं सतगुरु के, किया मेरा भरम सब दूर।। ☝🏻संत कबीर
💜 civilization (सभ्यता)की एक बहुत बड़ी पहचान होती है, "Respect for individuality (व्यक्तित्व)"निजता का सम्मान बढ़ने लगता है जैसे जैसे सभ्यता बढ़ती है। और अगर निजता का सम्मान नहीं बढ़ रहा तो, अभी हम बहुत असभ्य लोग हैं 🙏*ना दखल करिए ना दखल करने दीजिए। Thnx sir 🙏🙏❤️
मनुष्य एक धार्मिक प्राणी है ताकि सही गलत में भेद कर सके और चेतना से सही दिशा में ले जाना चाहिए जो मानवता के कल्याण के लिए जरूरी हैं वहीं करना धर्म है यही अन्तर नर और पशु को अलग करता है
Acharya Prashant ji is very deep man of india ⭐👌🏻🗿♥️ his work 👏🏻 is always appreciable and honorable 🙏🏻🙏🏻🙇🏻🙇🏻. Acharya ji we hats of to you and your work always . After manage my economic condition I'll prefer his all videos because I feel these videos are very very informative, knowledgeable,deep,ethical,integrity,aptitude 💯🙌🏻🤍
"आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00032
✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ
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दूसरों की जिंदगी में उनकी इजाजत के बिना दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है जैसे भारतीयों को यह बीमारी हो गई है और वे दूसरों की जिंदगी में बिना इजाजत के दखलंदाजी करते रहते हैं। नतीजा यह होता है कि हम सार्वजनिक जगहों पर भी यही करने लगते हैं।
मनुष्य एक धार्मिक प्राणी हे। धर्म माने सही गलत का भेद करने का विचार।
सभ्यता माने निजता का सम्मान
कुछ भी हमारा अपना होता है क्या? हम पूरी तरह समाज के गुलाम होते हैं- आचार्य प्रशांत
कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏 मुझे मेरे हर सवाल का जवाब मिल जाता है🙏 जैसे सिंगल लाइफ रहना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है ना कि लोगो की झूठी खुशी के कारण अपनी निजता को दाव पे लगाना,, जो लोग खुद फस जाते है समाज के इस नियम मे,वो खुद नरक की जिंदगी जीते ही है चाहते है की सबको जबरदस्ती इस नर्क के दल दल मे धकेल दो ताकि उन्हे आपकी जिंदगी बर्बाद होते देख सके, is se ज्यादा नीजी कुछ नही की आप अपनी मर्ज़ी से किसी को अपनी जिंदगी मे लाये और ना लाये🙏 जिसको लोग शादी कहते है वो एक समझौता है, जिंदगी भर का बंधन और कुछ नहीं😢
आचार्य जी को कोटि कोटि नमन करती हूं हमारे जीवन में चयन और शांति प्रदान करने के लिए 🏹👍💯🌺💪🙏🌺❤
जीवन में दूसरों का दखल, एक सीमा तक ही होना चाहिए। खासकर, हमें उनसे दूर रहना चाहिए, जो हमारी आवाज को दबाने की कोशिश करते हैं। हम लोगों को नहीं बदल सकते, पर उनके साथ अपने रिश्तों को बदल सकते हैं। हमें लगातार ऐसी जगह बने रहने की कोई जरूरत नहीं है, जहां रहना हमें तकलीफ देता है।
मनुष्य की निजता ही उसकी गरिमा है- आचार्य प्रशांत
Acharya ji ne apni jindgi bita di hum logo ko yani samaj ko sudharne main sahi galat ka gyaan karane main ab bhi agr hum unko aadarsh na mane ya unhen samaan na de to ye humare insaniyat or insan hone ki rohini/apman hoga isaliye acharya ji ko jarur sune aor unhen samjhe .
वारि जाऊँ मैं सतगुरु के, किया मेरा भरम सब दूर। चंद चढ़ा कुल आलम देखे, मैं देखूँ भरम दूर।।
हुआ प्रकाश आस गयी दूजी, उगिया निर्मल नूर। माया मोह तिमिर सब नाशा, पाया हाले हुज़ूर।।
विषय विकार लार जेता है, सब कुछ धूल कर दिया। पिया पियाला सुधि-बुधि बिसारि, हुआ चकनाचूर।।
हुआ अमर मरें नहीं कबहूँ, पाया जीवन मूल। बंधन कटा छूटिया जम से, किया दरस मंजूर ।।
ममता गई भई उर समता, सुख-दुख डारा दूर। समझे बनै कहे नहीं आवै, भयो आनंद भरपूर ।।
कहें कबीर सुनो भाई साधो, बाजिया निर्मल तूर। वारि जाऊँ मैं सतगुरु के, किया मेरा भरम सब दूर।।
☝🏻संत कबीर
👏👏🕊🕊
💜 civilization (सभ्यता)की एक बहुत बड़ी पहचान होती है,
"Respect for individuality (व्यक्तित्व)"निजता का सम्मान बढ़ने लगता है जैसे जैसे सभ्यता बढ़ती है। और अगर निजता का सम्मान नहीं बढ़ रहा तो, अभी हम बहुत असभ्य लोग हैं 🙏*ना दखल करिए ना दखल करने दीजिए।
Thnx sir 🙏🙏❤️
न दखल करिए किसी के जीवन में, और
न दखल करने दीजिए, इसमें प्यार की
बात नहीं होती, ये कोई अपनेपन की
बात नहीं होती, ये हिंसा है,
निजता का सम्मान स्वतंत्रता से आता है।
स्वतंत्र हुआ नहीं जा सकता बिना बोध के बिना ज्ञान के
मनुष्य एक धार्मिक प्राणी है
ताकि सही गलत में भेद कर सके और चेतना से सही दिशा में ले जाना चाहिए
जो मानवता के कल्याण के लिए जरूरी हैं वहीं करना धर्म है
यही अन्तर नर और पशु को अलग करता है
अगर निजता का सम्मान नहीं बढ़ रहा है तो समझ लो अभी हम बहुत असभ्य हैं- आचार्य प्रशांत
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏
हमारी जिंदगी में कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है।
आचार्य जी आपको कोटि कोटि नमन करती हूं सही शिक्षा प्रदान करने के लिए 💪🏹🙏🪔💯🌺❤
Right bata bole 🙏❤👍🫡
Jai shree krishna Guru ji
किसी के मन पर और शरीर पर मत चढ़ो। दुरीया बनाना सीखीए।
फिल्मों के आधार पर जीवन जीना बंद करो मेरे भारत के सभी जनता से निवेदन है
फिल्मों में उपभोग का जो संसाधन है उसको खरीदना बंद करो
Acharya Prashant ji is very deep man of india ⭐👌🏻🗿♥️ his work 👏🏻 is always appreciable and honorable 🙏🏻🙏🏻🙇🏻🙇🏻.
Acharya ji we hats of to you and your work always .
After manage my economic condition I'll prefer his all videos because I feel these videos are very very informative, knowledgeable,deep,ethical,integrity,aptitude 💯🙌🏻🤍
🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी मैं आपका अर्जुन याद तो हैं न आचार्य आप भूल गए न 😢😢😢
प्रणाम आचार्य श्री 🙏🙏💯💯
Same incident has happened with me soldier bhai l watched video of Aacharya sir
Attention of your personal space
❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Personal space का concept हमारे लिए विदेशी है- आचार्य प्रशांत
🛐🛐
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भारत मे भीड़ ही भीड़ है,
क्या❓ फायदा,
यहाँ SPACE ही नहीं है तो
Personal Space कहॉ से आएगा...!?
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आचार्य श्री सादर प्रणाम 🙏🏻
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