मानव सेवा संघ प्राकट्य-दिवस एवं गीता-जयंति महोत्सव

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  • Опубликовано: 11 дек 2024

Комментарии • 2

  • @ajaypathak8338
    @ajaypathak8338 15 часов назад +1

    हरि शरणम

  • @sagarpurohit466
    @sagarpurohit466 13 часов назад

    ‘दु:ख का प्रभाव’ एक पुस्तक है शरणानन्दजी की, पढ़ों उसको। शरणानन्दजी की बातें जल्दी समझ में नहीं आतीं। बड़ी विचित्र बातें हैं। उन्होंने कहा है कि मैं एक क्रान्तिकारी संन्यासी हूँ। जितने साधन बताये हैं, सबमें क्रान्ति कर दी, एकदम! ऐसी विचित्र बातें बतायी हैं जो आदमी के कान खुल जायँ, आँख खुल जायँ, होश आ जायँ।-स्वामी श्रीरामसुखदासजी