Sanjay ji kahana chahuga pz pz pz atihasik grand Apne nai se daan kar de . apko pura itihas mein naam hoga. Nahi to andhra hi andhera ab Nagar Panchayat...... thanks
बहुत ही अफसोस कि बात है कि हमारे नगर पंचायत रोहतास की एक मात्र खेल मैदान अब हम से अब बिछड़ने वाला है अभी भी हमें पूरी उम्मीद है अपने नगर पंचायत रोहतास की chairman और चेनारी विधानसभा के विधायक और सासाराम लोक सभा के सांसद जी से की इस खेल मैदान को चाहे जैसे भी हो हमारे आने भविष्य के हवाले कर दिया जाए यह आप की कृपा नगर पंचायत रोहतास के लोगों के ऊपर होगा और सबसे ज्यादा नियाजी वीडियो का शुक्र गुजार हूं कि आपने हम लोगों के दर्द को दिखाने का काम किया है और हमें आगे भी आपसे यही उम्मीद है
'अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत' एक प्रसिद्ध हिन्दी लोकोक्ति है. इसका अर्थ है कि समय बीत जाने के बाद पछताने या प्रयास करने से कोई फ़ायदा नहीं होता. यह कहावत आलसी और भाग्य पर निर्भर रहने वाले लोगों के लिए चरितार्थ होती है.
ग्राउंड बचाने का सिलसिला तो पहले से ही शुरू होना चाहिए था जब ग्राउंड की स्थिति खराब हो गई थी वहां पर नाली का पानी जमा हो जा रहा है जो की खेल बंद हो गया था अगर खेल ा जाता खेल होते रहता तो ग्राउंड बचाया जाता है इसमें लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा नहीं लिया अब जो हाईकोर्ट के अधीन जमीन चला गया और इसका बिक्री हो गया। अब तो और मुश्किल हो गई है
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Sanjay ji kahana chahuga pz pz pz atihasik grand Apne nai se daan kar de . apko pura itihas mein naam hoga. Nahi to andhra hi andhera ab Nagar Panchayat...... thanks
बहुत ही अफसोस कि बात है कि हमारे नगर पंचायत रोहतास की एक मात्र खेल मैदान अब हम से अब बिछड़ने वाला है अभी भी हमें पूरी उम्मीद है अपने नगर पंचायत रोहतास की chairman और चेनारी विधानसभा के विधायक और सासाराम लोक सभा के सांसद जी से की इस खेल मैदान को चाहे जैसे भी हो हमारे आने भविष्य के हवाले कर दिया जाए यह आप की कृपा नगर पंचायत रोहतास के लोगों के ऊपर होगा और सबसे ज्यादा नियाजी वीडियो का शुक्र गुजार हूं कि आपने हम लोगों के दर्द को दिखाने का काम किया है और हमें आगे भी आपसे यही उम्मीद है
Bhut dukh ki baat h
'अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत' एक प्रसिद्ध हिन्दी लोकोक्ति है. इसका अर्थ है कि समय बीत जाने के बाद पछताने या प्रयास करने से कोई फ़ायदा नहीं होता. यह कहावत आलसी और भाग्य पर निर्भर रहने वाले लोगों के लिए चरितार्थ होती है.
सबसे दुर्भाग्य कि बात है कि रोहतास का कोई नेता या जनप्रतिनिधि ने सच के लिए और लोगो की हक के लिए आवाज नही उठाते हैं।
ग्राउंड बचाने का सिलसिला तो पहले से ही शुरू होना चाहिए था जब ग्राउंड की स्थिति खराब हो गई थी वहां पर नाली का पानी जमा हो जा रहा है जो की खेल बंद हो गया था अगर खेल ा जाता खेल होते रहता तो ग्राउंड बचाया जाता है इसमें लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा नहीं लिया अब जो हाईकोर्ट के अधीन जमीन चला गया और इसका बिक्री हो गया। अब तो और मुश्किल हो गई है
Ab kuch nhi hoga kabhi akbarpur mein ground nhi banega sirf bolte bolte aaj ground chl gya