@@SelmaarBai are bhai job p hote huye itni vidoe banav yr jinka koi mtlb ni h pahle iski vidoe dekhte thya sahi lgti thi ..news bhi deta tha ab or farzi youtube wale h un jasa ho gya h or bhai koi job lg k bada ni hota .. depend krta h insan ki thinking p ...humari itni choti soch toh Hume leke bethi h ise aage bado bhai .....mtlb educated ho job p ho or bacho ko demotivate bar bar news din m 3 bar de wo sahi h ??? Waha yr ..
Sir haryana police Kay form re-open karva do pl sir Koi Ki sir jab form fill ho rahay thay us time patwari harthal pr thay islay certificate nhi ban paye pl sir chairman tak ye bat pauchavo pl sir plplplplplplplpl
आपके द्वारा बताए गए परिदृश्य में यह प्रश्न उठता है कि क्या 3 साल पहले प्रीलिम्स परीक्षा और 3 साल बाद मुख्य परीक्षा के लिए अलग-अलग आवेदन फॉर्म भरने की स्थिति में EWS (Economically Weaker Section) श्रेणी में बदलाव करना किसी कानूनी अधिकार का उल्लंघन करता है या नहीं। मुख्य मुद्दे 1. EWS प्रमाण पत्र की वैधता: EWS प्रमाण पत्र आमतौर पर सालाना आधार पर जारी किया जाता है और यह केवल एक वर्ष के लिए वैध होता है। यदि उम्मीदवार प्रीलिम्स परीक्षा के समय EWS के लिए अर्ह नहीं था, लेकिन मुख्य परीक्षा के समय वह अर्ह हो गया है, तो उसे नए EWS प्रमाण पत्र के साथ अपनी श्रेणी अपडेट करने का अधिकार है। 2. परीक्षा प्रक्रिया की नीति: यदि परीक्षा की नीति यह स्पष्ट करती है कि एक बार श्रेणी घोषित करने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता (जैसे SC/ST/OBC/EWS), तो यह नियम सभी पर लागू होगा। लेकिन EWS प्रमाण पत्र की प्रकृति के कारण, यदि इसे सालाना अपडेट किया जा सकता है, तो यह व्यक्ति का अधिकार बनता है कि वह मुख्य परीक्षा के लिए अपनी वर्तमान स्थिति के आधार पर आवेदन करे। 3. कानूनी अधिकार: आधारभूत अधिकारों के तहत (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16), सभी को समानता का अधिकार है। यदि उम्मीदवार अब EWS श्रेणी में आता है, तो उसे इसका लाभ लेने से रोका नहीं जा सकता। किसी को EWS श्रेणी में आवेदन करने से रोकना, जबकि वह प्रमाणित रूप से अर्ह है, उसके कानूनी अधिकारों का हनन हो सकता है। 4. सरकार और आयोग की नीति: यदि आयोग ने स्पष्ट रूप से नियमों में कहा है कि प्री और मेन्स के बीच श्रेणी नहीं बदली जा सकती, तो उम्मीदवार के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, यह मामला न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, क्योंकि EWS प्रमाण पत्र स्थिति आधारित है और इसे समयानुसार बदलने की अनुमति होनी चाहिए। कानूनी दृष्टिकोण 1. न्यायालय का दृष्टिकोण: भारतीय न्यायालयों ने कई बार यह माना है कि EWS और अन्य प्रमाण पत्र समयानुसार बदल सकते हैं। उदाहरण: Supreme Court Case: Sudesh Kumari v. State of Haryana इस मामले में कहा गया था कि यदि उम्मीदवार बाद में किसी श्रेणी में अर्ह होता है, तो उसे उस श्रेणी के लाभ लेने का अधिकार है। 2. वर्तमान श्रेणी मान्य होनी चाहिए: मुख्य परीक्षा के समय, उम्मीदवार की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए। यदि EWS श्रेणी अब लागू होती है, तो इसे स्वीकार न करना अनुचित और भेदभावपूर्ण हो सकता है। निष्कर्ष यदि उम्मीदवार अब EWS श्रेणी में आता है और उसके पास मान्य प्रमाण पत्र है, तो उसे मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन करने में EWS श्रेणी का चयन करने का अधिकार है। परीक्षा आयोग की नीति और नियमों को ध्यान में रखते हुए, यह मामला न्यायालय में चुनौती देने योग्य हो सकता है, यदि श्रेणी बदलने से रोका जाता है। उम्मीदवार को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए संबंधित आयोग से संपर्क करना चाहिए और कानूनी परामर्श लेना चाहिए। आपके द्वारा उल्लिखित 'Sudesh Kumari v. State of Haryana' मामले का संदर्भ भारतीय न्यायालयों में एक महत्वपूर्ण मामला है। हालांकि, इस मामले में EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी में बदलाव से संबंधित कोई निर्णय नहीं था, बल्कि यह मामला राज्य सरकार के कर्मचारियों के पदोन्नति से जुड़ा था। इसके बावजूद, इस मामले से एक सामान्य कानूनी सिद्धांत सामने आया कि यदि कोई उम्मीदवार बाद में किसी श्रेणी में अर्ह हो जाता है, तो उसे उस श्रेणी के लाभ का अधिकार होता है। इस केस का मुख्य बिंदु यह था कि यदि किसी उम्मीदवार की श्रेणी में बदलाव होता है, तो उसे उस बदलाव के बाद मिले लाभ का हक मिलना चाहिए, बशर्ते वह नियमों के अनुसार उस श्रेणी के लिए पात्र हो। यह सिद्धांत EWS श्रेणी पर लागू हो सकता है, यदि कोई उम्मीदवार प्रीलिम्स में EWS के लिए पात्र नहीं था, लेकिन मुख्य परीक्षा के दौरान वह पात्र हो जाता है। आपके सवाल में उद्धृत किया गया केस एक उदाहरण था, जिसे यह साबित करने के लिए लिया गया कि भारतीय न्यायालयों ने इस बात को स्वीकार किया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी श्रेणी में बाद में अर्ह होता है, तो उसे उस श्रेणी का लाभ प्राप्त करने का अधिकार होता है। यह मामला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत समानता और अवसर के अधिकार से संबंधित है।
Are kro tyaari tm to , tmara to pkka aaega naam physical k liye, 42 to bhut h yrr sc me , bchhe pure nhi honge jldi se , pichli baar bhi sc k bchhe hi pure nhi ho rhe the
Old is gold ❤
Bhai pre cet 62 no. Se pass hai
Honi chahiye old cet par
Lekin 💯% ye bharti next cet pr hogi
Purane cet pr bharti honi chahiye
Ji kya from dobara reopen hoge btana ji
Age ke liye bhi aawaz utahao please
Aap khud hi awaj nhi utha rhe ...nokar thodi h bhai ye aapka
Jo naye bache wo kha jaye jinki age 2022 me 18 ni hui thi wo kha jaye jinka qualified ni ho paya tha ek cet se karwaynge kya sari bharti
4/2020 Haryana police 3rd waiting list kab tak aayegi sir ji
कोनी आवे 😢😢😢
Parso tak bhai
Achi baat kre s tu bhi isne kya pta
Sir ji pichli bhrti me 10.52 me kri thi mna paper me rhe gya tha sir 😢😢
M bi paper m rrr gya tha bhai 65 question the 😔😔
@selfishdeepu9932 koi ni bahi iss baar ho jayga
@@DEEPCREATIONHR kosis puri h bhai
Sir IRb ka medical alag hota hai kya
Mtlb specs
Aaj mera friend ke pass report aayi h haryana police pmt pst hoga Feb me
Mere bhai kit t le k aao ho details. Notice nikalvai
Pagal ho gya tau tu daily video ...rok de yr 🙏🙏
😂😂😂
ये Asi लग रहा है bai पागल तो हम है जो बेरोजगार गुम रहे है 😂
@@SelmaarBai are bhai job p hote huye itni vidoe banav yr jinka koi mtlb ni h pahle iski vidoe dekhte thya sahi lgti thi ..news bhi deta tha ab or farzi youtube wale h un jasa ho gya h or bhai koi job lg k bada ni hota .. depend krta h insan ki thinking p ...humari itni choti soch toh Hume leke bethi h ise aage bado bhai .....mtlb educated ho job p ho or bacho ko demotivate bar bar news din m 3 bar de wo sahi h ??? Waha yr ..
Sir sc category girls ko height m chhut milegi ki nhi
Hmm milegii
@@PoojaPooja-q1r matlab
Gen ki height 158cm sc ki 156cm
5.2 tak chal jaygi
Sir obc ki certificate feb 2024 ki lgai h chl jaygi na
@@kuldeepsingh-oy8ex bhai chal jayega nahi to uplode karne ka time dege fir
@@kuldeepsingh-oy8ex naa
Sir hum training par aaye hu h phir hum ko to jaldi pass out kr dege yadi jaldi bharti aa gye tu .
Sir isme age kitni count hogi gen ki 25 ya 28
25
25
28
@@MustafaKhan-ln9wq na na miter 28 ni 25 h genral ki abki bar
Sr BCA ki certificate March ki chal jav gyi k
@@DineshKumar-td1qj 16 July 2024 notification dekh le
@@DineshKumar-td1qj lagbag bachu ne purana lagya huwa h
Sir g pka old cet m hoga n
Sir grp m kya benefit h please btao ek video bnao🎉🎉🎉
Sir ji harayna police k lie correction window open hogi kya btna ji plz comment kr k 🙏🙏
Nhi
Koi confirm nahin hai bhai ji
Sir isme gen ki age m relaxation mile ga kya sir ji age 28 count ho gi kya sir ji
Ho skta h
@@jaikumar-mv7qsNa hove
Are bhai ak bari suru to kar de 😂
Confirm old m h kya sir
Sir mera 40.73 h sc category me physical aaa jaye ga kya please koi btaao 😭😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@@everyupdate-q5e sbka ayega tyari kr
Pkka bhai
Bhai form bra h jis jis n sbka aave ga
Ews m hmer ka btao 5 ki छूट मिले गी क नहज
Milegi छूट
Sir haryana police Kay form re-open karva do pl sir Koi Ki sir jab form fill ho rahay thay us time patwari harthal pr thay islay certificate nhi ban paye pl sir chairman tak ye bat pauchavo pl sir plplplplplplplpl
आपके द्वारा बताए गए परिदृश्य में यह प्रश्न उठता है कि क्या 3 साल पहले प्रीलिम्स परीक्षा और 3 साल बाद मुख्य परीक्षा के लिए अलग-अलग आवेदन फॉर्म भरने की स्थिति में EWS (Economically Weaker Section) श्रेणी में बदलाव करना किसी कानूनी अधिकार का उल्लंघन करता है या नहीं।
मुख्य मुद्दे
1. EWS प्रमाण पत्र की वैधता:
EWS प्रमाण पत्र आमतौर पर सालाना आधार पर जारी किया जाता है और यह केवल एक वर्ष के लिए वैध होता है।
यदि उम्मीदवार प्रीलिम्स परीक्षा के समय EWS के लिए अर्ह नहीं था, लेकिन मुख्य परीक्षा के समय वह अर्ह हो गया है, तो उसे नए EWS प्रमाण पत्र के साथ अपनी श्रेणी अपडेट करने का अधिकार है।
2. परीक्षा प्रक्रिया की नीति:
यदि परीक्षा की नीति यह स्पष्ट करती है कि एक बार श्रेणी घोषित करने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता (जैसे SC/ST/OBC/EWS), तो यह नियम सभी पर लागू होगा।
लेकिन EWS प्रमाण पत्र की प्रकृति के कारण, यदि इसे सालाना अपडेट किया जा सकता है, तो यह व्यक्ति का अधिकार बनता है कि वह मुख्य परीक्षा के लिए अपनी वर्तमान स्थिति के आधार पर आवेदन करे।
3. कानूनी अधिकार:
आधारभूत अधिकारों के तहत (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16), सभी को समानता का अधिकार है। यदि उम्मीदवार अब EWS श्रेणी में आता है, तो उसे इसका लाभ लेने से रोका नहीं जा सकता।
किसी को EWS श्रेणी में आवेदन करने से रोकना, जबकि वह प्रमाणित रूप से अर्ह है, उसके कानूनी अधिकारों का हनन हो सकता है।
4. सरकार और आयोग की नीति:
यदि आयोग ने स्पष्ट रूप से नियमों में कहा है कि प्री और मेन्स के बीच श्रेणी नहीं बदली जा सकती, तो उम्मीदवार के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
हालांकि, यह मामला न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, क्योंकि EWS प्रमाण पत्र स्थिति आधारित है और इसे समयानुसार बदलने की अनुमति होनी चाहिए।
कानूनी दृष्टिकोण
1. न्यायालय का दृष्टिकोण:
भारतीय न्यायालयों ने कई बार यह माना है कि EWS और अन्य प्रमाण पत्र समयानुसार बदल सकते हैं।
उदाहरण: Supreme Court Case: Sudesh Kumari v. State of Haryana
इस मामले में कहा गया था कि यदि उम्मीदवार बाद में किसी श्रेणी में अर्ह होता है, तो उसे उस श्रेणी के लाभ लेने का अधिकार है।
2. वर्तमान श्रेणी मान्य होनी चाहिए:
मुख्य परीक्षा के समय, उम्मीदवार की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए।
यदि EWS श्रेणी अब लागू होती है, तो इसे स्वीकार न करना अनुचित और भेदभावपूर्ण हो सकता है।
निष्कर्ष
यदि उम्मीदवार अब EWS श्रेणी में आता है और उसके पास मान्य प्रमाण पत्र है, तो उसे मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन करने में EWS श्रेणी का चयन करने का अधिकार है।
परीक्षा आयोग की नीति और नियमों को ध्यान में रखते हुए, यह मामला न्यायालय में चुनौती देने योग्य हो सकता है, यदि श्रेणी बदलने से रोका जाता है।
उम्मीदवार को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए संबंधित आयोग से संपर्क करना चाहिए और कानूनी परामर्श लेना चाहिए।
आपके द्वारा उल्लिखित 'Sudesh Kumari v. State of Haryana' मामले का संदर्भ भारतीय न्यायालयों में एक महत्वपूर्ण मामला है। हालांकि, इस मामले में EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी में बदलाव से संबंधित कोई निर्णय नहीं था, बल्कि यह मामला राज्य सरकार के कर्मचारियों के पदोन्नति से जुड़ा था। इसके बावजूद, इस मामले से एक सामान्य कानूनी सिद्धांत सामने आया कि यदि कोई उम्मीदवार बाद में किसी श्रेणी में अर्ह हो जाता है, तो उसे उस श्रेणी के लाभ का अधिकार होता है।
इस केस का मुख्य बिंदु यह था कि यदि किसी उम्मीदवार की श्रेणी में बदलाव होता है, तो उसे उस बदलाव के बाद मिले लाभ का हक मिलना चाहिए, बशर्ते वह नियमों के अनुसार उस श्रेणी के लिए पात्र हो। यह सिद्धांत EWS श्रेणी पर लागू हो सकता है, यदि कोई उम्मीदवार प्रीलिम्स में EWS के लिए पात्र नहीं था, लेकिन मुख्य परीक्षा के दौरान वह पात्र हो जाता है।
आपके सवाल में उद्धृत किया गया केस एक उदाहरण था, जिसे यह साबित करने के लिए लिया गया कि भारतीय न्यायालयों ने इस बात को स्वीकार किया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी श्रेणी में बाद में अर्ह होता है, तो उसे उस श्रेणी का लाभ प्राप्त करने का अधिकार होता है।
यह मामला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत समानता और अवसर के अधिकार से संबंधित है।
Training centre to khali ni hia abhi
Police line m rkhenge
Are थाने alot kr dege, centr khali hote hi bhej dege training pe, waiting walo k liye bhi esa hi kia tha
Reopen Forms
Jai Hind janaab
Bhai 38 number prr written ma aa ska hh kk bhai
Jiska physical clear smjho vo exam jrur dega, chahe cet m kitne hi no. Ho
@@indianyoutuber2874form reopen bhi hoge kya?
Haryana police old CET par hogi
Nhi hogi new cet se hogi
@navedakhtar1275 bhul ja Bhai
Bhai mere suno agar feb m na hua koi ni but agar 1% hoga to kya tum tyar ho ye sochna 🤞🤞
Mne ews sy bhrna tha Gen sy bhar dia
Gen main count honge bhai ji FIR
Sir 35,40 mai se 25 bahar hai form re open karo
बस तू ही in हो सकता हैं 😂😂
ओर तो बिना पर हाथ के पैदा होरे हैं
😅😅😅
Bharti new mai hogi waise v
@@Visible123-w6
Bhai ye to pta nhi
But race marne vale sab hai
Kisi ko kam mt samajho
Na hoya to channel delete kar ske hai k mere dosto bhai😂😂😂😂
Sir mere cet mein 42 Marks SC haryana police written mein aa jaaega kya sach btana sir ...kya mai iski tyari kru kyuki mera cpo mains h
Are kro tyaari tm to , tmara to pkka aaega naam physical k liye, 42 to bhut h yrr sc me , bchhe pure nhi honge jldi se , pichli baar bhi sc k bchhe hi pure nhi ho rhe the
@@indianyoutuber2874 written ko lekr doubt mein hu naam aaega kya ni
Sc 52 number haii bhai
Written m aaega naam yrr , jb bchhe hi pure nhi hote sc k liye, to fr jisne physical clear kr liya vo written m bii bethega
Final me 45 bhut hi Last
Old par hogi sir 🙏👍
बस बस परन् मुंह करले😂
Bhai tau aapke ps genuine information nhi h kya
Please daily na banaya karo video flop ho jaoge
Good bro
Vacant seat pr video bna do sir
Sir obc ki certificet kab ka hona chahiye
16 July 2024 k baad ka
kisne bola
@@funshun-c2g notification m dekh le bola kisi n na
@@sandeepdabar6471 vo srkar ka amendment date h
Bhai 31 march k bad k hona chiye wo next year ki 1st April Tak valid hota h
Bhai tu bhi race marle
Ok bhai ji ❤️🙏
Sir new cet base se ye bharti hogi