हिन्दी कविता - प्रकृति । Hindi poem on Nature। वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 27 сен 2021
  • प्रकृति पर हिन्दी कविता
    Hindi poem on Nature
    School Activity Task : Prepare 1 minute video on Poem On Nature
    ~ Poem Script ~
    वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी,
    कहीं उमड़ते बादल,कहीं बरसता पानी,
    कभी चलती तेज हवाएं, कभी बिल्कुल थम जाती,
    कहीं काले आसमां,
    तो कहीं सफेद का रूप ले लेती,
    कहीं फूल मुरझाये,
    तो कहीं नयी कलियाँ खिलती प्यारी,
    कहीं सर्दी में लकड़ियाँ जलती,
    कहीं वर्फ से ढकी गलियाँ मिलती,
    हर समय, हर क्षण,तू बदलती प्यारी,
    वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी,
    कहीं सुबह ओस की बूंदे,
    तो कहीं, सूरज की किरणें दिखलाती सारी,
    जंगलों में मोर नाचता,
    और आसमां में चिड़ियाँ चहचहाती प्यारी,
    वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी,

Комментарии •