गढ़वाल में मंत्रों के गुरू महाराज अजय पाल ने नाथ योगी के संसर्ग में रहने से ही पूरे गढ़वाल पर अपना आधिपत्य किया। यहां के मंत्र साहित्य में राजा अजयपाल को भी नाथ सम्प्रदाय का माना जाता है। किसी व्यक्ति के रोग दुर करने हेतु शिव-पार्वती, हनुमंत नाथ, गोरखनाथ, धन्वन्तरी, कुलदेवता के साथ-साथ नाथ योगी महाराज अजयपाल शिब अबतारी का ही आह्वान करते हैं। महाराज अजय पाल ने हर युग मे जन्म लिया महाराज अजय पाल को तात्रिक राजा भी बोला जाता है ईन्होने राज पाठ छोड कर अपनी तपस्या से सत्य भैरब नाथ ,आदि नाथ भोले नाथ को प्रसंन किया था भोले नाथ ने ईनको अपना चेला वनाया था और कहा था आप मेरे नाम से ही जाने जाओगे यह वरदान दिया था गढ़वाल में सभी प्रकार के रोगों को झाड़कर दूर करने की प्रथा प्रचलित है कांैलवायु (पीलिया) घुणदा (दांत कीड़ी) जरतोड़ा (ज्वर तोड़ना) लकवा आदि सभी रोगों को दूब, गरूढ़ पंखा, कांटेदार घास (कण्डाली, झिरणा) से झाड़कर दूर किया जाता है। इसके साथ किसी व्यक्ति के अरिष्ट, हाक दूर करने के लिये नाखून, बाल, कपड़ा आदि का प्रयोग किया जाता है और महाराज अजय पाल जोगी काया राखे नरोगी ईन के मंत्रों की दुहाई दी जाती है महाराज अजय पाल जी को गडरिया समाज का और तंत्र-मंत्र का गुरु माना जाता है और हर तांत्रिक और गडरिया समाज ईनकी पूजा करता है और ईनकी पूजा मघ्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , राजस्थान, गुजरात ,
महाराज अजय पाल जोगी काया राखे नरोगी ईन के मंत्रों की दुहाई दी जाती है महाराज अजय पाल जी को गडरिया समाज का और तंत्र-मंत्र का गुरु माना जाता है और हर तांत्रिक और गडरिया समाज ईनकी पूजा
Sahab namaskar main aapke channel se aapko yah puchna chahta hun Ki Dhum Shabd kahan se aaya aur yah log Kaun Hain Bahar Ke Log Hain Yahan Ke Log Hain kripya aap mujhe please avgat kara ine chijon se dhanyvad
Sir please ghaseri ke agle bhaag mein aap dhaari devi aur rajrajeshwari devi ki poori kahani sunaiye na aur mujhe ye bhi Jaan na h ki gadhwaal mein mata ki doli naach ka kya mahatva h
@@ghaseri धन्यवाद भाई जी वैसे थोड़ा बहुत जानकारी हमें भी है क्योंकि जीतू बगड़वाल जी हमारे पित्र देवता है जी फिर भी दूसरे के मुंह से सुनना बहुत अच्छा लगता है जी
Puri Himalayan belt ke log khasa tribe se Hain Jo ki already Mongolian mixed tribe thi... Ye bhagwan wali Kahani pe koi kaise believe Kar sakta hai... Khasa log central Asia se aaye the or Puri Himalayan belt me bas Gaye... Jisse khas desh ki sthapna Hui... Khas desh ka vivran Vedas me bhi milta tha... Aryan log khas desh se darte The... Baad Me yahi khas desh twenty two principalities me tut Gaya tha... Nepal ke raja prithivinarayan sah vedon ke follower The... Jonhone fir se in twenty two principalities ko jod kar greater Nepal ki sthapna ki Jo fir se ek khasdesh banane ka prayas tha... Bahar ke rajaon ne aakar uttarakhand ke khas logo pe shashan karna shuru kar diya tha or bahot se kile bhi banwaye the...
भारत मे फैले जातपात के कारण जो भी विदेशी भारत की ओर आते थे, वे कोशिश करते थे कि उनको ब्राह्मणों द्वारा छत्रिय घोषित कर दिए जाएं उदाहरण के तौर पर, खस(पहाड़ी)(khasas), साका(sythians), हूण(hunas), ये सब जब भारतवर्ष मे आये, तो इन्होंने हिन्दू जाती व्यस्था में ऊंचा स्थान पाने के लिए अपनी विदेशी विरासत से पीछा छुड़ाने के लिए खुद को सूर्यवंशी/चंद्रवंशी कहना शुरू कर दिया और हिन्दू धर्म से जुड़ गए।
Aapki video bhut helpful hoti h .. uttarakhand government exam ke liye.. bhut bhut dhynbad apka.
सुंदर प्रस्तुति।
👍Bahut achchi jaankari dete hai aap .Aapko meri taraf se pranaam 🙏🙏
सुन्दर जानकारी ।
Bahut Sundar Jaankari.
Bahut accha
अति सुन्दर है
Thanku sir
Ramro chha bhaisab
Jai Maharaj Ajay pal shiv avtari ki jai ho bhut Shakti shali raja Maharaj Ajay pal ji ki sedha jai
भौत बढ़िया दाज्यू।पैलाग।
Pawar vansh ki history bhi jaanli 🙏🙏
Shukriya
Tyank you for the imformation
मै आप सभी बैजी कु
बहुत अबरी छै जु आप हम ते बतने के लिए
गढ़वाल में मंत्रों के गुरू महाराज अजय पाल ने नाथ योगी के संसर्ग में रहने से ही पूरे गढ़वाल पर अपना आधिपत्य किया। यहां के मंत्र साहित्य में राजा अजयपाल को भी नाथ सम्प्रदाय का माना जाता है। किसी व्यक्ति के रोग दुर करने हेतु शिव-पार्वती, हनुमंत नाथ, गोरखनाथ, धन्वन्तरी, कुलदेवता के साथ-साथ नाथ योगी महाराज अजयपाल शिब अबतारी का ही आह्वान करते हैं। महाराज अजय पाल ने हर युग मे जन्म लिया महाराज अजय पाल को तात्रिक राजा भी बोला जाता है ईन्होने राज पाठ छोड कर अपनी तपस्या से सत्य भैरब नाथ ,आदि नाथ भोले नाथ को प्रसंन किया था भोले नाथ ने ईनको अपना चेला वनाया था और कहा था आप मेरे नाम से ही जाने जाओगे यह वरदान दिया था गढ़वाल में सभी प्रकार के रोगों को झाड़कर दूर करने की प्रथा प्रचलित है कांैलवायु (पीलिया) घुणदा (दांत कीड़ी) जरतोड़ा (ज्वर तोड़ना) लकवा आदि सभी रोगों को दूब, गरूढ़ पंखा, कांटेदार घास (कण्डाली, झिरणा) से झाड़कर दूर किया जाता है। इसके साथ किसी व्यक्ति के अरिष्ट, हाक दूर करने के लिये नाखून, बाल, कपड़ा आदि का प्रयोग किया जाता है और महाराज अजय पाल जोगी काया राखे नरोगी ईन के मंत्रों की दुहाई दी जाती है महाराज अजय पाल जी को गडरिया समाज का और तंत्र-मंत्र का गुरु माना जाता है और हर तांत्रिक और गडरिया समाज ईनकी पूजा करता है और ईनकी पूजा मघ्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , राजस्थान, गुजरात ,
जानकारी के लिए आभार।
बहुत सुन्दर जानकारी पन्त जी।
Achha ji shi bola rhe ho kyaa danywad jankari ke liye
बहुत सुंदर भैजी बहुत बहुत धन्यवाद आपकू जू आपन इतना मैहत्वपूर्ण जानकारी दिनी
बहुत अच्छी जानकारी देते हैं आप। आपको प्रणाम🙏
very nice bhaiji thanks
Bhut sundar dhanyabad is information ke liye
आपकु बहुत बहुत धन्यवाद 😍💓👌👌
Nice
Bohot achhi jankari di aapne👌
very nice
अच्छी जानकारी दी । धन्यवाद ।
Very nice 👌👌👌
nice
जानकारी बहुत अच्छी लगी 👌
Love my garhkumaun ..
..
Atisundar sir aap ka samzane ka method awesome hai.me or mera beta aap ko hamesha dekhte hain...
Sir batayiye plz लालकुआ name kyu pada
महाराज अजय पाल जोगी काया राखे नरोगी ईन के मंत्रों की दुहाई दी जाती है महाराज अजय पाल जी को गडरिया समाज का और तंत्र-मंत्र का गुरु माना जाता है और हर तांत्रिक और गडरिया समाज ईनकी पूजा
सारी कहानियां बहुत अच्छी हैं 🙏
Sir you are great
Bahut sundar jankari
Jai badri bishal 🙏
Bahut badhiyan bhai..
Jai Maa Nanda devi
Aap aur aapke Pariwar jano pe Maa nanda ki kripa bniii rahe🙏
Bahut bahut dhanyawad ji jankari dene k liye
Nice information sir.....gud job👍
Bahut achiii jankari di aapne
Right
Very nice video
Waw
ok ji yaad rahega
jai uttarakhand devbhoomi❤🙏🌹🤗
बहुत सही जानकारी
🙏🙏
Bhai ji make video on Uttrakhand history !!! nice video
Good
Knowledge ki bat hai sabhi dekhe
Nice dada
🌷
🚩परमेश्वर महाराज श्री अजय पाल पावर अजर-अमर रहे 🚩🚩🚩
🙏 जय श्री गढ्वाल 🙏
🇳🇵जय नेपाल !!!
Good motivation
Bhaiji kumaoni ke bare main puri jankari rakhe
Aapne abhi tk meri di gayi lok katha ni dikhayi
घसेरी पर उत्तराखंड की लोक कहानियां हर शनिवार को प्रसारित होती है। आपकी कहानी जरूर प्रसारित किया जाएगा लेकिन थोड़ा इंतजार करना होगा।
@@ghaseri ji shukriya main aapke ish uttar ka adar krta hu dhanywaad
Main koshis karunga aur lok kahani jo kch gyan vardhak bhi hogi
please brief many title's born at garhwal and kumoun
Jai devbhumi jai uttarakhand
Thank u for information kumau
भैजि जरा जितु बग्ड्वाल पर भी एक वीडियो बनिए
Hmm
Sahab namaskar main aapke channel se aapko yah puchna chahta hun Ki Dhum Shabd kahan se aaya aur yah log Kaun Hain Bahar Ke Log Hain Yahan Ke Log Hain kripya aap mujhe please avgat kara ine chijon se dhanyvad
Aap gadwali language bolte hue hi achhe lagte h sir
Sahi kha
VIDEO 24/07/19.
19/08/19.MUMBAI 19.46 HRS. THANKS.
Sir लालकुआ name kyu pada
yaad rakhulu mi ji
👌
very.nice.sir.g.s.s.chd.from.
almora.uk
I.love.my.uk.almora
❤️❤️❤️
sir kya gadwali aur kamouni same ek hi language bolte hai ya alag alag ??
अलग अलग
Jai uttrakhand
बहुत भाली बात बतै हो दाजू तुमूल
Sir please ghaseri ke agle bhaag mein aap dhaari devi aur rajrajeshwari devi ki poori kahani sunaiye na aur mujhe ye bhi Jaan na h ki gadhwaal mein mata ki doli naach ka kya mahatva h
Gadwal + kumou = dui dagdiya ❤💪
बहुत अच्छी जानकारी देते हैं पंत भाई जी आप कभी जीतू बगड़वाल पर भी कहानी सुनाइए भाई जी
घसेरी के वीडियो में सर्च करिये। जीतू बगड्वाल की कहानी आपको मिल जाएगी। पिछले सप्ताह ही प्रसारित की थी। आभार।
@@ghaseri धन्यवाद भाई जी वैसे थोड़ा बहुत जानकारी हमें भी है क्योंकि जीतू बगड़वाल जी हमारे पित्र देवता है जी फिर भी दूसरे के मुंह से सुनना बहुत अच्छा लगता है जी
Sir Uttrakhand me rehne wale Bhotiya log Garhwali hote hain ya Kumaoni??
@Prashant Rawat bhai bhotiya to gurkhiya type ho skte hei kya bhutiya logo se shadi ho skti ha kisi non botiya gadwali ki?
Bhandari k udgam ki history k bare m baato bhai
Tum bhot bdhiya kaam kana chho
Ty for the information but bhot bhayankar Hindi Hai apka . 😁🤣😂😉🤗
Puri Himalayan belt ke log khasa tribe se Hain Jo ki already Mongolian mixed tribe thi... Ye bhagwan wali Kahani pe koi kaise believe Kar sakta hai... Khasa log central Asia se aaye the or Puri Himalayan belt me bas Gaye... Jisse khas desh ki sthapna Hui... Khas desh ka vivran Vedas me bhi milta tha... Aryan log khas desh se darte The... Baad Me yahi khas desh twenty two principalities me tut Gaya tha... Nepal ke raja prithivinarayan sah vedon ke follower The... Jonhone fir se in twenty two principalities ko jod kar greater Nepal ki sthapna ki Jo fir se ek khasdesh banane ka prayas tha... Bahar ke rajaon ne aakar uttarakhand ke khas logo pe shashan karna shuru kar diya tha or bahot se kile bhi banwaye the...
भारत मे फैले जातपात के कारण जो भी विदेशी भारत की ओर आते थे, वे कोशिश करते थे कि उनको ब्राह्मणों द्वारा छत्रिय घोषित कर दिए जाएं उदाहरण के तौर पर, खस(पहाड़ी)(khasas), साका(sythians), हूण(hunas), ये सब जब भारतवर्ष मे आये, तो इन्होंने हिन्दू जाती व्यस्था में ऊंचा स्थान पाने के लिए अपनी विदेशी विरासत से पीछा छुड़ाने के लिए खुद को सूर्यवंशी/चंद्रवंशी कहना शुरू कर दिया और हिन्दू धर्म से जुड़ गए।
Jankari achi h par apke bolne ke tarike ko behtar kar skte ho...Aisa lagta h jaise kisi bache ko padha rhe ho
धन्यवाद
राधे राधे भैजी धन्यवाद
Veerry good sir
Very nice
Very nice