Sat sahib papa......with the true bhagti given by God sant rampal ji maharaj you stay in satlok....missing you a lot...we loves you a lot.....we will definitely comes to satlok ....jai ho bandi chord satguru rampal ji maharaj ji ki....Love you ...all words spoken by you are written on our heart ....you are the true disciple of God kabir and we respect you a lot....Sat sahib ji
Es interview ko Sikh shrdhalu jrur suny dekhy aur schhai ko janey..ki kis bhgwan ki pooja krni chahey...jis se hmara jivn mrn se moksh hoga.. 🌹👋sat sahib ji 👋🌷
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
@@birendrakumar8435👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
@@birendrakumar8435😂😂😂👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
Sat sahib ji bandi chhod bhaght Kabir sahib ji bandi chhod sant rampal Maharaj Ji ki jai ho shukriya guru ji blessings me and my family members shukrana g
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
Is prakar purnparmata ko jana jata hai aur bhagwan ko jana jata hai sat saheb Jay ho bandhichhor sant rampal bhagwan ki jay ho singheshwar baraik West Bengal district Darjeeling se
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
मैंने भी नामदान लिया था और बाद में जब 3 से 4 बार जाकर वापस आया वहां से, तो मेरे मन में बहुत सारे प्रश्न थे जिसका आज तक जवाब नही मिला, जब रामपाल जी पूर्ण संत है,तो उन्हे तो किसी का भय नहीं होना चाहिए,फिर क्यों बुलेटप्रूफ शीशे में ऊपर बैठ के प्रवचन देते है, kyu bodyguard lekr chlte hain,jo साए की trh peeche 2 बंदूक लेकर चलता है,जब परमात्मा परमेश्वर कबीर साहब जी रहते हैं उनके साथ तो क्या काम उसका,इसके अलावा भी बहुत प्रश्न है मेरे जिसका आज tk jwab nhi mila mujhe isliye maine chod diya🙏🙏🙏🙏🙏
agr aise intrview sun ke bhi koi satguru rampal ji maharaj ki sharan me aane me der krta h to bs kya smjhaye un aatmayo ko satgru dev ji dharti pe parmatma aaye huye h sat sahib ji guru ji ke charno me deepika dasi ka kotti kotti dandwat parnam
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️. ... ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं... ... *भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻 *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* ੴ सतिगुर प्रसादि॥ *ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥* हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है, *गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥* हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥ *जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥* जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है। *नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️ मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️ *नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈 उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈 *कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥* रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥ *मारू ॥* मारू॥ *सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥* जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं; *चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥ *हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥* हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं, *अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥* अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥ *नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥* अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके *बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥* व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥ *सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥* सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है। *कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥* रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥ Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106 Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
Pujya Gurudev satguru Rampal ji Maharaj ji ke charno me daas ka koti koti dandwat parnam savikar karna ji
Real God sant Rampal Ji Maharaj ke jay ho 🙏🙇🙇🙏🙏🙇🙇🙏🙏🙇🙏🙇
Sat sahib papa......with the true bhagti given by God sant rampal ji maharaj you stay in satlok....missing you a lot...we loves you a lot.....we will definitely comes to satlok ....jai ho bandi chord satguru rampal ji maharaj ji ki....Love you ...all words spoken by you are written on our heart ....you are the true disciple of God kabir and we respect you a lot....Sat sahib ji
Cg
Es interview ko Sikh shrdhalu jrur suny dekhy aur schhai ko janey..ki kis bhgwan ki pooja krni chahey...jis se hmara jivn mrn se moksh hoga.. 🌹👋sat sahib ji 👋🌷
🙏kr joru binti kru dhru chran pr sis sad guru satrampal ji maharaj ne dio nam bksis .
Sat sahib guru ji koti koti pranam 🙏🙏 Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ke jai ho 🙏❤️❤️❤️🙏🙏🙏
SAT SAHIB JI ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
जय हो बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी
महाराज की 🙏🙏🙏🙏
Satguru devji ke charno me koti koti naman
Sat saheb jee
Bandi chhod Satguru Rampal ji Maharaj ji ki jai ho🙇🏻♂️🙇🏻♂️
जागो रे परमेश्वर के चाहने वालो प्रकट हो चुका है जगत का तारणहार सतलोक आशरम बरवाला जिला हिंसार हरियाना में।।
🙏 Sat saheb ji 🙏 kabir is supreme God Das ka koti koti dandwat pranam. Pramatma Apne chrno me Rakheye.
बन्दी छोड़ कबीर साहेब की जय.........बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो....सत साहेब
संतू दास मीणा भरू झुंझुनू 6 3 7 5 48 22 33 सतसाहिब जी जय हो बंदी छोड़ कि कोटि-कोटि प्रणाम
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
दास का कोटि-कोटि नमन और दण्डवत प्रणाम मालिक तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के चरणकमलों में 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
Sat saheb permatma kabir ji bhagwan ki jai ho
What a good knowledge ? I am shocked .Kabir is really god.
Ha
K-Khuda
A-Allah
B-Bhagwan
I-Ishwar
R-Rabb
हम सुल्तानी नानक तारे दादू कु उपदेश दिया
जाति जुलाहा भेद ना पाया वो काशी माहे कबीर हुवा
@@birendrakumar8435👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
जागो रे परमेश्वर के चाहनेवालों प्रकट हो चुका है जगत का तारणहार जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो
हरि आए हरियाणे नू
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
@@birendrakumar8435😂😂😂👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
Sb to vdaaaa kveer hi aa ety sb nkli ny hor bndi sod setguru rampal g mehraj ki jey hoo set saihb g 🙏🙏🌍🌍🌍🌍🌍🌍
Jaisa Bhojan Kijiye
Vaisa Hi Mana Hoye
Jaisa Paani Pijiye
Taisi Vani Hoye__Sat sahib jii
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
और संत सब कूप है केते सरिता नीर ,दादू अगम अगाद है ये दरिया सत्य कबीर।।सत साहेब
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है संत रामपाल जी महाराज की जय हो सत साहेब
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
Jai guru Dev Kabir parmeshwar rampal Maharaj ki jai hoo 🙏 🙏🙏 🙏
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु किरपा कर अपनायो
sat sahib ji
jagat guru tatavdarse Sant Rampal Ji Maharaj Ji Ki jai ho
Sat saheb g Koti Koti dendotam prannam g
Kabir is Supreme God
Sat saheb Maharaj Ji KO koti koti parnam sat shabe Maharaj Kabir sahib ji ko koti koti parnam
Sat sahib ji bandi chhod bhaght Kabir sahib ji bandi chhod sant rampal Maharaj Ji ki jai ho shukriya guru ji blessings me and my family members shukrana g
Satguru Rampal ji Maharaj ki Jai ho.
Jai ho bandi chhor ki..
Sat SAhib ji
जैय हो वंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की
Sat guru dev ki Jay h0
Jagat Guru tatavdarsi sant Rampal Ji Maharaj ji ki jay ho
सत साहिब 🙏🙏🙏SAT SAHEB JI
Aap bhagayea chhali ho , sat sahib ji, bandi chhod sant Rampal ji ki jai ho
Waheguru waheguru ji 🙏🙏
bandi chhor satguru Rampal ji maharaj ji ki jai ho......... kabir sahib ji he smrth parmatma hai
🙏🏻sat saheb 🙏🏻
पार ब्रह्म सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय
Jai ho bandi chhod ki
Jai
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
Sat sahib ji sat Kabir sahib❤
गुरूजी तुम ना भूलीयो चाहे लाख लोक मिल जाए तुमको हमसे बहुत हैं हमको तुमसे नाही सत साहिब🙏🙏
Bahut hi Badiya interview
Sant rampal ji mharaj purn satguru kbeer is god sat sahib guru ji
Very nice story
Satguru rampal ji parmeshwar ji ki jai ho sat sahib g
Sat sahib ji kabir is superme god 👏🙏🏻
सब धरती कारज करूँ, लेखनी सब बनराय ।
सात समुद्र की मसि करूँ गुरुगुन लिखा न जाय ॥
Sat saheb Kabir sahib Maharaj koti koti naman
The Bitter Truth :)
कबीर ही परमात्मा हैd
hmare sath bhi aaye din guru ji itne chmtkar krte h ke bta hi nhi skte hmare guru ji bahot dyalu h
Sir ji kya me aap se 2 minute baat kar sakta hu mujhe kuch puchna hai sant rampal ji k barey me
Sir app, boliye kya puchna h संत रामपाल जी महाराज जी के बारे मे,,
ਕੋਟਿ ਕੋਟਿ ਪਰਣਾਮ 🙏🙏🙏🙏😭😭😭
JagatGuru Tatvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj
very good
Dya bnaye rakhna malik❤❤
सतगुरु कु क्या दीजिए, तन मन धन और शीश।
पिण्ड प्राण कुर्बान कर, जिनभक्तिदई बख्शीश।।
Guru Granth Sahib me prman hai kabir sahib Bhagwan hai 🙏🙏
पूर्ण संत रामपालजी महाराज के चरणों मे दंडवत प्रणाम 🙏🏼
Sat shiab ji
Sat saheb ji 🙏🙏🙏🙏🙏
Is prakar purnparmata ko jana jata hai aur bhagwan ko jana jata hai sat saheb Jay ho bandhichhor sant rampal bhagwan ki jay ho singheshwar baraik West Bengal district Darjeeling se
सत साहेब
सत गुरू के दरबार मे कमी काहे नाही
हसां मोज न पावता, तो चूक चाकरी माहीं
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
जय हो बन्दी छोड़ सतगुर रामपाल जी महाराज की
सत साहेब जी
Satguru aaye dya kri ese din dyal bandi chhod beerd tas ka jthragini prtipal
Anshu Verma beutiful queen ho app
+Mk Ms j batt sochna aggar koi app k bhen ko aisa bole to app ko kaisa lagge gya ==Mk Ms
@@deepagujjar3238 shi kha bhai. Sat sahib ji
गरीब - कर जोरु विनती करू, धरू चरण पर शीश!!
सद्गुरु सन्त रामपाल जी महाराज ने दियों नाम बख़्शीश!!
Sath shahab ki jai hoo 🙏🙏🙏🙏
😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏🏳️sat sahab
Satguru g ki jai h9
अनमोल वचन
गुरु ग्रंथ साहिब में प्रमाण है जिंदे महात्मा के रूप में नानी जी को कबीर साहिब मिले सचखंड से परिचित कराया
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
Jai Ho Bandiii Chhod Ki🙏🏻🙏🏻
बहुत सुन्दर ज्ञान है कबीर साहेब भगवान् है बेदो में परम है कबीर साहेब भगवान् है
🙏 Sat saheb ji🙏
🙏 Sat saheb ji 🙏
सत गुरु राम पाल जी महाराज की जय हो
sab Sach h bhut fyada ho ta h mere rampal ji mharaj jute nhi h Sat saheb ji Sat guru rampal ji mharaj ki jai ho
Sant saheb.
i just want to say one thing if you want to understand guru granth sahib ji properly you just need to read prof. sahib singh's teeka
कबीर सब जग निर्धना धन्वन्ता न कोई धन्वन्ता सो जानिए जिसे राम नाम धन होय
बाहर क्या दिखलाये , अंतर जपिए राम |
कहा काज संसार से , तुझे धानी से काम ||
Sath Sahib ji 🙏
Sat sahib g
जय हो कबीर परमेश्वर जी की
मैंने भी नामदान लिया था और बाद में जब 3 से 4 बार जाकर वापस आया वहां से, तो मेरे मन में बहुत सारे प्रश्न थे जिसका आज तक जवाब नही मिला, जब रामपाल जी पूर्ण संत है,तो उन्हे तो किसी का भय नहीं होना चाहिए,फिर क्यों बुलेटप्रूफ शीशे में ऊपर बैठ के प्रवचन देते है, kyu bodyguard lekr chlte hain,jo साए की trh peeche 2 बंदूक लेकर चलता है,जब परमात्मा परमेश्वर कबीर साहब जी रहते हैं उनके साथ तो क्या काम उसका,इसके अलावा भी बहुत प्रश्न है मेरे जिसका आज tk jwab nhi mila mujhe isliye maine chod diya🙏🙏🙏🙏🙏
Gyan samjho saansarik cheej mat samjho bhai
Kabir ji kaise examine kiya tha pahle shishyo ko 600 year pahle jante ho
Danak roop raha kartaar guru granth sahib parsth no 24
Sat Saheb 🙏🏻
जय बंदी छोड़ की
परमपिता परमेश्वर बंदीछोड सदगुरु रामपालजी महाराज की जय हो
Waheguru ji is Kabir Sahib🙏
Puran guru granth sahib sab tey mehar karna ji
🙏🙏
सदगुरु जो चाहे सो करई
Nice
Sach bol raha ha 100 parsant par apna dukh vi door karana app koi jaal vech ha
सत साहेब जी 🙏
Sat SAhib ji bhagat ji
Very nice
agr aise intrview sun ke bhi koi satguru rampal ji maharaj ki sharan me aane me der krta h to bs kya smjhaye un aatmayo ko satgru dev ji dharti pe parmatma aaye huye h sat sahib ji guru ji ke charno me deepika dasi ka kotti kotti dandwat parnam
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है 🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️ 👈 👈
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️👈
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi
SAT Sahib ji
Sat. Saheb