हीरासिंह राणा जी को याद करने के लिए आपका आभार। जब भी इस तरह की विभूतियों के बारे में कार्यक्रम बनायें तो तथ्यों, भाषा और उच्चारण पर ध्यान जरूर दें। राणाजी के बारे में ज्यादातर जानकारियां सही नहीं थी। राणा जी के कविता-गीत संग्रह को आपने उनकी संस्थाएं बता दिया। ‘प्योली और बुरांस’, ‘मानिलै डानि’ और ‘मनखों पड्याव में’ राणा जी के कविता संग्रह हैं, न कि संगठनों के नाम। आपने कहा कि हीरासिंह राणा ने उत्तराखंड आंदोलन में ‘लस्का कमर बांदा’ गीत लिखा था। राणा जी का यह गीत उनके पहले कविता संग्रह ‘प्योली और बुरांस’ का है। जिस किताब को आप दिखा रहे हैं, वह मेरी संपादित पुस्तक है। जिसका जिक्र करना भी आपने उचित नहीं समझा। यह पत्रकारिता और लेखन के मूलभूत सिद्धान्त के भी खिलाफ है। ‘संघर्षों का राही’ पुस्तक एक छोटा संकलन मात्र है। इसमें उनकी कुछ ही कविताएं और गीत संकलित हैं। कुछ लोगों ने उनके बारे में लिखा है। उनके रचना संसार और गीत-कविताओं के बारे में बहुत अच्छे रचनाकारों ने इस पुस्तक में लिखा है, उन्हें संदर्भित करने की बजाए आप सोशल मीडिया में उनके बारे में कहीं बातों को ही कह रही थी, जिनमें अधिकतर गलत थी। मेरा आपके प्रयासों को साधुवाद है, लेकिन जब भी इस तरह की महत्वपूर्ण चीजें आप दें उसके शोध पक्ष को जरूर देखें।
सर प्रणाम... आपने कहा कि राणा जी के बारे में ज़्यादातर जानकारियां सही नहीं थीं। सर जो भी जानकारियां हमने ली हैं...वो उद्धृत किताब और हिरदा के दिए हुए पुराने इंटरव्यू और एकाध न्यूज़ आर्टिकल से लिए गए हैं जो हम आपके सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। हां। एक जगह के लिए हम ज़रूर क्षमाप्रार्थी होंगे जहां पर गलती से संस्थाओं और कविता संग्रहों के नाम मिक्स हो गए हैं। क्योंकि वहां पर आप ध्यान से सुनेंगे तो संगठनों के तुरंत बाद कविता संग्रह भी बोले गए हैं। फिर भी क्योंकि वो वाक्य सही साउंड नहीं हो रहा तो उसे हम डिलीट कर रहे हैं। रही बात लस्का कमर बांधा की... तो वो उत्तराखंड आंदोलन के दौरान खूब गाया गया। इसलिए हमने वो गीत वहां पर Quote किया है। ये बात भी दो अखबारों के पोर्टल से ली गई है। और बाकी सामग्री जो भी है, वह हिरदा के पुराने इंटरव्यू और आपकी किताब के आधार पर हैं। दूसरी तरफ़, हम आपको श्रेय नहीं देना चाहते थे, ऐसा नहीं है। दरअसल हमने किताब के कवर की तस्वीर ही पूरी इस्तेमाल की है जिसमें आपका नाम दिखाई दे रहा है। हमें लगा ये काफी होगा। फिर भी अगर ये आपको नाकाफी लगा होगा तो हम आगे से ध्यान रखेंगे सर। और बाकी उच्चारण और भाषा को लेकर आपके सुझावों को तहेदिल स्वीकार करते हैं और उन पर काम करेंगे। कमेंट कर सुझाव और त्रुटियों की तरफ़ इंगित करने के लिए आपका धन्यवाद।
हिर दा की कहानी सुना कर आप ने बड़ा भावुक कर दिया,ऐसा लगता है जैसे संघर्ष का दूसरा नाम हिर दा हो राणा जी को कुमाऊ का किशोर कुमार कहा जाय तो भी कुछ गलत न होगा वे एक लोक गायक के साथ एक महान गायक भी थे मैडम मै आप से बिनती करता हूँ कि आप एक ऐसा ही कार्यक्रम गोपाल बाबू गोस्वामी जी पर भी बनाय ii धन्यवाद 🙏🙏
हिरदा एक महान गीतकार एवं महान कवि और हिरदा ने अपने हर गीत में गजब रचना की है दिल्ली के गोल मार्केट एरिया में रामलीला के एक मंच से सौभाग्य से मैंने भी उन्हें सुना देखा हिरदा को मेरा कोटि कोटि नमन ❤❤❤❤
नियति की यही विडंबना रही है। अच्छे लोगों को संघर्षों मे ही जीवन गुजारना पड़ता हैं । अक्सर मैंने देखा है , निर्मल - हृदय .के व्यक्ति अपना जीवन अभावों . मे ' गुजारते है , लेकिन अतिम सत्य उनके साथ - होता है, उनकी आत्मा संतुष्ट हो कर विदा हो होती है , अन्य लोगोंको जो जीवन मूल्यों के विपरीत जीवन जीते हैं , वह अंतिम समय में पश्चाताप की अग्नि मे झुलसते हुए विदा होते हैं।
हिरदा को हमने रोड के किनारे आदर्श की बस का इंतजार करते देखा दिल्ली को जब जाते थे , नाई के वहां जब बाल कटवाने आते थे तो अपने ही नंबर पर कटवाते थे बहार से नंबर पर बैठे रहते थे सादगी
आप कैसी निरस बात कर रही हो जो जिंदा नही है उनका जिक्र हो रहा है ! जिक्र करना ही है तो इस सांदार गीत का जिक्र करो! क्या सामाजिक चेतना की बात होती है क्या गीतों से? अगर होती तो गिर्दा मरने तक लोगो के बीच उस सम्मान के लिए तरसते रहे जो उनको मरने के बाद मिली ruclips.net/video/mmLqJa0h1gk/видео.htmlfeature=shared
कुमाऊनी भाषा के महान गीतकार,कवि और गायक को नमन 🙏
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हीरासिंह राणा जी को याद करने के लिए आपका आभार। जब भी इस तरह की विभूतियों के बारे में कार्यक्रम बनायें तो तथ्यों, भाषा और उच्चारण पर ध्यान जरूर दें। राणाजी के बारे में ज्यादातर जानकारियां सही नहीं थी। राणा जी के कविता-गीत संग्रह को आपने उनकी संस्थाएं बता दिया। ‘प्योली और बुरांस’, ‘मानिलै डानि’ और ‘मनखों पड्याव में’ राणा जी के कविता संग्रह हैं, न कि संगठनों के नाम। आपने कहा कि हीरासिंह राणा ने उत्तराखंड आंदोलन में ‘लस्का कमर बांदा’ गीत लिखा था। राणा जी का यह गीत उनके पहले कविता संग्रह ‘प्योली और बुरांस’ का है। जिस किताब को आप दिखा रहे हैं, वह मेरी संपादित पुस्तक है। जिसका जिक्र करना भी आपने उचित नहीं समझा। यह पत्रकारिता और लेखन के मूलभूत सिद्धान्त के भी खिलाफ है। ‘संघर्षों का राही’ पुस्तक एक छोटा संकलन मात्र है। इसमें उनकी कुछ ही कविताएं और गीत संकलित हैं। कुछ लोगों ने उनके बारे में लिखा है। उनके रचना संसार और गीत-कविताओं के बारे में बहुत अच्छे रचनाकारों ने इस पुस्तक में लिखा है, उन्हें संदर्भित करने की बजाए आप सोशल मीडिया में उनके बारे में कहीं बातों को ही कह रही थी, जिनमें अधिकतर गलत थी। मेरा आपके प्रयासों को साधुवाद है, लेकिन जब भी इस तरह की महत्वपूर्ण चीजें आप दें उसके शोध पक्ष को जरूर देखें।
Well said Madam and very much appreciate your work. This shows the level of ethics in journalism followed nowadays.
सर प्रणाम... आपने कहा कि राणा जी के बारे में ज़्यादातर जानकारियां सही नहीं थीं। सर जो भी जानकारियां हमने ली हैं...वो उद्धृत किताब और हिरदा के दिए हुए पुराने इंटरव्यू और एकाध न्यूज़ आर्टिकल से लिए गए हैं जो हम आपके सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। हां। एक जगह के लिए हम ज़रूर क्षमाप्रार्थी होंगे जहां पर गलती से संस्थाओं और कविता संग्रहों के नाम मिक्स हो गए हैं। क्योंकि वहां पर आप ध्यान से सुनेंगे तो संगठनों के तुरंत बाद कविता संग्रह भी बोले गए हैं। फिर भी क्योंकि वो वाक्य सही साउंड नहीं हो रहा तो उसे हम डिलीट कर रहे हैं। रही बात लस्का कमर बांधा की... तो वो उत्तराखंड आंदोलन के दौरान खूब गाया गया। इसलिए हमने वो गीत वहां पर Quote किया है। ये बात भी दो अखबारों के पोर्टल से ली गई है। और बाकी सामग्री जो भी है, वह हिरदा के पुराने इंटरव्यू और आपकी किताब के आधार पर हैं। दूसरी तरफ़, हम आपको श्रेय नहीं देना चाहते थे, ऐसा नहीं है। दरअसल हमने किताब के कवर की तस्वीर ही पूरी इस्तेमाल की है जिसमें आपका नाम दिखाई दे रहा है। हमें लगा ये काफी होगा। फिर भी अगर ये आपको नाकाफी लगा होगा तो हम आगे से ध्यान रखेंगे सर। और बाकी उच्चारण और भाषा को लेकर आपके सुझावों को तहेदिल स्वीकार करते हैं और उन पर काम करेंगे। कमेंट कर सुझाव और त्रुटियों की तरफ़ इंगित करने के लिए आपका धन्यवाद।
हीरदाउत्तराखंड की शान अमर रहें।
❤बहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण
🕉️Heera is a Great person🌞🎇🙏🕉️
हिर दा की कहानी सुना कर आप ने बड़ा भावुक कर दिया,ऐसा लगता है जैसे संघर्ष का दूसरा नाम हिर दा हो राणा जी को कुमाऊ का किशोर कुमार कहा जाय तो भी कुछ गलत न होगा वे एक लोक गायक के साथ एक महान गायक भी थे मैडम मै आप से बिनती करता हूँ कि आप एक ऐसा ही कार्यक्रम गोपाल बाबू गोस्वामी जी पर भी बनाय ii धन्यवाद 🙏🙏
Hirda ke geeta hamne bhi sune the. Unhe shat- shat naman
हिरदा एक महान गीतकार एवं महान कवि और हिरदा ने अपने हर गीत में गजब रचना की है दिल्ली के गोल मार्केट एरिया में रामलीला के एक मंच से सौभाग्य से मैंने भी उन्हें सुना देखा हिरदा को मेरा कोटि कोटि नमन ❤❤❤❤
हीरा सिंह राणा G वास्तव मे एक महान उतराखंडी कलाकार थे 👍
Nice
सत् सत् नमन 🙏
आ लिली बाखरी लिली छू छू ❤❤❤❤
कुमाऊनी भाषा के गीतकार गायक कवि स्वर्गीय श्री हिरा सिंह राणा हिरदा को सत सत नमन विनम्र श्रद्धांजलि 💐💐👏👏
🙏🙏
Hirda Amar rahe..🎉🎉🎉
first commnt
जय माता की । जय हो राणा जी की ।
हिरदा एक सुंदर गायक नहीं अच्छे कवि भी थे। इन्होंने अपने गीतों की रचना स्वयं की थी। सही मायने में राणा जी कुमाऊँनी भाषा के बहुत अच्छे ज्ञाता और कवि थे।
महान गायक को नमन
नियति की यही विडंबना रही है। अच्छे लोगों को संघर्षों मे ही जीवन गुजारना पड़ता हैं । अक्सर मैंने देखा है , निर्मल - हृदय .के व्यक्ति अपना जीवन अभावों . मे ' गुजारते है , लेकिन अतिम सत्य उनके साथ - होता है, उनकी आत्मा संतुष्ट हो कर विदा हो होती है , अन्य लोगोंको जो जीवन मूल्यों के विपरीत जीवन जीते हैं , वह अंतिम समय में पश्चाताप की अग्नि मे झुलसते हुए विदा होते हैं।
Mahan gayak hriday ko Naman
हीर दा आप को कोटि कोटि प्रणाम
To salute Hirda🎉
Koti koti Naman Hirda ko
Hira singh Rana My village Dadholi Manila almora
ruclips.net/video/1-ux2UdsniA/видео.htmlsi=79PpQ6sNcuQP4tKp
❤
Bhagwati channel ko bahut bahut
RESPECT 🌸❣️
जय माता की। राणा जी के जीवन पर अपने विचार दे रहे हो , तो कृपया मानिला का उच्चारण शुद्ध बोलने की कृपा कीजिए , एवं सही जानकारी एकत्रित करके दीजिए।
13 जून 2020 बोला जाय।
Uksssc ki taiyari krne vale kon kon h ❤😅😅 ab gane se v n. M pao
हिरदा को हमने रोड के किनारे आदर्श की बस का इंतजार करते देखा दिल्ली को जब जाते थे , नाई के वहां जब बाल कटवाने आते थे तो अपने ही नंबर पर कटवाते थे बहार से नंबर पर बैठे रहते थे सादगी
ruclips.net/video/1-ux2UdsniA/видео.htmlsi=79PpQ6sNcuQP4tKp
bhasa alag par chehara yek ! Ghughuti kaan baasi bhaat khaan !
आज तो कुमाऊं की हालत बहुत खराब हो गई है जबकि सीएम साहब भी कुमाऊं से हैं।😢😢😢😢
कुमाऊँ मे ही तो काम हो रहे हैं,
Ghughuti channel bahut
Ye to salt k h..jhumigo me b aate the
आप कैसी निरस बात कर रही हो जो जिंदा नही है उनका जिक्र हो रहा है !
जिक्र करना ही है तो इस सांदार गीत का जिक्र करो! क्या सामाजिक चेतना की बात होती है क्या गीतों से? अगर होती तो गिर्दा मरने तक लोगो के बीच उस सम्मान के लिए तरसते रहे जो उनको मरने के बाद मिली
ruclips.net/video/mmLqJa0h1gk/видео.htmlfeature=shared
ruclips.net/video/1-ux2UdsniA/видео.htmlsi=79PpQ6sNcuQP4tKp
Nice
❤
❤