श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के विशेष ज्योतिषीय उपाय।
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- Опубликовано: 8 фев 2025
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श्रीमान जी मैंने आपका चैनल आज ही सब्सक्राइब किया है। मैं आपसे यह जानना चाहता हूं कि श्री ललिता सहस्त्रनाम या कोई अन्य देवी या भगवान का स्तोत्र हम पुस्तक खरीद कर स्वयं से पढ़ सकते हैं या उसके लिए गुरु मंत्र लेना अनिवार्य है। क्योंकि मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि स्त्रोत में तो ईश्वर का महिमा का गुणगान ही है। कोई तांत्रिक साधना नहीं है संभवत तांत्रिक साधना ही गुरु के सानिध्य में करना अनिवार्य होता होगा मैं असमंजस में हूं कृपया मेरा समाधान कीजिएगा। धन्यवाद।
Ji padhen khud.
@@DrManjulJoshiAstrology डॉक्टर साहब इस लिंक पर वर्तमान शंकराचार्य जी ने 04:12 पर यह कहा है कि यह बिना गुरु के नहीं करनी चाहिए। कृपया समाधान के लिए बताइए कि इस विषय में कहां लिखित उल्लेख है?ruclips.net/video/GnsnIxbWpzU/видео.html ruclips.net/video/kWug-ndDIuk/видео.html
@@sonigalrounder8491 जी गुरुजी के मार्गदर्शन मे करना हमेशा उत्तम है । आप किसी को गुरु बना कर पढ़ लें । उच्चारण इत्यादि की शुद्धता रहती है । और भी लाभ हैं ।
दूसरी बात भगवान का नाम लेने मे इतना संकोच न करें.
खुद भी आप पढ़ सकते हैं. विष्णु सहस्रनाम मे व्यास जी ने लिखा है
यस्य स्मरणमात्रेण जन्मसंसारबन्धनात् | विमुच्यते नमस्तस्मै विष्णवे प्रभविष्णवे || || नमस्तस्मै नमस्तस्मै नमस्तस्मै नमो नमः।
जिसके स्मरणमात्र से मनुष्य आवागमनरूप बंधन से छूट जाता है, सबको उत्पन्न करने वाले उस परम प्रभु श्रीविष्णु को बार-बार नमस्कार है। जिसकी स्मृतिमात्र से जीव के रोग, शोक, पाप, ताप, दुःख, दरिद्रता, दुर्गुण चले जाते हैं, जिसका सुमिरन करने मात्र से जीव संसारी बंधनों से मुक्त हो जाता है - उस परमात्मा को नमस्कार है। ॐ ॐ ॐ
धन्यवाद, प्रभु जी जय माता की।