Father poems / father day poem - "A tribute to my father"

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  • Опубликовано: 3 ноя 2024

Комментарии •

  • @jiad13
    @jiad13 7 месяцев назад

    I almost cried thankyou

  • @wallam.mawlong.44
    @wallam.mawlong.44 4 года назад +2

    My papa is the best. I love him soo much because ha gave me lots of cares, guidence, love, peace and joy. 😘😊😌 I would like to declare that my papa is the best. 🥰😍💕💞😊

  • @adelaortiz515
    @adelaortiz515 4 года назад +2

    I'm so sorry for your lost

  • @adarsh2906
    @adarsh2906 5 лет назад +5

    Wow I am impressed

  • @ivalinapasse2469
    @ivalinapasse2469 2 года назад +1

    Thank you Father God Jehovah for My Life and You Deserve the Glory Lord Keep me Strong Father in Jesus Mighty name Amen Amen Amen Amen Amen

  • @asmaqaiser4955
    @asmaqaiser4955 4 года назад +2

    I am starting crying Ilove my father

  • @kedarisailu6635
    @kedarisailu6635 4 года назад +2

    I love my father💖

  • @ektavijay7493
    @ektavijay7493 4 года назад +1

    great poem

  • @AstoundingPoetryRSR
    @AstoundingPoetryRSR 3 года назад +1

    पिता
    मेरी खुशी में अपनी खुशी को खोजते देखा है।
    मैंने भगवान को बाद में, अपने पिता को पहले देखा जा।।
    मेरी ख्वाहिश के सामने उनकी हर जरूरत कही फीकी पड़ जाती है।
    एक पिता ही है जिसके सामने सारी दुनिया बेबस पड़ जाती है।।
    दिल में गम हजारों लिए, वो पूरे परिवार को हंसाते है।
    सबके आसूं पोछते है मगर, खुद के आसूं को छिपाते है।।
    संघर्ष, समर्पण का मैंने, एक सर्वश्रेष्ठ उदारहरण देखा है।
    मुझे छांव में रखने के लिए, उन्हें धूप में जलते देखा है।।
    आज भूख नहीं है, आज बाहर से खाकर आया हूं, ऐसे बहाने बनाते देखा है।
    मुझे एक कौर ज्यादा खिलाने के लिए, उन्हें भूखे पेट सोते देखा है।।
    खुद फटे कपड़े पहनकर भी वो सारे त्योहार निकाल देते थे।
    कपड़े पुराने हो गये है तुम्हारे, ऐसा कहकर मुझे नये कपड़े दिला देते थे।।
    खुद टूटे चप्पल पहनकर, वो हर सफर तय कर लेते थे।
    कही शर्मिंदा ना होना पड़ जाए मुझे, इसलिए मुझे नये जूते लाकर देते थे।।
    जिंदगी भर कमाने के बाद भी, वो अपनी एक जरूरत तक पूरी नहीं कर पाए थे।
    ऐसी कोई भी ख्वाहिश नहीं थी मेरी, जो वो पूरी नहीं कर पाए थे।।
    कोई सफर लंबा नहीं लगता, जब मैं उनके साथ होता हूं।
    खिदमत करूं मैं भी उनकी, बस यही एक आस रखता हूं।।
    अपने जज्बात को मैं अल्फाज दे नहीं पा रहा हूं।
    शायद एक पिता के प्यार को, शब्दों में पिरो नहीं पा रहा हूं।।
    शब्दों में पिरोना इसे, इतना आसान नहीं है।
    पिता का समर्पण ही इतना है, जो शब्दों में बयां नहीं है।।
    A poem on Father's Day - ruclips.net/video/_74DhSC2rRc/видео.html

  • @sujalraj3805
    @sujalraj3805 4 года назад +1

    I am starting crying 😭

  • @somchaudhary6388
    @somchaudhary6388 8 лет назад +2

    my tears ran down luv it

    • @Loverboy19691
      @Loverboy19691 8 лет назад +1

      Please be kind enough to watch my video ''Fathers day, memories of dad'' I wrote it for my father who died at just 44. RIP William Douglas Dexter 1947-1991.

  • @simsonselvaraj6364
    @simsonselvaraj6364 2 года назад +1

    Beautiful❤ kiss💋💋

  • @sanghamitras_recipeofhappiness
    @sanghamitras_recipeofhappiness 9 лет назад +1

    i love that

  • @nirmalyadav9423
    @nirmalyadav9423 5 лет назад +1

    What is the poet's name?

  • @jeralynbasa2347
    @jeralynbasa2347 7 лет назад +2

    can i use this video please...i'll give you a credit of course thank you..

  • @timothykirton5519
    @timothykirton5519 7 лет назад +2

    can I use this poem