शरीर और आत्मा का रहस्य जाने आपके भीतर क्या छिपा है

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 21 янв 2025

Комментарии • 11

  • @BharatPatel-lc7pt
    @BharatPatel-lc7pt 2 дня назад +2

    The. Best. Knowledge. Of. Body. Congratulate.

  • @AnilKumar-ii7mf
    @AnilKumar-ii7mf 4 дня назад +3

    हर हर महादेव जी

  • @vaishalipanchalvaishalipan4976
    @vaishalipanchalvaishalipan4976 2 дня назад

    ❤ Thanks for univers ❤
    🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
    Super duparThanks 💕🕉️🙏

  • @pardeepsharma697
    @pardeepsharma697 2 дня назад

    Har Har Mahadev

  • @SadeepRajput-ll3xi
    @SadeepRajput-ll3xi 3 дня назад

    Thank you so much sir ❤❤❤❤❤

  • @IAS-st8mo
    @IAS-st8mo 4 дня назад +3

    Thank you sir good information video.❤❤❤

    • @jayhindgkresearchcentre631
      @jayhindgkresearchcentre631  3 дня назад

      Thank you so much! Your positive feedback inspires us to create even better content. Please stay connected with our channel and keep sharing your thoughts. We truly appreciate your support!

  • @gayadsinghbhati2492
    @gayadsinghbhati2492 3 дня назад

    भ-भूमि, आ, अग्नि, ग, गगन, वा, वायु, न, निर जल, भगवान्, सब्द बना, यही भगवान् हे पाच तत्व रूप में, इससे हि जीवन हे इन पर ही जीवन निर्मित हे,🎉

  • @MahendraSingh-t6w
    @MahendraSingh-t6w 2 дня назад

    इन तत्वों को पहचानो और परमात्मा में विलीन हो जाओ इन तत्वों को पहचानो और आत्मा को परमात्मा से मिला दो

  • @अमरकुमार-छ7ण
    @अमरकुमार-छ7ण 4 дня назад +2

    आत्मा न तो मरती है और न ही जन्म लेती है फिर इंसान के अंदर घुसा कैसे, हु आर यू❤❤❤❤❤❤❤

    • @jayhindgkresearchcentre631
      @jayhindgkresearchcentre631  3 дня назад

      आपका सवाल बहुत गहरा और विचारणीय है। आत्मा का न तो जन्म होता है, न मृत्यु। यह शाश्वत, अजर-अमर और परम चेतना का अंश है। शरीर तो केवल आत्मा का एक माध्यम है, जिसे कर्मों के अनुसार धारण किया जाता है।
      आत्मा शरीर में 'घुसती' नहीं है, बल्कि वह सदा से हर जीव में मौजूद होती है। जन्म और मृत्यु केवल शरीर के लिए हैं, आत्मा इनसे परे है। ✅
      आप कौन हैं?
      Who are you? का उत्तर भी आत्मा के ज्ञान से जुड़ा है। वास्तव में, हम शरीर, मन, और बुद्धि से परे आत्मा हैं। हमारा सच्चा स्वरूप वही आत्मा है, जो अनंत और शुद्ध है। परंतु जब हम माया और अज्ञान के जाल में फंस जाते हैं, तो खुद को शरीर या मन समझने लगते हैं। गहराई से समझें तो आप "सचेतन ऊर्जा" हैं, जो ब्रह्मांड का अंश है। 🙏🙏🙏