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आपका सवाल बहुत गहरा और विचारणीय है। आत्मा का न तो जन्म होता है, न मृत्यु। यह शाश्वत, अजर-अमर और परम चेतना का अंश है। शरीर तो केवल आत्मा का एक माध्यम है, जिसे कर्मों के अनुसार धारण किया जाता है। आत्मा शरीर में 'घुसती' नहीं है, बल्कि वह सदा से हर जीव में मौजूद होती है। जन्म और मृत्यु केवल शरीर के लिए हैं, आत्मा इनसे परे है। ✅ आप कौन हैं? Who are you? का उत्तर भी आत्मा के ज्ञान से जुड़ा है। वास्तव में, हम शरीर, मन, और बुद्धि से परे आत्मा हैं। हमारा सच्चा स्वरूप वही आत्मा है, जो अनंत और शुद्ध है। परंतु जब हम माया और अज्ञान के जाल में फंस जाते हैं, तो खुद को शरीर या मन समझने लगते हैं। गहराई से समझें तो आप "सचेतन ऊर्जा" हैं, जो ब्रह्मांड का अंश है। 🙏🙏🙏
The. Best. Knowledge. Of. Body. Congratulate.
हर हर महादेव जी
❤ Thanks for univers ❤
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Super duparThanks 💕🕉️🙏
Har Har Mahadev
Thank you so much sir ❤❤❤❤❤
Thank you sir good information video.❤❤❤
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भ-भूमि, आ, अग्नि, ग, गगन, वा, वायु, न, निर जल, भगवान्, सब्द बना, यही भगवान् हे पाच तत्व रूप में, इससे हि जीवन हे इन पर ही जीवन निर्मित हे,🎉
इन तत्वों को पहचानो और परमात्मा में विलीन हो जाओ इन तत्वों को पहचानो और आत्मा को परमात्मा से मिला दो
आत्मा न तो मरती है और न ही जन्म लेती है फिर इंसान के अंदर घुसा कैसे, हु आर यू❤❤❤❤❤❤❤
आपका सवाल बहुत गहरा और विचारणीय है। आत्मा का न तो जन्म होता है, न मृत्यु। यह शाश्वत, अजर-अमर और परम चेतना का अंश है। शरीर तो केवल आत्मा का एक माध्यम है, जिसे कर्मों के अनुसार धारण किया जाता है।
आत्मा शरीर में 'घुसती' नहीं है, बल्कि वह सदा से हर जीव में मौजूद होती है। जन्म और मृत्यु केवल शरीर के लिए हैं, आत्मा इनसे परे है। ✅
आप कौन हैं?
Who are you? का उत्तर भी आत्मा के ज्ञान से जुड़ा है। वास्तव में, हम शरीर, मन, और बुद्धि से परे आत्मा हैं। हमारा सच्चा स्वरूप वही आत्मा है, जो अनंत और शुद्ध है। परंतु जब हम माया और अज्ञान के जाल में फंस जाते हैं, तो खुद को शरीर या मन समझने लगते हैं। गहराई से समझें तो आप "सचेतन ऊर्जा" हैं, जो ब्रह्मांड का अंश है। 🙏🙏🙏