क्या स्वयं को ब्रह्म कहना अहम् है? ज्ञानरत्न : प्रवचनों की एक श्रृंखला gyanmarg.guru #अहम् #ज्ञानमार्ग #अध्यात्म #आत्मन #ब्रह्मन #अद्वैत #वेदांत #ज्ञानयोग
सब ईश्वर का हैं। मेरा अलग अस्तित्व है ऐसा लगना भी ईश्वर का हैं। मैं मुक्त नहीं हो सकता । क्यों की मुक्त होने वाला कोई है ही नहीं। आत्मज्ञान, ब्रम्हज्ञान, चाहने वाला भी ईश्वर ही हैं। माया , संसार , सब ईश्वर ही हैं। सत्य ही झूठ बनकर बैठा हैं । झूठ भी झूठ नहीं है। सब हो रहा हैं, सिर्फ देखते रहो। और चुप बैठो। चुप रहेना ही चमत्कार हैं। होना ही चमत्कार हैं । जय हो
@@bodhivarta कभी मन कर्ता है RUclips channel स्टार्ट, करू कभी पढ़ने का मन कर्ता है, कभी Einstein बनने का तो कभी ओशो बनने का जो भी दुनिया मे श्रेष्ठ और तारीफ पाने और प्रसिद्धि पाने कि दृष्टि से है वो करने का मन कर्ता है , or जब नहीं हो पाता तो हताशा होती है
उम्मीद है एक तर्कपूर्ण उत्तर की ! मेरा कुछ भी नही , या कुछ भी नही है या फिर मेरे अनुरूप "अहम,युवाम ,वयम सर्ववाम ब्रह्मस्म ! हर विचार का उद्गम स्थल क्या है?? विचार क्यों अस्तित्व में है???
Thank You Satguru Ji
🙏❤️🙏
❤ shukrana guru Ji ❤
🙏🙇♀🌹🌺
🌼🌼🙏🙏
🌼🙏🌼
❤❤❤
धन्यवाद गुरुजी 🙏🏼🌺
G dhanyawad guruji 🙏
प्रणाम गुरु जी 🌹🙏🏼
🙏👏👌🌷
After a long time l have come to know that AHAM is also a vrlti many many thanks Sir a great contribution for spiritual seeker pranam..
बहोत सुंदर परिभाषा मै हूँ मैं बस 🙏🏼🕉💕💃
कौन मैं??
सब ईश्वर का हैं।
मेरा अलग अस्तित्व है ऐसा लगना भी ईश्वर का हैं।
मैं मुक्त नहीं हो सकता । क्यों की मुक्त होने वाला कोई है ही नहीं।
आत्मज्ञान, ब्रम्हज्ञान, चाहने वाला भी ईश्वर ही हैं।
माया , संसार , सब ईश्वर ही हैं।
सत्य ही झूठ बनकर बैठा हैं । झूठ भी झूठ नहीं है।
सब हो रहा हैं, सिर्फ देखते रहो। और चुप बैठो।
चुप रहेना ही चमत्कार हैं।
होना ही चमत्कार हैं ।
जय हो
गुरु ji बहुत आलस्य रहाता है ' किसी काम मे मन नहीं लगता ' कोई एक लक्ष निर्धारित नहीं है ' असमंजस मे रहता हूं क्या करूँ
जो कार्य आपको पसंद है और उपयोगी है उसी को लक्ष्य बना सकते हैं।
@@bodhivarta कभी मन कर्ता है RUclips channel स्टार्ट, करू कभी पढ़ने का मन कर्ता है, कभी Einstein बनने का तो कभी ओशो बनने का जो भी दुनिया मे श्रेष्ठ और तारीफ पाने और प्रसिद्धि पाने कि दृष्टि से है वो करने का मन कर्ता है , or जब नहीं हो पाता तो हताशा होती है
परमात्मा एक है गलत है।
परमात्मा है सही है।
उम्मीद है एक तर्कपूर्ण उत्तर की ! मेरा कुछ भी नही , या कुछ भी नही है या फिर मेरे अनुरूप "अहम,युवाम ,वयम सर्ववाम ब्रह्मस्म ! हर विचार का उद्गम स्थल क्या है?? विचार क्यों अस्तित्व में है???
Kuch smjh nhi aaya😢😢😢isme too