अंधविश्वास से वैज्ञानिक दृष्टि | Harishankar Parsai Satire

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  • Опубликовано: 26 дек 2024

Комментарии • 12

  • @shriharachandra5398
    @shriharachandra5398 Месяц назад +5

    हरिशंकर परसाई जी जैसे साहित्यकार जिनकी सामाजिक राजनीतिक न्यायिक शैक्षणिक आर्थिक वैज्ञानिक चेतना इतनी महान थी कि वो आज के दौर में भी सबमें सटीक बैठती है जी ऐसे महान विभूति को हमारा दिल से विनम्र कोटि कोटि नमन है जी 💯 💕🙏🙏🙏
    💯 💐💐💐

  • @harishghenghat2874
    @harishghenghat2874 2 месяца назад +12

    इस देश को मानसिक गुलाम बना कर रखा दिया जब तक लोगों कि सोच विज्ञानिक नहीं होगी मानसिक गुलामी समाप्त नहीं होगी।

    • @RaviKant-sp8xn
      @RaviKant-sp8xn Месяц назад

      ऐलोपैथी में आदमी का बुखार उतारने का तरीका उसका सारा खून निकालना था😂।
      आज तक ऐलोपैथी में कब्ज या अपच की कोई दवा नहीं बनी, जुकाम पर अभी तक रिसर्च जारी है।🤔

  • @shashiprakashpandey4433
    @shashiprakashpandey4433 Месяц назад +2

    व्यंग मगर सत्य है 😢

  • @parmeshwardeenyadav3195
    @parmeshwardeenyadav3195 Месяц назад +7

    परसाई जी युग पुरुष थे।

  • @RamKrishan-ru8nd
    @RamKrishan-ru8nd Месяц назад +4

    जब अज्ञानता और अनपढ़ता हुआ करती थी उस समय इस तरह के आचार विचार में लोग पड़े हुए थे और वह आगे चलते चलते संस्कारों में ढल गई संस्कारों से धर्म में आ गई जहां से इंसानों को निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि धर्म का मामला है बेशक इसका अंजाम आशा के विपरीत होताथा नतीजा हुआ यह के आज के लोग भी इस भ्रम से नहीं निकाल पाए हैं

  • @ashu1394
    @ashu1394 2 месяца назад +3

    बहुत अच्छा वाचन किया अपने।मगर मुझे यह लगता है कि यह व्यंग्य नहीं बल्कि उनका निबंध है

  • @neymarjunior6512
    @neymarjunior6512 Месяц назад

    You ate doing a great work 👏 ❤

  • @uttamkamble6065
    @uttamkamble6065 Месяц назад +1

    Nice

  • @nikitasingh598
    @nikitasingh598 Месяц назад +1

    Nice