जांच होना बहुत जरूरी है।पर दुर्भाग्य की बात यह है की सरकार जांच न कराकर भ्रष्टाचार को सह दे रही है इस भ्रष्टाचार में कहीं न कहीं सरकार भी सम्मिलित हैं 😢😢
प्रदेश के सबसे ईमानदार अधिकारी M देवराज सरजी ने सारी पदोन्नति प्रक्रिया के हर चरण को पूर्ण करते हुए पदोन्नति की।मंत्री जी ने सारी प्रक्रिया उच्च स्तर पर अनुमोदन के लिए भेजी।जब अनुमोदन हो गया तो पदोन्नति हुई और सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित हुवा कि 177 में ओबीसी sc st वर्ग के 138 पात्र लोग पदोन्नत हुए। अगर यह भी गलत है तो फिर ऊपरवाला सद्बुद्धि ही दे आरोप लगाने वालों को। सत्यमेव जयते
मीडिया के सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया इन से इन कुछ बिंदुओं पर भी जवाब मांगना चाहिए 1.जब यह विभाग में आए तब उनकी शैक्षिक कार्यताएं क्या थी और यह किस नियम से पदोन्नति होकर विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के वर्तमान पद पर कार्य कर रहे हैं 2.क्या यह विभागध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के पद पर लोक सेवा आयोग से आए हैं जब यह पदोन्नति से 3.प्रधानाचार्य तक बने तो अब पदोन्नति कैसे गलत है 4.श्रीमान जी से पूछा जाना चाहिए कि माननीय न्यायालय का डबल बेंच का डिसीजन 2011 में आ गया तो इनकी विभागाध्यक्ष के पद पर ग्रेड पे 6600 में पदोन्नति 2013 में कैसे हो गई और 2016 में विभागाध्यक्ष से प्रधानाचार्य कैसे बन गए क्या यह कंटेंप्ट आप कोर्ट नहीं था और वह कैसे नियमानुसार था उनकी खुद की DPC प्रधानाचार्य के पद पर पुराने नियमों से ग्रेड पे 7600 में 2016 में हुई क्या यह कंटेंप्ट का कोर्ट नहीं था 5.वर्तमान में 9000 ग्रेड पे की सैलरी ले रहे हैं वह किस नियम से ले रहे हैं कृपया इन्हीं से पूछा जाए कि आपकी पदोन्नति ग्रेड पे 7600 पर हुई थी लेकिन वर्तमान में आप 9000 ग्रेड पे कैसे ले रहे हैं 6. क्या पात्रता के मापदंड विभाग में समस्त कार्मिकों के लिए एक है या अलग-अलग अगर एक हैं तो कृपया बताने का कष्ट करें कि जो लोग विभाग में प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद धारित कर रहे हैं उनमें से भी अधिकांश की शैक्षिक योग्यताएं डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MA, MSc एवं बीटेक हैं jo AICTE के अनुरूप योग्यताएं नहीं रखते हैं तो वह सभी लोग अपने पदों पर कैसे कार्य कर रहे हैं और इन्होंने अभी तक क्या किया है 7.इनके द्वारा तथ्यहीन नियम विरुद्ध जो आचरण किया जा रहे हैं वह वास्तविकता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पूरे विभाग की छवि को खराब किया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है 8. मीडिया के साथियों से भी आग्रह है कि वह प्रकरण में अगर विभाग के किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इन नियमों के बारे में आप स्वयं अगर जानकारी हासिल कर लेंगे तो आप इन लोगों को स्वयं ही एक्सपोज कर देंगे और इनकी सच्चाई सबके सामने ला देंगे अगर इसमें सभी बिंदु उचित है कृपया सभी लोग देख ले तो मेरा मत है कि सभी लोग यह मैटर कमेंट करना चालू करें
श्री राज बहादुर सिंह जी स्वयं इस विभाग में 5400 ग्रेड पे के लेक्चरर से 6600 ग्रेड पे के HOD पुरानी सेवानियमावली से बने है , फिर दुबारा 6600 ग्रेड पे के HOD से 7600 ग्रेड के प्रिंसिपल पुरानी सेवानियमावली से बने है , उसके बाद 2018 से AICTE का वही 9000 ग्रेड पे का वेतनमान ले रहे है , जिसका वो अब अपने बाद के लोगों के लिए विरोध कर रहे है। केवल नौकरी के साथ नेता बनने की असफल कोशिश कर रहे है , अगर नेता बनना है तो पहले स्वैच्छिक सेवानिवृति ले फिर करे नेतागिरी , तो सभी उनका साथ अवश्य देंगे , परन्तु स्वयं के लिए अलग मानक तथा औरों के लिए अलग मानक । इसीलिए सफल नहीं हो पा रहे है।
प्रदेश के सबसे ईमानदार अधिकारी M देवराज सरजी ने सारी पदोन्नति प्रक्रिया के हर चरण को पूर्ण करते हुए पदोन्नति की।मंत्री जी ने सारी प्रक्रिया उच्च स्तर पर अनुमोदन के लिए भेजी।जब अनुमोदन हो गया तो पदोन्नति हुई और सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित हुवा कि 177 में ओबीसी sc st वर्ग के 138 पात्र लोग पदोन्नत हुए। अगर यह भी गलत है तो फिर ऊपरवाला सद्बुद्धि ही दे आरोप लगाने वालों को। सत्यमेव जयते
पति-पत्नी ने पॉलिटेक्निक मे प्रमोशन के माध्यम से जो अधिकारियों की नियुक्ति की है करोड़ों रुपया लेकर अब उसका हिस्सा अधिकारियों को देना पड़ रहा तो परेशान है
आशीष पटेल जो की कुर्मी है और अपने आप को जमीदार पाटीदार सरदार वल्लभभाई पटेल से जोड़ता है जो की सामान्य में आते हैं हमको हंसी भी आती है दुख भी आता है इससे अच्छा तुम पलवी पटेल के पिताजी को जोड़ो उन्होंने जरूर संघर्ष किया है सोनेलाल खुद अपने कुर्मी समुदाय के लिए लड़े थे वह फर्जी में एक पाटीदार को अपना रिश्तेदार नहीं बने गए थे
ये सरकारी सेवक हैं तो राजनीतिक पार्टी के लिए कैसे काम कर रहे थे । सरकारी नौकरी में रहते किसी भी तरह की शिकायत है तो उसे विभागीय अधिकारियों से उचित माध्यम से कर सकते हैं, लेकिन ये पत्रकार वार्ता नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है । कुछ वर्ष पूर्व सचिवालय सेवा के अधिकारी अमर सिंह पटेल ने किसी विभाग में नियुक्तियों का मुद्दा सोशल मीडिया के माध्यम से उठाया था और उसी नियमावली के आधार पर उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था ।
Raj Bahadur Singh ki baat bikul sahi prateet hoti hai, isme mantri ji ki milibhagat lagta hai. Isme respected CM Yogi ji ko DPC ko tatkaal cancel kar dena chahiye. Ye contemt of court hai. Jai Shree Ram
लगता हैँ सारे विभाग के सचिव से ये व्यक्ति ज्यादा जानकारी रखता हैँ l इसकी बातों से ये लगता हैँ ये केवल भ्रामक न्यूज़ फैला कर सरकार को बदनाम कर रहा हैँ l इनको मिडिया के बजाय कोर्ट में चैलेंज करना चाहिए न कि मिडिया में सरकार कि नीति का विरोध करना चाहिए l
मीडिया के सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया इन से इन कुछ बिंदुओं पर भी जवाब मांगना चाहिए 1.जब यह विभाग में आए तब उनकी शैक्षिक कार्यताएं क्या थी और यह किस नियम से पदोन्नति होकर विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के वर्तमान पद पर कार्य कर रहे हैं 2.क्या यह विभागध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के पद पर लोक सेवा आयोग से आए हैं जब यह पदोन्नति से 3.प्रधानाचार्य तक बने तो अब पदोन्नति कैसे गलत है 4.श्रीमान जी से पूछा जाना चाहिए कि माननीय न्यायालय का डबल बेंच का डिसीजन 2011 में आ गया तो इनकी विभागाध्यक्ष के पद पर ग्रेड पे 6600 में पदोन्नति 2013 में कैसे हो गई और 2016 में विभागाध्यक्ष से प्रधानाचार्य कैसे बन गए क्या यह कंटेंप्ट आप कोर्ट नहीं था और वह कैसे नियमानुसार था उनकी खुद की DPC प्रधानाचार्य के पद पर पुराने नियमों से ग्रेड पे 7600 में 2016 में हुई क्या यह कंटेंप्ट का कोर्ट नहीं था 5.वर्तमान में 9000 ग्रेड पे की सैलरी ले रहे हैं वह किस नियम से ले रहे हैं कृपया इन्हीं से पूछा जाए कि आपकी पदोन्नति ग्रेड पे 7600 पर हुई थी लेकिन वर्तमान में आप 9000 ग्रेड पे कैसे ले रहे हैं 6. क्या पात्रता के मापदंड विभाग में समस्त कार्मिकों के लिए एक है या अलग-अलग अगर एक हैं तो कृपया बताने का कष्ट करें कि जो लोग विभाग में प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद धारित कर रहे हैं उनमें से भी अधिकांश की शैक्षिक योग्यताएं डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MA, MSc एवं बीटेक हैं jo AICTE के अनुरूप योग्यताएं नहीं रखते हैं तो वह सभी लोग अपने पदों पर कैसे कार्य कर रहे हैं और इन्होंने अभी तक क्या किया है 7.इनके द्वारा तथ्यहीन नियम विरुद्ध जो आचरण किया जा रहे हैं वह वास्तविकता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पूरे विभाग की छवि को खराब किया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है 8. मीडिया के साथियों से भी आग्रह है कि वह प्रकरण में अगर विभाग के किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इन नियमों के बारे में आप स्वयं अगर जानकारी हासिल कर लेंगे तो आप इन लोगों को स्वयं ही एक्सपोज कर देंगे और इनकी सच्चाई सबके सामने ला देंगे अगर इसमें सभी बिंदु उचित है कृपया सभी लोग देख ले तो मेरा मत है कि सभी लोग यह मैटर कमेंट करना चालू करें
Raj Bahadur Singh ki baat bikul sahi prateet hoti hai, isme mantri ji ki milibhagat lagta hai. Isme respected CM Yogi ji ko DPC ko tatkaal cancel kar dena chahiye. Ye contemt of court hai. Jai Shree Ram
मीडिया के सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया इन से इन कुछ बिंदुओं पर भी जवाब मांगना चाहिए 1.जब यह विभाग में आए तब उनकी शैक्षिक कार्यताएं क्या थी और यह किस नियम से पदोन्नति होकर विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के वर्तमान पद पर कार्य कर रहे हैं 2.क्या यह विभागध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के पद पर लोक सेवा आयोग से आए हैं जब यह पदोन्नति से 3.प्रधानाचार्य तक बने तो अब पदोन्नति कैसे गलत है 4.श्रीमान जी से पूछा जाना चाहिए कि माननीय न्यायालय का डबल बेंच का डिसीजन 2011 में आ गया तो इनकी विभागाध्यक्ष के पद पर ग्रेड पे 6600 में पदोन्नति 2013 में कैसे हो गई और 2016 में विभागाध्यक्ष से प्रधानाचार्य कैसे बन गए क्या यह कंटेंप्ट आप कोर्ट नहीं था और वह कैसे नियमानुसार था उनकी खुद की DPC प्रधानाचार्य के पद पर पुराने नियमों से ग्रेड पे 7600 में 2016 में हुई क्या यह कंटेंप्ट का कोर्ट नहीं था 5.वर्तमान में 9000 ग्रेड पे की सैलरी ले रहे हैं वह किस नियम से ले रहे हैं कृपया इन्हीं से पूछा जाए कि आपकी पदोन्नति ग्रेड पे 7600 पर हुई थी लेकिन वर्तमान में आप 9000 ग्रेड पे कैसे ले रहे हैं 6. क्या पात्रता के मापदंड विभाग में समस्त कार्मिकों के लिए एक है या अलग-अलग अगर एक हैं तो कृपया बताने का कष्ट करें कि जो लोग विभाग में प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद धारित कर रहे हैं उनमें से भी अधिकांश की शैक्षिक योग्यताएं डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MA, MSc एवं बीटेक हैं jo AICTE के अनुरूप योग्यताएं नहीं रखते हैं तो वह सभी लोग अपने पदों पर कैसे कार्य कर रहे हैं और इन्होंने अभी तक क्या किया है 7.इनके द्वारा तथ्यहीन नियम विरुद्ध जो आचरण किया जा रहे हैं वह वास्तविकता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पूरे विभाग की छवि को खराब किया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है 8. मीडिया के साथियों से भी आग्रह है कि वह प्रकरण में अगर विभाग के किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इन नियमों के बारे में आप स्वयं अगर जानकारी हासिल कर लेंगे तो आप इन लोगों को स्वयं ही एक्सपोज कर देंगे और इनकी सच्चाई सबके सामने ला देंगे अगर इसमें सभी बिंदु उचित है कृपया सभी लोग देख ले तो मेरा मत है कि सभी लोग यह मैटर कमेंट करना चालू करें
मीडिया के सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया इन से इन कुछ बिंदुओं पर भी जवाब मांगना चाहिए 1.जब यह विभाग में आए तब उनकी शैक्षिक कार्यताएं क्या थी और यह किस नियम से पदोन्नति होकर विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के वर्तमान पद पर कार्य कर रहे हैं 2.क्या यह विभागध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के पद पर लोक सेवा आयोग से आए हैं जब यह पदोन्नति से 3.प्रधानाचार्य तक बने तो अब पदोन्नति कैसे गलत है 4.श्रीमान जी से पूछा जाना चाहिए कि माननीय न्यायालय का डबल बेंच का डिसीजन 2011 में आ गया तो इनकी विभागाध्यक्ष के पद पर ग्रेड पे 6600 में पदोन्नति 2013 में कैसे हो गई और 2016 में विभागाध्यक्ष से प्रधानाचार्य कैसे बन गए क्या यह कंटेंप्ट आप कोर्ट नहीं था और वह कैसे नियमानुसार था उनकी खुद की DPC प्रधानाचार्य के पद पर पुराने नियमों से ग्रेड पे 7600 में 2016 में हुई क्या यह कंटेंप्ट का कोर्ट नहीं था 5.वर्तमान में 9000 ग्रेड पे की सैलरी ले रहे हैं वह किस नियम से ले रहे हैं कृपया इन्हीं से पूछा जाए कि आपकी पदोन्नति ग्रेड पे 7600 पर हुई थी लेकिन वर्तमान में आप 9000 ग्रेड पे कैसे ले रहे हैं 6. क्या पात्रता के मापदंड विभाग में समस्त कार्मिकों के लिए एक है या अलग-अलग अगर एक हैं तो कृपया बताने का कष्ट करें कि जो लोग विभाग में प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद धारित कर रहे हैं उनमें से भी अधिकांश की शैक्षिक योग्यताएं डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MA, MSc एवं बीटेक हैं jo AICTE के अनुरूप योग्यताएं नहीं रखते हैं तो वह सभी लोग अपने पदों पर कैसे कार्य कर रहे हैं और इन्होंने अभी तक क्या किया है 7.इनके द्वारा तथ्यहीन नियम विरुद्ध जो आचरण किया जा रहे हैं वह वास्तविकता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पूरे विभाग की छवि को खराब किया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है 8. मीडिया के साथियों से भी आग्रह है कि वह प्रकरण में अगर विभाग के किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इन नियमों के बारे में आप स्वयं अगर जानकारी हासिल कर लेंगे तो आप इन लोगों को स्वयं ही एक्सपोज कर देंगे और इनकी सच्चाई सबके सामने ला देंगे अगर इसमें सभी बिंदु उचित है कृपया सभी लोग देख ले तो मेरा मत है कि सभी लोग यह मैटर कमेंट करना चालू करें
जांच होना बहुत जरूरी है।पर दुर्भाग्य की बात यह है की सरकार जांच न कराकर भ्रष्टाचार को सह दे रही है इस भ्रष्टाचार में कहीं न कहीं सरकार भी सम्मिलित हैं 😢😢
प्रदेश के सबसे ईमानदार अधिकारी M देवराज सरजी ने सारी पदोन्नति प्रक्रिया के हर चरण को पूर्ण करते हुए पदोन्नति की।मंत्री जी ने सारी प्रक्रिया उच्च स्तर पर अनुमोदन के लिए भेजी।जब अनुमोदन हो गया तो पदोन्नति हुई और सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित हुवा कि 177 में ओबीसी sc st वर्ग के 138 पात्र लोग पदोन्नत हुए।
अगर यह भी गलत है तो फिर ऊपरवाला सद्बुद्धि ही दे आरोप लगाने वालों को।
सत्यमेव जयते
यादवजी,सामाजिक न्याय पर भी आप लोग जब छाती पीटते हो तब दुख होता है।पूर्वाग्रह छोड़ दो अब
Janch hogi tension mat lo
@@alokazad3509manyvar kripya 138 obc , sc ke logon ki list bheje ham bhi sarkar ko reservation chor kahana band kar denge
25 लाख का एक पद कुल पद 177 जोड़ लीजिए सबसे ईमानदार अधिकारियों का हिस्सा ओर नेताजी का 442500000 करोड़ 😮
मीडिया के सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया इन से इन कुछ बिंदुओं पर भी जवाब मांगना चाहिए
1.जब यह विभाग में आए तब उनकी शैक्षिक कार्यताएं क्या थी और यह किस नियम से पदोन्नति होकर विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के वर्तमान पद पर कार्य कर रहे हैं
2.क्या यह विभागध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के पद पर लोक सेवा आयोग से आए हैं
जब यह पदोन्नति से 3.प्रधानाचार्य तक बने तो अब पदोन्नति कैसे गलत है
4.श्रीमान जी से पूछा जाना चाहिए कि माननीय न्यायालय का डबल बेंच का डिसीजन 2011 में आ गया तो इनकी विभागाध्यक्ष के पद पर ग्रेड पे 6600 में पदोन्नति 2013 में कैसे हो गई और 2016 में विभागाध्यक्ष से प्रधानाचार्य कैसे बन गए क्या यह कंटेंप्ट आप कोर्ट नहीं था और वह कैसे नियमानुसार था उनकी खुद की DPC प्रधानाचार्य के पद पर पुराने नियमों से ग्रेड पे 7600 में 2016 में हुई क्या यह कंटेंप्ट का कोर्ट नहीं था 5.वर्तमान में 9000 ग्रेड पे की सैलरी ले रहे हैं वह किस नियम से ले रहे हैं कृपया इन्हीं से पूछा जाए कि आपकी पदोन्नति ग्रेड पे 7600 पर हुई थी लेकिन वर्तमान में आप 9000 ग्रेड पे कैसे ले रहे हैं
6. क्या पात्रता के मापदंड विभाग में समस्त कार्मिकों के लिए एक है या अलग-अलग अगर एक हैं तो कृपया बताने का कष्ट करें कि जो लोग विभाग में प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद धारित कर रहे हैं उनमें से भी अधिकांश की शैक्षिक योग्यताएं डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MA, MSc एवं बीटेक हैं jo AICTE के अनुरूप योग्यताएं नहीं रखते हैं तो वह सभी लोग अपने पदों पर कैसे कार्य कर रहे हैं और इन्होंने अभी तक क्या किया है
7.इनके द्वारा तथ्यहीन नियम विरुद्ध जो आचरण किया जा रहे हैं वह वास्तविकता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पूरे विभाग की छवि को खराब किया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है
8. मीडिया के साथियों से भी आग्रह है कि वह प्रकरण में अगर विभाग के किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इन नियमों के बारे में आप स्वयं अगर जानकारी हासिल कर लेंगे तो आप इन लोगों को स्वयं ही एक्सपोज कर देंगे और इनकी सच्चाई सबके सामने ला देंगे
अगर इसमें सभी बिंदु उचित है कृपया सभी लोग देख ले तो मेरा मत है कि सभी लोग यह मैटर कमेंट करना चालू करें
बाबा के राज में भ्रष्टाचार चरम पर है किंतु जांच उन्ही लोगों की होगी जिनका बाबा पसंद नहीं करते।
पति पत्नी पार्टी हे
जांच होना जरूरी है। सरकार जांच न कराकर भ्रष्टाचार को सह दे रही है।
अनुप्रिया पटेल हों या पल्लवी, सब जाति के नाम मलाई काट रहीं हैं। इन्होंने पिछड़े, आदिवासी, दलितों के लिए किया ही क्या है?
जाति तो तुम्हारी भी है, इसको कहां छुपा के ले जाओगे??
यह भी योगी आदित्यनाथ और ठाकुर चंगुल में फस गया है
सरकार को तुरंत जांच करा कर इन भ्रष्टाचारी के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाई करनी चाहिए तभी जनता को न्याय मिल सकेगा जय हिंद जय भारत
SP+PDA jindabaad
पल्लवी पटेल 👍
श्री राज बहादुर सिंह जी स्वयं इस विभाग में 5400 ग्रेड पे के लेक्चरर से 6600 ग्रेड पे के HOD पुरानी सेवानियमावली से बने है , फिर दुबारा 6600 ग्रेड पे के HOD से 7600 ग्रेड के प्रिंसिपल पुरानी सेवानियमावली से बने है , उसके बाद 2018 से AICTE का वही 9000 ग्रेड पे का वेतनमान ले रहे है , जिसका वो अब अपने बाद के लोगों के लिए विरोध कर रहे है।
केवल नौकरी के साथ नेता बनने की असफल कोशिश कर रहे है ,
अगर नेता बनना है तो पहले स्वैच्छिक सेवानिवृति ले फिर करे नेतागिरी ,
तो सभी उनका साथ अवश्य देंगे ,
परन्तु स्वयं के लिए अलग मानक तथा औरों के लिए अलग मानक ।
इसीलिए सफल नहीं हो पा रहे है।
जो भ्रष्टाचार में लुप्त पाए जाएं उनके खिलाफ तुरंत एक्शन सरकार को लेना चाहिए..... सरकार को भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं देना चाहिए 🙏🙏
उचित माध्यम से जांच होनी चाहिए
यह लोग समाज को बेचकर पैसा कमाने वाले लोग हैं
पैसा लेकर बीजेपी पद दिया है,
Ban evm
प्रदेश के सबसे ईमानदार अधिकारी M देवराज सरजी ने सारी पदोन्नति प्रक्रिया के हर चरण को पूर्ण करते हुए पदोन्नति की।मंत्री जी ने सारी प्रक्रिया उच्च स्तर पर अनुमोदन के लिए भेजी।जब अनुमोदन हो गया तो पदोन्नति हुई और सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित हुवा कि 177 में ओबीसी sc st वर्ग के 138 पात्र लोग पदोन्नत हुए।
अगर यह भी गलत है तो फिर ऊपरवाला सद्बुद्धि ही दे आरोप लगाने वालों को।
सत्यमेव जयते
Ashish पटेल जिंदाबाद 🚩🚩
Only nitish kumar ❤❤
पति-पत्नी ने पॉलिटेक्निक मे प्रमोशन के माध्यम से जो अधिकारियों की नियुक्ति की है करोड़ों रुपया लेकर अब उसका हिस्सा अधिकारियों को देना पड़ रहा तो परेशान है
ये सब बाबा की नौटंकी है, 27 में औकात पता चल जाएगी। डीपीसी की अनुमति मुख्यमंत्री कार्यालय से होती है, क्यों अनुमति दी???
जंग बहादुर सिंह अपना भी बता दो, आप क्या हैं और क्या पे स्केल ले रहे हो...और कुछ शर्म करो
There must be investigation
Honest man
आशीष पटेल जो की कुर्मी है और अपने आप को जमीदार पाटीदार सरदार वल्लभभाई पटेल से जोड़ता है जो की सामान्य में आते हैं हमको हंसी भी आती है दुख भी आता है इससे अच्छा तुम पलवी पटेल के पिताजी को जोड़ो उन्होंने जरूर संघर्ष किया है
सोनेलाल खुद अपने कुर्मी समुदाय के लिए लड़े थे वह फर्जी में एक पाटीदार को अपना रिश्तेदार नहीं बने गए थे
ये सरकारी सेवक हैं तो राजनीतिक पार्टी के लिए कैसे काम कर रहे थे । सरकारी नौकरी में रहते किसी भी तरह की शिकायत है तो उसे विभागीय अधिकारियों से उचित माध्यम से कर सकते हैं, लेकिन ये पत्रकार वार्ता नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है । कुछ वर्ष पूर्व सचिवालय सेवा के अधिकारी अमर सिंह पटेल ने किसी विभाग में नियुक्तियों का मुद्दा सोशल मीडिया के माध्यम से उठाया था और उसी नियमावली के आधार पर उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था ।
Raj Bahadur Singh ki baat bikul sahi prateet hoti hai, isme mantri ji ki milibhagat lagta hai. Isme respected CM Yogi ji ko DPC ko tatkaal cancel kar dena chahiye. Ye contemt of court hai. Jai Shree Ram
लगता हैँ सारे विभाग के सचिव से ये व्यक्ति ज्यादा जानकारी रखता हैँ l इसकी बातों से ये लगता हैँ ये केवल भ्रामक न्यूज़ फैला कर सरकार को बदनाम कर रहा हैँ l इनको मिडिया के बजाय कोर्ट में चैलेंज करना चाहिए न कि मिडिया में सरकार कि नीति का विरोध करना चाहिए l
Raj bahadur singh ki bhi sabhi karykal aur income ki janch honi chahiye
High level enquiry required
यह कया हो रहा है 😊😊😊
Adhikari aur mantri hai
Open requirement se hona hi sahi hai
Violation and dishonor of Honorable court stay order😊
Bhrashtachar UP mein
Kya bolta hai Andbhakt
Jaanch hogi na
R B Singh ji aap naukri kab karte hai jab media ke sath lagatar nazar aa rahe hai.
Lagta hai tumhe malai mili hai
Investigation hona chahiye but hoga nhi chhe dekh lena bhai log
Hamesha mantri ke picche lage rhe
Principal sir
Ashish patel jindabad
CBI enquiry ho
चोर मचाये शोर😂
Right
राजनीति कर रहा है
आरबी सिंह जी आप थोड़ा समय अपने संस्था पर भी दे दिया करो अगर नेतागिरी से फुर्सत मिले तो।
BJP m asli jangal Raaz dikha diya
Enlogo ki koe aukat nhi hai bina gathbandh ke up me🤣
दलाल मीडिया वालों को जब उधम ज्यादा दिखा तब यह खबर दिखाना पड़ रहा
Tu bhi to sp ka dalal hai
Pura ka pura ghol hai baba
😂😂😂😂😂
R B singh is vibhag ke imandar Principal hai.
Yeh apne ghotale ko ujagar na hon isiliye jati ka card khel raha hai Ashish patel
मीडिया के सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया इन से इन कुछ बिंदुओं पर भी जवाब मांगना चाहिए
1.जब यह विभाग में आए तब उनकी शैक्षिक कार्यताएं क्या थी और यह किस नियम से पदोन्नति होकर विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के वर्तमान पद पर कार्य कर रहे हैं
2.क्या यह विभागध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के पद पर लोक सेवा आयोग से आए हैं
जब यह पदोन्नति से 3.प्रधानाचार्य तक बने तो अब पदोन्नति कैसे गलत है
4.श्रीमान जी से पूछा जाना चाहिए कि माननीय न्यायालय का डबल बेंच का डिसीजन 2011 में आ गया तो इनकी विभागाध्यक्ष के पद पर ग्रेड पे 6600 में पदोन्नति 2013 में कैसे हो गई और 2016 में विभागाध्यक्ष से प्रधानाचार्य कैसे बन गए क्या यह कंटेंप्ट आप कोर्ट नहीं था और वह कैसे नियमानुसार था उनकी खुद की DPC प्रधानाचार्य के पद पर पुराने नियमों से ग्रेड पे 7600 में 2016 में हुई क्या यह कंटेंप्ट का कोर्ट नहीं था 5.वर्तमान में 9000 ग्रेड पे की सैलरी ले रहे हैं वह किस नियम से ले रहे हैं कृपया इन्हीं से पूछा जाए कि आपकी पदोन्नति ग्रेड पे 7600 पर हुई थी लेकिन वर्तमान में आप 9000 ग्रेड पे कैसे ले रहे हैं
6. क्या पात्रता के मापदंड विभाग में समस्त कार्मिकों के लिए एक है या अलग-अलग अगर एक हैं तो कृपया बताने का कष्ट करें कि जो लोग विभाग में प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद धारित कर रहे हैं उनमें से भी अधिकांश की शैक्षिक योग्यताएं डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MA, MSc एवं बीटेक हैं jo AICTE के अनुरूप योग्यताएं नहीं रखते हैं तो वह सभी लोग अपने पदों पर कैसे कार्य कर रहे हैं और इन्होंने अभी तक क्या किया है
7.इनके द्वारा तथ्यहीन नियम विरुद्ध जो आचरण किया जा रहे हैं वह वास्तविकता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पूरे विभाग की छवि को खराब किया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है
8. मीडिया के साथियों से भी आग्रह है कि वह प्रकरण में अगर विभाग के किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इन नियमों के बारे में आप स्वयं अगर जानकारी हासिल कर लेंगे तो आप इन लोगों को स्वयं ही एक्सपोज कर देंगे और इनकी सच्चाई सबके सामने ला देंगे
अगर इसमें सभी बिंदु उचित है कृपया सभी लोग देख ले तो मेरा मत है कि सभी लोग यह मैटर कमेंट करना चालू करें
Raj Bahadur Singh ki baat bikul sahi prateet hoti hai, isme mantri ji ki milibhagat lagta hai. Isme respected CM Yogi ji ko DPC ko tatkaal cancel kar dena chahiye. Ye contemt of court hai. Jai Shree Ram
मीडिया के सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया इन से इन कुछ बिंदुओं पर भी जवाब मांगना चाहिए
1.जब यह विभाग में आए तब उनकी शैक्षिक कार्यताएं क्या थी और यह किस नियम से पदोन्नति होकर विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के वर्तमान पद पर कार्य कर रहे हैं
2.क्या यह विभागध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के पद पर लोक सेवा आयोग से आए हैं
जब यह पदोन्नति से 3.प्रधानाचार्य तक बने तो अब पदोन्नति कैसे गलत है
4.श्रीमान जी से पूछा जाना चाहिए कि माननीय न्यायालय का डबल बेंच का डिसीजन 2011 में आ गया तो इनकी विभागाध्यक्ष के पद पर ग्रेड पे 6600 में पदोन्नति 2013 में कैसे हो गई और 2016 में विभागाध्यक्ष से प्रधानाचार्य कैसे बन गए क्या यह कंटेंप्ट आप कोर्ट नहीं था और वह कैसे नियमानुसार था उनकी खुद की DPC प्रधानाचार्य के पद पर पुराने नियमों से ग्रेड पे 7600 में 2016 में हुई क्या यह कंटेंप्ट का कोर्ट नहीं था 5.वर्तमान में 9000 ग्रेड पे की सैलरी ले रहे हैं वह किस नियम से ले रहे हैं कृपया इन्हीं से पूछा जाए कि आपकी पदोन्नति ग्रेड पे 7600 पर हुई थी लेकिन वर्तमान में आप 9000 ग्रेड पे कैसे ले रहे हैं
6. क्या पात्रता के मापदंड विभाग में समस्त कार्मिकों के लिए एक है या अलग-अलग अगर एक हैं तो कृपया बताने का कष्ट करें कि जो लोग विभाग में प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद धारित कर रहे हैं उनमें से भी अधिकांश की शैक्षिक योग्यताएं डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MA, MSc एवं बीटेक हैं jo AICTE के अनुरूप योग्यताएं नहीं रखते हैं तो वह सभी लोग अपने पदों पर कैसे कार्य कर रहे हैं और इन्होंने अभी तक क्या किया है
7.इनके द्वारा तथ्यहीन नियम विरुद्ध जो आचरण किया जा रहे हैं वह वास्तविकता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पूरे विभाग की छवि को खराब किया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है
8. मीडिया के साथियों से भी आग्रह है कि वह प्रकरण में अगर विभाग के किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इन नियमों के बारे में आप स्वयं अगर जानकारी हासिल कर लेंगे तो आप इन लोगों को स्वयं ही एक्सपोज कर देंगे और इनकी सच्चाई सबके सामने ला देंगे
अगर इसमें सभी बिंदु उचित है कृपया सभी लोग देख ले तो मेरा मत है कि सभी लोग यह मैटर कमेंट करना चालू करें
मीडिया के सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया इन से इन कुछ बिंदुओं पर भी जवाब मांगना चाहिए
1.जब यह विभाग में आए तब उनकी शैक्षिक कार्यताएं क्या थी और यह किस नियम से पदोन्नति होकर विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के वर्तमान पद पर कार्य कर रहे हैं
2.क्या यह विभागध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य के पद पर लोक सेवा आयोग से आए हैं
जब यह पदोन्नति से 3.प्रधानाचार्य तक बने तो अब पदोन्नति कैसे गलत है
4.श्रीमान जी से पूछा जाना चाहिए कि माननीय न्यायालय का डबल बेंच का डिसीजन 2011 में आ गया तो इनकी विभागाध्यक्ष के पद पर ग्रेड पे 6600 में पदोन्नति 2013 में कैसे हो गई और 2016 में विभागाध्यक्ष से प्रधानाचार्य कैसे बन गए क्या यह कंटेंप्ट आप कोर्ट नहीं था और वह कैसे नियमानुसार था उनकी खुद की DPC प्रधानाचार्य के पद पर पुराने नियमों से ग्रेड पे 7600 में 2016 में हुई क्या यह कंटेंप्ट का कोर्ट नहीं था 5.वर्तमान में 9000 ग्रेड पे की सैलरी ले रहे हैं वह किस नियम से ले रहे हैं कृपया इन्हीं से पूछा जाए कि आपकी पदोन्नति ग्रेड पे 7600 पर हुई थी लेकिन वर्तमान में आप 9000 ग्रेड पे कैसे ले रहे हैं
6. क्या पात्रता के मापदंड विभाग में समस्त कार्मिकों के लिए एक है या अलग-अलग अगर एक हैं तो कृपया बताने का कष्ट करें कि जो लोग विभाग में प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद धारित कर रहे हैं उनमें से भी अधिकांश की शैक्षिक योग्यताएं डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MA, MSc एवं बीटेक हैं jo AICTE के अनुरूप योग्यताएं नहीं रखते हैं तो वह सभी लोग अपने पदों पर कैसे कार्य कर रहे हैं और इन्होंने अभी तक क्या किया है
7.इनके द्वारा तथ्यहीन नियम विरुद्ध जो आचरण किया जा रहे हैं वह वास्तविकता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पूरे विभाग की छवि को खराब किया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है
8. मीडिया के साथियों से भी आग्रह है कि वह प्रकरण में अगर विभाग के किसी जिम्मेदार व्यक्ति से इन नियमों के बारे में आप स्वयं अगर जानकारी हासिल कर लेंगे तो आप इन लोगों को स्वयं ही एक्सपोज कर देंगे और इनकी सच्चाई सबके सामने ला देंगे
अगर इसमें सभी बिंदु उचित है कृपया सभी लोग देख ले तो मेरा मत है कि सभी लोग यह मैटर कमेंट करना चालू करें