Supreme Court ने ED को नंगा कर दिया! Chandrachud | Ashok Wankhede | The News Launcher
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- Опубликовано: 9 сен 2024
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Supreme Court ने ED को नंगा कर दिया! Chandrachud | Ashok Wankhede | The News Launcher
यही चंडीगढ़ चुनाव में हुआ जब वह ऑन कैमरा पकड़ा गया तो उसकी सजा क्यों नहीं दी गई उसको क्यों छोड़ दिया गया वोटों की चोरी की
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Uo CTC@@brijmohansingh4708
टिप्पणियों से कुछ नहीं होगा, दोषी अधिकारियों को जेल या जुर्माना होना चाहिए
टिप्पणी तो चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हेरा फेरी करने वाले के खिलाफ़ भी की थी, कोई एक्शन नहीं हुआ, ऐसे ये वारदातें नहीं रुकेगी
ई डी के दोषी अधिकारियों को नागरिकों की आजादी छीनने के जुर्म में उम्र कैद की सजा मिलनी चाहिए।
अन्दर करके सरकार अपना मकसद पूरा कर लेती है। दोष सिद्ध न कर पाने पर ईडी पर कार्रवाई होनी चाहिए।
अपने माननीय सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टरल बॉन्ड को लेकर जो सवाल पूछा है वह बहुत ही सराहनीय है ..और इस सवाल का जवाब माननीय सुप्रीम कोर्ट को देना चाहिए और इस तरह के भ्रष्टाचार के तरीकों को बंद करने का कानून बनना चाहिए
हमारे देश से भ्रष्टाचार कभी खत्म नहीं होगा, क्यों की इमानदारी की इमारत गिर चुकी है,
True
Desh me gaddaron ki sankhya badh gayi hai.
@@ramnarayanverma835
aur murkh andhbhakto ki bhi.
कोई अधिकारी अगर बिना कोई सबूत किसी के कहने भर से अगर किसी को भी गलत तरीके से जेल में डाल देता है,और अदालत में असंवैधानिक पाया जाता है तो ऐसे अधिकारी को अदालत सजा क्यों नहीं देती?जब तक अदालत ये काम नहीं करेंगी तबतक अधिकारी गलत काम करते रहेंगे
Ashok Wankhede Jindabad 🙏🙏
Ashok wankhede sahab jaise honest patrakarita ko lakh lakh abhinandan
Cij सिर्फ टिप्पणी करती है,कारवाई नहीं करती है,सच्चाई आप ने देखा दिए है,आशोक वानखेडे जी,आप को दिल से धन्यवाद.
सजा विपक्ष के लिए और मजा अपने साथ बालों के लिए , ये कैसी अन्याय प्रणाली चल रही है , और आखिर कब तक ?
वानखेड़े जी आपकी समीक्षा उच्च कोटि है चंद्रचूड़ जी को न्याय दिखलाना चाहिए
टिप्पणी से क्या होता है फैसला में अंकित हो तो कोई बात नहीं चंद्रचूड़ कोई अजूबा नहीं है वह भी पेशवाई सोच का है।
सवाल बडा है परन्तु फैसला दे कर लगू करवाना भी उतना ही ज़रूरी है,वरना फैसला अधूरा है
Supreme Court should set an example by doing justice
यही edडायरेक्टर वाले में हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति अवैध मानी थी तो 45 दिन का एक्सटेंशन क्यों दिया बहुत सोचने वाली बात है
ईडी अपनी निष्पक्षता खो चुकी है वह एक पार्टी की भक्त हो गई है
झूठ और साक्ष्य पेश नहीं करने वाले अधिकारियों पर जबतक कार्रवाई नहीं होगी तबतक इन संस्थाओं आम आदमियों को परेशान करते रहेगा।
बगैर किसी भी साक्ष्य के असंख्य लोगों को जेल में बंद कर रखा है। ईडी और सीबीआई आईटी एजेंसियों ने गैर बाजिव कारणों से जेलों में ठूॅंस रखा है और देश की शीर्ष अदालत आंखें बंद किए मूकदर्शक बनी हुई बैठे रहती है।
चूंकि शीर्ष अदालत ने ही एक तरह से सत्तारूढ़ों तानाशाहों को खासकर केवल और केवल विपक्षियों को अपनी पालतू एजेंसियों से निशाना बनाकर मिटाने के लिए उनके हौंसला बुलंद कर दिये हैं। चूंकि एजेंसियां जेल में ठूंसने के बाद सबूत अदालतों में पेश न कर पाने पर भी अदालतें बंद मनगढ़ंत कहानी के आरोपियों को जमानत नहीं देतीं हैं। देश में व्याप्त ये हालात देश को अराजकता की ओर नहीं ढ़केल रहे हैं ?
Absolutely right
CBI ED home ministery ke bhrast officers ko supreme court jab tak kathoor saza nahi deti tab tak ye agencies nahi sudhregi
बहुत खूबसूरत सवाल है।
इलक्ट्रोरल बांड के मामले में बिल्कुल उलटा हो गया इसमें न्याय दिखा पर न्याय हुआ नहीं !
सुप्रीम कोर्ट भी स्वत: संज्ञान लेना भूल गया
फटकार से कुछ नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट न्याय करे और फ़ैसले ले। सुर्खिया ना बटोरे
100 percent correct
@@av2742 well said.
ई डी के विरुद्ध मा0 न्यायालय टिप्पणी से क्या फर्क पड़ता है। लोगों की जिन्दगी तो बर्बाद हो जाती है।
सच को सच नहीं कह पाए न्यायाधीश वह कहलाते
आप शुद्ध धन्यवाद पत्रकार है
हमें तो ऐसा लगता है कि ED से भी बड़ा प्रश्न चिन्ह SC ,HCपर लगता है क्योंकि ED के baseless व गलत आरोपों को जान लेने के बावजूद ये एक कदम आगे जाकर जमानत भी नहीं देते हैं। जनता जानना चाहती है कि दोनों में महान कौन है??
न्यायाधीश किसी ना किसी रूप में राजनीतिक विचारधारा से जुड़े होते हैं लेकिन प्रकट नहीं करते इसीलिए मौखिक टिप्पणी करते हैं मौखिक टिप्पणी से भ्रष्टाचार को खत्म नहीं किया जा सकता है जब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखित रूप में न्यायाधीश एक्शन लेना चाहिए तभी भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है
आपने सही कहा कि न्यायालय द्वारा टिप्पणी तो दी जाती है, लेकिन मामले में कोई निर्णय नहीं होता। तो फिर हम आम लोग निर्णय के लिए कहां जाएंगे? अपराधी तो छूट जाते हैं।
बीजेपी राज नही कर रही वह सरकारी एजेंसियों के जरिए बदले की भावना से खेल कर रही हे जो बेहद शर्मनाक हे
ED wale apsaraon ko farzi case lagane ke liye turant jail
honi chahiye.
@@purabpannalal9800bilkul sahi kahe apne.
मनीष सिसौदिया जी को आज सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है आज।❤
OS ka kasoor Kaya Tha bhai yeh kam Toh pehle V ho sakta Tha 😮
टाईगर सर आदाब टाईगर सर आप पत्रकारिता की शान हो सलाम सर आप को
गुड क्वेश्चन विद सुप्रीम कोर्ट
बिलकुल ठीक कहा न्याय जनता के साथ नहीं hua
साक्ष्य प्रस्तुत न करने वाले ED अधिकारी पर कार्यवाही होती तो यह खेल नहीं होता
Supreme Court..All that glitters are not gold.
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया के लॉकर वाला झुनझुना ED के हाथ में थमा दिया
जय महाराष्ट्र टायगर
*खुश ना हो...ये नौटंकी है... महाराष्ट्र का फैसला और इलेक्टरॉल बॉंड की जॉंच को नकारना ये कौनसा न्याय है..!*
निवुज लोंचर चानल कां और अशोक जि वानखेडे सर टायगर जि निडर निर्भिड पत्रकार हैं सर आप को शैलुठ हैं ❤❤❤❤❤❤
नंगें को नंगा कर दिया तो क्या सुटबुट वाले को कब नंगा करें गे
बहुत ही शानदार और सटीक यथार्थपरक विश्लेषण
आपकी नीडर पत्रकारिता को सलाम
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
*हर चेहरे के उपर मुखौटा है*
*पता करना मुश्किल है*
*कौन सच्चा कौन नकली बैठा है...* 🌹🌹
Sab nakali hain
का कहना ऐसे लोगों से जिनकी
फितरत छिपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छिपी रहे l
Wah Ashok wankhede sir salut karatu app ko sir
Cji सिर्फ टिप्पणी
No कारवाही
Shocking
😅 9:14 9:14 9:14 9:15 9:22 9:22 9:22 9:22 9:22 9:22 9:22 9:22 9:22 😅 9:23 😅 9:29 9:29 9:37 9:37 9:37 9:37 9:38 😅😅😅😮😅😮😅😊😊😊😊
सुपरिम कोर्ट के हाथ मे कलम के जगह कमल है ये तो सब समझ रहे है !! महाराष्ट्र का निकाल लगाकर कैसे निकाल लगाया जनता जानती है ! सिर्फ सुप्रिम कोर्ट नही !! 2014 से देशमे अंधा कानुन का अंधा राज चल रहा है !! न्यायमूर्ती न्यायदेवता ये शब्द विशेषण लुप्त ही गये अभी ===Supreme court शब्द प्रचलित हे ; My lord !!!
अगदी बरोबर साहेब ... 😊
सही पकङे@@sadanandchavan3344
😆👌💯💯💯👍
RESPECT TO YOU SIR WANKHERE JI. GOOD INFORMATIVE VIDEO
आ, वानखेड़े सर आपकी बातों इतना दम है की आपकी बातें सूनकर पुरी एक पिढी दुरुस्त होनेवाली है।
सर मै तो आपको दिल से सलाम करता हूँ।
जयहिंद।
अशोक वानखेडे सर आप का विश्लेषण बहुत लाजवाब होती है।
आदरणीय वानखेड़े जी को सादर नमस्कार,।
Excellent analysis.
ED - चांदी वर्क चढा है जनाब.
Great हो आप Ashok भाई
टिप्पणियों ने ही तो आज तक केजरीवाल को सिसोदिया को जेल में रखा है 4:08
क्या ऐसे अधिकारी दंड के अधिकारी हैं? यदि है ,तो क्या यह होगा ??????????????????
टाईगर सर आपकी पत्रकारिता का कोई शानी नहीं !
सल्यूट आपको !❤
सत्य मेव जयते
Love your presentation, Wankhede sir. Unbiased presentation.
These presentations are useless since SC is working under pressure. Even it has proofs CJI is used to afraid in taking decisions. Phatkaar dena Notice dena all nonsense.
इस फैसले से साफ हैं की अब तक ट्रायल कोर्ट, high कोर्ट मे कानून सम्मत न्याय नहीं मिला और asg , sg भी कोर्ट में झूठ बोलते रहें, इसके लिए उतरदायी किसी को कोई सजा नहीं और पीड़ित को जेल में रहना पड़ा मगर कोर्ट सिर्फ टिपणी की ? इससे तो ऐसे चलता ही रहेगा, कोर्ट प्रकिर्या ही सजा हैं?
वानखेडे साहेब तुम्हाला त्रिवार सलाम.
ED तो अब चिड़िया उड़, मैना उड़, तोता उड़ इसी खेल के लायक रह गई ।😢
Aap ne bilkul sahi aur sateek comment Kiya. Dhanyawad. Jai Hind.
अशोक जी बहुत बधाई हो
आप की पत्रकारिता काफी सचोट है.....
You are absolutely right, sir. Mr. Chandrachud must deliver the actual justice .
बहुत खूब अति उत्तम कथन हेतु आपका आभार साधुवाद है जी
Aap ke bolne se Sach samne aata hai. Logo ko Sach jaane ko milta hai.
साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने वाले अधिकारियों को क्या जेल में नहीं डाला जा सकता है?
For
इसलिये कहता हू भारत के सभी संस्थाओंमे आरक्षन आणाचाहिये ता की प्रशासन, किसि पार्टी या समाज की हूकमी एक्का नही बनना चाहिये
SC को उनको सज़ा देनी चाहिए जो बिना प्रमाण के लोगों को जेल में बंद रखते हैं।
VERY GOOD WANKHEDE SAHEB JI
aap ke mukhar bind se news bahut anand milta hai sir ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
इस देश की न्याय व्यवस्था पर अब जनता का भरोसा नहीं रहा.
Wankhede ji you are great for saying nyay तो हुआ लेकिन nayay दिख नहीं रहा है साथही आप संविधान को भगवान् से भी बड़ा मानते हैं l आपका यह समझ करोड़ भगवान् से भी बड़कर है l आपको लाखों लाखों सलाम l
Ashok wankhede ji you are honest great independent press reporter. So proud of you and God bless ing. I am your fen
भाऊ ED के इस कृत्य पर सुप्रीम कोर्ट ED पर करवाही क्यू नही होती
Absolutely correct analysis We request our honourable chief justice of India to review and deliver verdict
सिर्फ लोकसभा चुनाव से दुर रखना इनका मकसद था इंडिया गठबन्धन को अब पलट वार करना चाहिए
जय विज्ञान जय संविधान जय लोकतंत्र।
सरकार के खिलाफ आरोपों पर न्यायपालिका बेबस दिखाई देती है और सिर्फ तल्ख टिप्पणी करके छोड़ देती है और सजा नहीं देती न्यायपालिका की यह मजबूरी समझ में नहीं आती
आप जैसे पत्रकार ही सच्चाई दिखाते है साधुवाद
भाऊ.तानाशाही बिके हुए नेता नही हटाएगें.जनता को सडकों पर जनआंदोलन कर भगाना पडेगा.🎉🙏
The great prasnality Ashok wankhede ji
Agar court sahi tarikese kaam kare to adharm nahi hoga
वानखेडे साहब आपका अभ्यास पूर्ण विश्लेषण गर्व है आपका
नंदू , (हसीना भाग जाएगी ) , को भी भागना परेगा।
🐩🐈⬛
साहेब, प्लिज, अब आप विधानसभा इलेक्शन से पहिले मुंबई, महाराष्ट्र में आपकी कही सिव्हिल सोसायटी में विचार प्रदर्शित हो......
नमस्कार, वानखेड़े जी।
Sir your presentation is very powerful, realistic and great challenge for whole nation to think very seriously.Salute you Sir,🎉🎉🎉
ईडी अधिकारियों को सोचना चाहिए कि वो कर क्या रहे हैं?
ASHOK wankhede jee TIGER NAMASKAAR salute ❤❤se
A Very Valid Question thrown Towards the Supreme Court of India..👍👍👍
टाइगर आप को तहे दिल से शुक्रिया
जब तक सरकारी र्कमचारी केंचुआ बने रहेंगे और सत्ता के गुलाम बने रहने में आपना हित साधते रहेंगे, तब ऐसा ही होगा।
AshokWakhere Sir Sachcha ImaandarPatrakaar🎉JaiHind🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Ashok ji u r 100 percent Right.salute hai appko
यहां टिपणी कर महफिल लूट रहे हैं और गरीबों और आदिवासियों के खिलाफ बिन मांगे सीधे निर्णय कर देते हैं..
आप सही मैं Tiger 🐯🐯 हो !!
God bless you bhai ashok wankhera sir. Sadar pranam sir 🙏 thanks
कोर्ट सिर्फ टिप्पणियां करता है पर फैसला हरदम सरकार या ed के विरुद्ध होता नही। सब मिलीभगत है
Bilkul sahi bola aapne dhanyabad
Why does Indian Supreme Court not take legal actions against ED, I-T and CBI officials including judges even from Indian Supreme court?
Lip talking does not help either the Supreme Court or the person being harassed.
सच का हो गया बोलबाला! झूठे का मुंह काला!!👏👏👏🏆🙏
Super question to the CJI. He needs to explain why they were not punished. What's the use of such adorable judgement?
Court should take action against persons
involved for detaining people in jail,now thesepeople should be
Sent jail for commiting this offence against
Persons or persons
for defaming n playing with lives of people.