दीप सर हमें प्रकृति वाले मन में लाए बिना आप कहीं मत जाइए प्लीज़ 😄 हम पूरे तन मन से कोशिश कर रहे हैं इन सभी रहस्यों को जानने की और हम सच्चे दिल से समझ रहे हैं कसम से। आपकी हर वीडियो का बड़ी ही उत्सुकता से हमें इंतज़ार रहता है। आपके समझाने का ढंग भी हमें बड़ा भाता है। हमें तो बस हर हाल में अपनी चेतना को जागृत करना है और हमें संपूर्ण विश्वास है कि हम एक दिन ज़रूर आपकी कोशिशों पर खरे उतरेंगे अर्थात स्वयं को इतना सक्षम बना लेंगे कि बिन बोले बिन देखे बिन सुने भी हम प्रकृति के भेजे गए संदेशों को देख सुन और समझ सकें। बहुत बहुत सारा आभार आपका इन सभी लाइव workshops classes के लिए जो आप इतनी मेहनत कर रहे हैं हम सबके भीतर के ज्ञान तक हमें पहुंचाने के लिए thank you once again and God bless you Sir ❤️
दीप सर हमें प्रकृति वाले मन में लाए बिना आप कहीं मत जाइए प्लीज़ 😄 हम पूरे तन मन से कोशिश कर रहे हैं इन सभी रहस्यों को जानने की और हम सच्चे दिल से समझ रहे हैं कसम से। आपकी हर वीडियो का बड़ी ही उत्सुकता से हमें इंतज़ार रहता है। आपके समझाने का ढंग भी हमें बड़ा भाता है। हमें तो बस हर हाल में अपनी चेतना को जागृत करना है और हमें संपूर्ण विश्वास है कि हम एक दिन ज़रूर आपकी कोशिशों पर खरे उतरेंगे अर्थात स्वयं को इतना सक्षम बना लेंगे कि बिन बोले बिन देखे बिन सुने भी हम प्रकृति के भेजे गए संदेशों को देख सुन और समझ सकें। बहुत बहुत सारा आभार आपका इन सभी लाइव workshops classes के लिए जो आप इतनी मेहनत कर रहे हैं हम सबके भीतर के ज्ञान तक हमें पहुंचाने के लिए thank you once again and God bless you Sir ❤️
Thank you❤🙏😊😊
Thanks deep ji 🙏🙏💖
Yes Sir. I Want ✋️ Peace And Thanks to Prakriti Gave me. Thanks God, Universe, Angel 😇, Ancestor's, Nobel Soul's Of Mom,❤Daddy❤🎉Amen.
🙏🙏thank you sir🙏🙏
Excellent teachings sir.
I am very eagerly waiting for the followup videos.
Thank you very much
Good morning sir
Thanks
naman sir
🙏🙏
Le chal paar abki baar o mere manjhi deep.
तार्किक और वैज्ञानिक शिक्षा का आभाव ❤ लोगों को धर्मांध बनाया जा रहा है 💜 इसी आभाव के कारण अनपढ़ तड़ीपार और धर्मांध बाबा पनौती सत्ता में है 💙😎💙💙💙
Sir ji 100 scientists ki book Or video kb aayegi
Jay shree Krishna.
25:12:2024
Thanks sir 🎉
Thanks ji 🙏
Good morning sir
Thanks
Thank you very much Sir