जाति-प्रथा का कड़वा सच बताती, अदम गोंडवी की कविता ‘चमारों की गली’| Ek Kavita Roz| The Lallantop

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  • Опубликовано: 15 окт 2024

Комментарии • 10 тыс.

  • @AKHILESHKUMAR-wy8mc
    @AKHILESHKUMAR-wy8mc Год назад +344

    बहन , आपने कितनी साहस से यह यह कविता सुनाया , दिल को झकझोर गई , मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए सुनने में , ऐसे लेखकों को चरण स्पर्श .

    • @RajaSirji
      @RajaSirji 4 месяца назад +1

      गली चमारों की (महान हिंदी कवितायेँ) ruclips.net/video/4ay3KIXOfpE/видео.html

  • @rajnish0123
    @rajnish0123 Год назад +3582

    ब्राह्मण हूं! निश्चय ही साहस नहीं जुटा पाया सुनने का। वर्षों पहले हमने "जूठन" भी पढ़ी थी। दलित समाज को आगे बढ़ाने वाले कार्यकर्ताओं को मेरा प्रणाम।🙏🙏🙏

    • @haridattsharma7573
      @haridattsharma7573 Год назад

      लल्लन टॉप वामपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाने वाला चैनल है। कृपया सतर्क रहें 🙏
      जो कविता में दर्शाया गया है ऐसा कभी नहीं होता था। कविता का क्या है कुछ भी लिख डालो। यह मूर्ख पत्रकार कविता को सच मानकर भावुक हो रही है 🤣
      कमज़ोरों को ताकतवर ने हमेशा सताया है। जाति से इसे जोडना अपराध और अपराधी को बचाने जैसा है। क्या सवर्ण लड़कियों के रेप नहीं होते?? क्या सवर्णों पर अत्याचार नहीं होते?? क्या किसी दलित का उत्पीडन उसकी अपनी ही जाति के व्यक्ति द्वारा नहीं हो सकता?? उत्पीडन और शोषण का सम्बन्ध ताकतवर और कमजोर से है जाति से नहीं। यह सरकारी तंत्र का फेल्योर है न कि जाति व्यवस्था का।

    • @singhramram5151
      @singhramram5151 Год назад

      अरे tohre chhinaro ke 52 log fela ke chhuwa chhot gyan pelta h

    • @singhramram5151
      @singhramram5151 Год назад +54

      एडम गोंडवी (जन्म राम नाथ सिंह ; 22 अक्टूबर 1947 - 18 दिसंबर 2011) [1] [2] अट्टा परसपुर, गोंडा , उत्तर प्रदेश के एक भारतीय कवि थे । [1] [3] उन्होंने हाशिए पर पड़ी जातियों, दलितों , दरिद्र लोगों की दुर्दशा को उजागर करते हुए हिंदी में कविता लिखी । [2] एक गरीब किसान परिवार में जन्मे, हालांकि, उनके पास काफी कृषि योग्य भूमि थी। गोंडवी की कविता सामाजिक टीका-टिप्पणी, भ्रष्ट राजनीतिज्ञों के तीखे दृष्‍टिकोण और क्रांतिकारी स्‍वभाव के लिए जानी जाती थी। [1] [2]
      एडम गोंडवी
      स्थानीयनाम
      आदम गोंडवी
      जन्म
      राम नाथ सिंह 22 अक्टूबर 1947 अट्टा परसपुर, गोंडा , उत्तर प्रदेश
      मृत
      18 दिसंबर 2011 (आयु 64)
      संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान , लखनऊ
      पेशा
      कवि
      भाषा
      हिंदी , अवधी
      राष्ट्रीयता
      भारतीय
      उल्लेखनीय पुरस्कार
      1998 में दुष्यंत कुमार पुरस्कार
      1998 में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें दुष्यंत कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया। [1] 2007 में उन्हें अवधी/हिंदी में उनके योगदान के लिए शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रतन सम्मान से सम्मानित किया गया। [4]
      गोंडवी की 18 दिसंबर 2011 को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान , लखनऊ में पेट की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। [2] [3]
      उनके कविता संग्रह धरती की सतह पर (पृथ्वी की सतह) और समय से मुठभेद (समय के साथ मुठभेड़) काफी लोकप्रिय हैं। [1] [3]
      उनकी कुछ प्रसिद्ध कविताएँ हैं -
      तुम्हारी फिल्मों में गांवों का मौसम गुलाबी है [5]
      मैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको, आइए महसूस कीजिए [6]
      काजू भुनी थाली में, व्हिस्की भरी गिलास में
      संदर्भ
      संपादन करना
      "कवि राम नाथ सिंह, जिन्हें आदम गोंडवी के नाम से जाना जाता है, का लखनऊ में निधन हो गया"। जागरण जोश डॉट कॉम। 19 जनवरी 2011। 22 अक्टूबर 2016को पुनःप्राप्त।
      "अदम गोंडवीः विद्रोह की रोशनी से लिखा बेबाक कलाम" . aajtak.intoday.in (हिंदी में) । 22 अक्टूबर 2016 को पुनःप्राप्त ।
      "कुछ इस तरह थी गोंडवी की राजनीति पर कटाक्ष" . hindi.oneindia.com । 3 नवंबर 2016 को मूल से संग्रहीत । 22 अक्टूबर 2016 को पुनःप्राप्त ।
      "जन-जन के कवि आदम गोंडवी" । दैनिक जागरण । 23 अगस्त 2020 को पुनःप्राप्त ।
      "Hindisamay.com: अदम गोंडवी की कविताएँ :: अदम गोंडवी की कविता" . hindisamay.com । 22 अक्टूबर 2016 को पुनःप्राप्त ।
      "\'मैं चमारों की गली तक ले जाऊंगा आपको\'" . aajtak.intoday.in (हिंदी में) । 22 अक्टूबर 2016 को लिया गया ।
      आदम गोंडवी कविता/ग़ज़ल/कविता (हिंदी)en.m.wikipedia.org/wiki/Adam_Gondvi

    • @ChandanKumar-ko3ip
      @ChandanKumar-ko3ip Год назад +83

      Aapke paas emotions h yhi kafi h hmare liye thanks

    • @singhramram5151
      @singhramram5151 Год назад +22

      @@Kamal_Sings ye Brahman he sale kshatriya Samaj ko badnam bhi carte he aur hiteshi bhi bante he

  • @myritu72
    @myritu72 8 месяцев назад +134

    जाति के आधार पर भेदभाव हिंसा प्रताड़ना ....ऐसे कवियों को ह्रदय से नमन

    • @Rajputana328
      @Rajputana328 19 дней назад

      लेकिन आज कल के चमार तो बोलते है की हम किंग है शेर 🤣 फिर प्रताड़ना कैसे हुई 😂

  • @Thehumanity477
    @Thehumanity477 3 месяца назад +56

    ये पंक्ति बस पंक्ति ही नहीं है... किसी समाज पर हो रहे दमन व अत्याचार का प्रमाण है 😢😢😢.🙏

  • @hariomchaudhary3021
    @hariomchaudhary3021 2 года назад +209

    अरे मेम क्या ही चमत्कारी शब्दों में आपने समाज की सच्चाई कहीं है! जो भी सुनेगा उसका भावुक होना स्वाभाविक है
    धन्यवाद मेम 🙏🏻

  • @JITENDRAKUMAR-ek4fj
    @JITENDRAKUMAR-ek4fj Год назад +127

    जाति है कि जाती ही नही
    मैंने कई बार इस कविता को सुना जब भी सुनता हूँ आँखे नम हो जाती है लगता है आज की ही व्यथा है।
    आपको और आपकी टीम को साधुवाद।

    • @RajaSirji
      @RajaSirji 4 месяца назад

      गली चमारों की (महान हिंदी कवितायेँ) ruclips.net/video/4ay3KIXOfpE/видео.html

  • @arvindkumar-sv4ux
    @arvindkumar-sv4ux 2 года назад +1004

    ये जाति है कि जाती ही नहीं, इसका दर्द सिर्फ वो ही लोग समझ सकते है।इतनी बेहतरीन रचना के लिए दिल से धन्यवाद और इसे दिखाने के लिए आपका आभार🙏

    • @saralmishra287
      @saralmishra287 2 года назад +5

      Jaisa jinhe reservation milta h woh iska support kerte ha jinhe nhi woh iska virodh kerta hai . Waise hi jinhe swarn caste milti h woh iska support kerta h jinhe nhi woh iska support kerte hai

    • @lightsforall7076
      @lightsforall7076 2 года назад +3

      Bhai ye jati h kabhi nhi jayegi yad rkhana q ki na to political parties chahti h or na log q ki dono ko maja arha h

    • @saralmishra287
      @saralmishra287 2 года назад

      @@lightsforall7076 hmm

    • @kanhiyadubey2794
      @kanhiyadubey2794 2 года назад +20

      Aao ek jatibihin samaj ka nirman kare aur , Ambedkar Sahab ke sapano ko sakar kare .
      Jai Hind Jai Bheem

    • @haryanvijatt2672
      @haryanvijatt2672 2 года назад +1

      Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
      वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
      पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
      जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं

  • @monu_shakya_01
    @monu_shakya_01 7 месяцев назад +33

    सलाम है लेखक की सोच को ,
    आपके हृदय में उठे जोश को |
    ये जोश हृदय में हमेशा बरकरार रहे,
    हम भी ऐसी कुरीतियों से लड़ने के लिए तैयार रहे |🫡

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Месяц назад

      बताओ चार वर्ण कर्म जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए बिना जीविकोपार्जन प्रबन्धन और समाज सुरक्षा प्रबंधन कैसे होगा?
      बताओ किस राष्ट्र राज्य देश प्रदेश में चार वर्ण कर्म विभाग का प्रबंधन विधान किये बिना समाज संचालन हो रहा है?
      बताओ चार वर्ण कर्म जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए बिना जीविकोपार्जन प्रबन्धन और समाज सुरक्षा प्रबंधन कैसे होगा?
      बताओ किस राष्ट्र राज्य देश प्रदेश में चार वर्ण कर्म विभाग का प्रबंधन विधान किये बिना समाज संचालन हो रहा है?
      असभ्य बकवास करना क्षुद्रक पाशविक सोच उजागर करना सवाल का जवाब नहीं होता है?
      असभ्य बकवास करना दण्डनीय अपराध होता है।

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Месяц назад

      शिक्षित विद्वान मित्रो ! जन्म से हरएक मानव जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से सबजन बराबर होते हैं। हरएक मानव जन को जानना चाहिए कि वे जन्म से मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय,
      पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य हैं । इसलिए हरएक मानव जन खुद को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्रण और वैश्य कुछ भी मानकर बताकर नामधारी वर्ण वाला मानकर बताकर जी सकते हैं।
      हरएक महिला मुख समान ब्राह्मणी, बांह समान क्षत्राणी, पेट समान शूद्राणी और चरण समान वैशाणी हैं।
      चरण पांव चलाकर ही व्यापार वितरण वाणिज्य क्रय विक्रय वैशम वर्ण कर्म होता है।
      हरएक मानव जन कोई भी वर्ण करके किसी भी वर्ण को मानकर नामधारी वर्ण वाला होकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। सबजन को समान अवसर उपलब्ध है।
      इसके साथ ही चार वर्ण में ब्रह्म वर्ण कर्म जैसे कि शिक्षण वैद्यन पुरोहित संगीत कर्मी जन हैं वे कर्मधारी ब्रह्मण हैं ,
      क्षत्रम वर्ण में सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश गार्ड कर्मी जन क्षत्रिय हैं,
      शूद्रम वर्ण में तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार कर्मिक जन शूद्रण हैं और
      वैशम वर्ण में वितरक वणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर जन वैश्य हैं।
      पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत जनसेवक नौकरजन दासजन सेवकजन चारो वर्ण कर्म विभाग मे कार्यरत हैं।
      पौराणिक वैदिक सनातन दक्षधर्म शास्त्र के साथ साथ प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध है।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को पढ़कर समझकर ज्ञान बढ़ाना उचित सोच कदम है।
      इस अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान वाली पोस्ट पढ़कर समझकर ज्ञान प्राप्त कर अन्य सबजन को भेजकर ज्ञानवर्धन करवाना चाहिए और आवश्यक प्रिंट सुधार करवाना चाहिए।
      सबजन को खुद की अपनी सोच सुधार कर किसी भी वर्ण को मानकर बताकर जीवन निर्वाह करने का समान अवसर सबजन को उपलब्ध है।

  • @rakhichauhan7812
    @rakhichauhan7812 Год назад +127

    आँखों में आंसू आ गये कविता सुन कर😢 इस कविता ने हमारे समाज की जाती प्रथा का सही आईना दिखाया है आपको सलाम हैं गोंडवी जी को लेकिन बड़े दुख की बात है यह आज भी प्रचलित है।

    • @goldyboudh5090
      @goldyboudh5090 Месяц назад

      Right but abhi kuchh badlav h log educated hone lage law ka power lene lage

  • @studymanch4144
    @studymanch4144 2 года назад +3070

    4000 साल की क्रूर जाति प्रथा का दर्द चंद लाइनों में उतर दी... अदम गोंडवी को मेरा सलाम 🙏

    • @kamalchishti5516
      @kamalchishti5516 2 года назад +11

      ادم گوںڈوی کی نظم ایک سچی اور تلخ حقیقت ہے

    • @RajKumar-fn9yo
      @RajKumar-fn9yo 2 года назад +6

      Phooan Devi ji ki kavita likho. Jisme reply hai.

    • @pratyushrajput1090
      @pratyushrajput1090 2 года назад +20

      4000 nhi.. 200 saal purani

    • @nisargdhamecha8476
      @nisargdhamecha8476 2 года назад +35

      @@pratyushrajput1090 jhooth mat bol. Sab kuch British ke upar blame mat karo. Hinduism and scriptures of Hinduism are all about Casteism. Accept it and change it.

    • @pratyushrajput1090
      @pratyushrajput1090 2 года назад +9

      @@nisargdhamecha8476 aap koi bhi ek scripture (written in sanskrit) utha ke usmein se koi bhi ek line bta do mujhe ki ismein yaha jaatibaad h...
      Ya fir
      Kisi bhi sanskrit scripture mein chamar, dalit, jaise sbd milein to aap mujhe comment krke btaye

  • @pravinchaturvedi3433
    @pravinchaturvedi3433 9 месяцев назад +150

    सचमुच बहुत भावुक और दलितों के जीवन की कठिनाइयो को जीवंत कर देनी वाली कविता है,साथ ही आपकी प्रस्तुति भी बहुत शानदार थी। बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

    • @Shaileshkvideos761
      @Shaileshkvideos761 7 месяцев назад

      ruclips.net/user/shorts6JEGIegBipE?si=jLsNBhrP0SAfV6Uj

  • @LbsnaaWale
    @LbsnaaWale 7 месяцев назад +194

    Me Ise Km se km 100 baar dekh liya 😢😢

    • @Shaileshkvideos761
      @Shaileshkvideos761 7 месяцев назад

      ruclips.net/user/shorts6JEGIegBipE?si=jLsNBhrP0SAfV6Uj

    • @RavikantKumar-ej6ms
      @RavikantKumar-ej6ms 7 месяцев назад +1

      ❤❤❤

    • @NeetGirl_KRISHiii
      @NeetGirl_KRISHiii 6 месяцев назад +1

      Ak baar aur dekh lete 101 subh hota h 👍😢😢😂😂😂

    • @LbsnaaWale
      @LbsnaaWale 6 месяцев назад +1

      @@NeetGirl_KRISHiii 😂😂😂😁

    • @RajaSirji
      @RajaSirji 4 месяца назад

      गली चमारों की (महान हिंदी कवितायेँ) ruclips.net/video/4ay3KIXOfpE/видео.html

  • @harvindrasingh1987
    @harvindrasingh1987 2 года назад +1466

    निःशब्द हूं।
    समाज का ऐसा आइना सामने लाने के लिए ऐसे कवियों को ह्रदय से नमन करता हूं।ऐसी हिम्मत सभी में नहीं होती है..... 🙏🙏🙏

  • @prgamervlog684
    @prgamervlog684 2 года назад +431

    ये कोई कविता नहीं हैं ये किसी के जीवन का परिचय हैं 😭😭😭😭 जय भीम 🙏🙏🙏

  • @vlogwitharjunallahabadi5482
    @vlogwitharjunallahabadi5482 8 месяцев назад +60

    ये कविता मैंने हजारों बार पढ़ी है। और यकीनन ये दौर आज भी जारी है। अदम साहब गोंडा के ही रहने वाले थे और ये घटना गोंडा उनके गांव की हैं। इस बारे में
    मैंने कई लोगो से पता जो उसी गॉव के थे।
    आखिरी चंद पंक्तियों को पढ़ते वक़्त मैंने आपकी आवाज में वो भारी पन देखा आपका गला भर आया था।
    आपने उसे महसूस किया जो मैं हजारों बार कर चुका हूं

    • @sarlasiddharth
      @sarlasiddharth 6 дней назад +1

      हृदय को भेद गई 😔 कई बार पढ़ी हूं ,ये घटना सत्य है ये सुनकर बहुत द्रवित हूं😢

    • @vlogwitharjunallahabadi5482
      @vlogwitharjunallahabadi5482 6 дней назад

      @@sarlasiddharth sahi kaha ma'am

  • @n.knarendra4705
    @n.knarendra4705 2 месяца назад +29

    यही असली हिंदुओ की कहानी है इसीलिए मुझे अपने आपको हिंदू कहने मे शरम आती है

    • @AbhishekKumar-wx1vg
      @AbhishekKumar-wx1vg 2 месяца назад

      Bhai ye kahani asli hindu ki ho hi nahi sakti. Ek sacha Hindu kavi v aysi neech harkat nahi kar sakta.

    • @freebie7268
      @freebie7268 Месяц назад

      Iska matab zyada tar hindu jaahil hai ?​@@AbhishekKumar-wx1vg

    • @BindaasBhojpuriya1
      @BindaasBhojpuriya1 23 дня назад

      Kon h scha hindu btaayega ​@@AbhishekKumar-wx1vg

  • @ansukumar3179
    @ansukumar3179 2 года назад +311

    अदम गोंडवी जी की कविता जितनी खूबसूरत है,
    आपके पढ़ने का लहज़ा भी उतना ही खुबसूरत है।🙏🙏

    • @rishisharmasharma5437
      @rishisharmasharma5437 2 года назад +1

      और ये खुद भी

    • @shekharrathod1438
      @shekharrathod1438 2 года назад +1

      @@rishisharmasharma5437 बजरंग बली की फोटो लगाकर उल्टी बात क्यूं करे है।

    • @abdullatifkhan9043
      @abdullatifkhan9043 2 года назад

      Sahi kaha aapne.

  • @pravinkumar3042
    @pravinkumar3042 Год назад +1456

    धन्य है बाबा साहब जो संविधान के माध्यम से वंचित समाज को सम्मान से जीने का हक दिया । आप को कोटि कोटि नमन ।

    • @shivammishra5103
      @shivammishra5103 Год назад +10

      kya samman se jeene ka haq diya samvidhan me b to obc sc st h baaki hm log to hai hi general wale to alag kya kiya ...aarakshan tumko hmari wajah se mila..caste certificate me to jaati bharte hi ho to kya samman diya ye bta do jra.

    • @cloudless_night
      @cloudless_night Год назад +26

      ​@@shivammishra5103aur pdho beta abhi, jaativaad me itne andhe na ban jao ki ye puchne lago ki ambedkar ne kya kiya.

    • @shivammishra5103
      @shivammishra5103 Год назад

      @@cloudless_night beta mere laal mere poot padne ki jaroorat tumko h abi tumko pta nhi h baba ambedkar ko gyan kisne diya tha. Jin brahmano ko Kos rahi h na bhim army ...unke baap ko bnane wale brahman the ...smjhe isliye baap ka virodh nhi krte ...tumhare khandaan me mila kr itna koi pada likha nhi h jitne abi hm h thik h na beta ...to baap ko kosna bnd kro aur suno chuslims se bade dogle tum log ho ...sbse pahle tumhi bhagte the tumhi hhagoge abki baar phir 24 me modi aaega rok k dikha dena

    • @travelingcrazyvlogs
      @travelingcrazyvlogs Год назад +12

      ​@@shivammishra5103half knowledge is always dangerous and you're having too much pain

    • @brajeshmishra3411
      @brajeshmishra3411 Год назад +2

      Samvidhan ka matalab saman vidhan hota hai...angrezo ke vidhan copy paste nahi...jo samaj ko jatiyon me bantata ho wo kahe ka samvidhan 😂 sirf divide n rule he

  • @pankajverma7508
    @pankajverma7508 2 года назад +177

    पूरी पंक्तियां सुनने की हिम्मत नहीं जुटा पाए, माफ़ करना. जब लिखा इतना दर्दनाक है तो कैसा सुलूक करते रहे होंगे ये लोग छोटी जाति के लोगों के साथ. धन्य हो बाबा साहब जो आपने हम सबके लिए संविधान जैसा पवित्र ग्रन्थ लिखा वरना ये सब तो खा जाते.

    • @AbhishekKumar-hf4ps
      @AbhishekKumar-hf4ps Год назад

      Bhai tum apni cast ko chhota kyu bol rhe ho

    • @himanshukhandelwal9555
      @himanshukhandelwal9555 Год назад

      @@AbhishekKumar-hf4ps syd aapne pda nhi shi se

    • @Surya-23
      @Surya-23 Год назад

      शरीर की जाति होती नहीं और आत्म अजात है। अब आप किस जाति की बात कर रहे हैं मित्र। उधार के ज्ञान से अज्ञान भला...🙏🙏🙏😊

  • @Vikas_Singh.23
    @Vikas_Singh.23 6 месяцев назад +1

    A Huge respect and love to Respected Adam Gondvi ji

  • @tapsyaeducation1083
    @tapsyaeducation1083 Год назад +101

    इस कविता को सुनने के बाद आज ये एहसास हुआ की हमारे बाप दादाओं ने कड़े संघर्ष के बाद ये स्वतंत्रता पाई है

  • @mrsandeep720
    @mrsandeep720 2 года назад +6009

    जाति के नाम पर आरक्षण सबको दिखाई देता है लेकिन जाति के आधार पर भेदभाव हिंसा प्रताड़ना किसी को दिखाई नहीं देता.. निःशब्द

    • @ritikraushan6051
      @ritikraushan6051 2 года назад +72

      Right

    • @jitubannaji
      @jitubannaji 2 года назад +122

      Reservation se bhedbhav or badhega

    • @ritikraushan6051
      @ritikraushan6051 2 года назад +269

      @@jitubannaji pehle bhedbhav phir reservation aaya

    • @jitubannaji
      @jitubannaji 2 года назад +73

      Jab tak reservation tb tk bhedbhav

    • @saurabhsinghrajput8738
      @saurabhsinghrajput8738 2 года назад +103

      Jin sawarno ne aisa kiya wo neech the jo bhedbhaw karte the unka mn dushit tha lekin un logo ki saja pura savarn paye ye to uchit nhi na😞
      Aaj hamara shoshan kiya ja rha hai tb sb kyu chup hai yahi hota hai jb kisi varg vishesh ko dabaya jata hai ek din wo uthega aur wahi karega jo uske sath hua aur ye pratha chalti rahegi

  • @HarishKumar-uv2rq
    @HarishKumar-uv2rq 2 года назад +2956

    शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि अदम गोंडवी जी स्वयं ठाकुर थे। जिनका असली नाम रामनाथ सिंह था। ठाकुर होकर भी चमारों के लिए ऐसी कविता लिखने की हिम्मत सभी में नहीं होती। अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में उन्होंने जातिगत भेदभाव, समाज की कुरीतियों, और सत्ता को आइना दिखाया।

    • @kshtriyaprincesingh5401
      @kshtriyaprincesingh5401 2 года назад +54

      @@anwaransari9095 चुप रह ये दया और सहानुभूति एक गुण है जो अच्छे लोग में होता है

    • @ShrawanKumarSingh
      @ShrawanKumarSingh 2 года назад +29

      राम नाथ सिंह ,अदम गोंडवी

    • @हारूनअबबास
      @हारूनअबबास 2 года назад +86

      एक सच्चे मानस से उसकी जाति मत पूछो

    • @jobs4304
      @jobs4304 2 года назад +12

      Isme tere bare me sahi kaha likha h bhai🤣

    • @jitenderbaaghi7391
      @jitenderbaaghi7391 2 года назад +25

      Adam gondvi Ji ko shat shat Naman
      🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
      🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @TUWarunstudy
    @TUWarunstudy 12 дней назад +2

    I have no words, tears are just flowing from my eyes😥

  • @satpaul-sz4kj
    @satpaul-sz4kj Год назад +409

    रोंगटे खड़े हो गए ये कविता सुनकर,,,, धन्य हैं आप अदम गोंडवी जी 🙏🙏🙏🙏

    • @shashigupta6569
      @shashigupta6569 11 месяцев назад +1

      अदम गोंडवी (रामनाथ सिंह) नहीं रहे।

  • @radheshyamchandouliya6097
    @radheshyamchandouliya6097 Год назад +149

    कवि साहस को कोटी कोटी नमन 🌹 🌹🙏🙏
    जाति धर्म अपनी छोड़।
    मानवता से नाथा जोड लो।।
    गर्व से कहो हम भारतीय हैं 💪🤝🇮🇳

  • @bhojrajsingh2981
    @bhojrajsingh2981 2 года назад +1753

    मैडम अगर कोई व्यक्ती इस कविता को सुनकर भावुक होता है तो इंसान कहलाने लायक वो ही है 👌👌

    • @AnkitSingh-rd3sr
      @AnkitSingh-rd3sr 2 года назад +6

      Hmm bossi ke kyu nhi

    • @abhishekkumarpandey1842
      @abhishekkumarpandey1842 2 года назад +18

      Ye kavita nhi samaj ka adhura sach hai.
      Thakur bhi garib bebas hote hai.

    • @AnilKumar-yt6hr
      @AnilKumar-yt6hr 2 года назад +9

      @@abhishekkumarpandey1842 kas

    • @xyz6297
      @xyz6297 2 года назад +8

      @@abhishekkumarpandey1842 ... Are lallu hum thakur kbhi gareeb nhi hote... Tum bheeksha mngo hum zamindaar the smjha

    • @vipingkumar1628
      @vipingkumar1628 2 года назад +9

      ​@@xyz6297 to bhai EWS kyo liya...

  • @RameshGupta-po2ew
    @RameshGupta-po2ew 2 месяца назад +14

    मानवता के नाम पर कलंक दर्शाया गया है इस कविता में वास्तव में दिल भर आता है ऐसी घटनाओं को सुनकर

  • @prabhakarsharma4889
    @prabhakarsharma4889 2 года назад +1703

    आज तक ऐसी कविता नही सुनी ।आंखों में आंसू का गया।
    अद्भुत

    • @tsaryan9923
      @tsaryan9923 2 года назад +16

      Jatiwaad k kaaran desh avi takk trakki nhi kar aaka

    • @lorekisarkar2421
      @lorekisarkar2421 2 года назад +1

      Tumlog ka gand se khun bhi ayega sabar Karo beta sabar

    • @aabidumriyaraj5085
      @aabidumriyaraj5085 2 года назад +16

      आपने तो कहानी सुनी है जिनके साथ यह हादसा हुआ होगा उनका सोचिए उनका क्या हाल हुआ होगा

    • @dost2126
      @dost2126 2 года назад +14

      @RUclips Addict matlab system thik nahi karna..?? privatisation nahi usko bechna kehte hain

    • @mahenderprakash7521
      @mahenderprakash7521 2 года назад +15

      कविता नहीं सर सच्चाई है।
      आज भी ऐसी सच्चाई अनेकों मिल जाएगी।

  • @KAA121
    @KAA121 2 года назад +87

    समाज के घिनौने सच से रूबरू कराती कविता है।
    अदम गोंडवी जी को नमन है।

  • @avinashs313
    @avinashs313 2 года назад +124

    अद्भुत 👏👏👏
    ये कविता दलितो के साथ होने वाले अन्याय और प्रताड़नाओ का सदृश्य वर्णन करती हैं!
    कवि के चरणों में नमन 🙏

    • @haryanvijatt2672
      @haryanvijatt2672 2 года назад

      Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
      वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
      पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
      जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं

  • @vijaykori4333
    @vijaykori4333 Месяц назад +2

    अदम गोंडवी साहब को दिल से नमन
    कुरीतियों के प्रति सच्ची घटना को दर्शाती यह कविता l

  • @vijaybhan4451
    @vijaybhan4451 10 месяцев назад +253

    अदम गोंडवी की इन पंक्तियों को सुनकर मेरा मन नि शब्द हो गया ❤❤❤❤
    चमारों की गली तक ले चलूंगा❤❤❤
    भारतीय संविधान के जनक बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जय हो❤❤❤❤

  • @dipukumarvarnwal5376
    @dipukumarvarnwal5376 2 года назад +265

    दिल को छू गया ये कविता।
    आंख से अचानक ही आंसू छलक गए।
    ये कही न कही समाज की वास्तविकता को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किए हैं।
    नमन है ऐसे कवि को। 🙏🙏🙏

    • @mukhtyarsingh7867
      @mukhtyarsingh7867 2 года назад +2

      ye sachai h is samaj ki or kavita bhi dil ko bhavik kar gai or samajh main aa gaya ki Somnath mandir ko hajaro bar q loota tha jab temurlung ne Delhi main khoon ki nadhiya baha di thi tab ye dalit ko ghodi se utarne wale kahan chhipa gaye the

  • @ankurbaudh7045
    @ankurbaudh7045 2 года назад +610

    ये कविता मात्र नहीं , समाज की सच्चाई है और मार्मिक भाव है जो भारत के हर 7 वें इंसान को झेलना होता है हर रोज 😕

    • @ssnnrr
      @ssnnrr 2 года назад

      समाज की सच्चाई याने हिंदू धर्म की गंदगी. जातीभेद हिंदू धर्म की देन है.

    • @sahityik_hastakshar
      @sahityik_hastakshar 2 года назад +4

      Sahi baat sir....ye durbhagya hai

    • @Krishnakumar-kh8tb
      @Krishnakumar-kh8tb 2 года назад +3

      Bas yahi hamari galti h hum haar chj haar baat ko bas gernalise kr lete hn.
      Takatwar ko kmjoor ne hmesha dbya h dabyega, haar koe apne se kmjoor ko dbata h. Or jo ajj kmjoor hn kal jab takawr bn jayega wo phir dusre kmjoor ko dbayega. Ye bas insani chetna ki kmi h jo kmjoor or taktwr sab me mjood h. Lekin takawr ki kmyn ko takt ka sath milta h jiske wjh se man mana bhviour rkh pata h, destructive bn jata h, uski kmyaan smne ate hn. Andaar sbke jaanwar bhara h bs ye smjik dawaab use roke hue h. Yhi manv chetana ki kmi.
      Kabhi kala - gore , gareeb - Ameer, uchi jati or neechi jati ke roop me smne ayi h.

    • @kareenakalpana9483
      @kareenakalpana9483 2 года назад +1

      Absolutely right...

    • @reetakumare6475
      @reetakumare6475 2 года назад +1

      Ha ...abhi bhi Bratman m bhi ...y hi Hal h ....uchi jati bale dalet k uper Utne par Chad jate h ...Ander hi Ander khate ...y hamari barabri nhi karne chaye

  • @kalpeshupadhyay
    @kalpeshupadhyay 5 месяцев назад +36

    मैं ब्राह्मण हूं और मेरे जन्म के दौरान मुझे इस दुनिया में लाने में एक बड़ा सहयोग उस विशेष जाति को जाता हैं जिसके हाथ का छुआ नहीं खाना चाहते कुछ पीना नही चाहते वह महिला अशिक्षित थी पर आज के डॉक्टर से ज्यादा अनुभवी नमन करता हूं उस महिला को जिसने मेरी मां का उस दर्द में साथ दिया, उसे लोग शब्दों में चमाइन कहते है सच तो यह है वह महिला मेरी मां के समान है, वह देवी थी.

    • @teknci9925
      @teknci9925 2 месяца назад +1

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Месяц назад

      शिक्षित मानव द्विजनो ( स्त्री-पुरुषो ) !
      हरेक ग्राम, ब्लॉक और जिले में कितने जन पैदा हुए, कितने जन बाहर से आकर बसे, यह जांच पड़ताल हरेक तीन महीने सौ दिन दिन में होनी चाहिए। इसी के साथ किस किस साम्प्रदायिक पंथी गुरुओ के फालोअर अंधभक्त होकर माइंड सेटिंग कर जीने वाले किस ग्राम, ब्लाक और जिले में कितने जन्मे और कितने बाहर से आकर बसे ? यह जन जांच पड़ताल हरेक सौ दिन तीन महीने में अवश्य होनी चाहिए। ताकि प्रदूषण,सड़क जाम , नाली जाम बाढ आदी से राहत मिलती रहे। ग्राम और शहर में बसने रहने वाले की गिनती अवश्य होती रहनी चाहिए।
      सनातन राजधर्म ( जनसेवा धर्म ) =
      [ (ब्राह्म धर्म (शिक्षण ज्ञान कर्म ) + क्षात्र धर्म (सुरक्षा ध्यान कर्म) + शौद्र धर्म ( उत्‍पादण तपस कर्म ) + वैश्य धर्म ( वितरण तमस कर्म ) + ब्रह्मचर्य आश्रम धर्म ( ज्ञान प्राप्त कर्म ) + गृहस्थ आश्रम धर्म ( संतान प्राप्त कर्म ) ] + [ वानप्रस्थ आश्रम धर्म ( ऋण उतार कर्म ) + यतिआश्रम धर्म ( संन्यास मोक्ष कर्म ) ] ।
      जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय अखण्ड भारत । जय वसुधैव कुटुम्बकम् ।।ॐ ।।

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Месяц назад

      ब्रह्म = ज्ञान
      ब्रह्म वर्ण = ज्ञान शिक्षण अध्यापन विभाग।
      ब्रह्मण = ज्ञानदाता अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन शिक्षक।
      हे मनुष्यो !
      जन्म से सबजन दस इंद्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और चार वर्ण कर्म विभाग के समान शरीर के चार अंग समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से सबजन बराबर होते हैं।
      हरएक मानव जन हरएक समय मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य हैं वे किसी भी वर्ण का कार्य चारो अंग से करते रहते हैं।
      इस पोस्ट को पढ़कर समझकर अपना अज्ञान मिटाई करें ओर अपने समाज का ज्ञान वर्धन करवाएं । यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करके कि मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य हरएक मानव जन हैं। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वितरण ट्रांसपोर्ट वाणिज्य क्रय विक्रय वैशम वर्ण कर्म करते हैं। इसलिए चरण समान वैशम वर्ण कर्म है।
      चार वर्ण कर्म = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन दासजन भी इन्ही चतुरवर्ण कर्म को वेतन पर करते हैं।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाएं और प्रिंट सुधार करवाएं।

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Месяц назад

      शिक्षित विद्वान मित्रो ! जन्म से हरएक मानव जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से सबजन बराबर होते हैं। हरएक मानव जन को जानना चाहिए कि वे जन्म से मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय,
      पेटउदर समान शूद्रण और चरण समान वैश्य हैं । इसलिए हरएक मानव जन खुद को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्रण और वैश्य कुछ भी मानकर बताकर नामधारी वर्ण वाला मानकर बताकर जी सकते हैं।
      हरएक महिला मुख समान ब्राह्मणी, बांह समान क्षत्राणी, पेट समान शूद्राणी और चरण समान वैशाणी हैं।
      चरण पांव चलाकर ही व्यापार वितरण वाणिज्य क्रय विक्रय वैशम वर्ण कर्म होता है।
      हरएक मानव जन कोई भी वर्ण करके किसी भी वर्ण को मानकर नामधारी वर्ण वाला होकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। सबजन को समान अवसर उपलब्ध है।
      इसके साथ ही चार वर्ण में ब्रह्म वर्ण कर्म जैसे कि शिक्षण वैद्यन पुरोहित संगीत कर्मी जन हैं वे कर्मधारी ब्रह्मण हैं ,
      क्षत्रम वर्ण में सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश गार्ड कर्मी जन क्षत्रिय हैं,
      शूद्रम वर्ण में तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार कर्मिक जन शूद्रण हैं और
      वैशम वर्ण में वितरक वणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर जन वैश्य हैं।
      पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत जनसेवक नौकरजन दासजन सेवकजन चारो वर्ण कर्म विभाग मे कार्यरत हैं।
      पौराणिक वैदिक सनातन दक्षधर्म शास्त्र के साथ साथ प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध है।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को पढ़कर समझकर ज्ञान बढ़ाना उचित सोच कदम है।
      इस अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान वाली पोस्ट पढ़कर समझकर ज्ञान प्राप्त कर अन्य सबजन को भेजकर ज्ञानवर्धन करवाना चाहिए और आवश्यक प्रिंट सुधार करवाना चाहिए।
      सबजन को खुद की अपनी सोच सुधार कर किसी भी वर्ण को मानकर बताकर जीवन निर्वाह करने का समान अवसर सबजन को उपलब्ध है।

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Месяц назад

      वर्णजाति और वंशज्ञाति -
      दोनो का मतलब समझना चाहिए।
      विभाग/ पदवी ( वर्ण/जाति ) वाले शब्दों का प्रयोग जीविका पेशेवर कार्य करने वालों को पुकारने के लिए किया जाता है। जिविका विभाग पदवि वर्ग में कार्यरत जनों की सुरक्षा प्रबंधन के लिए विधि वर्णाश्रम संस्कार व्यवस्था प्रबंधन किया गया है । वैदिक सनातन ऋषि राजर्षि संसद जनों द्वारा निर्मित वर्णाश्रम प्रबन्धन संस्कार विधि-विधान नियम ज्ञान सबजन को प्राप्त करना चाहिए।
      वंशज्ञाति गोत्र कुल शब्दों का प्रयोग विवाह सम्बन्ध रिश्ते नाते करने के लिए किया जाता है। विज्ञान सम्मत बेहतर समाज प्रबंधन के लिए द्विजन ( स्त्री पुरष ) के लिए चार आश्रम व्यवस्था के लिए नीति विधि को निर्मित किया गया है चार आश्रम परिवार कल्याण विधि-विधान नियम वैदिक ऋषि राजर्षि संसद द्वारा किया गया है।
      चारवर्ण शब्द और चार आश्रम शब्द को मिलकर वर्णाश्रम शब्द का निर्माण किया गया है । मानव समाज को बेहतर बनाने के लिए वर्णाश्रम संस्कार विधान की की गई है
      चार वर्ण कर्म विभाग =
      1 - ब्रह्म वर्ण = ज्ञान विभाग = Education
      2 - क्षत्रम वर्ण =सुरक्षा विभाग = Protection
      3 - शूद्रम वर्ण =उत्पादन विभाग = Production
      4 - वैशम वर्ण = वितरण विभाग = Distribution
      पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत ऋषिजन जनसेवक ( दासजन ) नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण में कार्यरत हैं ।
      चार वर्ण = चार विभाग = कर्म चार l
      1 - ब्रह्म वर्ण = ज्ञान शिक्षा चिकित्सा विभाग
      2 - क्षत्रम वर्ण = ध्यान सुरक्षा न्याय विभाग
      3 - शूद्रम वर्ण = उत्पादन निर्माण उद्योग विभाग
      4 - वैशम वार्न = वितरण वाणिज्य व्यापार विभाग l
      पांचवे वेतन भोगी दासज़न जनसेवक वर्ग भी इन्हीं चारों वर्ण विभाग कर्म को करते हैं l यही चारवर्ण पांचजन सनातन वेद दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान व्यवस्था है l
      हरएक द्विज़न ( स्त्री पुरष ) मुख समान ब्राह्मण हैं, बांह समान क्षत्रिय हैं, पेट समान शूद्रन है और चरण समान वैश्य है l चरण चलने से व्यापार वितरण क्रय विक्रय वाणिज्य वैशम वर्ण कर्म होता है इसलिए चरण समान वैश्य होता है l
      चार वर्ण (विभाग) जीविका सुरक्षा के लिए सदा बने रहते हैं l इसलिए सनातन हैं l चार आश्रम उम्र आयु के सदा बने रहते हैं इसलिए सनातन हैं l
      जैसे उम्र बदलने से आश्रम बदल जाते हैं वैसे ही कार्य को बदलने से वर्ण विभाग बदल जाते हैं। यही सत्य सनातन शाश्वत दक्ष धर्म संस्कार ज्ञान विज्ञान विधान है l
      जिसको यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत पोस्ट समझ नहीं आती है तो वे बताएं अगर चरण नहीं चलेंगे तो कोई प्रोडक्ट समान एक स्थान से उठाकर क्रय कर दूसरे स्थान पर ट्रांसपोर्ट कर विक्रय वितरण कैसे होगा अर्थात वैश्य वर्ण कार्य व्यापार वितरण वाणिज्य क्रय विक्रय वित्त आढ़त कैसे होगा ?
      पोस्ट निर्मिता बुद्ध प्रकाश प्रजापत।
      जय विश्व राष्ट्र सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम। ॐ।
      हे मानव जनो इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को उनकी सोच सुधार के लिए भेजते रहें ।
      जय विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार।

  • @RAMLAKHAN-hi1od
    @RAMLAKHAN-hi1od 2 года назад +256

    आपको और कवि अदम गोंडवी जी को बहुत बहुत धन्यवाद। समाज की सच्चाई को बयां करती एक महान कविता।

    • @underworldevolution2564
      @underworldevolution2564 2 года назад

      Jaati ek post hain koi insan nahi sharir to karmo anusar har janam mein badal jata hain jo aaj vaushya sudra hain wo kabhi bramhan thakur thae hum sab to atmaa hain jiska sambandh sirf bhagwan se hain 😎😎😎😎😎

    • @humanbeing1551
      @humanbeing1551 Год назад

      ​@@underworldevolution2564😂😂😂😂castiest parasites defending everything

  • @vikasrudrapandey5495
    @vikasrudrapandey5495 2 года назад +222

    प्रणाम है श्री अदम गोंडवी जी को जिसने इतनी सुंदर छवि और वास्तविक समाज से रूबरू कराया इस कविता के माध्यम से। कविता के शब्द और पंक्ति अदभुत हैं और मैम की आवाज एहसास दिलाती है जेसे की कविता के शब्द सीधे कानों को छूते हुए हृदय को छू गई। शायद यह कविता समाज को एक साथ कदम से कदम मिलाकर बिना जातिवादी और बिना भेद भाव के आगे बढ़ाए।
    धन्यवाद

  • @t-serieshulchal281
    @t-serieshulchal281 2 года назад +41

    दिल को छू लिया, आंखें नम हो गया इस वास्तविक कविताएं सुनकर ऐसे ही कविताएं सुनाए करे दिल से धन्यवाद 😭😭😭😭🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

    • @katilX-jx3jo
      @katilX-jx3jo Год назад +3

      Yeh kavita nhi सच्चाई है दलितों की ठाकुरों ने बहुत जूल्म किया था 🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺

  • @MANISHKUMARYADAV-vr4si
    @MANISHKUMARYADAV-vr4si 7 месяцев назад +6

    अश्वेत जाति का जो प्रताड़ना हुआ है कई दशक पहले उसको सुन कर मन घबरा जाता है की क्या कुछ नहीं झेला होगा

    • @drsanju93
      @drsanju93 3 месяца назад

      Yeh aaj bhee sach hai, hathras main kya hua

  • @vinodgautam9485
    @vinodgautam9485 2 года назад +463

    जातिवाद व स्त्री शोषण को प्रस्तुत करती अदम गोंडवी की कविता। गोंडवी जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏

    • @lalbahaduryadav7839
      @lalbahaduryadav7839 2 года назад

      Adarniye gondvi ji ko bahut bahut saidu vaad aap ki mahenat ko ham khali nahi jane denge is ko jan jan ko pahuchakar chodenge or jinhone ye kavita sunai h unka bhi bahut badhai bahut dhaniywad 🙏💐💐

    • @akmakm321
      @akmakm321 2 года назад

      .tum batao puri duniya me jati pratha..aaj tum proof karo ab kaha jati hai..koi jati ko nahi manta....except shadi vivah ke
      Aur adam gondavi ko musalmano me 72 firake hajn usper likho..
      72 hoor ka dalal alla per kucch likho..
      Hallala per likho.
      Ladki ko gulam banao..rape karo muhammad ne yahi likha hai us per likho..kafir ko loot maro usper likho

    • @rishirajgoutam5381
      @rishirajgoutam5381 2 года назад +10

      लिखने मात्र से काम नहीं चलता ! नारीमुक्ति दाता भेदभाव का अंत करने वाले हस्ती बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को नमन

    • @dr.satyaprakashrajawat9789
      @dr.satyaprakashrajawat9789 2 года назад +5

      अदम गोंडवी जी भी एक ठाकुर जाती से थे

    • @haryanvijatt2672
      @haryanvijatt2672 2 года назад +1

      Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
      वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
      पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
      जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं

  • @realindia7156
    @realindia7156 Год назад +42

    इसे सुनकर आंसू आ गए
    सलाम है ऐसे कवि को जो देश की वास्तविकता को सामने लाए

  • @ramsinghpratihar2220
    @ramsinghpratihar2220 Год назад +43

    भावुक हो गया धन्य है वो लोग जिन्होने समाज से जातिवाद खत्म करने का प्रयास किया।

  • @mukeshkumargautamofficial7559
    @mukeshkumargautamofficial7559 6 месяцев назад +1

    यह कविता सुनकर आखों में आंसु आ गय😢😢😢😢😢😢

  • @diyevergreenart
    @diyevergreenart 2 года назад +252

    *अदम गोंडवी जी को नमन*
    *लाजवाब कविता*
    *कविता दिल को छू गई और आँखों में आँसू आ गए*

    • @ekadashiyadav1345
      @ekadashiyadav1345 2 года назад +4

      Jati todo samaj jodo.Arthik asamanat ki khayi. ko puri tarah pato.

  • @durgeshtiwari7416
    @durgeshtiwari7416 2 года назад +81

    बहूत ही सुन्दर पंक्तियाँ ,ये कड़वी सच्चाई है जिसको कोई झुठला नही सकता

  • @chhotulalgurjar7074
    @chhotulalgurjar7074 2 года назад +205

    कविता ----अदम गोंडवी जी बेहद जीवन्त लगी। आज भी दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के समाज के साथ दरिंदगी को बयां करती ये कविता कितनी प्रासंगिक है जो देश की सत्ता पर काबिज सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है।बहन ऐसी कविताएं लाती रहिए,आपका ये प्रयास सराहनीय है।

  • @manmohanajay6821
    @manmohanajay6821 3 месяца назад +2

    ऐसे लेखक को सलाम है, सच लिखने हिम्मत हर किसी में नहीं होती, विरले होते हैं।

  • @UmeshSingh-qx4vb
    @UmeshSingh-qx4vb 2 года назад +26

    सुनकर बड़ा भावुक हो गए हैं
    ये कैसी आज़ादी है जो आजादी मे गुलाम है
    कितनी पीढ़ा की बात है कि जिस समाज में
    इंसान को इंसान नहीं समझा जाता है

  • @AnilMandloi-j6v
    @AnilMandloi-j6v Год назад +28

    समाज की हकीकत बयां करती कविता अदम गोंडवी जी को इस लेखन शैली के लिए मेरा कोटि कोटि नमन।💐🙏🙏💐

  • @anwarkhan8695
    @anwarkhan8695 2 года назад +136

    बहुत खूब लिखा है। मेरे देश के मजबूर, मजलूम लोगों की गाथा है ये कविता। कहीं धर्म के नाम पर कहीं जाती के नाम पर उत्पीड़न की इंतहा हो रही है।

    • @mdtafseerqaisar9460
      @mdtafseerqaisar9460 2 года назад +2

      @@akm9101 qud se ku nahi karte qud me himmat nahi kab tak dusre k sahara apne liy rasta saaf karo to zyada acha h qud par confidenc karo aqir tum bhe es desh k nagrik ho

    • @mdtafseerqaisar9460
      @mdtafseerqaisar9460 2 года назад

      @Secret Superstar sunni shiya h par esa nahi karte or Bodh snatan Panjabi wo kiy h aha ha

  • @Shailendra-study-2.0
    @Shailendra-study-2.0 16 дней назад

    Adam godaji ji ne kitne logo ki aankhe khol di...salute to him..
    Aap ne sab k samne rkha ..Sukanya ma'am

  • @avneeshkumar4273
    @avneeshkumar4273 10 месяцев назад +39

    सदा सर्वदा सटीक सत्य है ये कविता ही नही बल्कि निम्न वर्ग समाज के लोगों का पीड़ा है जो अदम गोंडवी जी ने महसूस करके उसका वर्णन किया है।
    मैं ऐसे कवि को बार बार सादर प्रणाम करता हूं🙏🙏🙏

  • @RohitGautamcricket
    @RohitGautamcricket 2 года назад +4

    में इस कविता को सुनकर भावुक और आखों में आसुं आ गये वो लोग जिन्हेंने वो दर्द सहा

  • @vivek_chauhan009
    @vivek_chauhan009 2 года назад +82

    बहुत मार्मिक कविता दीदी जी , और आपकी प्रस्तुति भी अत्यंत शानदार है , शायद ही इसके भाव को समझाने का कोई दूसरा आवाज़ मिले 🙏🙏

  • @Justodd1
    @Justodd1 Месяц назад

    Thank you mam
    Mene aapko or in lekhak ko pehli bar suna h or is ko sun kr meri aakhon me aanshu aa gye
    Aisa lag rha tha jese pura drashya aankhon ke samne hi chal rha ho
    Me bhi esi jati se hu or ye such h jo bhi aapne padha
    Thanks

  • @ratanbhadrawal5362
    @ratanbhadrawal5362 2 года назад +506

    जाती और समाज के नाम पर कड़वा प्रहार करने वाली कविता के लिए ....
    'अदम गोंडवी' जी को सादर नमन...🙏

    • @underworldevolution2564
      @underworldevolution2564 2 года назад

      Jaati ek post hain koi insan nahi sharir to karmo anusar har janam mein badal jata hain jo aaj vaushya sudra hain wo kabhi bramhan thakur thae hum sab to atmaa hain jiska sambandh sirf bhagwan se hain 😎😎😎😎😎

    • @kanhaiyalal4450
      @kanhaiyalal4450 2 года назад

      @@underworldevolution2564 to

    • @RamanBhagat-up9vj
      @RamanBhagat-up9vj 2 года назад

      @@underworldevolution2564 epitome of moulding arguments according to your needs...things which you cant defend you blame it to non scientific concept of karma to perpetuate your position of power defined by caste...

  • @Symbi2Andro
    @Symbi2Andro 2 года назад +8

    अदम गोंडवी को पढ़ने की हिम्मत और कोई चैनल कर भी नही सकता, साधुवाद ।।

  • @RakeshKumar-mv1qx
    @RakeshKumar-mv1qx 2 года назад +116

    इस समाज की सच्चाई से रूबरू कराती है यह कविता , रुला दिया 🙏🙏

  • @manoranjanlife2911
    @manoranjanlife2911 8 дней назад +2

    Ye kavita sunkar Mera bhi gala bhar aya kese jeete honge log is duvidha me , aj bhi ye duvidha hai hamare desh me😢😢

  • @dhananjaykushwaha5622
    @dhananjaykushwaha5622 2 года назад +445

    अदम गोंडवी जी ने इस कविता में दलित जिंदगी को पूरी तरह से छू लिया है। सबसे ज्यादा दिल छू लेने वाली कविता।

    • @mrinalsingh2016
      @mrinalsingh2016 2 года назад +1

      kushwaha kon hote hai

    • @SantoshGupta-kh3pq
      @SantoshGupta-kh3pq 2 года назад +6

      @@alwayswithhumanity4520 बहुत सही जवाब दिया भाई

    • @mannhus
      @mannhus 2 года назад +1

      Aap dalit h😳

    • @mannhus
      @mannhus 2 года назад +1

      @@mrinalsingh2016 dalit

    • @rajeshwarsingh1960
      @rajeshwarsingh1960 2 года назад +1

      @@mrinalsingh2016 Dalit

  • @jwalasingh2634
    @jwalasingh2634 2 года назад +24

    आपके पढ़ने से ऐसा लगा जैसे यह घटना हमारे सामने चल रही हो 🙏🙏🙏

  • @Hitesh_KuMa
    @Hitesh_KuMa 2 года назад +34

    जिस तरह आपने सुनाया उससे कविता का बल दस गुना बढ़ गया।
    When you can actually feel the emotion and depth. It's just amazing.

  • @fitness.vandana
    @fitness.vandana Год назад +371

    मैं राजपूत समाज से हूं
    इस कविता को सुनकर निशब्द हूं क्योंकि यह हमारे पूर्वजों की कड़वी सच्चाई है
    जितनी बार भी इस कविता को पढ़ती हूं मैं जोर जोर से रो पड़ ती हूं
    लेखक तथा वक्ता दोनों को मेरा सलाम

    • @fitness.vandana
      @fitness.vandana Год назад

      @@Traderdhiraj इस बारे में अभी तक में किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई
      समय समय पर ब्राह्मणों ने अपने मंदिर तथा अपने धार्मिक साम्राज्य की रक्षा के लिए
      आम कबीले वालों को क्षत्रिय बताकर सीमांत में नियुक्त कर दिया करते थे
      वह उन्हें कभी अग्नि से कभी सूर्य तथा कभी चंद्रमा से उत्पन्न हुआ बताया करते थे
      लेकिन विज्ञान पढ़ने के बाद हम यह जानते हैं कि इसे कभी कोई मनुष्य उत्पन्न नहीं होता
      स्पष्ट होता है
      कि ब्राह्मण क्षत्रियों को उनका उत्पत्ति का स्थल नहीं बताना चाहते थे
      कई क्षत्रिय शुद्र भी हो सकते हैं
      कई विदेशी रक्त भी हो सकते हैं

    • @jen4ra-vs5og
      @jen4ra-vs5og Год назад

      ​@@Traderdhirajbakchodi band kro

    • @i_abhithakur
      @i_abhithakur Год назад +2

      @@Traderdhiraj rajput pahle bhi kshatriya the or ab bhi kshatriya hai or aage bhi kshatriya rahenge

    • @animalworld7993
      @animalworld7993 11 месяцев назад +1

      Chutney😂

    • @UP50_108
      @UP50_108 11 месяцев назад +4

      Koi bhi kisi ka dushman anayaas nahi hota ek ki galti ki vajah se sabako gali sunna padata hai samaj main aise bahut se thakur mil jayenge jo apane jindagi samaj kalyaan ke liye lga diye aadami ka charitra kabhi nahi badalta hai jab se sanvidhan lagu hua hai tab se dekh lo kitane thakuro ne ye ghatiya kaam kiya hai aur jo karte hai usake virodh main bahut se thakur khade bhi ho jaate hai jisaka samman hota hai usi ka sabase jyada bejjati bhi ki jaati hai

  • @MyPerfectKids
    @MyPerfectKids 2 года назад +26

    चाहे कितना भी दर्द दिल में ये कविता सुनने के बाद आया हो पर जब वोट देने की बात आयेगी, तो ये कविता दूर दूर तक याद नही आयेगी। चाहे वो कितना भी बुरा इंसान क्यो ना हो। कुछ
    1% को छोड़कर।

  • @rubisaxena4750
    @rubisaxena4750 2 года назад +30

    रुला दिया इस कविता ने।
    Awesome voice Aastha

  • @amitchoudharyvlogs4016
    @amitchoudharyvlogs4016 9 дней назад

    वाकई एक बड़ा दिल चाहिए ऐसी कविता से रूबरू होने के लिए. दिल भर आया. कविता का नाम है चमारों की गली. इसीलिए मैं जाती के बारे मे कहना चाहता हूँ कि मैं एक जाट हू. और मुझे खुशी इस बात की है कि मेरे गाँव में कभी ऐसा नहीं हुआ. बल्कि किसी गरीब की बेटी की शादी में मैंने देखा मेरी माँ उनकी छोटी सी मदद कर देती थी. एक छोटी सी मदद करके उससे ऐसे कमेन्ट में लिखना अच्छा नहीं है. लेकिन मुझे गर्व है कि मेरे गाँव में लोग प्यार प्रेम से रहते हैं. सभी को सादर प्रणाम 🙏

  • @ramsharanverma8099
    @ramsharanverma8099 Год назад +110

    इस कविता ने अंदर से झकझोर दिया हर हाल मे ऐसा ही साहित्य लोगो को पढ़ कर जागरूक होना चाहिए बहुत बहुत आभार साधुवाद एवं सद्भावनाएं जय संविधान जय भीम

  • @ankitarya4972
    @ankitarya4972 2 года назад +16

    अदम गोंडवी साहब ने दलितों का दर्द अपनी कविताओं में लिखा है उसके लिए मैं दिल से धन्यवाद देता हूं आपकी कविता मेरे दिल को छू गई इसमें वास्तविकता व्यक्त की गई

  • @amlanjyotimajumdar
    @amlanjyotimajumdar 2 года назад +68

    Such a powerful poem. Have read many poets from subaltern, marginalised and oppressed sections from across the world.. but this is one of the best I have ever come across. I must also admire the recitation. Such works deserve to be translated into other languages.

  • @santoshchouhan1531
    @santoshchouhan1531 2 месяца назад +1

    यह सत्य और दलित वर्ग के दर्द को अपके द्वारा इस कविता के माध्यम से जाने के लिए धन्यवाद आपका 🙏🏻

  • @dheerajd962
    @dheerajd962 2 года назад +113

    हिन्दू कौम दुनिया की एकमात्र ऐसी कौम जो अपने बच्चों को कुछ और सिखाये या नहीं
    पर जाति व्यवस्था की ऊंच नीच ज़रूर सिखाते हैं 🤔🤔🤔🤔🤔🤔

  • @randhirsinghagroha4293
    @randhirsinghagroha4293 2 года назад +222

    कसम से बहन जी खून खोल गया 😡😠😠 इतनी बद्तर हालात थी हमारी,हमारा कसूर क्या था की हम चमार थे,जिसे नीच जाति के नाम से जाना जाता था,,,आपकी हिम्मत है जो नई जागृति समाज में लेकर आ रहे हो

    • @sachinahirwar8934
      @sachinahirwar8934 2 года назад

      Oye tere paise diye the kya bo kuch ban gaya hai tho tujhe bhi hak hai jineka or chamaro ko bhi hak hai jine ka jo sale tu un chamaro khane deta hai kya🤬😡😠😡😡

    • @yashsingh5901
      @yashsingh5901 Год назад

      भाई जाति तो एक फैक्टर जरूर था
      पर सबसे बड़ा फैक्टर जो था वो मत भूलो
      वो था उनका कमजोर होना
      साहस की कमी
      अगर वो होता तो ठाकुर क्या थे
      मैं भी ठाकुर हूं पर
      मेरी गलती के लिए सारे ठाकुर दोषी नहीं हो सकते
      जाति ने ठाकुरों को ताकत दी
      मगर इससे बड़ी ताकत शोषण होने वाले के द्वारा विरोध ही न होना
      और न ही समाज द्वारा इश्का विरोध होना
      अगर उस समय वो साहस दिखाते और
      उनके लोग हिम्मत करते तो क्या वो ठाकुर कुछ कर पाता
      ठाकुर बहादुर और साहस के बल पर ही राज करते रहे
      गांव देहात में इनकी संख्या बाकी जातियों से कम रही पर दबदबा रखा
      एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में गए तो वहां भी कब्जा किया साहस के बल पर
      और वही साहस तुम्हें भी दिखाना चाहिए
      तभी जाति प्रथा खत्म होगी
      मैं स्वयं चाहता हूं ये नष्ट हो जाए
      बहुत ही क्रूर और शोषण करने वाली है
      ठाकुर से उम्मीद करने के बजाय स्वयं कुछ करो
      क्योंकि वो अपनी सत्ता ताकत बनाए रखना चाहत है

    • @ravithaulia
      @ravithaulia Год назад +3

      @कोलाहल स्वामी kolahal swami
      Kavi sahi bol Raha hai...iska live example hai Phoolen Devi...jao pehle uske bare me search Karo...ye sirf kavi ki kalpana nahi hai...

    • @mmspbacholerakmmspbacholer9428
      @mmspbacholerakmmspbacholer9428 Год назад +2

      @कोलाहल स्वामी kolahal swami andhbhakto ke andbhakt tu kitna padha hai ki tere ye pata nahi poet reality likhte hai sam aj ki dasha aur samaj me ho Rzahi ghatnao ko dekhte huye hai wah Kavita ko roop me sabhi dasao ko prastut karta hai tere ko dalito ki kahani jhoothi hai to itihas dekh pandit pakhandi

    • @sameerkamble1267
      @sameerkamble1267 Год назад +2

      ​@कोलाहल स्वामी kolahal swamiऐसे तो महाभारत aur रामायण भी काव्य थे तो वो भी क्या लेखक की ऐशनाये थी

  • @niranjansingh8712
    @niranjansingh8712 2 года назад +37

    दीदी आपने कविता का बड़े मार्मिक ढंग से वर्णन किया है आपके मुंह से कविता सुनकर हम भी भावुक हो गए ये सच्चाई है मानवता तथा हिंदू धर्म को कलंकित करने वाली सच्चाई है लेकिन आज भी यही हो रहा है बड़े शर्म की बात है कि 21 वी शदी में भी ऐसी घटिया मानसिकता के लोग रहते हैं जो छूआ छूट की बीमारी से ग्रसित हैं घृणा इस कदर भरी है कि मासूम बच्चों पर भी रहम नहीं खाते हैं अभी राजस्थान के जालोर जिले की घटना है 9 साल के मासूम को स्कूल में अध्यापक ने पीट पीट कर मार डाला कसूर सिर्फ इतना कि उसने मटके को छू लिया

  • @raavi9226
    @raavi9226 5 месяцев назад +3

    बहुत खूब। यही है भारतवर्ष की असलियत। बहुत दुख होता है जब सरकारें बोलती हैं कि देश ने बहुत तरक्की कर ली है। मैं कहती हूँ कि जब तक किसी एक भारतीय पर भी जाती के कारण या गरीबी के कारण अन्याय हो रहा है तब तक ना तो देश ने तरक्की की और ना ही वह गुलामी से मुक्त हो सका। मुझे England में रहते हुए 45 साल हो गये हैं लेकिन अपने देश के लोगो के लिए आज भी आंख भर आती है।

  • @yogeshsingariya209
    @yogeshsingariya209 2 года назад +22

    लल्लनटॉप हमेशा कुछ नया लेकर आती है👍
    सराहनीय एक कविता रोज 🙏

  • @ramsvlogs8236
    @ramsvlogs8236 2 года назад +40

    मेरी आँखे नम हो गई ये एक सच्चाई है जो दलित भाईयो बहनो पर हर रोज किसी न किसी तरीके से बितती है😌

  • @amardeepkumar4069
    @amardeepkumar4069 Год назад +7

    जब कभी उदास होता हूं तो यह कविता सुनता हूं बार-बार सुनने का मन करता है बार-बार धन्यवाद अदम गोंडवी जी

  • @NeerajYadav-op8cz
    @NeerajYadav-op8cz 20 дней назад +1

    Aapke sahas ko mera 🙏🏼 naman ❤❤❤❤❤

  • @m.l.sila.-8298
    @m.l.sila.-8298 10 месяцев назад +14

    अदम गोंडवी की कविता जो आप ने पढी सच मे भाव विभोर कर दिया ❤आपके बोलने के तरीके से कविता में जान सी भर देती है।
    धन्यवाद हमारे साहित्य के अनमोल खजाने से रूबरू करवाने के लिए ❤❤🎉 तहदिल से शुक्रिया 🎉🎉

  • @JadawatiDevi-e9w
    @JadawatiDevi-e9w Год назад +15

    लेख में सचाई है और mam ने पढ़ा बहुत अच्छा है

  • @rohitkumarjha786
    @rohitkumarjha786 2 года назад +108

    कण्ठ मे पीड़ा का ज्वार फूट पड़ा, ज़बान भी कुछ लड़खड़ाई।भावुक होना ये पहचान है कि आप कविता के मर्म को समझने मे सफल रहे।

    • @anuragketan2523
      @anuragketan2523 2 года назад +5

      Peeda sabko hoti hai sirf manuwadiyo ko maja aata hai

  • @AMITKUMAR-bt9vs
    @AMITKUMAR-bt9vs 7 месяцев назад

    वाकई ।। हृदय को झिंझोड़ देने वाली कविता है, शायद इस कविता के माध्यम से कुछ लोगों को समझ आए, गरीब व दलितों का दर्द

  • @amangoswami2626
    @amangoswami2626 2 года назад +79

    हमें गर्व है कि हमारी पावन धरती गोंडा पर अदम गोंडवी जैसे कवि लेखक हुए नमन 🙏

    • @amitminj946
      @amitminj946 2 года назад

      Wah kye acting krte ho . award milna chahiye notanki

    • @krishnagoswami6819
      @krishnagoswami6819 2 года назад

      gonda me kha se ho bhai

    • @haryanvijatt2672
      @haryanvijatt2672 2 года назад

      Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
      वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
      पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
      जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं

  • @PankajKumar-cw9cz
    @PankajKumar-cw9cz 9 месяцев назад +6

    अदम गोंडवी साहब को मेरी सत सत नमन,,🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @mrcarlos9026
    @mrcarlos9026 2 года назад +199

    नमन है ऐसे कवि को जो इस जाति प्रथा को उजागर किया 😓😭😭😭देश में दलितों का आरक्षण सबको दिखाई देता है लेकिन उनकी हालतों को कोई भी नहीं समझता 🙏🙏🙏🙏

    • @sanjaykp188
      @sanjaykp188 2 года назад +3

      @Jonty Mol hamare purvajo ne jo bhukta uski ladayi Ladi or unko fayda mila apke purvajo ne jo chori or beimani ki uske badle me apse reservation cheen gya jo salo se ap ke pas tha
      Jab bhagwan Ram ne apne father ka karm bhugta vanvas kar kar to app bhi bhugtane ke patr he

    • @sanjaykp188
      @sanjaykp188 2 года назад +3

      @Jonty Mol ajj ki generation intercaste marriage kar rahi he mostly jese jese cast khatm hogi wese wese reservation bhi khatam ho jayega

    • @sanjaykp188
      @sanjaykp188 2 года назад +1

      @Jonty Mol government ke bolne se khatam hota to kab ka ho jata government sirf kanoon banati he or ek bat sabhi kota ka upyog nhi krte he jiske pas pesa he wo gov job ki seat kharid skta he ajj bhi wo ye sach he

    • @haryanvijatt2672
      @haryanvijatt2672 2 года назад

      Aaj ke समय मैं ये कविता लिखी जाती तो इसका नाम होता- सवर्णो की गली।
      वो सवर्ण जिनका हक छीना गया सबसे ज्यादा मेहनत के बाद भी फल उन्हें सबसे कम दिया गया, न स्कॉलरशिप मिली, न फ्री राशन, न मेरिट के आधार पर चयन, न किसी योजना का लाभ, न सरकार से कोई सहायता🙂।
      पर फिर भी कहने को ये हुआ कि ये सवर्ण है इनके पूर्वजो ने हमे नीच दिखाया इसीलिए सजा इनको देगे, इनके बच्चो की रोटी छीनेंगे
      जी हां ये सवर्ण है जिनका दुखड़ा भी सुनकर लोग भड़क जाते हैं

    • @sanjaykp188
      @sanjaykp188 2 года назад

      @@haryanvijatt2672 acha mazak he poem ka mtlb apko samjh nhi aya usme ek ladki ke rape ki bat ho rahi he jiski awaj ko dabaya ja raha he free rashan Pani par hi dimag chal raha he abb tak ye insaniyat ke upar he poem
      Or likhne wala bhi ek swarn hi he

  • @jaiprakashgautam2497
    @jaiprakashgautam2497 5 месяцев назад +21

    में भी ब्राह्मण हु किंतु सभी दलित मेरे प्यारे मित्र हे हमने सुना जरूर है किंतु तीन पीढ़ी से मैने मेरे परिवार में कोई भेदभाव नही देखा और ना ही किया ये चालीस वर्ष पूर्व ही हमने हमारे दादाजी से सीखा, हे।सभी धरती के लाल हे और दिल से भाई है,जय भारत माता।हम सभ सनातनी हे थे और एक होकर रहेंगे।❤

    • @palakison1970
      @palakison1970 5 месяцев назад +1

      Ye shanatni kya lga rkha h hindu bolne mae sharm lgta h

    • @SonuUpadhyay-h7r
      @SonuUpadhyay-h7r 5 месяцев назад

      Dimag thikane hai ki nhi sanatani bola to kya galat bola satya jo hai wahi to bola ​@@palakison1970

    • @AbhishekKumar-wx1vg
      @AbhishekKumar-wx1vg 2 месяца назад

      India me rehne waale saare log Hindu hai.
      Sanatan ek alag shabd hai. Hame na hindu bolne me sharam aati hai na Sanatani ​@@palakison1970

  • @team11india
    @team11india 2 года назад +14

    निपच्छ पत्रकारिता के लिए आपको सादर प्रणाम जो समाज के सभी वर्ग विशेष के लोगो की दुख दर्द को बताती है ।🙏🙏🙏

  • @sanjaykumar5445
    @sanjaykumar5445 2 года назад +25

    आदरणीय अदम गोंडवी जी अमरकविता भारतीय समाज की सामाजिक न्याय व्यवस्था पर गहन चिंतन करने को मजबूर करती हैं।यह कविता साझा करने के लिए आप को बहुत-बहुत शुक्रिया।✨✨✨🙏

  • @shyamjishyam6433
    @shyamjishyam6433 2 года назад +15

    आप की सशक्त प्रस्तुति ने अदम गोंडवी जी के शब्दचित्रों को जीवंत कर दिया। लगा, जैसे आँखों के सामने कोई फ़िल्म चल रही है। बहुत-बहुत साधुवाद।

  • @shaileshram7308
    @shaileshram7308 2 месяца назад +4

    हम अपने आप को तो गर्व से चमार कहते हैं ,
    हैं जय भीम जय चवर वंश

  • @rahulbharati6427
    @rahulbharati6427 2 года назад +18

    आपको रोना देखकर मुझे रोना आ गया 😥😥
    ऐसा जानवरो के साथ व्यवहार नहीं होता है
    जैसा हमारे साथ होता है ऐसा लगता है की हम कचड़े में पैदा हुए है मां की पेट में नही 😥

    • @mdmusicompany4758
      @mdmusicompany4758 2 года назад +1

      Sahi haha Bhai
      Mai jaha bhi Jata Hun log MERI Kati poochate hai aisa feel ata hai Jaise Mai ensan Nahi Hun

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Месяц назад

      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
      इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 Месяц назад

      शिक्षित द्विजनो ( स्त्री-पुरुषो ) !
      जाति वर्ण में ऊच नीच करने वालो को वर्णजाति और वंशज्ञाति को जानना समझना चाहिए।
      पदवी /विभाग ( जाति/ वर्ण ) वाले शब्दों का प्रयोग पेशेवर कार्य करने वालों को पुकारने के लिए किया जाता है और जीविकोपार्जन विषय प्रबन्धन के लिए किया जाता है।
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दों का प्रयोग विवाह सम्बन्ध रिश्ते नाते करने के लिए किया जाता है।
      विज्ञान सम्मत बेहतर समाज प्रबंधन के लिए द्विजन ( स्त्री पुरष ) के लिए आश्रम व्यवस्था के लिए चार आश्रम प्रबंधन निर्मित किया गया है वैदिक ऋषि राजर्षि संसद द्वारा l
      चारवर्ण और चार आश्रम को मिलकर वर्णाश्रम शब्द का निर्माण कर समाज को बेहतर बनाने के लिए विधा की गई है
      चार वर्ण विभाग =
      1 - ब्रह्म वर्ण = ज्ञान विभाग = Education
      2 - क्षत्रम वर्ण =सुरक्षा विभाग = Protection
      3 - शूद्रम वर्ण =उत्पादन विभाग = Production
      4 - वैशम वर्ण = वितरण विभाग = Distribution
      वेतन भोगी जनसेवक (दास) नौकर भी इन्ही चारवर्ण में कार्यरत हैं ।
      शिक्षित द्विज़न ( स्त्री पुरुष ) विचार अवश्य जानें कि जलाने से या मिटाने से चार वर्ण (विभाग) कभी खत्म नहीं होते हैं l
      जब यजुर्वेद में शूद्रन को तपसे होना लिखा है तो लेखकजन तप छोड़कर सेवा ही क्यों लिखते रहते हैं और द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) भी बोलते रहते हैं ? शूद्रन को तपस्वी क्यों नहीं लिखते बोलते हैं? द्विजन ( स्त्री पुरष) शिक्षित होकर भी प्रिंट सुधार कार्य क्यों नहीं करते हैं ? प्रिंट सुधार करना करवाना शिक्षित विद्वान मानव द्विज़न ( स्त्री-पुरुष ) का काम है।
      चार वर्ण = चार विभाग = कर्म चार l
      1 - ब्रह्म वर्ण = ज्ञान शिक्षा विभाग
      2 - क्षत्रम वर्ण = ध्यान रक्षा विभाग
      3 - शूद्रम वर्ण = उत्पादन विभाग
      4 - वैशम वार्न = वितरण विभाग l
      पांचवे वेतन भोगी दास ज़न सेवक वर्ग भी इन्हीं चारों वर्ण विभाग कर्म को करते हैं l यही चारवर्ण पांचज़न सनातन वेद दर्शन व्यवस्था है l
      हरएक द्विज़न ( स्त्री पुरष ) मुख समान ब्राह्मण हैं, बांह समान क्षत्रिय हैं, पेट समान शूद्रन है और चरण समान वैश्य है l चरण चलने से व्यापार वितरण होता है इसलिए चरण समान वैश्य होता है l
      चार वर्ण (विभाग) जीविका सुरक्षा के लिए सदा बने रहते हैं l इसलिए सनातन हैं l चार आश्रम उम्र के सदा बने रहते हैं इसलिए सनातन हैं l
      जैसे उम्र बदलने से आश्रम बदल जाते हैं वैसे ही कार्य बदलने से वर्ण विभाग बदल जाते हैं। यही सत्य सनातन है l
      जिसको यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत पोस्ट समझ नहीं आती है तो बताएं अगर चरण नहीं चलेंगे तो कोई भी समान एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर कैसे जाएगा अर्थात वैश्य वर्ण कार्य व्यापार वितरण कैसे होगा ? जय विश्व राष्ट्र सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म सनातनम् । जय अखण्ड भारत जय वसुधैव कुटुम्बकम् ।। ॐ ।।

  • @sameershah6124
    @sameershah6124 2 года назад +8

    I really felt like crying...samaaj ko Aina dikhane wali kavita. Truly beautiful

  • @brightfuture8901
    @brightfuture8901 2 года назад +86

    आंखों में आंसू और पूरे शरीर मे सिरहन सी दौड़ गयी। अद्भुत। समाज को आइना दिखाती कविता

  • @deepaksinghadhikari7260
    @deepaksinghadhikari7260 2 месяца назад

    Whenever i read or listen this poem ,I feel pain,grief,anger at the same time.

  • @mahendradas1598
    @mahendradas1598 2 года назад +91

    सुन कर दिल झकझोर दिया। गोंडवी जी ने 21वीं सदी के वर्तमान भारत में भी हो रहे 4000 बरस पहले की तरह अत्याचार को उन्होंने अपनी कविता में वस्तुतः उतार दिया, और आज के समाज को भी उन्होंने वास्तविकता से परिचय कराया है इस कविता के माध्यम से। इतनी हिम्मत करने के लिए उन्हें मेरा बार-बार नमन,और साथ-साथ आपकी भावना से भरी कविता का पाठ करना, नमनीय है ।

    • @devotionalpuresoul2883
      @devotionalpuresoul2883 2 года назад +1

      4000 बरस पहले कोइ चमार नाम की जाति नही थी भाइ।

    • @GajendraSingh-fn5ys
      @GajendraSingh-fn5ys 2 года назад

      4000 साल पहले कहा जाति थी

    • @thakurrajender5739
      @thakurrajender5739 2 года назад

      लेकिन श्रीमान मुगल काल से पहले चमार शब्द का तू कहीं भी वर्णन नहीं है हां राजस्थान के चमार वंश का इतिहास इब्राहिम लोदी के समय जरूर पाया जाता है लेकिन उस समय तो चमर वंश क्षत्रिय था

  • @VivekKumar-kp8wd
    @VivekKumar-kp8wd 2 года назад +7

    यह कविता सुनकर मेरे हृदय रूपी यमुना से आंसुओं की गंगा बहने लगी। आप जिस प्रकार से कविता को पढ़ें। उस मर्म को जानकर मैं आंसू को रोक नहीं पाया।

  • @shobhitrastogi1125
    @shobhitrastogi1125 2 года назад +101

    बहुत ही अद्भुत पाठ पढ़ा है आपने अत्यंत आत्मीयता से परिपूर्ण समाज का वास्तविक चित्रण करने के लिए, आपको आपकी वाणी लिए बहुत-बहुत शुक्रिया और अदम गोंडवी साहब को इस सच्चाई को लिखने के लिए शत शत नमन

    • @underworldevolution2564
      @underworldevolution2564 2 года назад

      Jaati to ek post hain sharir to karmo anusar har janam mein badal jata hain jo aaj vaushya sudra hain wo kabhi bramhan thakur thae hum sab to atmaa hain jiska sambandh sirf bhagwan se hain 😎😎😎😎😎😎😎😎😎

    • @Gfjfjfhbbdb
      @Gfjfjfhbbdb 2 года назад +2

      @@underworldevolution2564 tere naam se teri soch mel nhi khati it cell...

    • @underworldevolution2564
      @underworldevolution2564 2 года назад

      @@Gfjfjfhbbdb Western philosophers ka manana hain india ke vedshastra surya ke saman hain jabki west ki books unke samne jugnu hain wo vedo pe resarch karte hain itne zayda scientific hain wo unka manana hain ki ye kisi insani buddhi ke likhe ho hi nahi sakte

    • @Gfjfjfhbbdb
      @Gfjfjfhbbdb 2 года назад +1

      @@underworldevolution2564 WhatsApp se pta chala na 😂😂

    • @underworldevolution2564
      @underworldevolution2564 2 года назад

      @@Gfjfjfhbbdb nahi sabko apni tarah samjha kyaa 😂😂😂😂😂

  • @thakuramukchauhan1635
    @thakuramukchauhan1635 2 месяца назад +1

    बेहद मार्मिक कविता है , जिसे रोंगटे खड़े हो गए 😢
    एक जमीनी हकीकत को बया करती यह कविता ने झकझोर दिया 🙏🥺🇮🇳❤️

  • @ramanbharti4824
    @ramanbharti4824 2 года назад +14

    बहुत-बहुत साधुवाद है जी आपको लेखक की कविता सुनकर मैं भी भावुक हो गया सलाम करता हूं आपको