#Sanjiv Saraf साहेब बहुत ही तारीफ के काबिल शख्सियत है. जश्न ए रेख्ता जैसी मुहीम चलाने के लिए Rekhta Founder #Sanjiv Saraf साहेब का बहुत-बहुत शुक्रिया जश्न ए रेख्ता जैसी मुहीम हिंदुस्तानी तहजीब के उर्दू साहित्य को नई ताकत के साथ आगे बढ़ने में काफी मददगार साबित होगी...
शारिक़ कैफ़ी की ज़बरदस्त शाइरी (1) यूं भी सेहरा से हम को रग़बत है। बस यहीं बेघरों की इज़्ज़त है।। (सेहरा صحرا = Desert, Wilderness; रग़बत رغبت = affection, keenness) अब संवरने का वक़्त उसको नहीं। जब हमें देखने की फ़ुरसत है।। तुझसे मेरी बराबरी ही क्या। तुझको इनकार की सहूलत है।। क़ैह्क़हा मारने में कुछ भी नहीं। मुस्कुराने में जितनी मेहनत है।। सैरे-दुनिया को आ तो जाओ, मगर। वापसी में बड़ी मुसीबत है।। ये जो एक शक्ल मिल गई है मुझे। ये भी आईने की बदौलत है। (की बदौलत = की कृपा से) ये तेरे शहर में खुला मुझ पर। मुस्कुराना भी एक आदत है।। (२) एक दिन ख़ुद को अपने पास बिठाया हम ने। पहले यार बनाया, फिर समझाया हम ने।। ख़ुद भी आख़िरकार उन्हीं वादों से बहले। जिनसे सारी दुनिया को बहलाया हम ने।। भीड़ ने यूं ही रैहबर मान लिया है; वरना। अपने अलावा किस को घर पंहुचाया हम ने।। (रैहबर = Guide, मार्गदर्शक) मौत ने सारी रात हमारी नब्ज़ टटोली। ऐसा मरने का माहौल बनाया हम ने।। (नब्ज़ نبض = नाड़ी; नब्ज़ टटोलना = check the pulse) घर से निकले, चौक गए, फिर पार्क में बैठे। तनहाई को जगेह-जगेह बिखराया हम ने।। भूले-भटकों-सा अपना हुलिया था, लेकिन दश्त को अपनी वैहशत से चौंकाया हम ने।। (दश्त = desert, forest, जंगल, uninhabited area वैहशत = जंगलीपन, विकरालता, दीवानगी) जब शारिक़ पैहचान गए मंज़िल की हक़ीक़त। फिर रस्ते को रस्ते भर उलझाया हम ने।। (३) आईने का साथ प्यारा था कभी। एक चेहरे पर गुज़ारा था कभी।। आज सब कैहते हैं जिसको नाख़ुदा। हमने उसको पार उतारा था कभी।। (नाख़ुदा = मल्लाह, नाविक, मांझी) ये मेरे घर की फ़ज़ा को क्या हुआ। कब यहां "मेरा," "तुम्हारा" था कभी।। (फ़ज़ा فضا = वातावरण) कैसे टुकड़ो में उसे कर लूं क़ुबूल। जो मेरा सारा-का-सारा था कभी।। आज कितने ग़म हैं, रोने के लिए। एक तेरे दुख का सहारा था कभी।। इश्क़ के क़िस्से न छेड़ो दोस्तों। मैं इसी मैदां में हारा था कभी।। कौन कैह सकता है उसको देख कर। ये वही है जो हमारा था कभी।।
One thing I wanna comment here... And that's it... There is NO ONE So Much Daring, Darling and of course candid speaker cum shâyar as Honorable Dr Rahat Indori !!! Hats off to this man!!! Khuda inhe salâmat rakhe, and give a long healthy life. Ameen Today Even Without listening him, I'm sure he is damn true, damn sarcastic, so much intellectual.... Rarest of rare..
उम्दा तहज़ीब, खूबसूरत ख़यालात और ज़िन्दादिली का दूसरा नाम है रेख़्ता। रेख़्ता एक ऐसा पेड़ है जिसकी अलग अलग साख अलग अलग रंग और रस के फल देती है,यहाँ सुनने वाले भी खूब हैं और सुनाने वाले भी। खूबसूरत शायरी, खूबसूरत लोग,खूबसूरत सोहबत,खूबसूरत शराब हमेशा प्यार पैदा करते हैं और प्यार इन्हें पैदा करता है। कभी फुरसत के चंद पल निकालकर poetry adda चैनल पर भी शायरी,कविता का लुत्फ़ आप ले सकते हैं दोस्तों...😊
मौत ने सारी रात हमारी नब्ज़ टटोली ऐसा मरने का माहौल बनाया हमने... I attended the entire event and must say that this was the couplet which stole the show....Sharique Kaifi was really unexpected 👍
roy, where was this bro ? i wanna attend one of these.. esp rahat indori ji. also please if possible lemme know if there's some site which gives info on forthcoming concerts. thanks !
Ameer imam's last ghazal has Jaun eliya's signature all over it. Kaafiya also are all the same from jaun eliya's ghazal- "jab teri jaan ho gai hogi, wo jaan pareshan ho gai hogi"
Javed akhtar shaab selute hai mera unko .Likhte to bemishaal hai par unki memory ka kya ,koyi jawaab ni har baar jo bi sunaate hai .Bina dekhe sunate hai .
Thanks jashn that you did not put/bring that comedian non kavi kumar vishwas here with these pure true shayar/poets/fakir. These r ppl who help sustain sher/kavita in india..true servants of urdu/hindi.
ज़िंदगी के इस मोड़ पर मेरी माँ तो नहीं है ! जो एक बीबी है आज वो भी मुझसे दूर है !! बच्चे तो बड़े हो चुके हैं,अपने काम में व्यस्त ! इस उम्र में,मुझ जैसे कई शख्स मजबूर है !! सबकुछ है आज मेरे पास पर सूना लगता है ! उजाले में भी मुझे आज अँधेरा ही लगता है !! क्या करूँ,कब तक मैं अपने आप को सँभालूँ ! अकेला रहता हूँ पर अकेलाअच्छा नहीं लगता है !! मालूम है मुझे,कि ज़िंदगी में और भी तूफान आएंगे ! पर जब गुनाह ही हमने नहीं की तो मेरा सजा क्या है !! डटकर करूँगा मुक़ाबला हिम्मत नहीं हारूंगा मैं ! ऊपर वाला भी पूछने लगेगा,बता तेरा रज़ा क्या है !! अर्सों से कलम चलता रहा,पर कभी किसी ने पूछा नहीं ! आज देखा अचानक अखबार में मेरा नाम आ रहा है !! जवानी में कुछ जोश और दम-ख़म मैं बचा के रक्खा था ! आज वही अमानत मेरे बुढ़ापे में काम आ रहा है !! अकेला हूँ पर आज मुझे ख़ुशी इस बात की है ! कि कुछ गीत ग़ज़ल और शायरी मेरे साथ है !! कुछ सोचने और लिखने का हिम्मत रब दे रहा है ! कुछ कोरे पन्ने, कलम और डायरी मेरे साथ है !! KUMAR DHRUV (9009990322)
अमीर इमाम - १ (१०:३० - १४:२०) चांद सूरज से परे और कहीं चाहते हैं आसमां जिसपे न हो ऐसी ज़मीं चाहते हैं जिस क़दर दूर है, कुछ और ज़ियादा उससे अब समझ लो के उसे कितना क़रीब चाहते हैं [क़दर = मात्रा (Measure), मूल्य (Value), महत्व (Importance); क़रीब = समीप, निकट, Close] एक तसव्वुर है के तुझसे भी मुशाबह है बहोत हम उसे चाहते हैं; तुझको नहीं चाहते हैं [तसव्वुर = कल्पना (Imagination), विचार, ख़याल; मुशाबह = समरूप, Resembling, मिलता-जुलता, Similar] हम ज़मीनों के हैं; हम अर्शे-मुअल्ला के नहीं ऐ ख़ुदा! फ़ैसला हम लोग यहीं चाहते हैं [अर्श = स्वर्ग (Heaven) मुअल्ला = Exalted, High, सबसे ऊँचा, परम, श्रेष्ठ] अर्शे-मुअल्ला = सबसे ऊँचा (आठवाँ) स्वर्ग फ़ैसला = निर्णय, Settlement, Verdict] वो हमें और-जुनूं, और-जुनूं चाहता है हम उसे और-हसीं, और-हसीं चाहते हैं [जुनूं (जुनून)= पागलपन, धुन, लगन; हसीं (हसीन)= सुंदर प्रेमिका (वो) चाहती है कि उसका प्रेमी उसके लिए और-ज़्यादा, और-ज़्यादा पागल हो; और प्रेमी (हम) चाहता है कि उसकी प्रेमिका और-ज़्यादा, और-ज़्यादा सुंदर हो ] इश्क़ होता है गुमां; उसको गुमां होना है यही ग़लती है के सब उसको यक़ीं चाहते हैं [इश्क़ = प्रेम गुमां (गुमान) = अनुमान, क़यास, Conjecture, Surmise, Presumption) यक़ीं (यक़ीन) = Certain, Assured, विश्वस्त] __________________________________________ अमीर इमाम - २ (१४:२२ - १६:५२) मध्धम हुई तो और निखरती चली गई ज़िंदा है एक याद जो मरती चली गई [मध्धम = मध्यम, Subdued, Temperate, Moderate) थी ज़िंदगी की मिस्ल शबे-हिज्र दोस्तों और ज़िंदगी की मिस्ल गुज़रती चली गई [मिस्ल = Similar, Analogous, Like, समान, तुल्य शब = रात; हिज्र = विरह, जुदाई; शबे-हिज्र = विरह की रात, Night of Separation गुज़रना = बीतना, Pass by, go by] हमसे यहां पे कुछ भी समेटा न जा सका हमसे हर एक चीज़ बिखरती चली गई आए थे चंद ज़ख़्म गुज़रगाहे-वक़्त पर गुज़री हवा-ए-वक़्त तो भरती चली गई [चंद = Some, कुछ; ज़ख़्म = घाव, Wound; गुज़रगाह = रास्ता, Passage, Public Road; गुज़रगाहे-वक़्त = Path of Time हवा-ए-वक़्त = समय की हवा] एक अश्क क़ैह्क़हों से गुज़रता चला गया एक चीख़ ख़ामोशी में उतरती चली गई [अश्क = आंसू, Tear] हर रंग एक रंग से हमरंग हो गया तस्वीर ज़िंदगी की उभरती चली गई ______________________________________ अमीर इमाम - ३ (१६:५५ - २०:४४) चलते चलते ये गली बेजान होती जाएगी रात होती जाएगी; सुनसान होती जाएगी देखना क्या है; नज़रअंदाज़ करना है किसे मंज़रों की ख़ुद-ब-ख़ुद पैह्चान होती जाएगी [नज़रअंदाज़ (نظرانداز) करना = Disregard, Ignore मंज़र (منظر)= Scene, View, Landscape, दृश्य] उसके चेहरे पर मुसलसल आंख रुक सकती नहीं आंख बारे-हुस्न से हलकान होती जाएगी [मुसलसल (مسلسل) = लगातार, Continuous, Successive, Consecutive बारे-हुस्न से = सुंदरता के बोझ से; हल्कान = Exausted, Overwhelmed, थकी हुई, अधमरी] कर ही क्या सकती है दुनिया और तुझको देख कर देखती जाएगी और हैरान होती जाएगी आते-आते इश्क़ करने का हुनर आ जाएगा रफ़्ता-रफ़्ता ज़िंदगी आसान होती जाएगी [इश्क़ = प्रेम, Love; हुनर = कला, कौशल, Art, Skill; रफ़्ता-रफ़्ता = धीरे-धीरे, Gradually, By Degrees] काकुले-ख़मदार में ख़म और आते जाएंगे ज़ुल्फ़ उसकी और भी शैतान होती जाएगी [काकुल = कनपटी पर लटकते बाल, Forelocks, Tresses ख़म = Curl, ख़मदार = Curly, Curved, Crooked काकुले-ख़मदार = Curly Forelocks] सोच लो! ये दिल्लगी भारी न पड़ जाए तुम्हे जान जिसको कैह् रहे हो, जान होती जाएगी [दिल्लगी = Jest, Flirtation, Merriment, Fun, ठिठोली, मज़ाक़] __________________________________________
जिन्दा रहने की ये तरक़ीब निकाली मैंने अपने होने की ख़बर सबसे छुपा ली मैंने।
Waahhhhh zindabad
@@anoopxsingh nn
.
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.bnOlly j. Go k.🔰
JJJunonjnbbnbbinbnm... ❤
@@anoopxsingh anp
😢😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮@@anoopxsingh
❤
बेहद मुकम्मल मुशायरा 😍 शारिक जी, शमीम जी, जावेद जी, राहत जी ने जश्न का माहौल बना दिया 👌😘
#Sanjiv Saraf साहेब बहुत ही तारीफ के काबिल शख्सियत है.
जश्न ए रेख्ता जैसी मुहीम चलाने के लिए Rekhta Founder #Sanjiv Saraf साहेब का बहुत-बहुत शुक्रिया
जश्न ए रेख्ता जैसी मुहीम हिंदुस्तानी तहजीब के उर्दू साहित्य को नई ताकत के साथ आगे बढ़ने में काफी मददगार साबित होगी...
शारिक़ कैफ़ी की ज़बरदस्त शाइरी
(1)
यूं भी सेहरा से हम को रग़बत है।
बस यहीं बेघरों की इज़्ज़त है।।
(सेहरा صحرا = Desert, Wilderness;
रग़बत رغبت = affection, keenness)
अब संवरने का वक़्त उसको नहीं।
जब हमें देखने की फ़ुरसत है।।
तुझसे मेरी बराबरी ही क्या।
तुझको इनकार की सहूलत है।।
क़ैह्क़हा मारने में कुछ भी नहीं।
मुस्कुराने में जितनी मेहनत है।।
सैरे-दुनिया को आ तो जाओ, मगर।
वापसी में बड़ी मुसीबत है।।
ये जो एक शक्ल मिल गई है मुझे।
ये भी आईने की बदौलत है।
(की बदौलत = की कृपा से)
ये तेरे शहर में खुला मुझ पर।
मुस्कुराना भी एक आदत है।।
(२)
एक दिन ख़ुद को अपने पास बिठाया हम ने।
पहले यार बनाया, फिर समझाया हम ने।।
ख़ुद भी आख़िरकार उन्हीं वादों से बहले।
जिनसे सारी दुनिया को बहलाया हम ने।।
भीड़ ने यूं ही रैहबर मान लिया है; वरना।
अपने अलावा किस को घर पंहुचाया हम ने।।
(रैहबर = Guide, मार्गदर्शक)
मौत ने सारी रात हमारी नब्ज़ टटोली।
ऐसा मरने का माहौल बनाया हम ने।।
(नब्ज़ نبض = नाड़ी; नब्ज़ टटोलना = check the pulse)
घर से निकले, चौक गए, फिर पार्क में बैठे।
तनहाई को जगेह-जगेह बिखराया हम ने।।
भूले-भटकों-सा अपना हुलिया था, लेकिन
दश्त को अपनी वैहशत से चौंकाया हम ने।।
(दश्त = desert, forest, जंगल, uninhabited area
वैहशत = जंगलीपन, विकरालता, दीवानगी)
जब शारिक़ पैहचान गए मंज़िल की हक़ीक़त।
फिर रस्ते को रस्ते भर उलझाया हम ने।।
(३)
आईने का साथ प्यारा था कभी।
एक चेहरे पर गुज़ारा था कभी।।
आज सब कैहते हैं जिसको नाख़ुदा।
हमने उसको पार उतारा था कभी।।
(नाख़ुदा = मल्लाह, नाविक, मांझी)
ये मेरे घर की फ़ज़ा को क्या हुआ।
कब यहां "मेरा," "तुम्हारा" था कभी।।
(फ़ज़ा فضا = वातावरण)
कैसे टुकड़ो में उसे कर लूं क़ुबूल।
जो मेरा सारा-का-सारा था कभी।।
आज कितने ग़म हैं, रोने के लिए।
एक तेरे दुख का सहारा था कभी।।
इश्क़ के क़िस्से न छेड़ो दोस्तों।
मैं इसी मैदां में हारा था कभी।।
कौन कैह सकता है उसको देख कर।
ये वही है जो हमारा था कभी।।
thanks a lot for your work... this really helps to new comers like us....
Khalid Sheikh d
Wah
One thing I wanna comment here... And that's it... There is NO ONE So Much Daring, Darling and of course candid speaker cum shâyar as Honorable Dr Rahat Indori !!! Hats off to this man!!!
Khuda inhe salâmat rakhe, and give a long healthy life. Ameen
Today Even Without listening him, I'm sure he is damn true, damn sarcastic, so much intellectual.... Rarest of rare..
Ek baar jaun ko sunno
@@avinashrai2337 sunlia,ab??
तुम्हें कैसा लगा दरबार का लहजा,
मुझे तो चुभ गया दो-चार का लहजा!!
उसे मत छेड़िए जो इश्क़ में हारा,,
बदल जाता है उस बीमार का लहजा!!
तुम्हें उतना मिलेगा है लिखा जितना,
यहाँ मिलता नहीं औक़ात से आगे!!
अभी मेहनत के फूलों को भी रोने दो,,
खिलेगी धूप भी बरसात से आगे!!!!
Jab marhum Rahat Indori Saab aye to kya public ne taali bajayi kasam Khuda ki mazaa aa gaya....❤❤❤❤❤
I'm from pakistan .....yar mjy ni pta tha india k log urdu sy itna pyar krty hn....aur itni aala aur kamal k shayer hain.....
Hanji
Abhi kuch log hai zinda Jo Urdu bool skte hai
Kya aapko pata he urdu to hindustan ki juban he. . Yh to delhi or up se paida huyi he .
jeswantsingh billye jubaan nae Zubaaan hota hy Bhai
Hamary yahan Pakistan men bacha bacha Urdo janta hy
Pakistan bhi kabhi Hindustan ki hissa hai bhai.
ख़यालों का आपने क्या अहम कह दिया,
दिलों की सुखन का दरवाज़ा खोल दिया...
उम्दा तहज़ीब, खूबसूरत ख़यालात और ज़िन्दादिली का दूसरा नाम है रेख़्ता। रेख़्ता एक ऐसा पेड़ है जिसकी अलग अलग साख अलग अलग रंग और रस के फल देती है,यहाँ सुनने वाले भी खूब हैं और सुनाने वाले भी। खूबसूरत शायरी, खूबसूरत लोग,खूबसूरत सोहबत,खूबसूरत शराब हमेशा प्यार पैदा करते हैं और प्यार इन्हें पैदा करता है। कभी फुरसत के चंद पल निकालकर poetry adda चैनल पर भी शायरी,कविता का लुत्फ़ आप ले सकते हैं दोस्तों...😊
Bahut Khoob
Javed Akhtar Sahab 22:41
Dr. Rahat Indori Sahab 1:30:15
11:28 they agree.
Ishq ke kisse na chedo dosto
Mai issi maidan mai hara tha kabhi
Wah shariq kaifi sahab
Kya kehna waah kya Sher farmaya hai aapne .it's really a pleasure to watch all of you 💕👍🙏🌹🤗
thank u rekhta inty aala shoara ka kalam hum tk pohbchany ka......
तालियां तो कैमरा मैन के लिये भी होनी चाहिए, क्योंकि शायरी के हिसाब से चेहरा भी दिखाता है। 👏👏
Waah kya andaze bayan hai sahab
Jo ye mahfil noor o shadab hogai....
Isqk ke kissee na cheeoon doostonn,... me issi maidaan me haara tha kabhi...... Waahhhhhhu gajabb bahut khoob
Ek se ek shayaro ki shayri sunke mazaa aa gaya.....❤❤❤❤❤
Javed Sir.... what thinking, what a way of expression...what an intellectual person
2 chreeze achi lagi javed sahab ki shayeri👌 aur cameraman ka tharakpan jo pura session ek hi ladki pe focus kara🙏
Wah bhai. Aap sher sunne aye hain k ladki ko dekhne.
😜😝🤣🤣
Jawed Akhtar said very intellectual poetry.... What a great way to narrate.
Re watch and enjoy
Thank you, Jashn-e-Rekhta.
Meri nazar me sabse ek number shariq kaifi ki shayari rahi is mushayere m
I agree
तेरे बग़ैर ख़ुदा की कसम सुकून नहीं,
सुफैद बाल हुए हैं हमारा ख़ून नहीं ......
👏🏻👏🏻👏🏻🤗
Is vedio k liye Bohot bohot shukriya!👍💐💐💐
Javed sahab.
Greatest thinker of our time.
In depth understanding of our society.
Truly jewel of india ❤️
Inme sabhi loag Apne dour k Shayar h...
Mgr Dr Allama Iqbal Sahab Apne dour k aage k shayr hai...
MAZAA aa gaya Javed sahab ko sunke. Waah waah.
Sameer Rathore inki shayari me tumhe siyaasi rang nazar nahi aaya shayad
Every one is legend until real legend comes at 1:30:22
Really :-)
Nonsense.
@@aviramvijh bhai aap RAP suno jaakr
मौत ने सारी रात हमारी नब्ज़ टटोली
ऐसा मरने का माहौल बनाया हमने...
I attended the entire event and must say that this was the couplet which stole the show....Sharique Kaifi was really unexpected 👍
Javed has the best way of talking and pronunciation out of them all
Because you can't reach Rahat Indori bro.
Rahta indori far better than anyone out there.
Raahat Sir Best....
@@farrukhmalik2862 o
Behtareen, became 'Ameer Imam' fan.... 👌
Me too.
Na fikra koi na aarhi hai
Na khabar koi na aarju hai
A shaks to kabka marchuka hai
To bekafan A lash kiv hai
Meri fevrate shyayari hai 😍😍
India has great urdu poets but I think Rekhta should also invite Pakistani poets for national friendship
I was there.. it was surreal
roy, where was this bro ?
i wanna attend one of these.. esp rahat indori ji.
also please if possible lemme know if there's some site which gives info on forthcoming concerts.
thanks !
It was phenomenal and overwhelming as I had the opportunity to attend this year.. cheers Jhasn e Rekhta
जहानत इस क़दर मसरूफ़ है मशहूर होने में.......
कोई कहता ही नहीं कोई लिखता ही नहीं जज्बात दिल के.....✍️✍️✍️
Yaad rakhne ka sawaal hi nahi
Baat aayi gayi ho gayi hogi
Ab tak bhi na koi jawaab uska
Aaj Wo jaldi so gayi hogi...
Ameer imam's last ghazal has Jaun eliya's signature all over it. Kaafiya also are all the same from jaun eliya's ghazal- "jab teri jaan ho gai hogi, wo jaan pareshan ho gai hogi"
Thanks Rekhta....
Waiting for the videos of all other individual events...
मुनव्वर राणा साहब की कमी है बस वर्ना हिन्दुस्तान के सब बड़े शायर मौजूद हैं।।
She is in pain...sukriya bhut bhut sukriya😊😊
is betabi ka agla kadam sailab hota hai... hats off to Javed ji :)
javed akhtar sahab....aap mahan ho..aapka koi jawab nhi...khuda salamat rakhe aapko
I m there for Rahat sir....
Of course.
ur english
Ishq hota hai guman..
.......usko guman hona hai......yahi galti hai k sab usko yaqeen chahte hai
you have started mushaira with my verse ..chand shair... I am jawaid Ahmed from pakstan
tum ye khte ho ki main gair hu, fir bhi shayd, niksl aye koi phchan jra dekh to lo... wah ji wah...
Wah kya bat h
Muntazir hm bhi h ho ram ka raj, par rawan ki lanka dhai jaye,
Ameerrr Immam ......Really a great poet
Ameer imam stole all mushayara
bhut shandar
Javed akhtar shaab selute hai mera unko .Likhte to bemishaal hai par unki memory ka kya ,koyi jawaab ni har baar jo bi sunaate hai .Bina dekhe sunate hai .
Thanks jashn that you did not put/bring that comedian non kavi kumar vishwas here with these pure true shayar/poets/fakir.
These r ppl who help sustain sher/kavita in india..true servants of urdu/hindi.
Now fan of Ameer imam what a poet 😍😍😍💗
Phir sunoo vai
हम ज़मीनों के हैं हम अर्शे मुअल्ला के नही
ऐ खुदा फैसला हम लोग यही चाहते हैं
अमीर इमाम
ज़िंदगी के इस मोड़ पर मेरी माँ तो नहीं है !
जो एक बीबी है आज वो भी मुझसे दूर है !!
बच्चे तो बड़े हो चुके हैं,अपने काम में व्यस्त !
इस उम्र में,मुझ जैसे कई शख्स मजबूर है !!
सबकुछ है आज मेरे पास पर सूना लगता है !
उजाले में भी मुझे आज अँधेरा ही लगता है !!
क्या करूँ,कब तक मैं अपने आप को सँभालूँ !
अकेला रहता हूँ पर अकेलाअच्छा नहीं लगता है !!
मालूम है मुझे,कि ज़िंदगी में और भी तूफान आएंगे !
पर जब गुनाह ही हमने नहीं की तो मेरा सजा क्या है !!
डटकर करूँगा मुक़ाबला हिम्मत नहीं हारूंगा मैं !
ऊपर वाला भी पूछने लगेगा,बता तेरा रज़ा क्या है !!
अर्सों से कलम चलता रहा,पर कभी किसी ने पूछा नहीं !
आज देखा अचानक अखबार में मेरा नाम आ रहा है !!
जवानी में कुछ जोश और दम-ख़म मैं बचा के रक्खा था !
आज वही अमानत मेरे बुढ़ापे में काम आ रहा है !!
अकेला हूँ पर आज मुझे ख़ुशी इस बात की है !
कि कुछ गीत ग़ज़ल और शायरी मेरे साथ है !!
कुछ सोचने और लिखने का हिम्मत रब दे रहा है !
कुछ कोरे पन्ने, कलम और डायरी मेरे साथ है !!
KUMAR DHRUV
(9009990322)
Bahut umda
Jaun Elia Aik He Hai...
Koi Un Jasa Bhi Nae Ho Sakta...
Best On RUclips bilkul sahi
Anne Issac Thanku
Bilkul janab
اسکی امید ناز کا ھم سے یہ مان تھا
کہ آپ عمر گزار دیجئے
عمر گزار دی گئ ❤
جناب ایلیا صاحب
Belkul bhai
Bilkul sahi bhai
Jaun Elia jesa koi nahi ho skta h........
Poetry personified at @1:00:28 in those Jhumkas
waah waah waah .. कोई शब्द ही नहीं ..
ahha zabardast!
अमीर इमाम - १ (१०:३० - १४:२०)
चांद सूरज से परे और कहीं चाहते हैं
आसमां जिसपे न हो ऐसी ज़मीं चाहते हैं
जिस क़दर दूर है, कुछ और ज़ियादा उससे
अब समझ लो के उसे कितना क़रीब चाहते हैं
[क़दर = मात्रा (Measure), मूल्य (Value), महत्व (Importance);
क़रीब = समीप, निकट, Close]
एक तसव्वुर है के तुझसे भी मुशाबह है बहोत
हम उसे चाहते हैं; तुझको नहीं चाहते हैं
[तसव्वुर = कल्पना (Imagination), विचार, ख़याल;
मुशाबह = समरूप, Resembling, मिलता-जुलता, Similar]
हम ज़मीनों के हैं; हम अर्शे-मुअल्ला के नहीं
ऐ ख़ुदा! फ़ैसला हम लोग यहीं चाहते हैं
[अर्श = स्वर्ग (Heaven)
मुअल्ला = Exalted, High, सबसे ऊँचा, परम, श्रेष्ठ]
अर्शे-मुअल्ला = सबसे ऊँचा (आठवाँ) स्वर्ग
फ़ैसला = निर्णय, Settlement, Verdict]
वो हमें और-जुनूं, और-जुनूं चाहता है
हम उसे और-हसीं, और-हसीं चाहते हैं
[जुनूं (जुनून)= पागलपन, धुन, लगन;
हसीं (हसीन)= सुंदर
प्रेमिका (वो) चाहती है कि उसका प्रेमी उसके लिए और-ज़्यादा, और-ज़्यादा पागल हो;
और प्रेमी (हम) चाहता है कि उसकी प्रेमिका और-ज़्यादा, और-ज़्यादा सुंदर हो ]
इश्क़ होता है गुमां; उसको गुमां होना है
यही ग़लती है के सब उसको यक़ीं चाहते हैं
[इश्क़ = प्रेम
गुमां (गुमान) = अनुमान, क़यास, Conjecture, Surmise, Presumption)
यक़ीं (यक़ीन) = Certain, Assured, विश्वस्त]
__________________________________________
अमीर इमाम - २ (१४:२२ - १६:५२)
मध्धम हुई तो और निखरती चली गई
ज़िंदा है एक याद जो मरती चली गई
[मध्धम = मध्यम, Subdued, Temperate, Moderate)
थी ज़िंदगी की मिस्ल शबे-हिज्र दोस्तों
और ज़िंदगी की मिस्ल गुज़रती चली गई
[मिस्ल = Similar, Analogous, Like, समान, तुल्य
शब = रात; हिज्र = विरह, जुदाई; शबे-हिज्र = विरह की रात, Night of Separation
गुज़रना = बीतना, Pass by, go by]
हमसे यहां पे कुछ भी समेटा न जा सका
हमसे हर एक चीज़ बिखरती चली गई
आए थे चंद ज़ख़्म गुज़रगाहे-वक़्त पर
गुज़री हवा-ए-वक़्त तो भरती चली गई
[चंद = Some, कुछ; ज़ख़्म = घाव, Wound;
गुज़रगाह = रास्ता, Passage, Public Road; गुज़रगाहे-वक़्त = Path of Time
हवा-ए-वक़्त = समय की हवा]
एक अश्क क़ैह्क़हों से गुज़रता चला गया
एक चीख़ ख़ामोशी में उतरती चली गई
[अश्क = आंसू, Tear]
हर रंग एक रंग से हमरंग हो गया
तस्वीर ज़िंदगी की उभरती चली गई
______________________________________
अमीर इमाम - ३ (१६:५५ - २०:४४)
चलते चलते ये गली बेजान होती जाएगी
रात होती जाएगी; सुनसान होती जाएगी
देखना क्या है; नज़रअंदाज़ करना है किसे
मंज़रों की ख़ुद-ब-ख़ुद पैह्चान होती जाएगी
[नज़रअंदाज़ (نظرانداز) करना = Disregard, Ignore
मंज़र (منظر)= Scene, View, Landscape, दृश्य]
उसके चेहरे पर मुसलसल आंख रुक सकती नहीं
आंख बारे-हुस्न से हलकान होती जाएगी
[मुसलसल (مسلسل) = लगातार, Continuous, Successive, Consecutive
बारे-हुस्न से = सुंदरता के बोझ से;
हल्कान = Exausted, Overwhelmed, थकी हुई, अधमरी]
कर ही क्या सकती है दुनिया और तुझको देख कर
देखती जाएगी और हैरान होती जाएगी
आते-आते इश्क़ करने का हुनर आ जाएगा
रफ़्ता-रफ़्ता ज़िंदगी आसान होती जाएगी
[इश्क़ = प्रेम, Love;
हुनर = कला, कौशल, Art, Skill;
रफ़्ता-रफ़्ता = धीरे-धीरे, Gradually, By Degrees]
काकुले-ख़मदार में ख़म और आते जाएंगे
ज़ुल्फ़ उसकी और भी शैतान होती जाएगी
[काकुल = कनपटी पर लटकते बाल, Forelocks, Tresses
ख़म = Curl, ख़मदार = Curly, Curved, Crooked
काकुले-ख़मदार = Curly Forelocks]
सोच लो! ये दिल्लगी भारी न पड़ जाए तुम्हे
जान जिसको कैह् रहे हो, जान होती जाएगी
[दिल्लगी = Jest, Flirtation, Merriment, Fun, ठिठोली, मज़ाक़]
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Thanks sheikh ji
Thanks for giving meanings
Wah!!!
May ALLAH bless you always..........Ameen
bahot umdah Mushayra. Hats Off to Organizers, shora & samaeen.
जहां चाहत होती है
वहीं राहत होती है
दुनियां हंसती है
जब मां अकेली
बेचारी रोती है
Usha saxena
🌹✍️🌹
my Allah bless u all.....great job
Rahat indori at 1:30:21
Tushar Vaibhav thanks buddy :')
thanks yhi dhundne aaya tha comment section me
Tushar Vaibhav thanks
Sahi hai bhai..kaam aasan kar diya..
Ty
Oh man.. Rahat Indori ❤️🥺
yahi log to urdu adab ko zinda rakhe hai
Huraira Shaikh 👌👌👌
Huraira Shaikh i
I was here for Javed sahab.
Yad karte tahr yad karte rahe ab socha bula he lu
چند شاعر ہیں جو اس شہر میں مل بیٹھتے ہیں ۔۔۔۔۔۔ ورنہ لوگوں میں وہ نفرت ہے کہ دل بیٹھتے ہیں ۔۔۔ شاعر کا نام ،، جاوید احمد پاکستان
great
Awesome. Behtareen.
Please add subtitles in english and hindi.
Ye shayari hai, ye sharifo k bas ki baat nahi. 😎😎😎
Waiting for another mushaira video - female version.
Wonderful program organized Jashn-e- Rekhta
آہااااا۔۔۔۔ جاوید سر 🙏🏽 نرا عشق ہیں ♥️
yes ....shariq kaifi.... wonderful...no words..
Sb ek se bdkr h ...
Hum bhi bijnor k h shakil jamali Saab..
Bhut khob kia khny Allah ap ki sahat sahee rakhy
Wow. Awesome 😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍
Upcoming Amir Imam is on top among new poets!
Javed sahab ki baatein ,kisi ka huqm hai.
Urdu a wonderful language 👍
🎉🎉🎉 khusro rehmatullahi ka kalaam 700 saal se aaj bhi hai Pakistani quali Aaj bhi gaate hai
From India 🆕 Delhi
Maan gaye kaifi saheb behad khub...
I just loved it... thanks rekhta... i love listening shayaris..
48:00 Shariq kaifi 👍👍
उसने अपनी हदों को
पार कर दिया
हमने अपना सब कुछ
उसके नाम कर दिया
Namaz padke dakho bohat sakun mele ga
Wah kya mushaera thaa
All are just excellent n Ameer eimaam is just fantastic
Kabi hasne se na mela to rona cahey
W.....ah❣️
Bht khb🔥
22:45 javed akhtar
abdul saboor ç at cartoon
Behtareeen😍😍😚😚❤❤❤
Hum asr dalne ko to aey ha sahib
Really a GRAND MUSHAIRA.
I m because of rahat indori sir🥰🥰😘😍
राहत इन्दोरी
जुदा अंदाज़ बेबाक गुफ़्तगू हक़ीक़त बयां करते है
Awesome..