उत्तराखंड में जिसे यह नरसिंह देवता कहते है, उसके अनेक स्थान है और अनेक नाम है। जिसमें डौंडिया नरसिंह भी है, जिसे मांस और शराब का भोग लगता है। यह सब नाहर सिंह के भाई है। जिसे लोग अज्ञानता के कारण भगवान नरसिंह समझकर पूजते है। टेमरू का डंडा रखते है, चिमटा रखते है। यह सब भगवान विष्णु के अंशावतार भगवान नरसिंह वीर के स्वरूप से भिन्न है। इन मंदिरों मे कोई भी भगवान नरसिंह का मंत्र जप अथवा हवन आदि नही करते है। इनके अपने ही साबर मंत्र है, जिसे यह लोग जागर कहते है। इसमें बाबा नाहर सिंह के नाम का उल्लेख है। यह सब मिलावट हो गया है। किसी को ठीक से पता ही नही है कि, वह किस देवता को पुज रहा है और शास्त्र में उसकी पूजा विधी क्या है ? सब अपनी ही बनाई परम्परा और अपने ही बनाएं हुए शाबरी मंत्रों से पूजन करते है। कुछ लोग नरसिंह वीर के भी मंत्र बना लिए है। कुछ समझ नही आता है कि, कहां से यह सब आ गया है। नाहर सिंह की बात की जा रही है और नरसिंह वीर भगवान विष्णु का अवतार है, वह ऐसे ही किसी के भी शरीर मे नही आ सकते है। वह भगवान नरसिंह एक ही है और वही देवता है। नाहरसिंह नौ भाई थे, जिसे मुर्खतावश उत्तराखंड के लोग नरसिंह देवता समझते है। वह भगवान नरसिंह नही है। नाहरसिंह मरने पर ब्रह्म राक्षस बना था, जो लोगों को परेशान करता था। तब एक सिख संत बाबा बडभाग सिंह ने उसे बांधा। वह भगवान विष्णु का अंश नरसिंह वीर नही है। अपनी मुर्ख परम्पराओं से देवता और राक्षस का भेद ही भूल गये है। राक्षसों को देवता समझकर पुजे जा रहे है।
@@RanvirSingh-vi6yu सही कहा भाई बाबा जाहरवीर राणा जी के साथ पूजे जाने वाले नाहर सिंह दीवान बहुत अच्छे हैं इन सब नाहर सींगो से अलग है और अपने धर्म के पक्के और सच्चे
Prnaam guruji mere upr bhi kuch karvaya huaa hi gar ko bhi baand rkha hi guruj mi kuch nahi kar sakti bajrng Bali ki hanumaan chalisa bajrng baan ka paath karti hu
गुरूजी मै तामसिक देवताओं को पूजता हु पर वैदिक पर वैदिक मंत्रो से पूजता हु! और बली मे नारियल को वैदिक मन्त्र से प्राण डालकर उनकी बली देता हु क्या मेरी पूजा तामसिक हो कर मेरा नुकसान करेंगे 🙏 कृपया उत्तर दे 🙏
🙏🙏🚩🐄 जय श्रीमन्नारायण, आदरणीय पूज्यनीय आचार्य जी सादर प्रणाम, कृपया बताइएगा कि, देवभूमि उत्तराखंड में प्रचलित लोक स्थानीय देवता नारसिंग/ नारसिंह/ नरसिंग जो कुल संख्या में नौ (9) हैं, उन वीर और श्री विष्णु अवतारी नृसिंह अवतार में कितना संबंध है,/ क्या संबंध है 🙏🙏 क्यूंकि, नृसिंह भगवान का मूल स्थान भी जोशीमठ है,( बद्रीनाथ क्षेत्र, शंकराचार्य गद्दी/ पीठ ज्योतिर्मठ) और, नारसिंग वीर का मूल स्थान भी ' जोशीमठ है क्यूंकि, जागर ( लोकदेवता जागरण/ विशिष्ट वाद्य यंत्रों माध्यम से) में आह्वान में जोशीमठ का जिक्र होता है और जागर पश्चात विदाई/ समापन में भी जोशीमठ का जिक्र होता है जो, उच्चारण सिद्ध गुरु सिद्ध द्वारा किया जाता है, और उन्हीं की देखरेख में जागर और देवता से सवाल जबाव, समाधान, वरदान मांगने कीप्रक्रिया संचालित की जाती है।। कृपया, जानकारी और शोध अनुसार मेरी जिज्ञासा का समाधान कीजिएगा आभार सहित सादर प्रणाम... 🙏🙏🙏
उत्तराखंड में जिसे यह नरसिंह देवता कहते है, उसके अनेक स्थान है और अनेक नाम है। जिसमें डौंडिया नरसिंह भी है, जिसे मांस और शराब का भोग लगता है। यह सब नाहर सिंह के भाई है। जिसे लोग अज्ञानता के कारण भगवान नरसिंह समझकर पूजते है। टेमरू का डंडा रखते है, चिमटा रखते है। यह सब भगवान विष्णु के अंशावतार भगवान नरसिंह वीर के स्वरूप से भिन्न है। इन मंदिरों मे कोई भी भगवान नरसिंह का मंत्र जप अथवा हवन आदि नही करते है। इनके अपने ही साबर मंत्र है, जिसे यह लोग जागर कहते है। इसमें बाबा नाहर सिंह के नाम का उल्लेख है। यह सब मिलावट हो गया है। किसी को ठीक से पता ही नही है कि, वह किस देवता को पुज रहा है और शास्त्र में उसकी पूजा विधी क्या है ? सब अपनी ही बनाई परम्परा और अपने ही बनाएं हुए शाबरी मंत्रों से पूजन करते है। कुछ लोग नरसिंह वीर के भी मंत्र बना लिए है। कुछ समझ नही आता है कि, कहां से यह सब आ गया है। नाहर सिंह की बात की जा रही है और नरसिंह वीर भगवान विष्णु का अवतार है, वह ऐसे ही किसी के भी शरीर मे नही आ सकते है। वह भगवान नरसिंह एक ही है और वही देवता है। नाहरसिंह नौ भाई थे, जिसे मुर्खतावश उत्तराखंड के लोग नरसिंह देवता समझते है। वह भगवान नरसिंह नही है। नाहरसिंह मरने पर ब्रह्म राक्षस बना था, जो लोगों को परेशान करता था। तब एक सिख संत बाबा बडभाग सिंह ने उसे बांधा। वह भगवान विष्णु का अंश नरसिंह वीर नही है। अपनी मुर्ख परम्पराओं से देवता और राक्षस का भेद ही भूल गये है। राक्षसों को देवता समझकर पुजे जा रहे है।
@@Jay_MaHakAL_00029 ... ' विकृति आने पर ही पुण्य भूमि भारत वर्ष अपने पतन का चरम उत्कर्ष देख रहा है!! सत्य है, सनातन मूल सर्वोच्च धर्म को उसके ही स्वनामधन्य स्वघोषित संत शिरोमणियों ने सर्वाधिक क्षति पहुंचाई है!!! बात करें, देवभूमि उत्तराखंड के दूधाधारी नारसिंग देव की... अपने ज्ञान और जानकारी आधार पर बता सकता हूं कि, उक्त देव का आह्वान परम सात्विक रूप में निम्न प्रकार से बहुत बड़े प्रोटोकॉल अनुसार संपन्न करते हैं.. (१)- प्रातः काल/ ....शुद्ध शाकाहारी स्वरूप वाले लोग, परिवार, परिजन सहित शुद्ध स्नान, शुद्ध वस्त्र धारण कर,परम शुद्ध कच्चा गौ मातु दूध, शुद्ध गौ मातु घी,शुद्ध गेहूं आटा, शुद्ध देसी गुड़ शुद्ध चूल्हे पर, विधि विधान युक्त पारंपरिक पूजन पुरुष वर्ग द्वारा ' श्वेत धोती धारण कर ' विशिष्ट भोग तैयार कर दैव स्थान विशेष पर उनका पूजन,जप और आरती विधि संपन्न करते हैं ..' उक्त भोग पंच मिष्ठान पुष्प फल बतासे नैवेद्य आदि अर्पित करते हैं / स्थान विशेष पर धूनी प्रज्वलित करते हुए (२)- रात्रि में, विशेष जागर में उपरोक्त अनुसार ही विशिष्ट धूनी और अंगार में उपलब्ध दिव्य दैव सुगंध सुवास पदार्थ कर्पूर और शुद्ध पादप गुग्गुल धूप (गौंद) की विशेष सुगंध की धूनी से देव दूधाधारी नारसिंग देव का आह्वान विशेष व्यक्ति जगरिया ( जागरण - गुरु) और उसकी टीम सदस्य वाद्य यंत्रों के माध्यम से करते हैं, विधियुक्त आह्वान पर ही देवता का प्राकट्य व्यक्ति विशेष पशुआ के शरीर में होता है ( डगरिया/ जिस व्यक्ति के शरीर माध्यम से देवता प्रकट होकर वार्ता लाप करता है) उक्त संवाद, प्रक्रिया को श्रेष्ठ ब्राह्मण समुदाय के लोगों के घर में स्वयं मैंने परम सात्विक दैव पूजन स्वरूप में देखा है,... ।।यह रहस्य है, विलुप्त हो रही विद्याएं हैं, आर्थिक और भौगोलिक चौपट परिस्थितियों ने वर्तमान समय में ''' वह जीवंत एक्टिवेट,सक्रिय स्वरूप भले ही खो दिया हो, परंतु '''' कुछ तो ऐसा है,जो महायोग और गोपन विद्या से सिद्ध योगी ( जोगी) दूधाधारी नारसिंग देव की महत्ता को जानने के लिए हम सभी को संदेश दे रहा है कि,यह पुरखों की विलुप्त हो रही ' थाती ( धरोहर) है,इसे सौभाग्य मानो और हो सके तो जान लो....।। आचार्य जी का आभार और सादर अभिवादन नमस्कार प्रणाम..🚩🐄🍍🌼🙏🙏
@@harishchandrabhatt5821 यह ठीक है। परन्तु इस शुध्द सात्विक देवता के स्थान पर तामसी देवता का ही प्रभाव समस्त उत्तराखंड में दिखाई दे रहा है। अधिकांश उत्तराखंड मांस और शराब के प्रवाह में बह रहा है, फिर वह पुरोहित वर्ग ही क्यों न हो। शुध्द सात्विक भगवान नरसिंह को उपासना करें और मांस-बकरे वाले को देवता मानना बंद करे, यही हमारा उद्देश्य है। तभी उत्तराखंड का उत्कर्ष होगा और यथार्थ देवभूमि मानी जायेगी।
@@Jay_MaHakAL_00029 🚩🐄🍍🌼🙏🙏 आदरणीय/पूज्यनीय आचार्य जी सादर कुछ तो ऐसा अवश्य है जो अभी भी शोध अंतर्गत है/ ऊर्जा के केंद्र, सकारात्मक ऊर्जा से नकारात्मक ऊर्जा केंद्र , बनने की प्रक्रिया को कोई विद्वान,प्रकाण्ड,योग एवं ज्योतिष के अतिरिक्त इस क्षेत्र विशेष के गोपन विद्या को समझने में सक्षम व्यक्ति जगरिया (दैवी सकारात्मक/ अथवा नकारात्मक ऊर्जा दैव को 'जागरण/संवाद स्थापित करने वाले )व्यक्ति से भली भांति जानना होगा, कुछ तो है, जो इतना हल्का नहीं है, आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर, कोई विकल्प न होने पर/ अपने अस्तित्व को बनाए रखने हेतु, भोजन, स्वास्थ्य, और अन्य आवश्यक कार्यों हेतु पुरखों द्वारा भूतकाल में,विषम भौगोलिक परिस्थितियों में सुरु परंपरा, इतनी हल्की नहीं, उत्तराखंड ही नहीं, वरन अन्य हिमालयी क्षेत्रों और आदि वासियों के मध्य भी उक्त रीति रिवाज सुने पड़े जाते हैं, पञ्च केदार, पञ्च बदरी, पञ्च प्रयाग वाले उत्तराखंड में अतीत में दुर्गम क्षेत्र अंतर्गत दैव, और अन्य ऊर्जा ( सकारात्मक/ नकारात्मक) केंद्र और उस विद्या का औचित्य, और परंपरा और वर्तमान स्वरूप पर, तंत्र मंत्र यंत्र जानने वाले विशेषज्ञ बेहतर विश्लेषण कर सकेंगे, ।। कुछ तो है, में इतना ही....।। आचार्य जी का सादर आभार और साधुवाद, सादर प्रणाम...🙏🙏
गुरू जी सादर प्रणाम स्वीकार करे। मैं उत्तराखंड के केदारनाथ घाटी का निवासी हूं। दूधवा नरसिंह हमारे कुल देवता हैं। कभी कभी वो मेरे शरीर में आते हैं, किंतु ऐसा लगता है कि किसी धियाण के द्वारा उनको मंत्रों से बांधा गया है, वो कुछ कहना चाह कर भी बोल नहीं पाते। मैं कैसे सात्विक विधी से मंत्र सिद्ध करूं कि मेरे कुलदेवता उन मंत्रों के असर से उठें। अगर आप ये पढें तो जरुर क्रपा करके बतायें।
अपने कुलदेवता की सात्विक पूजा करो उनके मंदिर में उनकी जोत के सामने अपनी बात रखो और जब भी सवारी में रुकावट या कुछ बाधा हो जो आपके कुलदेवता के गुरु हैं और हो अन्य देवता उनके साथ चलते हैं उनका ध्यान करे
अपने कुलदेवता की सात्विक पूजा करो उनके मंदिर में उनकी जोत के सामने अपनी बात रखो और जब भी सवारी में रुकावट या कुछ बाधा हो जो आपके कुलदेवता के गुरु हैं और हो अन्य देवता उनके साथ चलते हैं उनका ध्यान करे
Swami ji m es narsingh veer se bahut pareshan hu . Pls mere help karo . Mujhe es time help ki jarurat h. Kya apse baat ho sakti h . Pls reply jarur karna. Pls
9 नाहर सिंह में राजस्थान गोगामेड़ी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य गोगा जाहरवीर जी महाराज के वजीर नाहर सिंह पांडे दीवान जी 9 नाहर सिंह के सबसे शक्तिशाली है । क्योंकि ये शुद्ध ब्राह्मण धर्म और कर्म के सच्चे सिर्फ अच्छा का साथ देने वाले हैं । और ये भी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य थे गुरु गोरखनाथ जी स्वय भगवान शिव के अवतार
गुरु जी आपकी बात सत्य है लेकिन आप पूरी जानकारी रखिए सभी लोकदेवता एक समान नही राजस्थान गोगामेड़ी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य गोगा जाहरवीर जी प्रथम स्थान पर आते हैं सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद है उनके साथ सभी देवता उनके साथ चलते हैं । और बिल्कुल सात्विक और न्यायप्रिय । उनकी किसी अन्य से तुलना नही और उनके वजीर नाहर सिंह दीवान पांडे जी वो भी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य हैं और 9 नाहर सिंह में प्रथम है क्योंकि ये शुद्ध धर्म कर्म के पक्के aur युद्ध कौशल में निपुण भी थे । जी नाहर सिंह की आप बात कर रहे हो वो राक्षसी प्रवृति का है इसको बुराई में चालते है लोग । सर्वप्रथम परमपिता परमेश्वर महाशक्ति की पूजनीय है उसके बाद ये देवता । लेकिन आप इनको ब्रह्राक्षस या बुरी आत्मा कहकर गोगाजी महाराज का अपमान न करे या इनको अन्य से मत जोड़े । जिनके साथ हर देवी देवता है साथ हो और न्यायप्रिय धर्म रक्षक हो उसका आप ऐसा अपमान मत करे । और अगर आपको सनातन देखना हो तो गोगामेड़ी जाना इतनी गौ माता पूरे हिमाचल में नही जितनी गोगाजी के मंदिर में पूजनीय है ❤ वो है सच्चा सनातन इसीलिए इनकी किसी से तुलना नही है । अंतिम बात गलत तो वो लोग है जो अपने स्वार्थ में चूर होकर बुरा करते हैं।
अधर्म की जो प्रथा हैं वह अधर्म ही कहलाएगी, अशास्त्रीय देवताओं को पूजकर अधर्म का पोषण करना है यह सूत्र ध्यान रखिए!!! उक्त वीडियो को समझने का प्रयास करे कृपया।।।।
@@धर्ममयभारतश्रेष्ठभारत अगर यह अधर्म होता तो यह लोकदेवता की श्रेणी कभी बनती ही नही इसके पीछे भी कोई न कोई उद्देश्य जरूर रहा होगा महोदय । अधूरा ज्ञान हानिकारक होता है सदैव । इन लोकदेवता के साथ उच कोटि के देवी देवताओं का साथ होता हैं सर्वप्रथम उन्ही का आह्वान होता है उसके बाद इन लोकदेवताओ का । गलत तो लोग है ये बात भी बताओं न की गलत कार्य हमेशा उच्च कोटि के देवी देवताओं से करवाए जाते हैं काली मां से क्या क्या गलत कार्य नही करवाए जाते बताओं??? और उनको सही एक लोकदेवता करता है । आप पहले भूत और लोकदेवता में अंतर पता कीजिए । ततपश्चात तर्क वितर्क कीजिए । अपने सिद्धांत कर्म अच्छे रखो अच्छे पुण्य धार्मिक कार्य करो उससे बड़ा कोई धर्म नही । बाकी होए वोही जो राम रची राखा
कई बार मैंने ऐसा देखा है नरसिंह औरतों को लग जाता है फिर रात में उनके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता है और वह औरतें बड़ी परेशान रहती है हमारे यहां भी नरसिंह बाबा होता है हम उसके मंदिर में नहीं जाते
naar sing galt kaaam krta hai ladkiyo k sath “ mere sath meri bhen thi usko tha uska divorce tk ho gya “ mujhe pipal k niche se lg gya tha raat ko white kpde alg alg rooop mai aakr glt harkat krta hai “ meri body pr nishaaan pdh jate haj
Pehle to ap ek bat Jan lo ki . Nar singh aur nahar Singh alg ha jo nar singh wo Vishnu ka avtar ha. aur nahar Singh algah ha jo. Girl aur ledies ko lagta ha nahar Singh ke ek aisa ansh ha ko ji ledies aur girl ko lagta ha aur le jab lagta ha to ye rat mai unke sath kuch krega aur unke sobha body mai Nile Nishan ho gye aur bohat kuch hota ha .
maine to havan bhi karwa liye pesa khrch ho gaya lakho rupy “ Kush ni hua mai akele so tak ni sakti. galt kaam hota hai sapne mai shadi karta hai sab sex tak mere to papa mmy koi ni manta “
@@namesharma811tm hanuman chalisa Karo roj or bajrang baan.tmhe spne mai koi touch nh kr.payega trust me mre sth bhi aise he hota tha mai roj hanuman ji ki Puja krti hu pr ab thik hu kalyug ke Raja bajrang Bali sy bda koi NH hai chiranjeevi hai wo
उत्तराखंड में जिसे यह नरसिंह देवता कहते है, उसके अनेक स्थान है और अनेक नाम है। जिसमें डौंडिया नरसिंह भी है, जिसे मांस और शराब का भोग लगता है। यह सब नाहर सिंह के भाई है। जिसे लोग अज्ञानता के कारण भगवान नरसिंह समझकर पूजते है। टेमरू का डंडा रखते है, चिमटा रखते है। यह सब भगवान विष्णु के अंशावतार भगवान नरसिंह वीर के स्वरूप से भिन्न है।
इन मंदिरों मे कोई भी भगवान नरसिंह का मंत्र जप अथवा हवन आदि नही करते है। इनके अपने ही साबर मंत्र है, जिसे यह लोग जागर कहते है। इसमें बाबा नाहर सिंह के नाम का उल्लेख है।
यह सब मिलावट हो गया है। किसी को ठीक से पता ही नही है कि, वह किस देवता को पुज रहा है और शास्त्र में उसकी पूजा विधी क्या है ?
सब अपनी ही बनाई परम्परा और अपने ही बनाएं हुए शाबरी मंत्रों से पूजन करते है।
कुछ लोग नरसिंह वीर के भी मंत्र बना लिए है। कुछ समझ नही आता है कि, कहां से यह सब आ गया है।
नाहर सिंह की बात की जा रही है और नरसिंह वीर भगवान विष्णु का अवतार है, वह ऐसे ही किसी के भी शरीर मे नही आ सकते है।
वह भगवान नरसिंह एक ही है और वही देवता है।
नाहरसिंह नौ भाई थे, जिसे मुर्खतावश उत्तराखंड के लोग नरसिंह देवता समझते है। वह भगवान नरसिंह नही है।
नाहरसिंह मरने पर ब्रह्म राक्षस बना था, जो लोगों को परेशान करता था। तब एक सिख संत बाबा बडभाग सिंह ने उसे बांधा।
वह भगवान विष्णु का अंश नरसिंह वीर नही है।
अपनी मुर्ख परम्पराओं से देवता और राक्षस का भेद ही भूल गये है। राक्षसों को देवता समझकर पुजे जा रहे है।
Doodadhari narsing vishnu avtar veer hai
@@fairystories2720 Shri Hari bhagwan hain aur ye veer nahi hain
Aadhi Jankaari hai apko dhang se jaankari loo aap phele
Ye kya bewakoofi hai nahar singh aur uttarakhandi narsingh dono alag hai
@@Ankitrawat-q6t koi ni Bhai inko gyaan nhi hainn
Mera Baba Shi Hai Nahar Singh Ji Mha Raj Goga ji ke Sath hai ❤❤❤ Goru Mharaj
@@RanvirSingh-vi6yu सही कहा भाई बाबा जाहरवीर राणा जी के साथ पूजे जाने वाले नाहर सिंह दीवान बहुत अच्छे हैं इन सब नाहर सींगो से अलग है और अपने धर्म के पक्के और सच्चे
गोगा जाहरवीर महाराज जैसा कोई भी नही इसीलिए उनको लोकदेवताओ में प्रथम स्थान प्राप्त है सभी देवी देवता उनके साथ चलते हैं ।
🙏🏻
Aapka sankalp sidh ho maa durga kripa kare.....jai mata di
Prnaam guruji mere upr bhi kuch karvaya huaa hi gar ko bhi baand rkha hi guruj mi kuch nahi kar sakti bajrng Bali ki hanumaan chalisa bajrng baan ka paath karti hu
🙏 अत्ति उत्तम प्रभुजी
Acche karam karne wale log prbhu ke anch hote hai
नाहरसिंह कोई बीर नहीं ,षट कर्म करने के लिए नीच मुस्लिम शक्ति है ।
Namaskar guruji
गुरूजी मै तामसिक देवताओं को पूजता हु पर वैदिक पर वैदिक मंत्रो से पूजता हु! और बली मे नारियल को वैदिक मन्त्र से प्राण डालकर उनकी बली देता हु क्या मेरी पूजा तामसिक हो कर मेरा नुकसान करेंगे 🙏 कृपया उत्तर दे 🙏
@@Rupeshpanditt kiska Puja karte ho
🙏🙏🚩🐄 जय श्रीमन्नारायण,
आदरणीय पूज्यनीय आचार्य जी सादर प्रणाम,
कृपया बताइएगा कि,
देवभूमि उत्तराखंड में प्रचलित लोक स्थानीय देवता नारसिंग/ नारसिंह/ नरसिंग
जो कुल संख्या में नौ (9) हैं,
उन वीर और श्री विष्णु अवतारी नृसिंह अवतार में
कितना संबंध है,/ क्या संबंध है
🙏🙏
क्यूंकि, नृसिंह भगवान का मूल स्थान भी जोशीमठ है,( बद्रीनाथ क्षेत्र, शंकराचार्य गद्दी/ पीठ ज्योतिर्मठ)
और, नारसिंग वीर का मूल स्थान भी ' जोशीमठ है
क्यूंकि,
जागर ( लोकदेवता जागरण/ विशिष्ट वाद्य यंत्रों माध्यम से)
में आह्वान में जोशीमठ का जिक्र होता है
और जागर पश्चात विदाई/ समापन में भी
जोशीमठ का जिक्र होता है जो, उच्चारण सिद्ध
गुरु सिद्ध द्वारा किया जाता है, और उन्हीं की देखरेख में जागर और देवता से सवाल जबाव, समाधान, वरदान मांगने कीप्रक्रिया संचालित की जाती है।।
कृपया, जानकारी और शोध अनुसार
मेरी जिज्ञासा का समाधान कीजिएगा आभार सहित सादर प्रणाम...
🙏🙏🙏
🚩🐄🪔🙏🙏
उत्तराखंड में जिसे यह नरसिंह देवता कहते है, उसके अनेक स्थान है और अनेक नाम है। जिसमें डौंडिया नरसिंह भी है, जिसे मांस और शराब का भोग लगता है। यह सब नाहर सिंह के भाई है। जिसे लोग अज्ञानता के कारण भगवान नरसिंह समझकर पूजते है। टेमरू का डंडा रखते है, चिमटा रखते है। यह सब भगवान विष्णु के अंशावतार भगवान नरसिंह वीर के स्वरूप से भिन्न है।
इन मंदिरों मे कोई भी भगवान नरसिंह का मंत्र जप अथवा हवन आदि नही करते है। इनके अपने ही साबर मंत्र है, जिसे यह लोग जागर कहते है। इसमें बाबा नाहर सिंह के नाम का उल्लेख है।
यह सब मिलावट हो गया है। किसी को ठीक से पता ही नही है कि, वह किस देवता को पुज रहा है और शास्त्र में उसकी पूजा विधी क्या है ?
सब अपनी ही बनाई परम्परा और अपने ही बनाएं हुए शाबरी मंत्रों से पूजन करते है।
कुछ लोग नरसिंह वीर के भी मंत्र बना लिए है। कुछ समझ नही आता है कि, कहां से यह सब आ गया है।
नाहर सिंह की बात की जा रही है और नरसिंह वीर भगवान विष्णु का अवतार है, वह ऐसे ही किसी के भी शरीर मे नही आ सकते है।
वह भगवान नरसिंह एक ही है और वही देवता है।
नाहरसिंह नौ भाई थे, जिसे मुर्खतावश उत्तराखंड के लोग नरसिंह देवता समझते है। वह भगवान नरसिंह नही है।
नाहरसिंह मरने पर ब्रह्म राक्षस बना था, जो लोगों को परेशान करता था। तब एक सिख संत बाबा बडभाग सिंह ने उसे बांधा।
वह भगवान विष्णु का अंश नरसिंह वीर नही है।
अपनी मुर्ख परम्पराओं से देवता और राक्षस का भेद ही भूल गये है। राक्षसों को देवता समझकर पुजे जा रहे है।
@@Jay_MaHakAL_00029 ...
' विकृति आने पर ही पुण्य भूमि भारत वर्ष अपने पतन का चरम उत्कर्ष देख रहा है!!
सत्य है, सनातन मूल सर्वोच्च धर्म को उसके ही स्वनामधन्य स्वघोषित संत शिरोमणियों ने सर्वाधिक क्षति पहुंचाई है!!!
बात करें,
देवभूमि उत्तराखंड के दूधाधारी नारसिंग देव की...
अपने ज्ञान और जानकारी आधार पर बता सकता हूं कि,
उक्त देव का आह्वान परम सात्विक रूप में निम्न प्रकार से बहुत बड़े प्रोटोकॉल अनुसार संपन्न करते हैं..
(१)- प्रातः काल/ ....शुद्ध शाकाहारी स्वरूप वाले लोग, परिवार, परिजन सहित शुद्ध स्नान, शुद्ध वस्त्र धारण कर,परम शुद्ध कच्चा गौ मातु दूध, शुद्ध गौ मातु घी,शुद्ध गेहूं आटा, शुद्ध देसी गुड़ शुद्ध चूल्हे पर, विधि विधान युक्त पारंपरिक पूजन पुरुष वर्ग द्वारा ' श्वेत धोती धारण कर ' विशिष्ट भोग तैयार कर दैव स्थान विशेष पर उनका पूजन,जप और आरती विधि संपन्न करते हैं ..' उक्त भोग पंच मिष्ठान पुष्प फल बतासे नैवेद्य आदि अर्पित करते हैं / स्थान विशेष पर धूनी प्रज्वलित करते हुए
(२)- रात्रि में, विशेष जागर में उपरोक्त अनुसार ही विशिष्ट धूनी और अंगार में उपलब्ध दिव्य दैव सुगंध सुवास पदार्थ कर्पूर और शुद्ध पादप गुग्गुल धूप (गौंद) की विशेष सुगंध की धूनी से देव दूधाधारी नारसिंग देव का आह्वान विशेष व्यक्ति जगरिया ( जागरण - गुरु) और उसकी टीम सदस्य वाद्य यंत्रों के माध्यम से करते हैं,
विधियुक्त आह्वान पर ही देवता का प्राकट्य व्यक्ति विशेष पशुआ के शरीर में होता है ( डगरिया/ जिस व्यक्ति के शरीर माध्यम से देवता प्रकट होकर वार्ता लाप करता है)
उक्त संवाद, प्रक्रिया को श्रेष्ठ ब्राह्मण समुदाय के लोगों के घर में स्वयं मैंने परम सात्विक दैव पूजन स्वरूप में देखा है,...
।।यह रहस्य है, विलुप्त हो रही विद्याएं हैं, आर्थिक और भौगोलिक चौपट परिस्थितियों ने वर्तमान समय में ''' वह जीवंत एक्टिवेट,सक्रिय
स्वरूप भले ही खो दिया हो, परंतु '''' कुछ तो ऐसा है,जो महायोग और गोपन विद्या से सिद्ध योगी ( जोगी) दूधाधारी नारसिंग देव की महत्ता को जानने के लिए हम सभी को संदेश दे रहा है कि,यह पुरखों की विलुप्त हो रही ' थाती ( धरोहर) है,इसे सौभाग्य मानो और हो सके तो जान लो....।।
आचार्य जी का आभार और सादर अभिवादन नमस्कार प्रणाम..🚩🐄🍍🌼🙏🙏
@@harishchandrabhatt5821
यह ठीक है। परन्तु इस शुध्द सात्विक देवता के स्थान पर तामसी देवता का ही प्रभाव समस्त उत्तराखंड में दिखाई दे रहा है। अधिकांश उत्तराखंड मांस और शराब के प्रवाह में बह रहा है, फिर वह पुरोहित वर्ग ही क्यों न हो। शुध्द सात्विक भगवान नरसिंह को उपासना करें और मांस-बकरे वाले को देवता मानना बंद करे, यही हमारा उद्देश्य है। तभी उत्तराखंड का उत्कर्ष होगा और यथार्थ देवभूमि मानी जायेगी।
@@Jay_MaHakAL_00029
🚩🐄🍍🌼🙏🙏
आदरणीय/पूज्यनीय आचार्य जी सादर
कुछ तो ऐसा अवश्य है जो अभी भी शोध अंतर्गत है/
ऊर्जा के केंद्र,
सकारात्मक ऊर्जा से नकारात्मक ऊर्जा केंद्र ,
बनने की प्रक्रिया को कोई विद्वान,प्रकाण्ड,योग एवं ज्योतिष के अतिरिक्त
इस क्षेत्र विशेष के गोपन विद्या को समझने में सक्षम
व्यक्ति जगरिया (दैवी सकारात्मक/ अथवा नकारात्मक ऊर्जा दैव को 'जागरण/संवाद स्थापित करने वाले )व्यक्ति से भली भांति जानना होगा,
कुछ तो है,
जो इतना हल्का नहीं है,
आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर, कोई विकल्प न होने पर/
अपने अस्तित्व को बनाए रखने हेतु,
भोजन, स्वास्थ्य, और अन्य आवश्यक कार्यों हेतु
पुरखों द्वारा भूतकाल में,विषम भौगोलिक परिस्थितियों में
सुरु परंपरा, इतनी हल्की नहीं,
उत्तराखंड ही नहीं,
वरन अन्य हिमालयी क्षेत्रों और आदि वासियों के मध्य भी उक्त
रीति रिवाज सुने पड़े जाते हैं,
पञ्च केदार, पञ्च बदरी, पञ्च प्रयाग वाले
उत्तराखंड में अतीत में
दुर्गम क्षेत्र अंतर्गत
दैव, और अन्य ऊर्जा ( सकारात्मक/ नकारात्मक) केंद्र और उस विद्या का औचित्य, और परंपरा और वर्तमान स्वरूप पर,
तंत्र मंत्र यंत्र जानने वाले विशेषज्ञ
बेहतर विश्लेषण कर सकेंगे,
।। कुछ तो है, में इतना ही....।।
आचार्य जी का सादर आभार और साधुवाद, सादर प्रणाम...🙏🙏
गुरू जी सादर प्रणाम स्वीकार करे।
मैं उत्तराखंड के केदारनाथ घाटी का निवासी हूं।
दूधवा नरसिंह हमारे कुल देवता हैं। कभी कभी वो मेरे शरीर में आते हैं, किंतु ऐसा लगता है कि किसी धियाण के द्वारा उनको मंत्रों से बांधा गया है, वो कुछ कहना चाह कर भी बोल नहीं पाते।
मैं कैसे सात्विक विधी से मंत्र सिद्ध करूं कि मेरे कुलदेवता उन मंत्रों के असर से उठें।
अगर आप ये पढें तो जरुर क्रपा करके बतायें।
अपने कुलदेवता की सात्विक पूजा करो उनके मंदिर में उनकी जोत के सामने अपनी बात रखो और जब भी सवारी में रुकावट या कुछ बाधा हो जो आपके कुलदेवता के गुरु हैं और हो अन्य देवता उनके साथ चलते हैं उनका ध्यान करे
अपने कुलदेवता की सात्विक पूजा करो उनके मंदिर में उनकी जोत के सामने अपनी बात रखो और जब भी सवारी में रुकावट या कुछ बाधा हो जो आपके कुलदेवता के गुरु हैं और हो अन्य देवता उनके साथ चलते हैं उनका ध्यान करे
Swami ji parnam
Gharwal me ek dusre par Narsingh lega dete hai is se bachne ka koe upaye bataye
शरभेश्वर अष्टक का अनुष्ठान करे,वेबसाइट पर जाए और डाउनलोड करे।
Sab sahi hai guru ji Mohini narsingh asa karte hai ❤
Guru g nahar singh ke maa ka naam nahari Or unke pita ka naam kya tha please batana 🙏
Kuldev bawa narsingh ji
राघव नर्सिंग बैहानारसिह नर्सिंग अर्जुन नर्सिंग ऐसा भी एक है कि अलग अलग
Jay bhim ❤❤❤
Swami ji m es narsingh veer se bahut pareshan hu . Pls mere help karo . Mujhe es time help ki jarurat h. Kya apse baat ho sakti h . Pls reply jarur karna. Pls
क्या दिक्कत है प्रभु आपको आप बता सकते हैं 🙏🙏
नाहरसिंह, नरसिंह yeh dono alag alag hai
जी हां दोनो भिन्न हैं इस विषय पर वीडियो भी अपलोड हैं।
@@धर्ममयभारतश्रेष्ठभारत video kider hai link do
Kerpa karkay 9 Narsingh Kay nam batao ji
9 नाहर सिंह में राजस्थान गोगामेड़ी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य गोगा जाहरवीर जी महाराज के वजीर नाहर सिंह पांडे दीवान जी 9 नाहर सिंह के सबसे शक्तिशाली है । क्योंकि ये शुद्ध ब्राह्मण धर्म और कर्म के सच्चे सिर्फ अच्छा का साथ देने वाले हैं । और ये भी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य थे गुरु गोरखनाथ जी स्वय भगवान शिव के अवतार
फिर जो बाबा vadbagh सिंह का सेवक है वीर नाहर सिंह फिर वह कौन है?plz reply
Wo wahi hai wahi wala nahar singh
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गुरु जी आपकी बात सत्य है लेकिन आप पूरी जानकारी रखिए सभी लोकदेवता एक समान नही राजस्थान गोगामेड़ी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य गोगा जाहरवीर जी प्रथम स्थान पर आते हैं सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद है उनके साथ सभी देवता उनके साथ चलते हैं । और बिल्कुल सात्विक और न्यायप्रिय । उनकी किसी अन्य से तुलना नही और उनके वजीर नाहर सिंह दीवान पांडे जी वो भी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य हैं और 9 नाहर सिंह में प्रथम है क्योंकि ये शुद्ध धर्म कर्म के पक्के aur युद्ध कौशल में निपुण भी थे । जी नाहर सिंह की आप बात कर रहे हो वो राक्षसी प्रवृति का है इसको बुराई में चालते है लोग । सर्वप्रथम परमपिता परमेश्वर महाशक्ति की पूजनीय है उसके बाद ये देवता । लेकिन आप इनको ब्रह्राक्षस या बुरी आत्मा कहकर गोगाजी महाराज का अपमान न करे या इनको अन्य से मत जोड़े । जिनके साथ हर देवी देवता है साथ हो और न्यायप्रिय धर्म रक्षक हो उसका आप ऐसा अपमान मत करे । और अगर आपको सनातन देखना हो तो गोगामेड़ी जाना इतनी गौ माता पूरे हिमाचल में नही जितनी गोगाजी के मंदिर में पूजनीय है ❤ वो है सच्चा सनातन इसीलिए इनकी किसी से तुलना नही है । अंतिम बात गलत तो वो लोग है जो अपने स्वार्थ में चूर होकर बुरा करते हैं।
अधर्म की जो प्रथा हैं वह अधर्म ही कहलाएगी, अशास्त्रीय देवताओं को पूजकर अधर्म का पोषण करना है यह सूत्र ध्यान रखिए!!! उक्त वीडियो को समझने का प्रयास करे कृपया।।।।
@@धर्ममयभारतश्रेष्ठभारत अगर यह अधर्म होता तो यह लोकदेवता की श्रेणी कभी बनती ही नही इसके पीछे भी कोई न कोई उद्देश्य जरूर रहा होगा महोदय । अधूरा ज्ञान हानिकारक होता है सदैव । इन लोकदेवता के साथ उच कोटि के देवी देवताओं का साथ होता हैं सर्वप्रथम उन्ही का आह्वान होता है उसके बाद इन लोकदेवताओ का । गलत तो लोग है ये बात भी बताओं न की गलत कार्य हमेशा उच्च कोटि के देवी देवताओं से करवाए जाते हैं काली मां से क्या क्या गलत कार्य नही करवाए जाते बताओं??? और उनको सही एक लोकदेवता करता है । आप पहले भूत और लोकदेवता में अंतर पता कीजिए । ततपश्चात तर्क वितर्क कीजिए । अपने सिद्धांत कर्म अच्छे रखो अच्छे पुण्य धार्मिक कार्य करो उससे बड़ा कोई धर्म नही । बाकी होए वोही जो राम रची राखा
कई बार मैंने ऐसा देखा है नरसिंह औरतों को लग जाता है फिर रात में उनके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता है और वह औरतें बड़ी परेशान रहती है हमारे यहां भी नरसिंह बाबा होता है हम उसके मंदिर में नहीं जाते
Ye kaise guru g pls clear kriye kya hai ye ase kaise aur kyu hota hai
mujhe bhi yhi hua hai 2013 se ab tk zindgi khrab ho jati hai
@neelamsharma3320inki latest video dkho kal ki usmai btya hai naharsingh brhm rakshas hai
Ye jo bhi ap bta rhy. Ya Vishnu avtar. नर सिंह nhi ye to नाहर सिंह होता हा aur ye ledies ko ye lgta ha
Han Bhai naar sing pret hai
naar sing galt kaaam krta hai ladkiyo k sath “ mere sath meri bhen thi usko tha uska divorce tk ho gya “ mujhe pipal k niche se lg gya tha raat ko white kpde alg alg rooop mai aakr glt harkat krta hai “ meri body pr nishaaan pdh jate haj
बजरंग बाण का पाठ करो
Pehle to ap ek bat Jan lo ki . Nar singh aur nahar Singh alg ha jo nar singh wo Vishnu ka avtar ha. aur nahar Singh algah ha jo. Girl aur ledies ko lagta ha nahar Singh ke ek aisa ansh ha ko ji ledies aur girl ko lagta ha aur le jab lagta ha to ye rat mai unke sath kuch krega aur unke sobha body mai Nile Nishan ho gye aur bohat kuch hota ha .
Aap kese tik hu plz btana 15 sal se presan hu
Baba Badbhag singh medi Una chle jao wahan se apko isse chhutkara mil jayega
Ya fir Baba Balak Nath mandir diyothsidh chle jao wahan se bhi apko chutkara mil jayega
maine to havan bhi karwa liye pesa khrch ho gaya lakho rupy “ Kush ni hua mai akele so tak ni sakti. galt kaam hota hai sapne mai shadi karta hai sab sex tak mere to papa mmy koi ni manta “
Aap roj japji sahib padhe jal rakh ke aur ardaas kare Guru Nanak dev ji ke aage
Bajrang baad karo 11 roz. Hanumanji ko bhai banao.
@@fairystories2720 path to mai roz karti hu par ye तंत्र विद्या से ठीक होगा
@@namesharma811tm hanuman chalisa Karo roj or bajrang baan.tmhe spne mai koi touch nh kr.payega trust me mre sth bhi aise he hota tha mai roj hanuman ji ki Puja krti hu pr ab thik hu kalyug ke Raja bajrang Bali sy bda koi NH hai chiranjeevi hai wo
कहा रहते है आप