Murshad-E-Kamil Ki Yun - Nirankari Song | मुरशद-ए-कामिल की यूं - निरंकारी गीत

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  • Опубликовано: 11 окт 2024
  • मुर्शदे कामिल की यूं हम पे इनायत हो गई
    की इनायत आपने तो दिल को राहत हो गई...!!
    आपकी नजरे करम ने दी हमे ऐसी नजर
    तेरे दर से मेरे घर तक एक जन्नत हो गई...!
    मुफलिसी ही मुफलिसी थी दर्द-ओ-गम से चूर थे
    तेरी रेहमत जब हुई तो हरसू बरकत हो गई...!
    चमका किस्मत का सितारा बाबू ओमी सच कहें
    आपके दीवानों में अपनी भी शिरकत हो गई...!

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