🙏🙏 भगवान श्री कृष्ण गीता में कहा है कि पृथ्वी,स्वर्ग में अथवा देवताओं में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जो प्रकृति से उत्पन्न तीनों गुणों से रहित हो।ब्रह्म से लेकर कीट पतंग यावन्मात्र जगत क्षणभंगुर,मरने ज़ीने वाला है, तीनों गुणों के अन्तर्गत है। यानि देवता में भी तीनों गुणों का विकार है,नश्वर है।मोक्ष तो कर्मों के न्यास से और अन्तर्मन में वासुदेव को जगाने पर ही मिलता है।शरीर ही एक क्षेत्र है जिसके अन्तराल में बोया हुआ बीज संस्कार के रुप में भला बुरा जमाता है। अतः योगेश्वर श्रीकृष्ण के अनुसार बीज का कभी नाश नहीं होता इसलिए प्रवेशिका श्रेणी का साधक बीज भर डाल दें और धीरे धीरे इन्द्रियों का संयम करके वैश्य, क्षत्रिय और ब्राह्मण पर्यन्त दूरी तय करके, वर्णों को भी पार करके ब्रह्म में प्रवेश पानें के योग्य हो जाता है। युट्यूव पर।।श्री कृष्ण ज्ञान।। पुष्पा सिन्हा से सुने।
जय श्री कृष्णा
जय श्री कृष्णा 🙏🏽🙏🏽
🙏🙏 भगवान श्री कृष्ण गीता में कहा है कि पृथ्वी,स्वर्ग में अथवा देवताओं में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जो प्रकृति से उत्पन्न तीनों गुणों से रहित हो।ब्रह्म से लेकर कीट पतंग यावन्मात्र जगत क्षणभंगुर,मरने ज़ीने वाला है, तीनों गुणों के अन्तर्गत है। यानि देवता में भी तीनों गुणों का विकार है,नश्वर है।मोक्ष तो कर्मों के न्यास से और अन्तर्मन में वासुदेव को जगाने पर ही मिलता है।शरीर ही एक क्षेत्र है जिसके अन्तराल में बोया हुआ बीज संस्कार के रुप में भला बुरा जमाता है। अतः योगेश्वर श्रीकृष्ण के अनुसार बीज का कभी नाश नहीं होता इसलिए प्रवेशिका श्रेणी का साधक बीज भर डाल दें और धीरे धीरे इन्द्रियों का संयम करके वैश्य, क्षत्रिय और ब्राह्मण पर्यन्त दूरी तय करके, वर्णों को भी पार करके ब्रह्म में प्रवेश पानें के योग्य हो जाता है। युट्यूव पर।।श्री कृष्ण ज्ञान।। पुष्पा सिन्हा से सुने।