उत्कृष्ट लेखनी एवं उत्कृष्ट वर्णन का एक ज्वलंत उदाहरण है विराट जयी ❤️❤️❤️🌸🌸 इसमें कोई संदेह नहीं कि महाभारत मे भगवान श्री कृष्ण की वाणी ऐसी ही रही होगी, कविता को सुनते सुनते अंत में ऐसे प्रतीत होता है कि जैसे हम भी वहां उपस्थित हैं और विराट रूप का दर्शन कर रहे हैं 🙏🏻🌸 😇 श्री सतीश सृजन जी को नमन ❤️🌸 वैष्णवी जी को ढेर सारी शुभकामनाएँ 💐
जिस समय भारतीय स्त्रियां सोशल मीडिया पर अपने अभद्र अंग प्रदर्शन। करने में लगी हुई है उसी समय आप जैसी महिला अपने इतिहास और अपने हिंदी साहित्य की संस्कृति को समेटने की जिद के साथ अड़ी हुईं हैं मैं आपको सादर नमन करता हूं ❤
@@MaahiSharma-d2u भारतीय पुरुष संसार की भीड़ में इकठ्ठा होकर जो हो रहा है उसे देख रहे है कुछ अपने स्वार्थ के लिए वो उसका प्रचार कर रहे है और हमे हमारी ही संस्कृति से अलग कर रहे है
बेटा जिस मां ने तुम्हें जन्म दिया जिस पिता का तुम अंश हो उन्हें मेरा सादर नमन, पूरी गीता का सार उन्होंने इतने सरल शब्दों में समझा दिया तुम्हारी जैसी बेटियों से ही देश टिका हुआ हैं, बहुत बहुत स्नेह बेटा ❤
रश्मिरथी के बाद ये पहली कविता सुनी है जिसमे रोम रोम खड़े करने की क्षमता है अद्धभूत शब्दावली लयबद्ध तालमय तात्कालिक स्थिति का यथावत वर्णन जो शास्त्रों के गहन शोध से ही संभव है आपके पिताश्री को इस कविता के लिए शत शत नमन और बात आती है आपकी, आपकी आवाज की अत्यंत औजस्वी भावपूर्ण शब्दों के साथ सटिक भाव भंगिमाएं अद्भुत ,आपने इस कविता को अपनी आवाज देकर चार चांद लगा दिए हैं 🎉🙏
धन्य हैं आपके पिताजी और धन्य है उनकी लेखनी। यह कविता कलयुग में भी भगवान की महिमा का बखान कर रही है। मेरी आपसे विनती है कि ऐसी और कविता ले आईए। यह कविताएँ मुझे ईश्वर से जोड़ी रखतीं है।
आज लगता है रामधारी सिंह दिनकर का दर्शन हो गया। स्त्रियां ऐसी रचना करती है तो मन में सम्मान अपने आप बढ़ जाता है। अच्छी रचना बहुत दिन बाद सुनने को मिला। ये माधव की कृपा से ही लिखा जाता है। आप मां सरस्वती की लाडली बेटी हैं।
@@Raagvaishnaviofficialदीदी सुनाने की कला आपको मां सरस्वती दी है आपके पिता श्री की आशीर्वाद से ओ लिखते रहे और आप ऐसे ही सुनाते रहिए सुन कर बहुत खुशी मिलती है आपको और आपके पिता श्री को मेरा प्रणाम 🙏🙏
श्रद्धेय श्री सतीश सृजन जी ने कविताओं को ही सृजन नहीं किया प्रिय छोटी बहन, आपका भी सृजन बड़े स्नेह और संस्कारों से किया है। बहुत बहुत स्नेह और आभार। 🙏🙏
शब्द नहीं है तारीफ के लिए सच में तारीफ शब्द छोटा लगता है आपने जो वर्णन किया है जो वर्णन करने की लय है मैंने पूरा ध्यान से सुना रोंगटे खड़े हो गए ऐसा लगा कि यह सब हमारे सामने हो रहा है उसे महाभारत के मैदान में हम उपस्थित हैं आपने जो भगवान के विराट रूप का जो वर्णन किया है वह सच में कभी किसी ने नहीं किया और आपकी पूरी कविता सुनकर मैं आपका और लेखक सतीश सृजन जी बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं आप जैसे लोगों की वजह से ही संस्कृति जिंदा है आज 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आज के आधुनिक मे सौंदर्य प्रदर्शन की तरफ दुनिया भाग रही है आप जैसी महान भारतीय नारी जो इतिहास सभ्यता एवं महान कवियों की रचनाओं को प्राण फुकर जीवित करने का महान प्रयास कर आप जैसी देवी को बार बार नमन 🙏🙏🙏🙏
वाह मेरी छोटी बहन... रोम रोम खड़ा हो गया.. आपके पिताश्री पिछले जन्म के रामधारी सिंह दिनकर जी हैं....मेरे पास आपके पिताजी की रचना और आपकी ओजमयी वाणी में प्रस्तुति की तारीफ के लिए शब्द नहीं...मेरे श्रीकृष्ण की तुम सदैव लाडली रहो...यशस्वी भव ❤❤
आपकी ये कविता सुन ऐसा लगता है मानो हम वही उपस्थित है एकदम हृदय तक छूता है आपकी कविता बहुत बार सुनता हु दिल नही भरता और नमस्कार है आप जैसी नारी को जो आज के कलयुग में भी अपने कविता से द्वापर युग तक एक क्षण के लिए सैर करा जाएं
सच में बहुत ही अद्भुत है जो आपके मुख से सुना मेने पहले भी ऐसे वाक्य सुने है पर उनमें मुझे कभीं ऐसा नहीं लगा जैसा की आज लग रहा है ऐसा लग रहा है की श्री कृष्ण स्वयं मुझे बोल रहे है में अपने आप को वहा महसूस कर रहा हु मेने आपके बहुत ही episode देखे है सभी बहुत अच्छे है आपको मेरा प्रणाम ।
सच में मैंने आज तक ज्यादा से ज्यादा रचनाएं रामधारी सिंह दिनकर की पढ़ी और सुनी , मेरे सबसे प्रिय कवि है दिनकर जी किंतु आज आपकी रचना मेरे ह्रदय को प्रफ़ुल्लित कर दी , बहुत सुंदर मेरी बहन , आप स्त्री के रूप में वर्तमान की रामधारी सिंह दिनकर है , आज से मेरी पसंदीदा कवियत्री है आप👌🙏
बिटिया जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद और आपके पिता श्री को सत सत नमन । मेरे पास कहने के लिए कुछ शब्द नही है मैं निशब्द हू लेकिन एक बात जरूर कहूंगा कि नया रामायण और नया महाभारत कि रचना हो गयी है। ऐसे महान रचनाकार और स्वर सरस्वती को भारत सरकार पुरस्कृत करें 🙏🚩
विराट जयी सुनते हुए मेरे ज़ेहन में ये कविता रश्मिरथी के समानान्तर चल रही थी ! आपके पिताजी ने उत्कृष्ट और अविस्मरणीय लिखा है...! आपने भी कविता पाठ करते हुए अपने चेहरे के हाव-भाव का कायल बना लिया है....! आपदोनो को प्रणाम🙏🏻🙏🏻 💐💐
Aaj tk itni achhi kavita kabhi nhi suni.....Mano drishya sjeev ho utha ho... aankhon k aage...itni achhi prastuti ki hai aapne.... Dhanya hai wo janni jisne aapko Jaya hai...beti ke roop me sakshat Saraswati hi Paya hai ❤
वैसे तो आपका पूरा वाचन अद्भुत है परन्तु जब भी श्री कृष्ण की बारे में बोलती हो उस क्षण आपकी भाव भंगिमा❤❤❤ बलिया की धरती से आपके और इस कविता की सृजनकर्ता 'सतीश srijan' जी को कोटिश नमन🙏🙏
परम आदरणीय पिता तुल्य जिनको निश्चित रूप माता सरस्वती इनके लेखनी मे दम दी।जो की ऐसे बीर गाथा काल की रचना किये।और आपने उतने हीं अच्छे भाव से प्रस्तुति दी है ।जो मेरे अंतरमन को छुवा है ,आप भारत के गौरव है ।हार्दिक आभार -प्रकाश उपाध्याय (वराणसी)
निशब्द हूँ, भाव विभोर हुआ मैं सुनकर यह सुंदर कविता ll जीवन मृत्यु, प्रभु महिमा का अतिशय प्रभावी विवरण सुन नयनों में अश्रुधार लिए आप दोनों कवि और पाठनकर्ता को शत शत नमन और प्रणाम करता हूँ ll
वास्तव में कविता को सुनकर पूरा दृश्य आंखो के सामने घूम गया, भगवान कृष्ण के प्रति मेरी भक्ति और ज्ञान को और कई गुना बढ़ा दिया। धन्यवाद दीदी कोटि कोटि धन्यवाद, में आपको और सुनना चाहूंगा, ये पहला वीडियो देखा मेने आपका।
Virat Jai is a vivid example of excellent writing and excellent description. There is no doubt that the speech of Lord Shri Krishna must have been like this in the Mahabharata. While listening to the poem, in the end it seems as if we too are present there and the Virat form is visible. Visiting • Salute to Mr. Satish Srijan sir Many best wishes to Vaishnavi Sharma ji
आजकल के बच्चे तो अपने मां बाप के सांस्कृतिक धरोहर को चलाए रखने में अपने आप को नीचा समझते है पर आप अपने पिताजी के धरोहर को प्रगति में मार्ग पर ले जा रही है । आप सच में प्रेरणादायक है।🙏🙏 सत सत नमन
मै कल से ही सुन रहा ,मन नही भर रहा । जैसी भाषा शैली और शब्द कौशल का प्रयोग हुआ रोम रोम पुलकित कर देता । ऊपर से उसे वाचन करने का आपका कौशल लाजवाब है । शत शत नमन आपको 💐🙏
आधुनिकता की निर्लज्ज दौर में ऐसी श्रेष्ठ रचना और इतनी शालीनता से प्रस्तुति वास्तव में अद्भुत है। अद्भुत अविरल अविस्मरणीय माँ हिन्दी की इस सेवा के लिए आभार❤
रोम रोम खड़ा कर दिया बहन क्या बात है हम बुन्देलखण्ड से हैं हमारे यहाँ एक झाँसी की रानी हुई जिसने स्त्रियों का नाम गौरव से ऊंचा कर दिया आशा करते हैं रानी ने तलवार से गौरवान्वित किया आप कलम या वाणी से गौरवान्वित करेंगी
This is purely inspired by Rashmirathi .... Pr fr bhi jitni khubsurti k sath ye likha gya hai ... Tarif sari hi km hai .... I got goosebumps listening to the poem . ❤❤
Hare Krishna 🙏 Mere pass shabd hai hi nahi ke Mai is ati mahan Kavita ki kisi bhi tarah se vyakhya Karu. Bs shat shat pranam mere keshav ko aur shat shat pranam is kavita ke mahaan rachaita ko aur iska ati sundar paath karne wali aapko 🙏. Mera bhagya hai jo mai is itni anmol aur sundar kavita ko sun payee. Bohot bohot aabhar. Hare Krishna 🙏
कोई कृष्ण को बाल रूप में पूजता है.. कोई रासलीला करते किशोर कृष्ण को पूजता है..मैंने सदा उनको विराट रूप में माना है..आज पहली बार कृष्ण के विराट रूप का उचित शाब्दिक वर्णन सुनने का सौभाग्य मिला.. कविता के रचयिता को सादर नमन.. 🙏🏻 और कविता की इतनी अद्भुत प्रस्तुति के लिए आपका बहुत बहुत आभार.. 🙏🏻.. जितनी बार भी देखती सुनती हूँ.. अविरल आँसू बहने लगते हैं..अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का स्वामी हृदय में समा जाए तो अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिलते..❤❤❤ बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻
गीत तो गीत, अति सुंदर मृदुल गान, बसे मन के अंदर तुम्हरे (आपके) इस वाचन से स्तब्ध खड़े, सुने मेघ अंबर।। सम्मान है, आपकी शैली का पवित्र हुआ, मन मैली था बहुत बहुत आभार आपका🙏 हम सबको विराट जयी स्वरूप का कर्ण स्वादन कराने हेतु 🙏 राधे राधे 🙏🚩
दीदी प्रणाम, आज सुबह अचानक से आप मिली। पहली बार सुना, तब से आपके ही पढी गई कविता को सुना रहा हूँ आपकी आवाज़, बोलने का अंदाज और आपके पिता जी की कविता और उनका शब्द चयन बहुत ही खूबसूरत है। मैं तो कायल हो गया आपका। ।।।
अदभुत है आपकी लेखनी और उससे भी अदभुत है आपकी प्राकट्य शैली,,,,, मैं आज पहली बार आपको इंस्टाग्राम पर सुन रहा था और आपका पेज और यूट्यूब चैनल फॉलो करने से अपने आपको रोंक नही सका,,,,,❤❤❤❤
मेरे पास शब्द नहीं है प्रशंसा के लिए ..! भावविभोर कर देने वाली रचना है ये ! आपके प्रति सम्मान से मेरा हृदय भर गया !! आपको मेरा कोटि कोटि प्रणाम। ईश्वर आपको हर वह सफलता दे जिसकी आप आधिकारी है ! 🙏🙏 श्री गोविंद
सर्वप्रथम आपके पिता श्री कविवर सतीश सृजन जी की लेखनी को सदर प्रणाम और आपकी आवाज़ में भी ओज है। ऐसे ही धर्मपरक कार्य करते रहिए। श्री सतीश जी के दीर्घायु होने की कामनाओं के साथ आपके स्वर्णिम भविष्य हेतु मङ्गलकामनाऍं।
Aisa laga jaise Shri Krishna ke virat roop k darshan ho gaye 🙏 Itni sundar kavita likhne wale aapke pita aur itni sundar dhang se prastut karne wale aap dono ko mera naman 🙏
वैश्णवी जी आपकी आवाज मन को मंत्रमुग्ध कर देने वाली है मानो ऐसा लगता है ऐसा लगता है साक्षात पारब्रह्म श्री नारायण के दर्शन हो गए मैं सादर आभार प्रकट करता हूं रचयिता आपके पिता श्री को जिनके द्वारा जिनके द्वारा ऐसी प्रस्तुत पंक्ति का उद्धरण किया गया मैं आपका भी सादर आभार प्रकट करता हूं जो सक्षम में स्वरों में हम सबको सुनने एवं मधुर रसपान करने योग्य बनाया ❤
Ahhaa.. mann tript to gaya.. Apke Appa blessed hi and so are u.. adbhut prastuti.. u are setting an example how our culture should be propagated by our girls.. koti naman aap dono ko
श्रीमद् भगवत गीता के पठन के बाद ही आपके पिता श्री ने इस की रचना की होगी। अभी मैं भी श्री मद्भागवत गीता का पठन कर जोकि इस रचना की प्रेरणा स्रोत शब्दशः लग रही है। बहुत-बहुत साधुवाद 🙏
हम जगत जननी जगदम्बा मां सीता की भूमि जनकपुरधाम से है जो की अब नेपाल में है, कहते है मां सरस्वती २४ घंटे में एक बार कवि की जिह्वा पे विराजमान होती है। आपके पिता की ये रचना शायद उसी समय की हो गोदी जब बागेशवरी देवी मां सरस्वती का अवतरण आपके पिता जी के आत्मा में हुवा होगा।। नमन है उस क्षण को जब ये कविता की गंगा महाकवि के हृदय के हिमालय से उतरी होगी। मैंने इंटरनेट पर आपके पिताजी की कविताएं खोजी पर उतना अधिक नहीं है जितनी मेरे हृदय में उनको पढ़ने की प्यास जगी थी। लगता है आपकी अदभुत प्रस्तुति से ही उनका साक्षात्कार होगा। जय सियाराम, जय मां भारती, प्रतीक्षा रहेगी
शब्द, प्रस्तुतीकरण, शब्दको जीवीत करणे का भाव, background मैं बासुरीकी धुन, स्वरयंत्र, टाळ की हलकीसी योग्य जगह पर झंकार और ऊसीके साथ ॐ ध्वनी सबकुछ इतना perfect है इन सबसे अश्रुधारा रोखी नही जाती❤️❤️🙏🏻🙏🏻👌🏻👌🏻❤️❤️
नमन है आपके पिताजी की लेखनी को 🙏 और आपकी वाणी की तो जितनी तारीफ की जाए कम है संपूर्ण दर्शय का चित्रण चलता है जब भी सुनते है आपकी सारी रचनाएँ सुनी है मैने 💝 Thank you so much didi🙏
उत्कृष्ट लेखनी एवं उत्कृष्ट वर्णन का एक ज्वलंत उदाहरण है विराट जयी ❤️❤️❤️🌸🌸 इसमें कोई संदेह नहीं कि महाभारत मे भगवान श्री कृष्ण की वाणी ऐसी ही रही होगी, कविता को सुनते सुनते अंत में ऐसे प्रतीत होता है कि जैसे हम भी वहां उपस्थित हैं और विराट रूप का दर्शन कर रहे हैं 🙏🏻🌸 😇 श्री सतीश सृजन जी को नमन ❤️🌸 वैष्णवी जी को ढेर सारी शुभकामनाएँ 💐
Bahut bahut aabhaar 🙏🏻😊
Bahut sunder vivran Kiya aapne🎉
mam karna pe bhi kuch ho jaye
Uttam prastuti🙏
सही बात कही प्रत्यक्ष होणे का अनुभव आता है 🙏🏻👌🏻❤️
जिस समय भारतीय स्त्रियां सोशल मीडिया पर अपने अभद्र अंग प्रदर्शन। करने में लगी हुई है उसी समय आप जैसी महिला अपने इतिहास और अपने हिंदी साहित्य की संस्कृति को समेटने की जिद के साथ अड़ी हुईं हैं मैं आपको सादर नमन करता हूं ❤
Sahi kaha bhai.
Or bhartiya purush kya kr rhe hai😂😂
Jai shrikrishna
@@MaahiSharma-d2u भारतीय पुरुष संसार की भीड़ में इकठ्ठा होकर जो हो रहा है उसे देख रहे है कुछ अपने स्वार्थ के लिए वो उसका प्रचार कर रहे है और हमे हमारी ही संस्कृति से अलग कर रहे है
Sahi bt.... Radhe radhe
बेटा जिस मां ने तुम्हें जन्म दिया जिस पिता का तुम अंश हो उन्हें मेरा सादर नमन, पूरी गीता का सार उन्होंने इतने सरल शब्दों में समझा दिया तुम्हारी जैसी बेटियों से ही देश टिका हुआ हैं, बहुत बहुत स्नेह बेटा ❤
महोदया,
आप के स्नेहाशीष के लिये साभार धन्यवाद,🙏
रश्मिरथी के बाद ये पहली कविता सुनी है जिसमे रोम रोम खड़े करने की क्षमता है
अद्धभूत शब्दावली
लयबद्ध तालमय
तात्कालिक स्थिति का यथावत वर्णन
जो शास्त्रों के गहन शोध से ही संभव है
आपके पिताश्री को इस कविता के लिए शत शत नमन
और बात आती है आपकी, आपकी आवाज की
अत्यंत औजस्वी
भावपूर्ण
शब्दों के साथ सटिक भाव भंगिमाएं
अद्भुत ,आपने इस कविता को अपनी आवाज देकर चार चांद लगा दिए हैं 🎉🙏
धन्य हैं आपके पिताजी और धन्य है उनकी लेखनी। यह कविता कलयुग में भी भगवान की महिमा का बखान कर रही है।
मेरी आपसे विनती है कि ऐसी और कविता ले आईए।
यह कविताएँ मुझे ईश्वर से जोड़ी रखतीं है।
आज लगता है रामधारी सिंह दिनकर का दर्शन हो गया। स्त्रियां ऐसी रचना करती है तो मन में सम्मान अपने आप बढ़ जाता है। अच्छी रचना बहुत दिन बाद सुनने को मिला। ये माधव की कृपा से ही लिखा जाता है। आप मां सरस्वती की लाडली बेटी हैं।
Aapka bahut bahut aabhar 😊🙏🏻
Ye kavita mere pita ne likhi hai
आपने हम सब के मन बात कह दी है
Aap ki kavita jb se suna tb se mai bar bar sunta hun mera man nae bhar rha h sari kavita sunta hun apki mai abhimanyu pe bhi likhiye plz 🙏🏼🙏🏼
@@Raagvaishnaviofficialदीदी सुनाने की कला आपको मां सरस्वती दी है आपके पिता श्री की आशीर्वाद से ओ लिखते रहे और आप ऐसे ही सुनाते रहिए सुन कर बहुत खुशी मिलती है आपको और आपके पिता श्री को मेरा प्रणाम 🙏🙏
@@Raagvaishnaviofficial mne.pdhi thi or muje bahut achi lgi thi lekin ise.itna.sundr gaya ki mja aa gya ❤️❤️👍🏻
श्रद्धेय श्री सतीश सृजन जी ने कविताओं को ही सृजन नहीं किया प्रिय छोटी बहन, आपका भी सृजन बड़े स्नेह और संस्कारों से किया है। बहुत बहुत स्नेह और आभार। 🙏🙏
शब्द नहीं है तारीफ के लिए
सच में तारीफ शब्द छोटा लगता है
आपने जो वर्णन किया है जो वर्णन करने की लय है मैंने पूरा ध्यान से सुना रोंगटे खड़े हो गए ऐसा लगा कि यह सब हमारे सामने हो रहा है उसे महाभारत के मैदान में हम उपस्थित हैं आपने जो भगवान के विराट रूप का जो वर्णन किया है वह सच में कभी किसी ने नहीं किया और आपकी पूरी कविता सुनकर मैं आपका और लेखक सतीश सृजन जी बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं आप जैसे लोगों की वजह से ही संस्कृति जिंदा है आज 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
रश्मिरथी के बाद मुझे कोई प्रसंग कवितामयी रूप में इतना अच्छा लगा है। जितना संभव हो सके इस कृति को उतनी पहचान मिलनी चाहिए❤
Plz share 🙏🏻😊
अद्भुत ❤😊@@Raagvaishnaviofficial
आज के आधुनिक मे सौंदर्य प्रदर्शन की तरफ दुनिया भाग रही है आप जैसी महान भारतीय नारी जो इतिहास सभ्यता एवं महान कवियों की रचनाओं को प्राण फुकर जीवित करने का महान प्रयास कर आप जैसी देवी को बार बार नमन 🙏🙏🙏🙏
आपके पिता जी को ,नमन करता हूँ।इतना सुंदर व्यख्यान किया अपनी कविता से।दिल से धन्यवाद
वाह मेरी छोटी बहन... रोम रोम खड़ा हो गया.. आपके पिताश्री पिछले जन्म के रामधारी सिंह दिनकर जी हैं....मेरे पास आपके पिताजी की रचना और आपकी ओजमयी वाणी में प्रस्तुति की तारीफ के लिए शब्द नहीं...मेरे श्रीकृष्ण की तुम सदैव लाडली रहो...यशस्वी भव ❤❤
आपकी ये कविता सुन ऐसा लगता है मानो हम वही उपस्थित है एकदम हृदय तक छूता है आपकी कविता बहुत बार सुनता हु दिल नही भरता और नमस्कार है आप जैसी नारी को जो आज के कलयुग में भी अपने कविता से द्वापर युग तक एक क्षण के लिए सैर करा जाएं
सच में बहुत ही अद्भुत है जो आपके मुख से सुना मेने पहले भी ऐसे वाक्य सुने है पर उनमें मुझे कभीं ऐसा नहीं लगा जैसा की आज लग रहा है ऐसा लग रहा है की श्री कृष्ण स्वयं मुझे बोल रहे है में अपने आप को वहा महसूस कर रहा हु मेने आपके बहुत ही episode देखे है सभी बहुत अच्छे है
आपको मेरा प्रणाम ।
एसी सुन्दर प्रस्तुति के लिए बेटी को बारम्बार नमन करता हूं।
🙏🏻😊 aabhaar
आपकी ये कविताओं वाली पुस्तक मिल सकती है क्या
यदि हां तो कितने में और कैसे मार्गदर्शन का कष्ट करें
@@agrasarstudyclasses3884ha
धन्य है वो माता जिसने आपको जन्म दिया और धन्य है वह भारत माता जिस देश में आपका जन्म हुआ अपनी संस्कृति को इस तरह प्रस्तुत करने के लिए आपका धन्यवाद
सच में मैंने आज तक ज्यादा से ज्यादा रचनाएं रामधारी सिंह दिनकर की पढ़ी और सुनी , मेरे सबसे प्रिय कवि है दिनकर जी किंतु आज आपकी रचना मेरे ह्रदय को प्रफ़ुल्लित कर दी , बहुत सुंदर मेरी बहन , आप स्त्री के रूप में वर्तमान की रामधारी सिंह दिनकर है , आज से मेरी पसंदीदा कवियत्री है आप👌🙏
Bahut bahut aabhaar sir, 🙏🏻😊 pr ye kavita mere pita ne likhi h 🙏🏻😊
बिटिया जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद और आपके पिता श्री को सत सत नमन । मेरे पास कहने के लिए कुछ शब्द नही है मैं निशब्द हू लेकिन एक बात जरूर कहूंगा कि नया रामायण और नया महाभारत कि रचना हो गयी है। ऐसे महान रचनाकार और स्वर सरस्वती को भारत सरकार पुरस्कृत करें 🙏🚩
ना विद्युत् सूर्य चंद्र तारे फिर भी मैं अखुठ उजाला हूं, वहां जाकर कोई न लोटे में वहां का रहने वाला हूं ❤❤
अद्भुत, श्रीमद्भगवद्गीता जी के परम रहस्य का तत्वतः अतीव अद्भुत काव्य वर्णन।। साधु साधु साधु
विराट जयी सुनते हुए मेरे ज़ेहन में ये कविता रश्मिरथी के समानान्तर चल रही थी ! आपके पिताजी ने उत्कृष्ट और अविस्मरणीय लिखा है...! आपने भी कविता पाठ करते हुए अपने चेहरे के हाव-भाव का कायल बना लिया है....!
आपदोनो को प्रणाम🙏🏻🙏🏻 💐💐
अनगिनत हाथ अनगिनत चरण
अनगिनत रूप अनगिनत शीश
अनगिनत नेत्र और मुख अनंत
धरती अम्बर तक जगत ईष।🙏🏻
#Goosebumps😍
Waah , aisi hoti hai BHARAT KI BETIYON KA PYAR apni BHARAT MATA K LIYE , JAI HIND 🙏🌹🇮🇳 RADHE RADHE 🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Your way of explanation is ❤ very attractive and devotional ..
Your father is a good writer 🙏🙌 very appreciative...
Romanch ho gya , ankhon se bhavpurn aansu anayas hi a gae . Prabhu ji ki jai ho , unke bhakt kavi & aapki vani ko naman
आपको कोटि कोटि प्रणाम है देवी, धन्य है आपकी माताश्री एवं पिताश्री जिन्होंने आपके जैसे तेजस्वी बेटी को जन्म दिया
Aaj tk itni achhi kavita kabhi nhi suni.....Mano drishya sjeev ho utha ho... aankhon k aage...itni achhi prastuti ki hai aapne.... Dhanya hai wo janni jisne aapko Jaya hai...beti ke roop me sakshat Saraswati hi Paya hai ❤
वैसे तो आपका पूरा वाचन अद्भुत है परन्तु जब भी श्री कृष्ण की बारे में बोलती हो उस क्षण आपकी भाव भंगिमा❤❤❤
बलिया की धरती से आपके और इस कविता की सृजनकर्ता 'सतीश srijan' जी को कोटिश नमन🙏🙏
परम आदरणीय पिता तुल्य जिनको निश्चित रूप माता सरस्वती इनके लेखनी मे दम दी।जो की ऐसे बीर गाथा काल की रचना किये।और आपने उतने हीं अच्छे भाव से प्रस्तुति दी है ।जो मेरे अंतरमन को छुवा है ,आप भारत के गौरव है ।हार्दिक आभार -प्रकाश उपाध्याय (वराणसी)
शत शत नमन आपको आपके पिताजी को मां सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहे🙏🙏🙏🙏
Rashmirathi ke baad etna sundar, aur rongte khade kar dene wala mahabharat ka chitran suna hain. Bahot sundar.
निशब्द हूँ, भाव विभोर हुआ मैं सुनकर यह सुंदर कविता ll
जीवन मृत्यु, प्रभु महिमा का अतिशय प्रभावी विवरण सुन नयनों में अश्रुधार लिए आप दोनों कवि और पाठनकर्ता को शत शत नमन और प्रणाम करता हूँ ll
❤
कविता लिखने की शैली अत्यंत ही ज्ञानवर्धक व प्रसशनिय है. शत शत नमन.
वास्तव में कविता को सुनकर पूरा दृश्य आंखो के सामने घूम गया, भगवान कृष्ण के प्रति मेरी भक्ति और ज्ञान को और कई गुना बढ़ा दिया। धन्यवाद दीदी कोटि कोटि धन्यवाद, में आपको और सुनना चाहूंगा, ये पहला वीडियो देखा मेने आपका।
अति उत्तम कृति बहन और आपके पिता को नमन जिन्होंने गीता को इतना सुंदर रूप दिया...जय श्री कृष्ण✨✨✨🙏
वा वा क्या बात है धन्य हो आप और धन्य हैं आपके माता पिता जिन्होंने ऐसे संस्कार दिए हैं
What a soulful & well written poem by your dad
Love your rendition of the poem
बहन तुमने ऐसे रोंगटे खड़े कर दिए कि ऐसा लग रहा जैसे मैं खुद वो विश्वरूपन देख रहा हूं 🙏
Virat Jai is a vivid example of excellent writing and excellent description. There is no doubt that the speech of Lord Shri Krishna must have been like this in the Mahabharata. While listening to the poem, in the end it seems as if we too are present there and the Virat form is visible. Visiting • Salute to Mr. Satish Srijan sir
Many best wishes to Vaishnavi Sharma ji
Bahut bahut aabhaar 🙏🏼😊
@@Raagvaishnaviofficial 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
तुमने इतना अच्छा पढ़ा है दिल खुश हो गया जिसको भी तुम अपना ईस्ट मानती हो वो खूब तरक्की दें❤❤
इतनी सुंदर कविता सुनाने के लिए आप और आप के माता पिता को बारंबार प्रणाम ❤❤
आपके पिताजी को मेरा प्रणाम।
अद्भुत है "विराट जयी" का सृजन। 👌👌
Kuch kuch pankti main..ankhon se aansu aa gaye..Jab Narayan khud apni vyakhyan kar rahe hain..adbhut🙏
आपके मुख से निकला हुआ हर एक शब्द सुसज्जित है सादर नमन है आपको ❤❤❤
धर्मो रक्षति रक्षितः। 🕉️🚩 जय श्री राम 🛕🕉️🚩✌️
अति सुंदर ❤️💫 , इतना सुंदर श्री कृष्ण का वरण आपने किया है इस का किसी से भी तुलना नहीं किया जा सकता है
अद्भुत अद्वतीय कविता आपके पिता ने लिखी
अपने अभी अपनी अद्भुत वाणी से इसको सुनाया हृदय आनंद से भर गया
इस रचना की प्रशंसा शब्दों में नहीं की जा सकती। हरि की कृपा के बिना इसे सृजित नहीं किया जा सकता।
धन्य है आप और आपके पिता जी🙏🙏
मेरा आपके पिता जी को शत शत प्रणाम !!
Aur aapki voice par saraswati ji ka aashirwaad sampurn Bharatiya ke dil tak pahonch rha hai!!❤
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
Bahut अदभुत... रोम रोम उठ खड़ा होता h jb aapki ध्वनियां कानों में जाती है।
बहुत ही सुंदर बहुत बहुत आभार इसे यहां तक लाने के लिए
आजकल के बच्चे तो अपने मां बाप के सांस्कृतिक धरोहर को चलाए रखने में अपने आप को नीचा समझते है पर आप अपने पिताजी के धरोहर को प्रगति में मार्ग पर ले जा रही है । आप सच में प्रेरणादायक है।🙏🙏 सत सत नमन
मै कल से ही सुन रहा ,मन नही भर रहा ।
जैसी भाषा शैली और शब्द कौशल का प्रयोग हुआ रोम रोम पुलकित कर देता । ऊपर से उसे वाचन करने का आपका कौशल लाजवाब है ।
शत शत नमन आपको 💐🙏
Meine bhi class 9 me 1,2 kavita likhi thi khud se 😊 ap jaise log hi hum jaison ke prennastotra hain 😊 radhey radhey
Main bhi 6th class se likh rahi hu kavitayen 😊
है नमन आपको , और आपके मां बाबा की परवरिश को🙏
है नमन आपके गुरुजन को है नमन आपको 🙏🙏
Keep on it🙏🙏
बहुत ही सुंदर शब्दरचना।उठनी ही सुंदर प्रस्तुति।
कोटिश आभार।
कोटी कोटी नमन 🙏 आपने जिस भाव से से कृष्ण अर्जुन संवाद वर्णन किए हैं अदभुत है भावविभोर कर देने वाला है
🌻अति सुन्दर रचना और आपकी हाव भाव तथा वाणी में साक्षात सरस्वती विराजमान है ❤🌻
आधुनिकता की निर्लज्ज दौर में ऐसी श्रेष्ठ रचना और इतनी शालीनता से प्रस्तुति वास्तव में अद्भुत है।
अद्भुत अविरल अविस्मरणीय
माँ हिन्दी की इस सेवा के लिए आभार❤
रोम रोम खड़ा कर दिया बहन क्या बात है हम बुन्देलखण्ड से हैं हमारे यहाँ एक झाँसी की रानी हुई जिसने स्त्रियों का नाम गौरव से ऊंचा कर दिया आशा करते हैं रानी ने तलवार से गौरवान्वित किया आप कलम या वाणी से गौरवान्वित करेंगी
Apki path sunkar rongte khare ho gaye.apka bohot bohot sukriya itni khubsurat prastuti ke liye
This is purely inspired by Rashmirathi .... Pr fr bhi jitni khubsurti k sath ye likha gya hai ... Tarif sari hi km hai .... I got goosebumps listening to the poem . ❤❤
😢😢😢😢😢
अद्भुत, इस कविता को सुनके रोंगटे खड़े हो गए और भगवान श्री कृष्ण की शक्ति का काल्पनिक एहसास करा गया यह कविता ।
जय श्री कृष्ण 🚩🚩
रश्मि रथी के बाद एक और ऐसा ही काव्य ,
आपके पिताजी को मेरी तरफ से सादर नमस्कार 🙏 अति उत्तम शब्द. ऐसा लगा जैसे स्वम श्री हरि कृष्ण को पा लिया ♥️🙏🙏🙏
नाम के अनुरूप वैष्णवी जी की प्रस्तुति। विष्णुमय ही हो गया मन सुनते सुनते। न हर्ष रुकता न ही अश्रु।🎉
इतना सुंदर प्रस्तुति है कि मैं नि:शब्द हूं। दिल से आभारी रहूंगा ऐसे प्रस्तुति के लिए।❤🙏
Hare Krishna 🙏
Mere pass shabd hai hi nahi ke Mai is ati mahan Kavita ki kisi bhi tarah se vyakhya Karu.
Bs shat shat pranam mere keshav ko aur shat shat pranam is kavita ke mahaan rachaita ko aur iska ati sundar paath karne wali aapko 🙏.
Mera bhagya hai jo mai is itni anmol aur sundar kavita ko sun payee.
Bohot bohot aabhar.
Hare Krishna 🙏
विराट जयी शब्दों का विराट जयी वर्णन 🖤❤️🔥 ईश्वर आपको चढ़ती कला में रखें 🙌🚩
अतुल्यनीय शब्द रचना और प्रस्तुति।
आप दोनो पिता और पुत्री का बहुत आभार।
इतना सटिक इतना विराट 🙏🔥💯🔥🔥🔥 आपने जितनी सहजता से कहा हैं मैंने सुना ही नहीं था कभी
श्री सतीश सृजन जी आपके चरणों में प्रणाम । अद्भुत रचना और उतनी ही सुंदर प्रस्तुति आपकी बेटी के द्वारा । धन्य हुई ❤
अद्भुत सुनने के बाद ऐसा लग रहा है उसे दृश्य को महसूस कर रहा हूं आत्मा स्थिर सी हो गई है मन शांत है
एक एक शब्द खूबसूरती से पिरोया गया है और जितनी खूबसूरत शब्दावली है उतनी ही खूबसूरत प्रस्तुति युवा पीढ़ी को इन्हें फॉलो करना चाहिए
Apki kavita ko sunkar bhagban shree Krishna ke charno meri preeti aur bad gayi🙏🙏🙏
दीदी आपकी वाणी से हृदय गद गद होगया। अविश्वसनीय वर्णन अविष्मरणी स्वर। आपको सादर नमन। माँ सरस्वती की आप पर और आपके पिता जी पर ऐसी ही अनुकंपा बनी रहे.
साक्षात सरस्वती माता आपकी जिव्हा पर विराजमान हैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप कविता में जान डाल देती है आप भगवान कृष्ण की लाडली बेटी हैं ✍️🙏🙏🚩
Mam apse jude kaise
Kuchh samay tak to mai shayad apne aapko bhool gayi thi ye Kavita sunate hue , aankho se aansu bahate rahe ❤❤❤❤❤❤❤
बहुत ही मनमोहक काव्य और उसका पाठन।
शतीश जी और वैष्णवी दोनों को प्रणाम 🙏🙏
🙏🙏
कोई कृष्ण को बाल रूप में पूजता है.. कोई रासलीला करते किशोर कृष्ण को पूजता है..मैंने सदा उनको विराट रूप में माना है..आज पहली बार कृष्ण के विराट रूप का उचित शाब्दिक वर्णन सुनने का सौभाग्य मिला.. कविता के रचयिता को सादर नमन.. 🙏🏻 और कविता की इतनी अद्भुत प्रस्तुति के लिए आपका बहुत बहुत आभार.. 🙏🏻.. जितनी बार भी देखती सुनती हूँ.. अविरल आँसू बहने लगते हैं..अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का स्वामी हृदय में समा जाए तो अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिलते..❤❤❤ बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻
विराट रूप का विराट शब्दों में वर्णन
बहुत ही अद्भुत प्रस्तुति ❤❤
आपको और आपके पिताजी को हृदय se प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
गीत तो गीत, अति सुंदर
मृदुल गान, बसे मन के अंदर
तुम्हरे (आपके) इस वाचन से
स्तब्ध खड़े, सुने मेघ अंबर।।
सम्मान है, आपकी शैली का
पवित्र हुआ, मन मैली था
बहुत बहुत आभार आपका🙏
हम सबको विराट जयी स्वरूप का कर्ण स्वादन कराने हेतु 🙏
राधे राधे 🙏🚩
आपके पिताश्री जी की कही कविता और ऐसा वर्णन मानो जैसे आपकी जीभा मै माँ सरस्वती विराजती है! जय श्री कृष्ण🙏🙏🚩🚩🚩
दीदी प्रणाम,
आज सुबह अचानक से आप मिली।
पहली बार सुना, तब से आपके ही पढी गई कविता को सुना रहा हूँ आपकी आवाज़, बोलने का अंदाज और आपके पिता जी की कविता और उनका शब्द चयन बहुत ही खूबसूरत है।
मैं तो कायल हो गया आपका। ।।।
अदभुत है आपकी लेखनी और उससे भी अदभुत है आपकी प्राकट्य शैली,,,,, मैं आज पहली बार आपको इंस्टाग्राम पर सुन रहा था और आपका पेज और यूट्यूब चैनल फॉलो करने से अपने आपको रोंक नही सका,,,,,❤❤❤❤
Bahut bahut aabhaar sir 🙏🏻ye likha mere pita ne hai
आप की वाड़ी में जैसे सरस्वती जी विराजमान है। अति सुन्दर प्रस्तुति वैष्णवी जी, आप का धन्यवाद ऐसे ही मधुर वाड़ी से श्री के दर्शन करते रहिए आप। ❤🙏
मेरे पास शब्द नहीं है प्रशंसा के लिए ..! भावविभोर कर देने वाली रचना है ये ! आपके प्रति सम्मान से मेरा हृदय भर गया !! आपको मेरा कोटि कोटि प्रणाम। ईश्वर आपको हर वह सफलता दे जिसकी आप आधिकारी है ! 🙏🙏 श्री गोविंद
Bahut bahut aabhaar sir 🙏🏻😊
सर्वप्रथम आपके पिता श्री कविवर सतीश सृजन जी की लेखनी को सदर प्रणाम और आपकी आवाज़ में भी ओज है।
ऐसे ही धर्मपरक कार्य करते रहिए।
श्री सतीश जी के दीर्घायु होने की कामनाओं के साथ आपके स्वर्णिम भविष्य हेतु मङ्गलकामनाऍं।
आभार sir,🙏❤
@@SatishSrijan-ky9qr नमस्कार मान्यवर मैं केवल एक छोटा बालक हूँ आपकी कविताएँ अति प्रिय सम्यक् है।
Aaj tak jo suna sb eska .1 % tha
best one
Beauty with solid voice ❤
Aisa laga jaise Shri Krishna ke virat roop k darshan ho gaye 🙏 Itni sundar kavita likhne wale aapke pita aur itni sundar dhang se prastut karne wale aap dono ko mera naman 🙏
वैश्णवी जी आपकी आवाज मन को मंत्रमुग्ध कर देने वाली है मानो ऐसा लगता है ऐसा लगता है साक्षात पारब्रह्म श्री नारायण के दर्शन हो गए
मैं सादर आभार प्रकट करता हूं रचयिता आपके पिता श्री को जिनके द्वारा जिनके द्वारा ऐसी प्रस्तुत पंक्ति का उद्धरण किया गया मैं आपका भी सादर आभार प्रकट करता हूं जो सक्षम में स्वरों में हम सबको सुनने एवं मधुर रसपान करने योग्य बनाया ❤
Bahut aabhar sir 😊🙏🏻
Didi lyrics kha milegi
Ahhaa.. mann tript to gaya.. Apke Appa blessed hi and so are u.. adbhut prastuti.. u are setting an example how our culture should be propagated by our girls.. koti naman aap dono ko
Harnessing the sublime cosmic explosions of Krishna's power 💥 channelized through this mesmerizing poetic rendition.
🙏🏻❣️bahut bahut dhanyawad 😊🙏🏻
श्रीमद् भगवत गीता के पठन के बाद ही आपके पिता श्री ने इस की रचना की होगी। अभी मैं भी श्री मद्भागवत गीता का पठन कर जोकि इस रचना की प्रेरणा स्रोत शब्दशः लग रही है। बहुत-बहुत साधुवाद 🙏
अति श्रेष्ठ शब्द संयोजन, स्वर्ण काव्य एवं रजत स्वर प्रस्तुति 🙏 श्री कविराज को साधुवाद 🙏 श्रीकृष्ण अनुकंपा सदा बनी रहे...
bahut aabhaar sir😊🙏🏻
कोई शब्द नहीं 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 सृजन करता व प्रस्तुत करता दोनों के लिए कोटि कोटि आभार
हम जगत जननी जगदम्बा मां सीता की भूमि जनकपुरधाम से है जो की अब नेपाल में है,
कहते है मां सरस्वती २४ घंटे में एक बार कवि की जिह्वा पे विराजमान होती है। आपके पिता की ये रचना शायद उसी समय की हो गोदी जब बागेशवरी देवी मां सरस्वती का अवतरण आपके पिता जी के आत्मा में हुवा होगा।। नमन है उस क्षण को जब ये कविता की गंगा महाकवि के हृदय के हिमालय से उतरी होगी। मैंने इंटरनेट पर आपके पिताजी की कविताएं खोजी पर उतना अधिक नहीं है जितनी मेरे हृदय में उनको पढ़ने की प्यास जगी थी। लगता है आपकी अदभुत प्रस्तुति से ही उनका साक्षात्कार होगा। जय सियाराम, जय मां भारती, प्रतीक्षा रहेगी
बहुत बहुत आभार
शब्द, प्रस्तुतीकरण, शब्दको जीवीत करणे का भाव, background मैं बासुरीकी धुन, स्वरयंत्र, टाळ की हलकीसी योग्य जगह पर झंकार और ऊसीके साथ ॐ ध्वनी सबकुछ इतना perfect है इन सबसे अश्रुधारा रोखी नही जाती❤️❤️🙏🏻🙏🏻👌🏻👌🏻❤️❤️
Production ka toh poora yogdan @Lniteshkumar ji ka h, unks channel description meh tag b h 🙏🏻😊
अदभुत ❤️ ह्रदय,अंतरात्मा अनंदित हो गया, जय श्री कृष्णा 🙏
नमन है आपके पिताजी की लेखनी को 🙏 और आपकी वाणी की तो जितनी तारीफ की जाए कम है संपूर्ण दर्शय का चित्रण चलता है जब भी सुनते है आपकी सारी रचनाएँ सुनी है मैने 💝
Thank you so much didi🙏
कितनी खूबसूरत रचना ❤ Im listening only a few lines at a time to enjoy it to its fullest. Each line is like a string of pearls put together.