@@PoojaKaur-bs9lp सनातन धर्म का अर्थ 'सनातन' का शाब्दिक अर्थ है - शाश्वत या 'सदा बना रहने वाला', यानी जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म अथवा वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया के सबसे प्राचीनतम धर्म के रूप में भी जाना जाता है। जय श्री राम 🙏🙏
श्री गणेशाय नमः सच्चा ज्ञान ( वेद सिद्धांत , दर्शन , जैसे वेदोंमे साकार, निराकार , आस्तिक, नास्तिक , सगुण ,निर्गुण , इहलोकी सर्व तत्व विस्तार से है ) प्राप्त करके ऐसे मजेसे विश्व मे घुमो जैसे मजेमे ईश्वर को अर्पित किया हुआ सांड घुमता है. ईश्वर को अर्पित किये वजाह से सांड सभी जगह निःशंक जाता है. सभी ज्ञान का तात्पर्य पाकर, जैसे पंचांग से बारिश का समय जानकर लोग धान जमीन मे बीच डालते है और पंचांग दीवार पे बांध रखते है. उसी प्रकार अनंत Stories, philosophies को Cubboard में रखके परम ईश्वर के सुंदर विश्व का आनंद लो.
Mera Dharam Mere Bhagwan Hanuman Hai.. jo Vo Karwayenge mai krta jaunga Jai pawan putr hanuman ji.. Sirf or sirf Accha krna he...dharam hai.. Jai hanuman 💥
सृष्टि के आरंभ से सनातन धर्म था और आगे चलकर लोगों के मतों के अनुसार बहुत सारे धर्म बन गए इसलिए इतने सारे धर्म बने हैं बाकी पहले पूरे विश्व में हिंदू धर्म ही था
रामायण भी 9 लाख साल पुरानी है तो हिंदू धर्म से पुराना ही होगा रामायण को भी कुछ लोग 5000 साल और कुछ इससे भी पुराना बताते हैं पर रामायण असली में 9 लाख साल पुरानी है तो सनातन धर्म तो इससे पुराना ही होगा क्योंकि यह तो सृष्टि के आरंभ से है
सत्यम.शिवम.सुंदरम" यानी "सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदर है", जिसे पाने के लिए, लगभग 10000 सालों से ज्यादा की "सनातन वैदिक हिंदू संकृति" जो 'मानवता के प्रति मनुष्य-मात्र का "धर्म" = "कर्तव्य" को, नैतिक.अनैतिक, अच्छा.बुरा, गलत.सही, न्याय.अन्याय, सदाचार.दुराचार, उचित.अनुचित, सत्कर्म.दुष्कर्म, हिंसा.अहिंसा, ज्ञान.अज्ञान और पाप.पुण्य आदि को इंसानियत के नजर से तौल कर, एक मानव और एक दानव (दैत्य.राक्षस) की पहचान करता है। किसी भी मजहब, पंथ, कौम की नफरती राजनीतिक फतह की विचारधाराएं या पुराने विश्वास का, सनातन में कोई महत्व नहीं है। सिर्फ, मानवता के विरुद्ध विचार रखने और काम करने वाले सारे लोग, वैदिक सनातनी के नजर में अधर्मी और राक्षस माने जाते हैं। अभी तक दुनिया का कोई कानून, अल्लाह के इन खूनी आतंकी जिहादी कट्टरपंथी पिल्लों को समुचित सजा नहीं दे पाए हैं। ऐसे राक्षसी मानसिकता के अंत का समाधान सिर्फ "गीता" ही है। हमारे श्रीकृष्ण जी के उपदेश "गीता" में अधर्मियों के प्रति धर्मियों का जिहाद है…किसी भी गैर.हिंदुओं को कत्ल करना नहीं सिखाता…चाहे वह अधर्मी अपना खास रिश्तेदार या पारिवारिक सदस्य ही क्यों न हो...अगर मानवता के विरुद्ध अनैतिक होकर, गलत, पाप और अन्याय करता है, तो उसके लिए अंतिम सजा तय है। इसमें अधर्मियों के धर्म, पंथ, मजहब, कौम आदि के नाम पर कोई तुष्टीकरण नहीं है। मजहब, कौम, पंथ, जात.पात, ऊंच.नीच, अपने.पराए आदि का कोई पहचान नहीं होता। सिफ, पहचान होता है तो सिर्फ, मानवता के विरुद्ध समाज में गलत.सही, उचित.अनुचित, न्याय.अन्याय, नैतिक.अनैतिक और हिंसा.अहिंसा आदि। और इसी आधार पर, मानव और दानव के मध्य, समाज में धर्म की स्थापना करने के लिए, अधर्मियों के अंत के लिए, जो "कर्तव्य" किया जाता है, उसे ही …धर्मयुद्ध…कहा जाता है।
Sanatana Dharma can be considered an individual's duty or purpose, guiding their actions and decisions to live a fulfilling and meaningful life. The path to self-realization through dharma involves aligning one's actions and choices with their deepest values and purpose, leading to a greater understanding of one's true self.
Please understand there is definitely something called Sanatan dharma, but it's not a caste, like a buddhist or Hindu or Muslim, as it is perceived today. Dharma means doing kartavya, selflessly and with detachment, that is being निर्हंकार, निर्मम, and निस्वार्थ while doing our kartavya, our duty. And when we do our kartavya in this way, our mind remains crystal clear and then we start seeing the reality as it is! That each n every person, each n every thing, be it a single blade of grass, has originated from that one tattva only! And then our भाव or feelings becomes pure, because we can only experience the result of our own feelings, nothing from outside can change that. For eg. before a murti of a deity is carved does anyone join hands in front of it? No, right! But once d same stone takes d form n shape of Lord Sri Ram or Sri Krishna or Devi, we bow down in front of it with all devotion! The outer material did not change, but our feelings for it changed. And so when we do our kartavya truthfully and selflessly, our feelings or bhaav becomes pure and we are to see clearly, in the reflection of that tattva! Hari Om Tat Sat 🙏🏻🙏🏻😇
सनातन धर्म केवल सत भक्ति वेदों से प्रमाणित एक परमात्मा को मानने वाले को सनातन धर्म कहा जाता है और एक वह पूर्ण परमात्मा कौन है उसको जानने के लिए जरूर देखें संत रामपाल जी महाराज का सत्संग
Everyone today is just throwing around the word Sanatan without knowing it's actual meaning! it is clearly mentioned in Srimad Bhagwad Gita अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च | नित्य: सर्वगत: स्थाणुरचलोऽयं सनातन: || (2.24)- Tattva or that essence itself is what is Sanatan यज्ञशिष्टामृतभुजो यान्ति ब्रह्म सनातनम् | नायं लोकोऽस्त्ययज्ञस्य कुतोऽन्य: कुरुसत्तम || (4.31) - those who consume the remenants after offering it to the others, reach the Brahma which is Sanatan. ममैवांशो जीवलोके जीवभूत: सनातन: | मन:षष्ठानीन्द्रियाणि प्रकृतिस्थानि कर्षति || (15.7) - 'all' the beings are his ansh or part! The Tattva, Brahma', 'Part of that Brahma' and also the avyay Boej are all what is Sanatan! Sanatan is not a dharma, but indeed the description of that tattva on which each and every thing and each and every being thrives!
Yes agreed! Sanatan is dharma, but it's not a caste, like a buddhist or Hindu or Muslim, as it is perceived today. Dharma means doing kartavya selfiessly and with detachment, that is being निर्हकार, निर्मम, and निस्वार्थ while doing our kartavya, our duty. And when we do our kartavya in this way, our mind remains crystal clear and then we start seeing the reality as it is! That each in every person, each n every thing, be it a single blade of grass, has originated from the tattva, only!! And our bhaav or feelings becomes pure, because we can only experience the result of our own feelings, nothing from outside can change that. For eg. Before the murti was made, did anyone join hands in front of it? No, right! But once d same stone takes d form n shape of Lord Sri Ram, we bow to him or look at hime with love and devotion! So the outer material did not change, only our feelings change. And so when we do kartavya truthfully and selflessly, our feelings or bhaav becomes purel
The sad reality about this generation is that they are all busy in sharing reels on sanatana Dharma or any other gods without even knowing its meaning or history.
SIR IS REBIRTH AND RESURRECTION TAKES PLACE AFTER MOKSHA?OR NOT?????? IS MOKSHA IS IMMORTALITY OR NOT? IS MOKSHA IS SOMETHING THAT PERSON GET INSIDE IN GOD BODY IN THE FORM OF PARTICLE,WHO WANT TO GO ALONE IN GODS BODY IN THE FORM OF PARTICLE AND ALONE ,DOES GOD HAVE PLACE OF SO MANY PEOPLE TO HAVE IN THE FORM OF PARTICLE INSIDE THEIR HEART ????I DONOT THINK SO?????? THAN IS MOKSHA IS IMMORTALITY?????? AAP PLEASE YEH BATAIYE MOKSHA KYA HAI AUR MOKSHA KYU JARURI HAI ???????
भाई90000साल नहीं सनातन का मतलब हमेशा से जब से पृथ्वी ओर मनुष्य बना तब से ये धर्म है धर्म का कोई ना कोई संस्थापक होता है और हिंदू धर्म का कोई संस्थापक नहीं है इसलिए हिंदू धर्म सबसे पुराना इसकी किसी ने स्थापना भी नहीं की इसलिए यह सनातन है सनातन का मतलब यह जब से पृथ्वी और मनुष्य है तब से ये धर्म है
हिन्दु धर्म मे घटिया परंपरा और रिती रिवाज और त्योहार तो पूछो ही मत सब वार इनके देवो के सब पेंड सब प्राणी इनके देवो के चंद्र सुर्य ये भी देव ही है मे हिन्दु हू मगर इतने देव इतने बंधने रहते है इसलीये हिन्दू आज पिछे है
Everyone today is just throwing around the word Sanatan without knowing it's actual meaning! it is clearly mentioned in Srimad Bhagwad Gita- अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च | नित्य: सर्वगत: स्थाणुरचलोऽयं सनातन: || (2.24)- Tattva or that essence itself is what is Sanatan यज्ञशिष्टामृतभुजो यान्ति ब्रह्म सनातनम् | नायं लोकोऽस्त्ययज्ञस्य कुतोऽन्य: कुरुसत्तम || (4.31) - those who consume the remenants after offering it to the others, reach the Brahma which is Sanatan. परस्तस्मात्तु भावोऽन्योऽव्यक्तोऽव्यक्तात्सनातन: | य: स सर्वेषु भूतेषु नश्यत्सु न विनश्यति ||8.20 ममैवांशो जीवलोके जीवभूत: सनातन: | मन:षष्ठानीन्द्रियाणि प्रकृतिस्थानि कर्षति || (15.7) - 'all' the beings are his ansh or part of it ! That Tattva or the Brahma and also the अव्यय बीज - (the one which cannot be changed)these are all what is Sanatan! Sanatan dharma is not a caste like hinduism or buddhism or anything, but indeed the description of that sanatan tattva on which each and every thing and each and every being thrives, understanding which is our dharma or kartavya in this manushya janma! Jai Shri Krishna 🙏🏻🙏🏻
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कितना सुंदर समय होगा वह जब हर स्थान पर सनातन संस्कृति थी, कितने संस्कारी और अच्छे लोग थे, जय श्री राम 🌺💖🔥🚩🙏🏻🙏🏻
उस वक्त दुनिया कितनी पवित्र होगी, ये तो मेरी कल्पना से भी बड़ी है। सनातन धर्म नहीं हमारा इतिहास है। जय श्री राम ❤
जय श्री महाकाल 😊
हर हर महादेव जय गुरुदेव जय माता दी ❤
जय श्री कृष्ण 🙏❤️🙏
Fake Krishna
Proud to be Hindu 🙏
Jai shree ram ❤
Nothing to be proud
Jai Shree Ram 🙏🙏
Jai Bajrang Bali 🙏🙏
❤❤ Bohot sundar
जय सत्य सनातन संस्कृति की जय
जय सत्य सनातन धर्म की जय
जय श्री राम, जय जय श्री राम🙏🙏🙏🙏
🙏🙏JAI SHREE RADHEKRISHNA🙏🙏
Jay shree krishna ❤
Jay Shri Vishnu Kalki Avatar❤❤😍😍🙏🙏👀👀🕉🕉⛳⛳🚩🚩😎😎😉😉💕💕💘💘😍😉😉😉😉
सत्य सनातन धर्म 🔱🔱🕉🕉
Bhaiya mata durga par bhi video banaye , Navratri aane vali hai.👍👍
हमें सनातनी होने पर गर्व है
जय श्री राम 🙏
Bhai ek bat bata sanatan ka shavd Aya kaha se
Mughe padkar batana bhai
@@PoojaKaur-bs9lp
सनातन धर्म का अर्थ
'सनातन' का शाब्दिक अर्थ है - शाश्वत या 'सदा बना रहने वाला', यानी जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म अथवा वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया के सबसे प्राचीनतम धर्म के रूप में भी जाना जाता है।
जय श्री राम 🙏🙏
Koi garv nahi . Fake ram
@@ideal_chhatrapati_Shivaji_ dinosaur ke time sanatan tha kya 😂🤣
श्री गणेशाय नमः
सच्चा ज्ञान ( वेद सिद्धांत , दर्शन , जैसे वेदोंमे साकार, निराकार , आस्तिक, नास्तिक , सगुण ,निर्गुण , इहलोकी सर्व तत्व विस्तार से है ) प्राप्त करके ऐसे मजेसे विश्व मे घुमो जैसे मजेमे ईश्वर को अर्पित किया हुआ सांड घुमता है.
ईश्वर को अर्पित किये वजाह से सांड सभी जगह निःशंक जाता है.
सभी ज्ञान का तात्पर्य पाकर, जैसे पंचांग से बारिश का समय जानकर लोग धान जमीन मे बीच डालते है और पंचांग दीवार पे बांध रखते है. उसी प्रकार अनंत Stories, philosophies को Cubboard में रखके परम ईश्वर के सुंदर विश्व का आनंद लो.
जय श्री राम 🙏🙏
DHAMMA HI Sanatan hai
Namo buddhay Saadhuwaad 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय श्रीकृष्ण 🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌🤔🩶🤎🧡🩵🩷🤲🤲🤲🤲🤲
Mera Dharam Mere Bhagwan Hanuman Hai.. jo Vo Karwayenge mai krta jaunga Jai pawan putr hanuman ji..
Sirf or sirf Accha krna he...dharam hai.. Jai hanuman 💥
Sanatan dharma 😊is Real
Proud of my self because I am sanatani girl 💜😊😊😊💗🦚 Jay shree Krishna
Jai Shree Ram ❤
Jay shree Ram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Nice knowledge
Jai shree ram 🌹🌹🙏🙏
सृष्टि के आरंभ से सनातन धर्म था और आगे चलकर लोगों के मतों के अनुसार बहुत सारे धर्म बन गए इसलिए इतने सारे धर्म बने हैं बाकी पहले पूरे विश्व में हिंदू धर्म ही था
रामायण भी 9 लाख साल पुरानी है तो हिंदू धर्म से पुराना ही होगा रामायण को भी कुछ लोग 5000 साल और कुछ इससे भी पुराना बताते हैं पर रामायण असली में 9 लाख साल पुरानी है तो सनातन धर्म तो इससे पुराना ही होगा क्योंकि यह तो सृष्टि के आरंभ से है
❤jaishree krishna ❤
🌺🙏जय श्री राम 🙏🌺
HAR HAR MAHADEV 🚩🚩🚩
JAY SHREE RAM 🚩🚩🚩
सत्यम.शिवम.सुंदरम" यानी "सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदर है", जिसे पाने के लिए, लगभग 10000 सालों से ज्यादा की "सनातन वैदिक हिंदू संकृति" जो 'मानवता के प्रति मनुष्य-मात्र का "धर्म" = "कर्तव्य" को, नैतिक.अनैतिक, अच्छा.बुरा, गलत.सही, न्याय.अन्याय, सदाचार.दुराचार, उचित.अनुचित, सत्कर्म.दुष्कर्म, हिंसा.अहिंसा, ज्ञान.अज्ञान और पाप.पुण्य आदि को इंसानियत के नजर से तौल कर, एक मानव और एक दानव (दैत्य.राक्षस) की पहचान करता है। किसी भी मजहब, पंथ, कौम की नफरती राजनीतिक फतह की विचारधाराएं या पुराने विश्वास का, सनातन में कोई महत्व नहीं है। सिर्फ, मानवता के विरुद्ध विचार रखने और काम करने वाले सारे लोग, वैदिक सनातनी के नजर में अधर्मी और राक्षस माने जाते हैं।
अभी तक दुनिया का कोई कानून, अल्लाह के इन खूनी आतंकी जिहादी कट्टरपंथी पिल्लों को समुचित सजा नहीं दे पाए हैं। ऐसे राक्षसी मानसिकता के अंत का समाधान सिर्फ "गीता" ही है।
हमारे श्रीकृष्ण जी के उपदेश "गीता" में अधर्मियों के प्रति धर्मियों का जिहाद है…किसी भी गैर.हिंदुओं को कत्ल करना नहीं सिखाता…चाहे वह अधर्मी अपना खास रिश्तेदार या पारिवारिक सदस्य ही क्यों न हो...अगर मानवता के विरुद्ध अनैतिक होकर, गलत, पाप और अन्याय करता है, तो उसके लिए अंतिम सजा तय है। इसमें अधर्मियों के धर्म, पंथ, मजहब, कौम आदि के नाम पर कोई तुष्टीकरण नहीं है।
मजहब, कौम, पंथ, जात.पात, ऊंच.नीच, अपने.पराए आदि का कोई पहचान नहीं होता। सिफ, पहचान होता है तो सिर्फ, मानवता के विरुद्ध समाज में गलत.सही, उचित.अनुचित, न्याय.अन्याय, नैतिक.अनैतिक और हिंसा.अहिंसा आदि। और इसी आधार पर, मानव और दानव के मध्य, समाज में धर्म की स्थापना करने के लिए, अधर्मियों के अंत के लिए, जो "कर्तव्य" किया जाता है, उसे ही …धर्मयुद्ध…कहा जाता है।
जय श्री राम🚩🚩🚩
Jai Sri ram 🙏❤️
सनातन धर्म का मूल तत्व को और हिन्दुत्व कितने लोग निभाते हैं। सनातन धर्म अनंत और आदि काल से ही हैं,
First💗
Har Har Mahadev🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
Sanatana Dharma can be considered an individual's duty or purpose, guiding their actions and decisions to live a fulfilling and meaningful life. The path to self-realization through dharma involves aligning one's actions and choices with their deepest values and purpose, leading to a greater understanding of one's true self.
Jay Sanatan❤
Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe
Please understand there is definitely something called Sanatan dharma, but it's not a caste, like a buddhist or Hindu or Muslim, as it is perceived today. Dharma means doing kartavya, selflessly and with detachment, that is being निर्हंकार, निर्मम, and निस्वार्थ while doing our kartavya, our duty. And when we do our kartavya in this way, our mind remains crystal clear and then we start seeing the reality as it is! That each n every person, each n every thing, be it a single blade of grass, has originated from that one tattva only! And then our भाव or feelings becomes pure, because we can only experience the result of our own feelings, nothing from outside can change that. For eg. before a murti of a deity is carved does anyone join hands in front of it? No, right! But once d same stone takes d form n shape of Lord Sri Ram or Sri Krishna or Devi, we bow down in front of it with all devotion! The outer material did not change, but our feelings for it changed.
And so when we do our kartavya truthfully and selflessly, our feelings or bhaav becomes pure and we are to see clearly, in the reflection of that tattva!
Hari Om Tat Sat 🙏🏻🙏🏻😇
So true !
Chetrapati Shivaji Maharaj ke upar video banao🚩🚩🚩🚩🏹
Nice Research.
Jai Satya Sanatan Dharm ki Jai 🙏🏻❤
HaR Har Mahadev 🙏🙏🔱
Jay shree ram jay shree hanuman ji maharaj
JAY SITARAM JAY SHRI RAM JAY LAKSHMAN JAY SANKAT MOCHAN MAHAVEER HANUMMAN
baap to baap rahega har har mahadev ❤❤❤❤
Jai mahakal❤😊
Ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram
Jay shree Krishna
एक प्रश्न था भईया,आप कौनसा app यूज करते हो वीडियो edit के लिए
Har har Mahadev 📿🔱
Jay shree Ram 🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩
🕉।ॐ নমঃ শিবায।🕉
Satya sanatan ki sada hi jay
साधु साधु 🙏
Sir voice kis aap se lete hain
Har har Mahadev ❤
Har HAR MAHADEV
Jai shree ram
Jai sanatan dharm
Har har mahadev ❤️🙏
Jay bhagwan vishnu
Jay mahakal
Jay shree gouri shankar
सनातन धर्म केवल सत भक्ति वेदों से प्रमाणित एक परमात्मा को मानने वाले को सनातन धर्म कहा जाता है और एक वह पूर्ण परमात्मा कौन है उसको जानने के लिए जरूर देखें संत रामपाल जी महाराज का सत्संग
🙏🙏❤
Har Har Mahadev
🙏
Everyone today is just throwing around the word Sanatan without knowing it's actual meaning! it is clearly mentioned in Srimad Bhagwad Gita
अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च |
नित्य: सर्वगत: स्थाणुरचलोऽयं सनातन: || (2.24)-
Tattva or that essence itself is what is Sanatan
यज्ञशिष्टामृतभुजो यान्ति ब्रह्म सनातनम् |
नायं लोकोऽस्त्ययज्ञस्य कुतोऽन्य: कुरुसत्तम || (4.31) - those who consume the remenants after offering it to the others, reach the Brahma which is Sanatan.
ममैवांशो जीवलोके जीवभूत: सनातन: |
मन:षष्ठानीन्द्रियाणि प्रकृतिस्थानि कर्षति || (15.7) - 'all' the beings are his ansh or part!
The Tattva, Brahma', 'Part of that Brahma' and also the avyay Boej are all what is Sanatan! Sanatan is not a dharma, but indeed the description of that tattva on which each and every thing and each and every being thrives!
Yes agreed! Sanatan is dharma, but it's
not a caste, like a buddhist or Hindu or Muslim, as it is perceived today. Dharma means doing kartavya selfiessly and with detachment, that is being निर्हकार, निर्मम, and निस्वार्थ while doing our kartavya, our duty. And when we do our kartavya in this way, our mind remains crystal clear and then we start seeing the reality as it is! That each in every person, each n every thing, be it a single blade of grass, has originated from the tattva, only!! And our bhaav or feelings becomes pure, because we can only experience the result of our own feelings, nothing from outside can change that. For eg. Before the murti was made, did anyone join hands in front of it? No, right! But once d same stone takes d form n shape of Lord Sri Ram, we bow to him or look at hime with love and devotion! So the outer material did not change, only our feelings change. And so when we do kartavya truthfully and selflessly, our feelings or bhaav becomes purel
🚩🚩🕉🚩🚩
जय श्री राम
The sad reality about this generation is that they are all busy in sharing reels on sanatana Dharma or any other gods without even knowing its meaning or history.
SIR IS REBIRTH AND RESURRECTION TAKES PLACE AFTER MOKSHA?OR NOT?????? IS MOKSHA IS IMMORTALITY OR NOT? IS MOKSHA IS SOMETHING THAT PERSON GET INSIDE IN GOD BODY IN THE FORM OF PARTICLE,WHO WANT TO GO ALONE IN GODS BODY IN THE FORM OF PARTICLE AND ALONE ,DOES GOD HAVE PLACE OF SO MANY PEOPLE TO HAVE IN THE FORM OF PARTICLE INSIDE THEIR HEART ????I DONOT THINK SO?????? THAN IS MOKSHA IS IMMORTALITY?????? AAP PLEASE YEH BATAIYE MOKSHA KYA HAI AUR MOKSHA KYU JARURI HAI ???????
भाई90000साल नहीं सनातन का मतलब हमेशा से जब से पृथ्वी ओर मनुष्य बना तब से ये धर्म है धर्म का कोई ना कोई संस्थापक होता है और हिंदू धर्म का कोई संस्थापक नहीं है इसलिए हिंदू धर्म सबसे पुराना इसकी किसी ने स्थापना भी नहीं की इसलिए यह सनातन है सनातन का मतलब यह जब से पृथ्वी और मनुष्य है तब से ये धर्म है
I believe in science not in God
न मानने वाले यहां कुछ भी देखने नही आते
❤❤❤❤❤
Stop making fake thumbnails
Yes dhammo sanatano kisne kaha tha ye jarur pata karna
Apne income ke liye logo ko bewakoof na banaye
Be vegetarian please
sanatan copy past of buddhism
Hindu ko Arabic mai chor kiu kaha gia
हिन्दु धर्म मे घटिया परंपरा और रिती रिवाज और त्योहार तो पूछो ही मत सब वार इनके देवो के
सब पेंड सब प्राणी इनके देवो के चंद्र सुर्य ये भी देव ही है
मे हिन्दु हू मगर इतने देव इतने बंधने रहते है
इसलीये हिन्दू आज पिछे है
Main Ek naastik hun aur naastik hi rahunga aur aap Sabhi log bhi jitne jaldi samajh Jaaye utna Achcha hai bhagwan Nahin Hota
Bkws
Bakvas hai
Everyone today is just throwing around the word Sanatan without knowing it's actual meaning! it is clearly mentioned in Srimad Bhagwad Gita-
अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च |
नित्य: सर्वगत: स्थाणुरचलोऽयं सनातन: || (2.24)-
Tattva or that essence itself is what is Sanatan
यज्ञशिष्टामृतभुजो यान्ति ब्रह्म सनातनम् |
नायं लोकोऽस्त्ययज्ञस्य कुतोऽन्य: कुरुसत्तम || (4.31) - those who consume the remenants after offering it to the others, reach the Brahma which is Sanatan.
परस्तस्मात्तु भावोऽन्योऽव्यक्तोऽव्यक्तात्सनातन: |
य: स सर्वेषु भूतेषु नश्यत्सु न विनश्यति ||8.20
ममैवांशो जीवलोके जीवभूत: सनातन: |
मन:षष्ठानीन्द्रियाणि प्रकृतिस्थानि कर्षति || (15.7) -
'all' the beings are his ansh or part of it !
That Tattva or the Brahma and also the अव्यय बीज - (the one which cannot be changed)these are all what is Sanatan! Sanatan dharma is not a caste like hinduism or buddhism or anything, but indeed the description of that sanatan tattva on which each and every thing and each and every being thrives, understanding which is our dharma or kartavya in this manushya janma!
Jai Shri Krishna 🙏🏻🙏🏻
Actually!
जय श्री राम 🙏🙏
Jai Shree Ram 🚩🕉🙏
Jay shree ram ❤❤❤
Jai siyaram
Jai shree Ram
Sir voice kis aap se lete hain
Sir voice kis aap se lete hain
Jai shree Ram
Jai shree ram
Sir voice kis aap se lete hain