काल निरंजन को कबीर साहेब ने ही उत्पन्न किया था। हम सभी काल के बंधन में है । संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेकर भक्ति करें तभी काल से छुटकारा पाया जा सकता है।
कबीर,साथी हमारे चले गऐ हम भी चालन हार , कोऐ कागज बाकी रह रही ताते लागरी वार ।। कबीर, राम बुलावा भेजया दिया कबीरा रोये । जो सुख है सतसंग वो बेकूँठ(स्वर्ग) भी ना ।
श्रीमद् भगवत गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में कहा है कि ब्रह्मलोक में गए साधक भी बार-बार जन्म मरण के चक्कर मे ही रहते है तो हमे उस तत्वदर्शी संत की खोज करनी चाहिए जिस की पूर्ति करने से कभी भी इस संसार में लौट कर नहीं आते पूर्ण मोक्ष हो जाता हैअधिक जानकारी के लिए आप हर रोज सत्संग साधना टीवी चैनल पर 7:30pm बजे से 8:30pm बजे तक देख सकते हैं
धर्मदास यह जग बौराना। कोइ न जाने पद निरवाना।। यहि कारन मैं कथा पसारा। जगसे कहियो राम नियारा।। यही ज्ञान जग जीव सुनाओ। सब जीवोंका भरम नशाओ।। अब मैं तुमसे कहों चिताई। त्रायदेवनकी उत्पति भाई।। कुछ संक्षेप कहों गुहराई। सब संशय तुम्हरे मिट जाई।।
गुरु गोविंद कर जानिए,रहिये शब्द समाये, मिले तो दण्डवत बन्दगी, नही पल पल ध्यान लगाय। अर्थ-गुरु जी को गोविंद (परमात्मा तुल्य)जानना चाहिए और उनके द्वारा दिये गये भक्ति साधना के शब्द को सदा जाप करते रहिए।जब कभी गुरु जी मिले, उस समय उनको दण्डवत प्रणाम करें,नही तो पल पल ध्यान लगाएं। Sat Saheb ji
हर पैड़ी हर हेत न जाना वहां जा तीर चलावें हैं । काटे शीश नहीं दिल करुणा जग में साध कहावे हैं। जो जन इनके दर्शन को जावे उनको भी नरक पठावे हैं।हर पैड़ी हर हेत न जाना वहां जा तीर चलावें हैं । काटे शीश नहीं दिल करुणा जग में साध कहावे हैं। जो जन इनके दर्शन को जावे उनको भी नरक पठावे हैं।
हमारा मानव जीवन अनमोल है ये मिलता न बारम्बार जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे फिर बहुर न लगता डार इस मनुष्य जीवन को ऐसे न समझे हमने पूर्णं परमात्मा को नही पहचाना ओर दिन पे दिन दुःख पा रहे है हमे इस जीवन को सफल बनाने के लिए हमे गुरु बनाना जरूरी है तो पूर्णं गुरु कौन हैं
एसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय । औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय ॥ अर्थ : अगर अपने भाषा से अहं को हटा दिया जाए, तो दूसरों के साथ खुद को भी शान्ति मिलती है।
Lord kabir कबीर हम ही अलख अल्लाह हैं कुतब गाैस और पीर गरीब दास खालिक धनी हमरा नाम कबीर वह परमात्मा कबीर है जो सारी सृष्टि का रचन हार है अधिक जानकारी के लिए जरूर देखें वृंदा टीवी पर रात 9:30 से
ओम् नाम के जाप से केवल स्वर्ग प्राप्त होता है वो भी कुछ समय के लिए ।लेकिन सतलोक जाने के लिए कोई ओर मंत्र का जाप है । जाने क्या है ? देखिए साधना चैनल पर 7:30 बजे से।
शास्त्रविधि को त्याग कर जो मनमाना आचरण करते है न तो उन्हें सुख मिलता है न ही सिद्धि प्राप्त होते जो हम अपना रहे है वो सब पाखंड पूजाए है। देखिए साधना चैनल पर 7:30 PM से
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है तत्वदर्शी संत ही सारे वेदों का ज्ञान रखकर समाज को दिखाएं वह संत रामपाल जी महाराज जिन्होंने वेद गीता कुरान बाइबल यीशु मसीह गुरु ग्रंथ साहिब सारे शास्त्र को खोल कर रूबरू कर कर समाज को सारा ज्ञान दे रहे हैं और नशा मुक्त भारत हो अपना वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ समाज में फैली कुर्ती को जड़ से खत्म करके धरती को स्वर्ग बनाएंगे आओ हम सब मिलकर जीने की राह पर कर इसमें सहयोग करें और जन्म मरण का रोग लगा है उसका छुटकारा पाने के लिए उनसे नाम दीक्षा लेकर भक्ति करो अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल पर 7:30 से 8:30 तक
पूर्ण परमात्मा कबीर साहब ने काल से कहा है कि जब तेरे 12 पंथ प्रकट होंगे तब हम पृथ्वी पर जाएंगे और अपना सतनाम बा सारनाम देकर जीव को मुक्त कराएंगे कलयुग में
Lord Kabir आओ जाने गीता अ*16 श्लोक 24 में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्याग कर जो मनमाना आचरण करते है न तो उन्हें सुख मिलता है न ही सिद्धि प्राप्त होती अधिक जानकारी के लिए देखे साधना टीवी पर शाम 7:30 से8:30 तक
पूर्ण परमात्मा कौन है कहां रहता है किसने देखा है किस भक्ति से प्राप्त होता है कौन-कौन से धार्मिक ग्रंथों में प्रमाण है प्रमाण सहित जानने के लिए अवश्य देखें श्रद्धा टीवी चैनल 2:00 PM से 3:00 pm तक
प्रश्न: परमात्मा साकार है या निराकार? उत्तरः परमात्मा साकार है, नर स्वरुप है अर्थात् मनुष्य जैसे आकार का है। प्रश्न: अव्यक्त का अर्थ निराकार होता है? उत्तर: नहीं, अव्यक्त का अर्थ साकार होता है। उदाहरण के लिए जैसा सूर्य के सामने बादल छा जाते हैं, उस समय सूर्य अव्यक्त होता है। हमें भले ही दिखाई नहीं देता, परन्तु सूर्य अव्यक्त है, साकार है। जो प्रभु हमारे को सामान्य साधना से दिखाई नहीं देते, वे अव्यक्त कहे जाते हैं। जैसे गीता अध्याय 7 श्लोक 24-25 में गीता ज्ञान दाता ने अपने आपको अव्यक्त कहा है क्योंकि वह श्री कृष्ण में प्रवेश करके बोल रहा था। जब व्यक्त हुआ तो विराट रुप दिखाया था। यह पहला अव्यक्त प्रभु हुआ जो क्षर पुरुष कहलाता है। जिसे काल भी कहते है। गीता अध्याय 8 श्लोक 17 से 19 तक दूसरा अव्यक्त अक्षर पुरुष है। गीता अध्याय 8 श्लोक 20 में कहा है कि इस अव्यक्त अर्थात् अक्षर पुरुष से दूसरा सनातन अव्यक्त परमेश्वर अर्थात् परम अक्षर पुरुष है। इस प्रकार ये तीनों साकार(नराकार) प्रभु हैं। अव्यक्त का अर्थ निराकार नहीं होता। क्षर पुरुष (ब्रह्म) ने प्रतिज्ञा कर रखी है कि मैं कभी भी अपने वास्तविक रुप में किसी को भी दर्शन नहीं दूँगा। प्रमाण: गीता अध्याय 11 श्लोक 47-48 में जिसमें कहा है कि हे अर्जुन! यह मेरा विराट वाला रुप आपने देखा, यह मेरा रुप आपके अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा, मैंने तेरे पर अनुग्रह करके दिखाया है। गीता अध्याय 11 श्लोक 48 में कहा है कि यह मेरा स्वरुप न तो वेदोें में वर्णित विधि से, न जप से, न तप से, न यज्ञ आदि से देखा जा सकता। इससे सिद्ध हुआ कि क्षर पुरुष (गीता ज्ञान दाता) को किसी भी ऋषि-महर्षि व साधक ने नहीं देखा। जिस कारण से इसे निराकार मान बैठे। सूक्ष्म वेद (तत्व ज्ञान) में कहा है ’’खोजत-खोजत थाकिया, अन्त में कहा बेचून। (निराकार) न गुरु पूरा न साधना, सत्य हो रहे जूनमं-जून।। (जन्म-मरण) अब गीता अध्याय 7 श्लोक 24-25 में गीता ज्ञान दाता ने स्पष्ट कर ही दिया है कि मैं अपनी योग माया से छिपा रहता हूँ। किसी के समक्ष नहीं आता, मैं अव्यक्त हूँ। छिपा है तो साकार है। अक्षर पुरुष भी अव्यक्त है, यह ऊपर प्रमाणित हो चुका है। इस प्रभु की यहाँ कोई भूमिका नहीं है। यह अपने 7 शंख ब्रह्माण्डों तक सीमित है। इसलिए इसको कोई नहीं देख सका।
परमात्मा जब छहसौ साल पहले धर्मदास जी को बताया की जिसको आप सब "तारणहार" समझ रहे हो ये तो सबको "मारणहार काल भगवान" है ये अदृश्य रहता है,जिसको निराकार भगवान बना दिया है,हम सभी जीवों को "परंमअक्षर" भगवान की भक्ति करनी चाहिए।।
कबीर साहेब को 52 बार मौत की सजा दी गई थी जब वह 600 साल पहले काशी में एक संत की भूमिका निभाई थी, महापुरुष इतिहास गवाह है जब भी महापुरुष े इस पृथ्वी पर आते हैं तो उनके साथ अत्याचार होते हैं
बहुत सुंदर सत्संग किया गुरुदेव जी ने
कबीर, नौ मन सूत उलझिया, ऋषि रहे झख मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे, उलझे न दूजी बार।।
और ज्ञान सब ज्ञानडी, कबीर ज्ञान सौ ज्ञान ।
जैसे गोला तोफ का, करता चले मैदान ॥
सत्संग सुनिए जी अनमोल वचन है जी
गुरु को सर पर राखिये चलिये आज्ञा माहि ।
कहैं कबीर ता दास को, तीन लोक भय नाहीं ।।
जय हो मेरे गुरुदेव की 🙏🏼
कल्पे कारण कौन है, कर सेवा निष्काम
नि:इच्छा फल देवुंगा, जब पड़े मेरे तैं काम
"तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज"
संत रामपाल जी महराज का ज्ञान शास्त्रो के अनुसार है जिससे सभी जगह फेल रहा है।
🎯सतगुरु रामपालजी महाराज जी हमें शिक्षा देते हैं :
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हम सुलतानी नानक तारे दादू को ऊपदेस दिया।
जात जलाह भेद नपाया काशी मै कबीर हुआ।।
सच्चा ज्ञान कबीर का सुन कर लागे आग।
अज्ञानी तो जल मर ज्ञानी होय सो जाग।।
काल निरंजन को कबीर साहेब ने ही उत्पन्न किया था।
हम सभी काल के बंधन में है । संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेकर भक्ति करें तभी काल से छुटकारा पाया जा सकता है।
कबीर यह तन जात है सके तो ठाहर ला ऐक सेवा कर सतगुरू की और गोविन्द के गुण गाय
कबीर,साथी हमारे चले गऐ हम भी चालन हार ,
कोऐ कागज बाकी रह रही ताते लागरी वार ।।
कबीर, राम बुलावा भेजया दिया कबीरा रोये ।
जो सुख है सतसंग वो बेकूँठ(स्वर्ग) भी ना ।
श्रीमद् भगवत गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में कहा है कि ब्रह्मलोक में गए साधक भी बार-बार जन्म मरण के चक्कर मे ही रहते है तो हमे उस तत्वदर्शी संत की खोज करनी चाहिए जिस की पूर्ति करने से कभी भी इस संसार में लौट कर नहीं आते पूर्ण मोक्ष हो जाता हैअधिक जानकारी के लिए आप हर रोज सत्संग साधना टीवी चैनल पर 7:30pm बजे से 8:30pm बजे तक देख सकते हैं
कबीर कलियुग कठीन है किजे बैग सम्भाल योग साधना ना बन सके केवल नाम आधार
*जो चाहे सो करदे सतगरू, भ्रम पड़ो मत कोई ।*
*सेऊ धड़ पर शीश चढ़ाया, पाछे करि रसोई ।।*
🙏🏻🙏🏻🤠
धर्मदास यह जग बौराना।
कोइ न जाने पद निरवाना।।
यहि कारन मैं कथा पसारा।
जगसे कहियो राम नियारा।।
यही ज्ञान जग जीव सुनाओ।
सब जीवोंका भरम नशाओ।।
अब मैं तुमसे कहों चिताई। त्रायदेवनकी उत्पति भाई।।
कुछ संक्षेप कहों गुहराई।
सब संशय तुम्हरे मिट जाई।।
जो अत्याचार कबीर साहेब पर हुए थे वहीं अत्याचारों संत रामपाल जी महाराज हो रहे हैं राजनीतिक षड्यंत्र के द्वारा. वह एक निर्दोष संत हैं.
गुरु गोविंद कर जानिए,रहिये शब्द समाये,
मिले तो दण्डवत बन्दगी, नही पल पल ध्यान लगाय।
अर्थ-गुरु जी को गोविंद (परमात्मा तुल्य)जानना चाहिए और उनके द्वारा दिये गये भक्ति साधना के शब्द को सदा जाप करते रहिए।जब कभी गुरु जी मिले, उस समय उनको दण्डवत प्रणाम करें,नही तो पल पल ध्यान लगाएं।
Sat Saheb ji
आत्मा को शांति प्रदान करने वाले 🌷संत रामपाल जी महाराज जी के 📺मंगल प्रवचनों का सीधा प्रसारण ईश्वर TV से 8: 30
संपर्क सूत्र ☎️ :-
काल कसाई हंसत है सर्व आत्मा खाय।
डरे निर्गुण नाम से सदगुरू दर पकडया जाय।।
कबीर साहेब ने कहा
तीन पुत्र अष्टांगी जाये ,ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराये।
For know Who is father of Tri Dev
Watch Sadhna TV at 7.30pm
कबीर यह तन विष की बैलड़ी गुरु अम्रत की ख़ान ।
शिष दिये जो गुरु मिले तो भी सस्ता ज़ान ।।
हर पैड़ी हर हेत न जाना वहां जा तीर चलावें हैं ।
काटे शीश नहीं दिल करुणा जग में साध कहावे हैं।
जो जन इनके दर्शन को जावे उनको भी नरक पठावे हैं।हर पैड़ी हर हेत न जाना वहां जा तीर चलावें हैं ।
काटे शीश नहीं दिल करुणा जग में साध कहावे हैं।
जो जन इनके दर्शन को जावे उनको भी नरक पठावे हैं।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज पूर्ण कबीर साहेब भगवान है।।
गुरु बड़े हे गोविन्द से ,मन में देख विचार ।
हरि सुमरे सो वारि है, गुरु सुमरे होय पार।
शास्त्रों के अनुसार प्रमाणित ज्ञान है संत का बहुत अच्छा।
Sat sahib ji
सत् साहैब जी
संत वचन पलटै नही चाएे पलटै जाएे ब्रह्माण्ड
सदगुरु पूर्ण ब्रह्म है, सद्गुरु आप अलेख।
सदगुरु रमता राम है, या में मीन न मेख।।
Sat saheb ji.::,,kabir the weaver is complete god..:::::
हमारा मानव जीवन अनमोल है ये मिलता न बारम्बार जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे फिर बहुर न लगता डार इस मनुष्य जीवन को ऐसे न समझे हमने पूर्णं परमात्मा को नही पहचाना ओर दिन पे दिन दुःख पा रहे है हमे इस जीवन को सफल बनाने के लिए हमे गुरु बनाना जरूरी है तो पूर्णं गुरु कौन हैं
Bandi chhor satguru rampal ji maharaj ji ki jay ho...
सब धरती कागज करूँ, लेखनी सब बनिराय।
सात समुंद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय।
"गरीब, तीनो देवा दिल में बसे, ब्रह्मा विष्णु महेश प्रथम इनकी वंदना फिर सुन सतगुरु उपदेश"
kabir saheb ji is oll of world god
सत गुरु रामपाल जी महाराज जी पूरे विश्व सच्चा ज्ञान दे रहे हैं।
Jagat ke taranhar satgurudev rampal ji maharaj ke charno me koti koti dandvat pranam
कहां पढे भगवत गीता. मन जीता जिन त्रिभुवन जीता.
मन जीते बिन झूठा ज्ञाना. चार वेद और अठारा पुराना.
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण कहां फिरता दाणे दाणेनूं ।
सर्व कला सद्गुरु साहेब की हरि आए हरियाणानूं ।।
प्रतिदिन देखें साधना चैनल पर शाम को 7:30 से सत्संग
कबीर, पाँच सहंस अरु पांच सौ, जब कलियुग बित जाय।महापुरुष फरमान तब, जग तारण को आय।
सत्संग की आधी घड़ी, और तप के वर्ष हजार ।
तो भी बराबर है नहीं, कहे कबीर विचार ।।
अवश्य ही देखिये साधना चेनल्स पर 7:30* से 8:30 pm* तक।
और ज्ञान सब ज्ञानडी कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोप का करता चले मैदान ।।
parmatma sadguru rampal ji ko koti koti pranam
कबीर दर्शन सत के साहिब आवे याद ।
लेखा री वाही घड़ी बाकी री बकवाद ।।
काटे फंद विपत्ति मैं। कठिन कियो संग्राम।
चीन्हों रे नर प्राणियों
गरूड़ बड़ो की राम।
बंदी छोड़ पूर्ण परमात्मा सतगुरु रामपालजी महाराजजी के चरणो में मुझ दास का कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम
एसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय ।
औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय ॥
अर्थ :
अगर अपने भाषा से अहं को हटा दिया जाए, तो दूसरों के साथ खुद को भी शान्ति मिलती है।
काल से बचाने वाला भगवान प्रकट हो चुका है । देखिए साधना Tv 7:30 pm
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।
Kabir parmatma hai sabhi papo Ka nas kar deta hai
Lord kabir
कबीर हम ही अलख अल्लाह हैं कुतब गाैस और पीर गरीब दास खालिक धनी हमरा नाम कबीर
वह परमात्मा कबीर है जो सारी सृष्टि का रचन हार है अधिक जानकारी के लिए जरूर देखें वृंदा टीवी पर रात 9:30 से
कबीर, और ज्ञान सब ज्ञानडी कबीर ज्ञान सो ज्ञान जैसे गोला तोपका करताचले मैदान।।
जय हो बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की सत साहेब भगत जी
Jai ho rampal ji mharaj ki
कबीर परमेश्वर स्वयं इस पृथ्वी पर प्रकट होते हैं और अच्छी आत्माओं को मिलते हैं और अपना यथार्थ भक्ति मंत्र देकर उनको सतलोक लेकर जाते हैं।
ओम् नाम के जाप से केवल स्वर्ग प्राप्त होता है वो भी कुछ समय के लिए ।लेकिन सतलोक जाने के लिए कोई ओर मंत्र का जाप है ।
जाने क्या है ?
देखिए साधना चैनल पर 7:30 बजे से।
Nice video
Bandi chhod satguru Rampal ji maharaj ji ke charno me dasi ka kotti kotti dandwat parnam sat sahib mere malik
शास्त्रविधि को त्याग कर जो मनमाना
आचरण करते है न तो उन्हें सुख मिलता है न ही सिद्धि प्राप्त होते जो हम अपना रहे है वो सब पाखंड पूजाए है।
देखिए साधना चैनल पर 7:30 PM से
Sat sahib ji kiber is God
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम
Kabir is supreme god......
Kabir sahib ji hi purn parmatma h.
कबीर तीन देव कि जो करते भक्ति उनकी कभी न होय मुक्ति, must watch now on ishwer tv 8.30 pm
कोटि नाम संसार में इनसे मुक्ति ना होय सारनाम मुक्ति का दाता उसको जाने ना कोई
Malik ke chrn kmlo me muj tuchh jeev ka koti koti dandbt prdam
नो मन सूत उल्झिया ऋषि रहे झख मार
सतगुरु ऐसा सुलझा दे उलझे ना दूजी बार
Saint rampal ji Maharaja hi sache guru hai jo shastr anukul sadhna batate hai esi sadhna se purn moksh hai.
Amazing satsang
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है तत्वदर्शी संत ही सारे वेदों का ज्ञान रखकर समाज को दिखाएं वह संत रामपाल जी महाराज जिन्होंने वेद गीता कुरान बाइबल यीशु मसीह गुरु ग्रंथ साहिब सारे शास्त्र को खोल कर रूबरू कर कर समाज को सारा ज्ञान दे रहे हैं और नशा मुक्त भारत हो अपना वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ समाज में फैली कुर्ती को जड़ से खत्म करके धरती को स्वर्ग बनाएंगे आओ हम सब मिलकर जीने की राह पर कर इसमें सहयोग करें और जन्म मरण का रोग लगा है उसका छुटकारा पाने के लिए उनसे नाम दीक्षा लेकर भक्ति करो अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल पर 7:30 से 8:30 तक
शास्त्र विधि द्वारा ज्ञान तो केवल
संत रामपाल जी महाराज जी
हि बताते है
अधिक जानकारी के लिए देखिये साधना tv चेनल 7:30 से 8:30 तक
Satguru Purush Kabir Hai ye Khul Ke sirjanhar
ऐक दिन ऐसा होयेगा, सब सो परै बिछोह
राजा राना राव रंक, साबधान क्यो नहिं होये।
Creator of the universe jagatguru rampalji maharaj
पूर्ण परमात्मा कबीर साहब ने काल से कहा है कि जब तेरे 12 पंथ प्रकट होंगे तब हम पृथ्वी पर जाएंगे और अपना सतनाम बा सारनाम देकर जीव को मुक्त कराएंगे कलयुग में
कबीर ही पुर्ण परमात्मा है। जो सृष्टि का रचनहार हैं।
Lord Kabir
आओ जाने
गीता अ*16 श्लोक 24 में लिखा है कि जो शास्त्रविधि को त्याग कर जो मनमाना
आचरण करते है न तो उन्हें सुख मिलता है न ही सिद्धि प्राप्त होती
अधिक जानकारी के लिए
देखे साधना टीवी पर शाम 7:30 से8:30 तक
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो
Very nice satsang
Puran sant rampal ji maharaj ki jaye ho
Poore Vishwa Mein Ek Matra Satya Sadhna batane wale Sant
Kabir is real god
हम ही अलख अल्लाह हैं, कुतुब गोश और पीर ।
गरीबदास खालिक धनी, हमरा नाम कबीर।
राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण कभी तों दीनदयाल के भीनक पड़ेगी कान।।
पूर्ण परमात्मा कौन है कहां रहता है किसने देखा है किस भक्ति से प्राप्त होता है कौन-कौन से धार्मिक ग्रंथों में प्रमाण है प्रमाण सहित जानने के लिए अवश्य देखें श्रद्धा टीवी चैनल 2:00 PM से 3:00 pm तक
Sat guru dev ki jay
प्रश्न: परमात्मा साकार है या निराकार?
उत्तरः परमात्मा साकार है, नर स्वरुप है अर्थात् मनुष्य जैसे आकार का है।
प्रश्न: अव्यक्त का अर्थ निराकार होता है?
उत्तर: नहीं, अव्यक्त का अर्थ साकार होता है। उदाहरण के लिए जैसा सूर्य के सामने बादल छा जाते हैं, उस समय सूर्य अव्यक्त होता है। हमें भले ही दिखाई नहीं देता, परन्तु सूर्य अव्यक्त है, साकार है। जो प्रभु हमारे को सामान्य साधना से दिखाई नहीं देते, वे अव्यक्त कहे जाते हैं। जैसे गीता अध्याय 7 श्लोक 24-25 में गीता ज्ञान दाता ने अपने आपको अव्यक्त कहा है क्योंकि वह श्री कृष्ण में प्रवेश करके बोल रहा था। जब व्यक्त हुआ तो विराट रुप दिखाया था। यह पहला अव्यक्त प्रभु हुआ जो क्षर पुरुष कहलाता है। जिसे काल भी कहते है। गीता अध्याय 8 श्लोक 17 से 19 तक दूसरा अव्यक्त अक्षर पुरुष है। गीता अध्याय 8 श्लोक 20 में कहा है कि इस अव्यक्त अर्थात् अक्षर पुरुष से दूसरा सनातन अव्यक्त परमेश्वर अर्थात् परम अक्षर पुरुष है। इस प्रकार ये तीनों साकार(नराकार) प्रभु हैं। अव्यक्त का अर्थ निराकार नहीं होता। क्षर पुरुष (ब्रह्म) ने प्रतिज्ञा कर रखी है कि मैं कभी भी अपने वास्तविक रुप में किसी को भी दर्शन नहीं दूँगा।
प्रमाण: गीता अध्याय 11 श्लोक 47-48 में जिसमें कहा है कि हे अर्जुन! यह मेरा विराट वाला रुप आपने देखा, यह मेरा रुप आपके अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा, मैंने तेरे पर अनुग्रह करके दिखाया है।
गीता अध्याय 11 श्लोक 48 में कहा है कि यह मेरा स्वरुप न तो वेदोें में वर्णित विधि से, न जप से, न तप से, न यज्ञ आदि से देखा जा सकता। इससे सिद्ध हुआ कि क्षर पुरुष (गीता ज्ञान दाता) को किसी भी ऋषि-महर्षि व साधक ने नहीं देखा। जिस कारण से इसे निराकार मान बैठे। सूक्ष्म वेद (तत्व ज्ञान) में कहा है ’’खोजत-खोजत थाकिया, अन्त में कहा बेचून। (निराकार) न गुरु पूरा न साधना, सत्य हो रहे जूनमं-जून।। (जन्म-मरण) अब गीता अध्याय 7 श्लोक 24-25 में गीता ज्ञान दाता ने स्पष्ट कर ही दिया है कि मैं अपनी योग माया से छिपा रहता हूँ। किसी के समक्ष नहीं आता, मैं अव्यक्त हूँ। छिपा है तो साकार है। अक्षर पुरुष भी अव्यक्त है, यह ऊपर प्रमाणित हो चुका है। इस प्रभु की यहाँ कोई भूमिका नहीं है। यह अपने 7 शंख ब्रह्माण्डों तक सीमित है। इसलिए इसको कोई नहीं देख सका।
ज्ञानी सुने सो हिरदे लगाई । मूर्ख सुने सो गंम्य ना पाई ।।
मां अष्टगी पिता निरंजन । वे जम दारुण वंशन अंजन ।।
परमात्मा जब छहसौ साल पहले धर्मदास जी को बताया की जिसको आप सब "तारणहार" समझ रहे हो ये तो सबको "मारणहार काल भगवान" है ये अदृश्य रहता है,जिसको निराकार भगवान बना दिया है,हम सभी जीवों को "परंमअक्षर" भगवान की भक्ति करनी चाहिए।।
ਸਤਿਨਾਮ ਸਤਿਨਾਮੁ ਸਤਿਨਾਮ ਸਤਿਨਾਮੁ ਵਾਹਿਗੁਰੂ
ਸਤਿਨਾਮੁ ਸਤਿਨਾਮ ਸਤਿਨਾਮੁ ਸਤਿਨਾਮ ਵਾਹਿਗੁਰੂ
गरीब , काल डरे करतार से जय जय जय जगदीश
जौरा जौड़ी झाड़ती पग रज डारे शीश ||
क्या वस्त्र त्यागने से परमात्मा प्राप्ति होगी?
नंगे रहकर घूमना मनमाना आचरण है। शास्त्र अनुसार साधना से ही मोक्ष संभव है।
Jago re parmeswar ke chane walo prakat ho chuka he jght ka tarn har bandi chod satguru Rampal ji
गुरु गोविन्द दो ऊ खड़े काके लागू पाॅय
बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियों बताय
कबीर ,कहते को कह जान दे ,गुरु की सीख तू ले ।
साकट औऱ श्वान को ,उलट जवाब न दे।।
देखिए Anmol satsang साधना टीवी शाम 7:30 से 8:30
Sadgurudevji Ki jai ho
कबीर साहेब को 52 बार मौत की सजा दी गई थी जब वह 600 साल पहले काशी में एक संत की भूमिका निभाई थी, महापुरुष इतिहास गवाह है जब भी महापुरुष े इस पृथ्वी पर आते हैं तो उनके साथ अत्याचार होते हैं
दादू नाम कबीर का जै कोई लेवे ओट।
उनको कबहु लागे नहीं काल वज्र की चोट।।
Nice vidio 👌👌