गुरुजी मेरे पास एक किताब हे जहा पर इये श्लोक कुछ एसा हे : स्बायमेकान्तगुणं बिधात्रा बिनिमित्रं छादनमज्ञताया , विशेषतः सर्बबिदां समाजे विभुषणं मौनमपण्डितानाम ।। इये केसे ?
प्लीज सर अनुवाद बता दीजिए (१) एकलव्य के पिता हिरण्यधनु थे (२)द्रोणाचार्य ने उसे शिष्य नही बनाया (३) तुम मेरे शिष्य हो (४)यह देख पाण्डव चकित रह गये (५)मुझे दKshiणा दो
नमः संस्कृताय गुरु जी 🙏🏼🙏🏼
Kya gajab padhate hain sir ji
Allahabad❤ good afternoon sir
स्वायत्तमेकान्तगुणं विधात्रा विनिर्मितं छादानमज्ञतायाः ।
विशेषतः सर्वविदां समाजे विभूषणं मौनमपण्डितानाम्
Bahut dhanywad shlok likhne k liye
Namaste guruji best class
Sumadhura Vachan Guru ji👏👏🙏
गुरुजी मेरे पास एक किताब हे जहा पर इये श्लोक कुछ एसा हे : स्बायमेकान्तगुणं बिधात्रा बिनिमित्रं छादनमज्ञताया , विशेषतः सर्बबिदां समाजे विभुषणं मौनमपण्डितानाम ।। इये केसे ?
*Nmh sanskritay....*
नमः संस्कृताय 🙏
Sir shlok bhi dikhaya screen par plz..
नमः संस्कृताय गुरु जी
Thanks sir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Very good sir ji
Sir mujhe bhi pasand hai
प्लीज सर अनुवाद बता दीजिए (१) एकलव्य के पिता हिरण्यधनु थे (२)द्रोणाचार्य ने उसे शिष्य नही बनाया (३) तुम मेरे शिष्य हो (४)यह देख पाण्डव चकित रह गये (५)मुझे दKshiणा दो
Sir side me sloke jarure likhe
Nice video sir
Namah sankrutaya, pranam gurudev, thank you sir. Bahat achha laga apka video,.
नमस्कार गुरु जी 🙏🙏