आपका यह अुपक्रम अत्यन्त अभिनन्दनीय और स्तुत्य है। 👏🏼🙏🏼 अेक विनन्ति है - १९४७ के थोडे वर्ष पश्चात् देवनागरी लिपी बदली गयी। मूल स्वर माला अ आ अि अी अु अू अे अै ओ औ अं अः है। याने “अ” अक्षर को अुकार और मात्रांअें है। सारे व्यञ्जन यही नियमों का पालन करते है, जैसे - क अक्षर से “कि की कु कू के कै”। पुराने पुस्तकों में वही था। परन्तु भारत सरकार ने इ, ई आदि प्रचलित किया। अभी समय है हम यह सुधार सकते है। थोडे समय के लिये कष्ट होंगे परन्तु मूल देवनागरी नष्ट होने से बच जाअेगी। अन्यथा क्या ‘ई’ यह अक्षर ‘इ’ पे रफार लगाके बना है, और क्या दीर्घ शब्द में ‘र्घ’ का अुच्चार ‘घी’ होना चाहिये?
Visarg ka upayog karne se us shaded ka "visarg" badh jaata hai. Udaharan ke liye: "praat" kahne se koi arth bodh nahi hota...apitu "praat:h" kahne se subah ka kaal darshaya jaata hai...usi prakaar " kramash...aur "Kramasha:h". Visarg , arthaat "aage bhejna" ...yaani swar ya vyanjan ke sath Mila kar Dhwani ko aage bhejna. Jaise Sambhavat....aur "sambhavat:h". Adhiktar pullingi shaded ke sath prayog hotaa hai.
Guro ji mujhi sanskart sekhani he aap ka aasrvaad ho ga to me zaror shekh paon ga me pakistan se ho Guro ji hari yan pe koi nhi parh sakta he me sekh geya to pachh bachon ko zaror sikhaon gs
जय हो
Achha prayas hai.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है जय श्री कृष्णा 🚩🙏
Gru jee Radhe Radhe
great
❤❤❤❤❤❤ जय श्री गुरुवे नमः 🙏 प्रणाम गुरु जी 🙏
जय श्रीकृष्ण जी
Jai shree Ram Jai shree Krishna Govind hree Lakshmi Narayana Om nàmha ji 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🌹🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🌹🕉️💐🏵️🏵️💐💐🏵️🏵️💐💐🏵️
जय श्रीकृष्ण जी
param Dhanyawaad🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्रीकृष्ण जी
Thank you for thorough explanation of various forms. These will go long way in correctly pronouncing the words.
धन्यवाद जी
Bahut Achha👍🙏🙏🙏
🙏
Hrah
Graha
🙏🙏
आपका यह अुपक्रम अत्यन्त अभिनन्दनीय और स्तुत्य है। 👏🏼🙏🏼 अेक विनन्ति है - १९४७ के थोडे वर्ष पश्चात् देवनागरी लिपी बदली गयी। मूल स्वर माला अ आ अि अी अु अू अे अै ओ औ अं अः है। याने “अ” अक्षर को अुकार और मात्रांअें है। सारे व्यञ्जन यही नियमों का पालन करते है, जैसे - क अक्षर से “कि की कु कू के कै”। पुराने पुस्तकों में वही था।
परन्तु भारत सरकार ने इ, ई आदि प्रचलित किया। अभी समय है हम यह सुधार सकते है। थोडे समय के लिये कष्ट होंगे परन्तु मूल देवनागरी नष्ट होने से बच जाअेगी। अन्यथा क्या ‘ई’ यह अक्षर ‘इ’ पे रफार लगाके बना है, और क्या दीर्घ शब्द में ‘र्घ’ का अुच्चार ‘घी’ होना चाहिये?
Jai Sri krishna
जय श्रीकृष्ण
Dhanyabad:
🙏
Bahut sunder
Very nice information.
Nice.
👍
Very well explained . Would like to continue .
❤ जयश्री कृष्णा
जय श्रीकृष्ण
I am loving this class thank you.
🙏
Aap bahut accha padhte hai bahut acche se samjhate sir
धन्यवाद
Radhey radhey
जय हो
Sadhuvad
Bahut badhiya sir🙏
🙏
मेरा प्रश्न है कि कीशी शब्द के अंतिम वर्ण के साथ विसर्ग( : ) चिन्ह क्यों लगाया जा ता है. विसर्ग चिन्ह लगा ने से शब्दके अर्थ में क्या फर्क़ पड़ता है ?
Visarg ka upayog karne se us shaded ka "visarg" badh jaata hai. Udaharan ke liye: "praat" kahne se koi arth bodh nahi hota...apitu "praat:h" kahne se subah ka kaal darshaya jaata hai...usi prakaar " kramash...aur "Kramasha:h".
Visarg , arthaat "aage bhejna" ...yaani swar ya vyanjan ke sath Mila kar Dhwani ko aage bhejna. Jaise Sambhavat....aur "sambhavat:h".
Adhiktar pullingi shaded ke sath prayog hotaa hai.
🙏
🙏
Sanskrit me bahut jagahon par "S" chinh dikhta hai. Iske bare please batayen
Guro ji mujhi sanskart sekhani he aap ka aasrvaad ho ga to me zaror shekh paon ga
me pakistan se ho
Guro ji hari yan pe koi nhi parh sakta he
me sekh geya to pachh bachon ko zaror sikhaon gs
🙏🚩🌹🕉🌹🚩🙏
There is similarity in Hindi & Sanskrit albhabets.
Roj ka 1 path
ळ और ज्ञ?
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जय हो
🙏