क्षणभंगुर संसार आशाओं का हुआ खात्मा Aashao Ka Hua Khatma|Reality Of Life|Jain Spiritual Bhajan
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- Опубликовано: 11 окт 2024
- 🙌 महान पुण्योदय से हमें उत्तम जिनधर्म मिला है और हम पर्याय में मस्त होकर पुण्योदय से मिले इस वैभव का अभिमान कर बैठे है...........🤔🤔🤔
ऐसे अभिमान करने वालो की दशा क्या होती है ???
जानने के लिए इस वीडियो को अंत तक अवश्य देखे🙏🙏
Sachmuch sansar chhadbhangur h
Nice
it is true nice bhajan
Jainam Jayatu Shashnam 🙏🏻
यह संसारि जीव इन विषयो और बुद्धि की चतुराई मे इस संसार मे ही भटक रहा है ! यदि इसे इस शरीर की नश्वरता का ज्ञान हो जाऐ तो वह इस संसार के सभी अचैतन्य मय पर परमात्मा की आस्था को छोड़ कर निज शुद्धात्मा का ही श्रद्धान कर ले तो वह मुक्त हो जाऐ यही वास्तविक जिनेन्द्र भगवान की आज्ञा है की मुझे मत देख स्वयं की और देख और इस बात को जिनेन्द्र को मानने वाले भी नही मान पा रहे ॥
👌👌👌👌👌
How true...We are living in such a materialistic world unaware of what lies for us in store...😣
आशाओ का हुआ खात्मा ,दिली तमन्ना धरी रही|
बस परदेशी हुवे रवाना,प्यारी काया पडी रही |
1.करना-करना आठो पहर ही ,मूरख कूक लगाता है
मरना-मरना मुझे कभी नही,शब्द जबां पर लाता है
पर सब ही है मरने वाले ,बात किसी की नही रही ||
2.एक वकील आॅफिस मे बैठे ,सोच रहे युं अपने दिल ,
फलां दफा पर बहस करूंगा ,पाइन्ट मेरा ये बडा प्रबल |
इधर कटा वारंट मौत का ,कल की पेशी पडी रही ||
बस परदेशी ...
3.जेन्टल मेन एक वक्त शाम को ,रोज घूमने जाते थे ,
तीन चार थे दोस्त साथ मे ,सब पर अकड दिखाते थे |
लगी जो ठोकर गिरे बाबू जी,छडी हाथ मे लगी रही ||
4.एक पण्डितजी पत्रिका लेकर ,गणित हिसाब लगाते थे ,
फलां ग्रहो का चक्कर वक्कर ,सबको मूर्ख बनाते थे |
आया समय चले पण्डित जी,पत्री करने रखी रही ||
5.एक सेठ जी दुकान मे बैठे ,जमा खर्च सब जोड रहे ,
इतना लेना ,इतना देना ,बडे गौर से खोज रहे
आया समय चले सेठ जी,कलम कान मे लगी रही ||
6.एक मार्डन सी लडकी अपने ,कॉलेज मे नित जाती थी ,
तरह तरह के गहने कपडे ,सब पर रोप जमाती थी |
गिरी इस तरह जब मेडम जी ,तब घडी हाथ मे लगी रही ||
7.एक नेता जी खडे मंच पर,गप्पे खूब लगाते थे ,
ये कर दूँगा ,वो कर दूँगा ,वादे खूब बनाते थे |
हुआ बम विस्फोट तो देखो ,तिरछी टोपी लगी रही ||
8.एक सासू जी अपनी बहु को ,गाली खूब सुनाती थी ,
नए नए बहाने लेकर ,बेलन खूब दिखाती थी |
अपना बेलन लगा जो सर पर ,गाली मुंह मे धरी रही ||
9.इन सब का इलाज करने को,डॉक्टर जी तैयार हुवे ,
विविध दवा औजार बॉक्स ले ,मोटर कार सवार हुवे |
हुआ जो एक्सीडेंट रोड पर ,दवा बाक्स पर पडी रही ||
10.हां हां कितना बयां करूं मै ,इस दुनिया की अजब गति ,
भैया आना और जाना है,फर्क नही है एक रति |
रत्नत्रय को जिसने पाया,बात उसी की खरी रही ||
Very nice. Depicted the reality of life through bhajan. Keep up the good work.
Yes it is the reality of life 😊
Very nice 👌👌
sahi hai