अब बैटरी वाली ऑटो चलेंगी दिल्ली में भी।Piaggio Apé E-City - Apé goes electric, India goes electric
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- Опубликовано: 7 сен 2024
- अब बैटरी वाली ऑटो चलेंगी दिल्ली में भी।Piaggio Apé E-City - Apé goes electric, India goes electric
बोहत जल्द ये बेट्री वाली ऑटो दिल्ली की सड़कों पे दौड़ती नज़र आएगी।
इसका माइलेज 70 से 100 km का होगा
ये दो वेरियंट में देखने को मिलेंगी।
एक होगा इनके इलेक्ट्रॉनिक पंप बनाये जाएंगे
ओर दूसरा आप घर पर भी इसे चार्ज कर सकेंगे।
Very soon this battery with auto will be seen running on the roads of Delhi.
Its mileage will be 70 to 100 km.
These will be seen in two variants.
One will be their electronic pumps will be made
And secondly you will be able to charge it even at home.
#ape. #piaggio #ayaankvlog #elactronicauto
#commercialvehicle. #lastmiletranport #piaggioindia
अब बैटरी वाली ऑटो चलेंगी दिल्ली में भी।Piaggio Apé E-City - Apé goes electric, India goes electric
Bhai Ek battery ke liye 50rupye lagega charge ka to teen battery ka 150lagega a to bahoot mahnga
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Very Nice. Auto Rickshaw
Very nice auto good and spacious.
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
good
Cng best
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
कम से कम 200 कि तक तो ऐवरेज चाहिए
इसका डिजल 12 सालसे चला रहा हु बहोत मस्त,गाडी हे
This will be the first step for cheap ev.
Best
गाड़ी तो अच्छी है लेकिन इस गाड़ी में एवरेज बहुत कम है और जितनी बैटरी वाली गाड़ी है वह सर्दियों के मौसम में कम क्यों चलती है इसका कोई उपाय बताएं
@harishchandra Kuki bhai sardioo me battery thandi reti hai or es liy oo garam nhi hoti bararabar esa karn Jada nhi chalti
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
First comment
Video dekhkar achcha Laga bhai Magar Patna city mein nahin hai bahut achcha Laga
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Gadi bahut pasand hai
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Ye to cng se bhi jyada mahanga hai.
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भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Piagio electric auto ka charging problem meter me line nahi aa raha hai
200km chalna chaiye
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Uska cherger dekhao
मेरे पर पियागियो e लोडर है जोकि गाजियाबाद नंबर है क्या मैं दिल्ली में भी चला सकता हूं?
osm
Ok 🆗👌👌👌👌👌👌👌👌👌
नेपालमे भि धुम मचाएगी ए auto मै नेपालसे हु मुझेभी चाहिए
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
70/100 to e rickshaw bhi chalta hai to kya fayda eska
Ek aise hi comment ka wait krra tha Iska benefit ye hi tum isse din bhar chala sakte ho battery swipe krke magar iske jaise e rickshaw ko tum 6 ghante wait krna padega chalane k liye
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Sar ye 200 se 300 kmpl takk banana chaiye
In
Ye banata kaha hai
70se 100 km kam hai 6 battery 🔋 honi chahiye
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Kitne kilometer chalti hai aapki auto riksha
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
ye to diesel aur CNG se bhi mahanga
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
फरीदा बाद मे कहा है
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Delhi me kaha se finance karwa sakte h ye auto station se karwa sakte h kya ?
electric auto chaiye
Ye auto ko polythene bag me daal ke metro me le ke jana allowed hai kya ?
Yes 😂😂😂
Maximum speed kitna h
Is oto ki average 200 kilometer ki honi chahie tab jakar auto wala kuchh kama payega
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Battry ka kharcha bht jyada hai
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Ghar me charge nahi kar sakte kiya
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Price
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
इसका स्पीड कितना है
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Ghar main cherge nahi kar sakta hai kya
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Kitne ka h
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
CNG auto polution kar raha hai na aur yah to tere Kaka chalo a rahe hain diesel wale petrol wali gadiyan band karva
Loader bhi hai kya
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Battry kitne din tikega
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Baris ke din me kya hoga electronic item mai pani gus gaya to khel khatm
Mai bhi pareshan hun
@@sayyadwasim3805 company barbad kar rahe logo ko
@@sarojranka2127 kanhase ho bhai
kya prices hai
जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की
Public ko Loot rhe hain
Bakwass ha mat lo
Why. Kyu na le
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