अब बैटरी वाली ऑटो चलेंगी दिल्ली में भी।Piaggio Apé E-City - Apé goes electric, India goes electric

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  • Опубликовано: 7 сен 2024
  • अब बैटरी वाली ऑटो चलेंगी दिल्ली में भी।Piaggio Apé E-City - Apé goes electric, India goes electric
    बोहत जल्द ये बेट्री वाली ऑटो दिल्ली की सड़कों पे दौड़ती नज़र आएगी।
    इसका माइलेज 70 से 100 km का होगा
    ये दो वेरियंट में देखने को मिलेंगी।
    एक होगा इनके इलेक्ट्रॉनिक पंप बनाये जाएंगे
    ओर दूसरा आप घर पर भी इसे चार्ज कर सकेंगे।
    Very soon this battery with auto will be seen running on the roads of Delhi.
    Its mileage will be 70 to 100 km.
    These will be seen in two variants.
    One will be their electronic pumps will be made
    And secondly you will be able to charge it even at home.
    #ape. #piaggio #ayaankvlog #elactronicauto
    #commercialvehicle. #lastmiletranport #piaggioindia

Комментарии • 87

  • @Bikebodyparts
    @Bikebodyparts  2 года назад +5

    अब बैटरी वाली ऑटो चलेंगी दिल्ली में भी।Piaggio Apé E-City - Apé goes electric, India goes electric

  • @rajbahadurpal4942
    @rajbahadurpal4942 2 года назад +3

    Bhai Ek battery ke liye 50rupye lagega charge ka to teen battery ka 150lagega a to bahoot mahnga

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @HARISHKUMAR-uh1fx
    @HARISHKUMAR-uh1fx 2 года назад +1

    Very Nice. Auto Rickshaw

  • @gauravagarwal8634
    @gauravagarwal8634 2 года назад

    Very nice auto good and spacious.

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @shyamjisrivastava1447
    @shyamjisrivastava1447 2 года назад

    good

  • @niranjansingh7658
    @niranjansingh7658 2 года назад +2

    Cng best

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @rameshshelake7151
    @rameshshelake7151 2 года назад

    कम से कम 200 कि तक तो ऐवरेज चाहिए
    इसका डिजल 12 सालसे चला रहा हु बहोत मस्त,गाडी हे

  • @ravidul1849
    @ravidul1849 2 года назад

    This will be the first step for cheap ev.

  • @Anilkumar-uy2ep
    @Anilkumar-uy2ep 2 года назад

    Best

  • @harishchandra8729
    @harishchandra8729 2 года назад +5

    गाड़ी तो अच्छी है लेकिन इस गाड़ी में एवरेज बहुत कम है और जितनी बैटरी वाली गाड़ी है वह सर्दियों के मौसम में कम क्यों चलती है इसका कोई उपाय बताएं

    • @Irfanali-yc6ps
      @Irfanali-yc6ps 2 года назад

      @harishchandra Kuki bhai sardioo me battery thandi reti hai or es liy oo garam nhi hoti bararabar esa karn Jada nhi chalti

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @charvigujjar7748
    @charvigujjar7748 2 года назад +1

    First comment

  • @GautamKumar-te4yy
    @GautamKumar-te4yy 2 года назад

    Video dekhkar achcha Laga bhai Magar Patna city mein nahin hai bahut achcha Laga

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @GautamKumar-te4yy
    @GautamKumar-te4yy 2 года назад

    Gadi bahut pasand hai

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @manishprasad3904
    @manishprasad3904 2 года назад +2

    Ye to cng se bhi jyada mahanga hai.

  • @PARVEZKHAN-wl7os
    @PARVEZKHAN-wl7os 2 года назад +3

    300 KM RUNNING HONA CHAHIYE LITHIUM BATTERY ELECTRIC AUTO OR SPEED 60 HONI CHAHIYE

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @shubhamkumar5795
    @shubhamkumar5795 2 года назад

    Piagio electric auto ka charging problem meter me line nahi aa raha hai

  • @slumfood3047
    @slumfood3047 2 года назад +6

    200km chalna chaiye

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @khabaksha8040
    @khabaksha8040 2 года назад

    Uska cherger dekhao

  • @gzbup6617
    @gzbup6617 Год назад

    मेरे पर पियागियो e लोडर है जोकि गाजियाबाद नंबर है क्या मैं दिल्ली में भी चला सकता हूं?

  • @wasimchaudhary3063
    @wasimchaudhary3063 2 года назад

    osm

  • @Vlogging__samaj__00
    @Vlogging__samaj__00 2 года назад

    Ok 🆗👌👌👌👌👌👌👌👌👌

  • @arunjanala2467
    @arunjanala2467 2 года назад

    नेपालमे भि धुम मचाएगी ए auto मै नेपालसे हु मुझेभी चाहिए

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @slumfood3047
    @slumfood3047 2 года назад +6

    70/100 to e rickshaw bhi chalta hai to kya fayda eska

    • @sscbuddy10
      @sscbuddy10 2 года назад

      Ek aise hi comment ka wait krra tha Iska benefit ye hi tum isse din bhar chala sakte ho battery swipe krke magar iske jaise e rickshaw ko tum 6 ghante wait krna padega chalane k liye

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @subanshaik5484
    @subanshaik5484 2 года назад +1

    Sar ye 200 se 300 kmpl takk banana chaiye

  • @KamrulKhan-fw1zg
    @KamrulKhan-fw1zg Год назад

    In

  • @AbdulRazeek-sf7cv
    @AbdulRazeek-sf7cv 3 месяца назад

    Ye banata kaha hai

  • @Vinaykumar-xi3oc
    @Vinaykumar-xi3oc 2 года назад +1

    70se 100 km kam hai 6 battery 🔋 honi chahiye

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @yunuspayak922
    @yunuspayak922 2 года назад

    Kitne kilometer chalti hai aapki auto riksha

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @rozianjum9188
    @rozianjum9188 2 года назад +2

    ye to diesel aur CNG se bhi mahanga

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @as_b995
    @as_b995 2 года назад +1

    फरीदा बाद मे कहा है

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @rashidrahman2399
    @rashidrahman2399 2 года назад

    Delhi me kaha se finance karwa sakte h ye auto station se karwa sakte h kya ?

  • @rknaik76
    @rknaik76 2 года назад

    Ye auto ko polythene bag me daal ke metro me le ke jana allowed hai kya ?

  • @rajandas816
    @rajandas816 2 года назад

    Maximum speed kitna h

  • @ArifArif-sm8xv
    @ArifArif-sm8xv 2 года назад

    Is oto ki average 200 kilometer ki honi chahie tab jakar auto wala kuchh kama payega

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @THERAPYWORLD
    @THERAPYWORLD 2 года назад +1

    Battry ka kharcha bht jyada hai

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @chhotyprajapati3424
    @chhotyprajapati3424 2 года назад

    Ghar me charge nahi kar sakte kiya

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @juberdharwadkar9132
    @juberdharwadkar9132 2 года назад

    Price

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @sarvan12p
    @sarvan12p 2 года назад

    इसका स्पीड कितना है

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @khabaksha8040
    @khabaksha8040 2 года назад

    Ghar main cherge nahi kar sakta hai kya

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @PoonamKumari-hj4sh
    @PoonamKumari-hj4sh 2 года назад

    Kitne ka h

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @sanjeevsahu6036
    @sanjeevsahu6036 2 года назад

    CNG auto polution kar raha hai na aur yah to tere Kaka chalo a rahe hain diesel wale petrol wali gadiyan band karva

  • @bharatkumarvlog3806
    @bharatkumarvlog3806 2 года назад

    Loader bhi hai kya

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @THERAPYWORLD
    @THERAPYWORLD 2 года назад

    Battry kitne din tikega

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @prankvideo-bb8oe
    @prankvideo-bb8oe 2 года назад

    Baris ke din me kya hoga electronic item mai pani gus gaya to khel khatm

  • @RahulYadav-ok4wx
    @RahulYadav-ok4wx 2 года назад

    kya prices hai

    • @mukeshkumarpunjabipunjabi3006
      @mukeshkumarpunjabipunjabi3006 Год назад

      जब तक बेट्री पर हजार किमी एक राज्य से दूसरे राज्य बसे न चलने लगे भाडा वसूली गाडी नही है रेलवे प्लेटफार्म बडे कारखानो बडे अस्पतालों के लिए है मखमली सडक पर सिर्फ दो किमी आना और जाना ज्यादा नही इस समय बेट्री की कीमत एक लाख रूपया से ज्यादा है फुल चार्ज पर जाना लोटकर आना कुल पचास किमी ही है वह भी हर चार्ज के बाद दो से पांच किमी की चार्ज क्षमता कम होती जाएगी हर अगले दिन सो किमी की जगह तीन किमी कम चल पाएगी और हर अगली बार चार्ज होने पर करेंट इक्ट्ठा करने की क्षमता घटती जाएगी कंपनी के पास छ महिने बाद जाओगे तो वह नही सुनेगा कि अब सौ किमी की जगह सिर्फ ५० किमी ही चल पा रही है, गाडी को सिर्फ दो से पांच किमी की दूरी के अंदर चलाना संभव है बीच रास्ते बंद पडने पर सवारी से भाडे की जगह जूते मिलेंगे कीमत एक कार से ज्यादा की है यह सवारी आटो नही एक किमी तक बच्चो को टहलवाने वाला खिलोना है जब तक इसकी मोटर के साथ सीएनजी या दूसरी स्पेयर बेट्री की पावर को न जोडा जाए या दो आटो गाडी खरीदी जाए एक चार्ज होती रहे यह बडे बडे रेलवे स्टेशनो और बडे अस्तपालों बडे कारखानों में विकलांगो व बूढो के लिए दो किमी दूरी चलने वाली सहायक गाडी है भाडा वसूली गाडी नही है और तेल वगेरह तो टंकी में फूटपट्टी डालकर देखा जा सकता हे कितना है आंख से मालूम होता है बेटरी मे कितना करेंट भर पाया है यह आंख से साक्षात देखा नही जा सकता, चला कर ही मालूम होगा सरकार हर पांच किमी पर अगले सौ सालों तक मुफ्त और बिना लाईन लगे दस मिनट मे चार्ज होने वाले चार्जिग पाईंट लगाए तब ही इसका मतलब है तभी विश्व प्रदूषण मुक्त होगी मुंबई जैसे शहर मे इलेक्ट्रिक बस चल रही है सिर्फ पांच किमी दूरी वाली बिना चडाई की मखमली धरातल पर उनके स्टेंड पर चोबिसों घंटे चलने वाले फास्ट चार्जर हैं जैसे पांच किमी चलने पर स्टाफ पर बस आती है तत्काल चार्जिग पर लगा दी जाती और जो बस फुल चार्ज रहती है वह अगले पांच किमी की

  • @anilkumar-jn2kc
    @anilkumar-jn2kc 2 года назад

    Public ko Loot rhe hain

  • @niranjansingh7658
    @niranjansingh7658 2 года назад

    Bakwass ha mat lo

  • @shalendarsingh1076
    @shalendarsingh1076 2 года назад

    Kontak Number send kar