जैन दर्शन, एक परिचय (1) JAIN PHILOSOPHY _ Brief Introduction _ Dr HS Sinha | The Quest

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  • Опубликовано: 29 окт 2024

Комментарии • 334

  • @shbz4799
    @shbz4799 2 года назад +16

    मात्र इन्द्रियों को जितने से भी भगवान नहीं बनते कर्मो के नाश से और सर्वज्ञता की प्राप्ति और मोक्ष की प्राप्ति जिसने की है ऐसे अरिहंत और सिद्ध परमात्मा कर्म कलंक से रहित हमारे परमात्मा है

  • @sudeepkumarjain8267
    @sudeepkumarjain8267 3 года назад +37

    जीवन के अस्तित्व का अर्थ जानने के लिए, यदि हम इतिहास पर दृष्टि डालें तो हमें दो सबसे प्राचीन धाराएँ मिलती हैं, जो "अहिंसा परमो धर्म" के सिद्धांत को मानती हैं, जिसे हम जैन धर्म (श्रमण परम्परा) और हिंदू धर्म (वैदिक परम्परा) के नाम से जानते हैं। इन दोनों धर्मों की शुरुआत ज्ञात इतिहास से परे है या हम कहें कि ब्रह्माण्ड एवं खगोल संरचना संबंधी आधुनिक विज्ञान मान्यतायें इन धर्मों को पूरी तरह से समझा पाने में सक्षम नहीं हैं या समझने में बाधा उत्पन्न करती है, उदाहरण के लिए ये दोनों धर्म इस बात से सहमत हैं कि श्री राम एक वास्तविक ऐतिहासिक महापुरुष थे, जो लगभग 10 लाख वर्ष पहले हुए थे लेकिन आधुनिक इतिहास का सिद्धांत इस तथ्य को स्वीकार नहीं करता है। "अहिंसा परमो धर्म" ही सनातन या शाश्वत धर्म है एवं जैन धर्म और हिन्दू धर्म एक ही सनातन सच्चाई को देखने के दो नजरिये हैं । जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषवदेव जी का हिन्दू धर्म के वेदों और पुराणों में भी वर्णन हैं और जिन्हें दोनों मान्यताओं ने श्री राम (जो कि जैन धर्मं के अनुसार बीसवें तीर्थंकर मुनिसुव्रत के बाद हुए व उन्ही के शाशन काल में मोक्ष गए) के भी कई वर्षो पहले होना स्वीकार किया हैं |जैन धर्म में प्रथम तीर्थंकर ऋषवदेव जी को आदि या प्रथम क्षत्रिय माना गया हैं इन्ही से ईक्ष्वाकु कुल की स्थापना हुई थी, व इनके ज्येष्ठ पुत्र चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा जिसका उल्लेख दोनों धर्मो के ग्रंथो में मिलता हैं । एक ही सनातन सच्चाई "अहिंसा परमो धर्मं" की व्याख्या करने में दोनों धर्मों में भिन्नताएं आने का मुख्य कारण यह हो सकता है कि एक तीर्थंकरों की परम्परा से प्राप्त हुआ है जो कि केवलज्ञानी या सर्वज्ञ थे अतः उन्होंने यथार्थ वर्णन किया होगा, दूसरा ऐसी परम्परा है जिनके गुरु केवलज्ञानी या सर्वज्ञ नहीं थे हालांकि उनके गुरुओं को देवों ने सहायता की लेकिन केवलज्ञान न होने की वजह से अलग अलग समय में हुए महापुरुषों को उन्होंने एक ही महापुरुष का अवतार मान लिया होगा इसीलिए हिन्दू धर्मं में ईश्वर को अवतार लेने वाला व सृष्टि का कर्ता मान लिया जबकि जैन धर्मं में ईश्वर को सर्वज्ञ व सर्व शक्तिमान तो माना है लेकिन सृष्टि का कर्ता नहीं माना एवं कर्म सिद्धांत को मानते हुए ये माना है कि सृष्टि के सभी अन्नत जीव अपने पुरुषार्थ से जन्म मृत्यु के अनादि चक्र से छूटकर परम पद या मोक्ष प्राप्त कर ईश्वर बन सकते हैं। "अहिंसा परमो धर्म" कथन में हम परमो या परम शब्द पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जिसका अर्थ है निरपेक्ष, इस प्रकार यह बताना कि अहिंसा एक परम सनातन नियम है जो तीनों लोकों को संचालित करता है। जैन धर्म में इसे संपूर्ण विज्ञान कहा गया है जो संपूर्ण अस्तित्व के कार्य और नियमों की व्याख्या करता है।
    जैन धर्मं के अनुसार संपूर्ण सृष्टि या लोक ६ द्रव्यों से मिलकर के बना हैं
    १) आकाश (Space), २) काल (Time) ३) पुद्गल (Matter and Energy) ,
    ४) जीव (Living beings or souls) ५) धर्मास्तिकाय (Medium of Motion)
    ६) अधर्मास्तिकाय (Medium of Rest)
    आधुनिक विज्ञान उपरोक्त ६ द्रव्यों में से प्रारंभ के ३ को ही जनता हैं इसीलिए अपूर्ण हैं| इसीलिए आधुनिक विज्ञान के सिद्धांत जो कि लोक की सनातनता (eternity) पर प्रश्न चिन्ह लगाये, को सत्य मान लेना बहुत बड़ी भूल हैं |

    • @ashokkumardehariya2570
      @ashokkumardehariya2570 2 года назад

      🙏🙏 आपकी दृष्टि में बौद्ध दर्शन बताएं जी

    • @chetan1008
      @chetan1008 Год назад +5

      सुदीप कुमार जैन जी
      आप के पास जो है, वो बहुत ही कीमती होगा
      जिसमें से आपने यहां पर थोड़ी सी झलक दिखाई है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

    • @SumitSharma-od2yt
      @SumitSharma-od2yt 6 месяцев назад

      जैन धर्म 2500 साल से ज्यादा पुराना नही है

    • @VLal-vs5mt
      @VLal-vs5mt 4 месяца назад +1

      सुदीप जी आप का ज्ञान विसरित है । जल्द ही आप से सम्पर्क करूंगा

    • @sudeepkumarjain8267
      @sudeepkumarjain8267 4 месяца назад

      @@VLal-vs5mt जी धन्यवाद, मेरा एक जैन धर्म से related channel भी है, जिसको आप Samavasharan Knowledge के नाम से RUclips में search कर सकते हैं।

  • @Aasimppp
    @Aasimppp 8 месяцев назад +3

    मैं आपका शुक्र अदा नहीं कर सकता। इतना अमूल्य ज्ञान देने के लिए मैंने आपको पिछले कुछ दिनों से ही सुनना शुरूकिया है और मैं तब तक नहीं रुकूंगा जब तक मैं आपके चैनल की हर एक वीडियो नहीं देखा लेता

  • @mukeshtiwari3163
    @mukeshtiwari3163 2 года назад +31

    Jainism
    1) Individual Perspective & Potential
    2) Ten men's tale (syadvaad)
    3) Ahimsa
    4) Aparigraha (Gandhian Philosophy)
    5) Namo Arihantaram (Ari.., winning internal enemies..)
    Ari: internal enemies - kaam, krodh, lobh, maya, matsar.
    5 principals (mahavrats) of Jainism:
    a. Ahimsa
    b. Aparigraha
    c. Brahmacharya
    d. Satya
    e. Asteya

  • @vasukinagabhushan
    @vasukinagabhushan 3 года назад +72

    Dr. Himmat Singh is one of most open minded brilliant philosophers in India.

    • @manojyadav-do1yo
      @manojyadav-do1yo 3 года назад +2

      🔆🔆लोक 🔆olo 🔆o 🔆loop 🔆l 🔆🔆lol 🔆ololl

    • @RaviJain-ec9go
      @RaviJain-ec9go 3 года назад +1

      💯 bilkul bhai

    • @zainashik
      @zainashik 3 года назад +2

      Gyani purush sadaa pujyaniya hai

  • @rajeshwareedeshpande4961
    @rajeshwareedeshpande4961 5 лет назад +63

    जैन तत्व अदभुत है। आपने बढीया विश्लेषण किया है ।

  • @SandeepKumar-db2bt
    @SandeepKumar-db2bt 3 года назад +9

    महोदय अपका धन्यवाद करता हूँ. दर्शन शास्त्र की औकात को ठीक ठीक बताने के लिए. कोई भी ज्ञान जिसको तार्किक नीति की खिचड़ी की आवश्यकता होती है वह न तो पूर्ण रूप से वस्तुनिष्ठ है और न ही पूर्ण रूप से आत्मनिष्ठ है. ऐसा ज्ञान इन दोनों के बीच में कहीं अपरिपक्वता की स्थिति में होता है.

  • @4.7mviews67
    @4.7mviews67 2 года назад +7

    Sir,
    आप ने जो हमे बताया है। हमे लगता इस तरह से हम किसी से नहीं समझ पाते।
    आपका धन्यवाद और प्रणाम करता हूं।

  • @pinkmoon4328
    @pinkmoon4328 Год назад +2

    एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति 🙏

  • @ayushjain4226
    @ayushjain4226 2 года назад +9

    स्याद्वाद और अनेकांतवाद जैन दर्शन का प्राण है। किसी भी बात की कई विभक्षाये होती है। बस देखने दृष्टी अलग अलग होती हैं।

  • @sourabhbakliwal7684
    @sourabhbakliwal7684 4 года назад +22

    Guru ji your Philosophy is Great useful for all Human Being

  • @i_for_infinitive7223
    @i_for_infinitive7223 Год назад +2

    तुष्णाम सिन्धी भज क्षमा
    जहिमदम पापे रति मां कथा। 🙏 संत भर्तूहरी
    - माननीय डॉक्टर सिन्हा जी ,आपकी बुद्धिमत्ता , ज्ञान को मेरा प्रणाम , आप से निवेदन हे की आप दुनिया की सारी फिलोसोफी मेसे उत्कृष्ट कोनसी है जो इश्तत्व को प्राप्त करवाए , आप के नजरिए से।
    - मेरे तार्किक और भावनिक अभ्यास से कह सकता हु की वैदिक ज्ञान ही हम परमोच्च अवस्था तक पहुंचाती हे। 🙏🙏🌅

  • @vmcvijay
    @vmcvijay 2 года назад +13

    नमो अरिहंतानम का प्रचलित अर्थ यह है की जिसने कर्मरूपी शत्रु का नाश कर दिया ऐसे अरिहंत भगवंत को नमस्कार हो।

  • @shubhashlingade6018
    @shubhashlingade6018 2 года назад +5

    Jain religion is great philashoy jai jinedra

  • @mlomesh1
    @mlomesh1 3 года назад +13

    That's beauty of Indian culture and freedom to explore and express.

  • @rohitsuri5982
    @rohitsuri5982 3 года назад +3

    Doctor. HIMMAT SINGH JI. KOTI KOTI NAMAN
    AAP KE CHARANO. MEI
    JAI SHRI RAM

  • @maanbhaartiji9126
    @maanbhaartiji9126 2 года назад +2

    Very good sir. You are Great purush very good thinking.God bless you Namo Budhae.

  • @ravishkumar8188
    @ravishkumar8188 3 года назад +5

    सादर प्रणाम श्री गुरु जी, बेहद की परमशान्ति.

  • @sonamchanjor8131
    @sonamchanjor8131 2 года назад +5

    🙏🙏🙏झगड़े की जड़ एक मत। बहुमत झगड़े की नस। छः अंधे और हाथी की कहानी ।🙏🙏🙏🙏🙏🙏 बाबा को भाष्य हेतु साधुवाद

  • @vimalenterprises5728
    @vimalenterprises5728 2 года назад +3

    Very nicely explained sinha ji..
    Aap ke jitne gyani aur samjhane wale bahut kam hai duniya main 🙏

  • @अजयकुमारद्विवेदी-झ6म

    जैसी दृष्टी,वैसी सृष्टी।
    मनुष्य दोमुहे साँप कि भाँति व्यवहार करता है।
    शुभ कामों के लिये वह स्वयं को व अशुभ कामों के लिये ईश्वर को जिम्मेदार ठहराता है।
    इंसान पहले इंसान बन जावे फिर किसी परालौकिक सत्ता को समझने का प्रयास करे तो बेहतर है।

    • @BeHappy_B-D
      @BeHappy_B-D 4 года назад

      ruclips.net/video/ftDn4AHVzb0/видео.html

    • @SunilSunil-tz6by
      @SunilSunil-tz6by 2 года назад

      यदि अन्तिम लक्ष्य ना पता हो तो भी सारे प्रयास बेकार है।

  • @vikasjaipuria
    @vikasjaipuria 10 месяцев назад +1

    This is logical on so many levels. Seems so scientific.

  • @shbz4799
    @shbz4799 2 года назад +10

    भगवान को जैनों ने निकाला नहीं है जो भगवन वन चुके हैं उनकी तो हम सभी पूजा करते हो उन्हें मानते है पर परमात्मा को करता नहीं मानते ये परमात्मा मात्रा जानन हारा hai dekgan हारा है सर्वज्ञ है परमात्मा कोई हमारा नौकर नहीं जो हमारा भला बुरा करे जैन दर्शन अनादि से है और हमेशा रहेगा

    • @ashish18gour
      @ashish18gour 2 года назад +4

      Bilkul sahi kaha apne

    • @aagamjain1395
      @aagamjain1395 4 месяца назад

      Kis jain aagam me likha hai ki moorti ko poojna chahiye?????

  • @biswaranjanmishra9689
    @biswaranjanmishra9689 Год назад +1

    Dhanyabad guru ji

  • @sureshbhatt8896
    @sureshbhatt8896 Год назад

    Aap ka gyan unexplained hai. U are no more but your knowledge and thoughts will always exist.

  • @rohittiwari-dx5hh
    @rohittiwari-dx5hh 2 года назад +3

    Great explain Sir....dhanyawad

  • @nim549
    @nim549 3 года назад +9

    Am listening since y'day & am wondering why wasn't Dr Sinha famous decades back.

  • @warriorwithin767
    @warriorwithin767 3 года назад +2

    Dr. सिन्हा आप भारत का सही इतिहास बचाने मे प्रकाशस्तंभ का काम कर रहे है जिसे अंग्रेज़ी पढणे मे गवा दिया था l

  • @brijbalasharma5467
    @brijbalasharma5467 2 года назад +1

    हां यह बात है लोग अच्छे कर्मों और बुरे दोनों ही होते हैं

  • @AshaSharma-m1g
    @AshaSharma-m1g 24 дня назад

    Thanks guruji

  • @sushilchandmittal1302
    @sushilchandmittal1302 2 года назад +2

    सनातन के साथ सुन्दर विश्लेषण

  • @shaileshjain8361
    @shaileshjain8361 3 года назад +5

    The only true philosophy jain

  • @MrShukra2000
    @MrShukra2000 2 года назад +2

    Simple and beautiful explaination..

  • @YOGENDRA1998
    @YOGENDRA1998 2 года назад +4

    Awesome Dr Sinha ji👌👌❤️❤️

  • @अधिराज-ब9ज
    @अधिराज-ब9ज 2 года назад +1

    प्रणाम करता हूं आप श्रीं को।

  • @shubhashlingade6018
    @shubhashlingade6018 2 года назад +2

    Nice told by you sir with confidence thanks sir

  • @shreyansjain8762
    @shreyansjain8762 3 года назад +5

    Jai jinendra dev ki

  • @bidhansikdar7677
    @bidhansikdar7677 3 года назад +3

    You have said right and rightly annalised.

  • @riturakaul6706
    @riturakaul6706 2 года назад +2

    extremely helpful video guruji

  • @indravadanbhaipatel2434
    @indravadanbhaipatel2434 Год назад

    Jay jinendra Jay Mahavir. Namaste 🙏

  • @adarshpaygan645
    @adarshpaygan645 3 года назад +6

    Thank you sir..very nice and simple explanation

  • @dewsingh7934
    @dewsingh7934 3 года назад

    Guru ji aapna bahut sidha saral bhasa ma
    Philosophy ko samajhya

  • @USART-X123
    @USART-X123 2 года назад +5

    Very enlightened lecture.

  • @amankodala
    @amankodala Год назад +1

    ❤️🙏

  • @roshnisharma7013
    @roshnisharma7013 2 года назад +3

    "AHIMSA PARMO DHARAM"
    ahinsak dharma hi sarvopari hai.

  • @sandy-oy6rr
    @sandy-oy6rr Год назад +2

    Mind blowing

  • @ajaylokare5384
    @ajaylokare5384 2 года назад +9

    Jainism and Buddhism are most peaceful and scientific religions .

  • @sreenivasreddy9100
    @sreenivasreddy9100 2 года назад +1

    Koti Koti Naman

  • @AshishPatel-xp1kh
    @AshishPatel-xp1kh Год назад +1

    Great thinking 🙏👌

  • @naturelover820
    @naturelover820 4 года назад +2

    Wow...eia Sach main akk sandar vechar Hain........

  • @dheerajanand906
    @dheerajanand906 2 года назад +2

    Pranam Gurudev🙏

  • @ramashankardubey528
    @ramashankardubey528 4 года назад +2

    bahut sundar vyakhya

  • @Ilakshi665
    @Ilakshi665 3 года назад +3

    गीता मे श्रीकृष्णा ने कहा है मैं कुछ भी नहीं करता हूँ, सिर्फ साक्षी भाव से देखता हूँ|

  • @ShashiTiwari-mw5hn
    @ShashiTiwari-mw5hn 2 месяца назад

    Jain dharam anadi kall se hai 👌... Aor anadi tak rahega 👌👌

  • @khursheedanwar8021
    @khursheedanwar8021 2 года назад

    You Are Great VERY GREAT

  • @svl-103
    @svl-103 3 года назад +1

    बहुत सुंदर,धन्यवाद

  • @santamusharmushar3684
    @santamusharmushar3684 Год назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @lakhbirsinghdhanjal4877
    @lakhbirsinghdhanjal4877 3 года назад +7

    I salute your knowledge by heart

  • @tarlochansingh2227
    @tarlochansingh2227 3 года назад +3

    ਸ਼ੁਕਰੀਆ! ਡਾਕਟਰ ਸਾਹਿਬ

  • @billusahu2639
    @billusahu2639 2 года назад

    Thanku ji

  • @chinmaysanghavi3421
    @chinmaysanghavi3421 Год назад +2

    Correction
    Aparigraha- minimalism
    Achaurya- don't take things which you don't own.

  • @hemantnaik379
    @hemantnaik379 Год назад

    Namaste.thank you for sharing .

  • @ayushkalaayush3886
    @ayushkalaayush3886 3 года назад +1

    Jay Ho Guruji

  • @ashitmukherjee5934
    @ashitmukherjee5934 3 года назад +2

    Jai gurudev ji.Hinduism,Buddhism,Sikkhism and Jainism ,they all believe in karma Siddhantha i .e. cause & effect(karya karan siddhanta ) theory.Their methods depend on the principle propounded by their founders.However,they all including Hinduism stated the same truth i .e. eko satya vipra vahudha vadanti.In Hinduism,Patanjal's yam stipulates satya ahimsa asteya brahmacharya and aparigraha which were similarly stated by the tirthankars of Jainism.

  • @prashantpatil7426
    @prashantpatil7426 2 года назад +1

    Very nice explained sir. Jay jinendra.

  • @smarak227
    @smarak227 8 месяцев назад

    Conqurer of own 👍 👌

  • @rakeshpathak7185
    @rakeshpathak7185 3 года назад +1

    धन्यवाद महोदय

  • @taswirsingh2209
    @taswirsingh2209 2 года назад +3

    Namaskar Great Teacher.

  • @Himanshuyadav-fi8qw
    @Himanshuyadav-fi8qw 3 года назад +3

    Sir pls sinha sir se western philosophers ke aise hi videos banwaye aap...Upsc philosophy optional wale students ke lie kaafi helpful rahega please sir

  • @shridharbhosale5291
    @shridharbhosale5291 2 года назад +1

    प्रणाम 🙏🙏🙏

  • @lakshaynehra3807
    @lakshaynehra3807 2 года назад +2

    Jain boddh aary smaaji...sab...khaatme..ke..kagaar..per..hai.....lekin...Sanaatan dobaara failega.....Jai...SitaRam.....

  • @AshishJain-et9be
    @AshishJain-et9be 2 года назад +42

    जैन धर्म अनादि काल से है,,, और अनादि तक रहेगा।।।

    • @AshishJain-et9be
      @AshishJain-et9be Год назад +8

      आप के हंसने से कुछ बदलाव नहीं होने वाला

    • @pavantupkar7660
      @pavantupkar7660 Год назад +3

      हर कोई अपने बाप को ही सबसे बड़ा मानता है

    • @dineshjain9852
      @dineshjain9852 Год назад +6

      जैन होके भी जैन धर्म नहीं समझते तो क्या लाभ . आपका स्टेटमेंट में परफ़ेक्ट सत्य है जबकि अनेकांतवाद कहता कि कोई भी सत्य पूर्ण नहीं है . जैन सिद्धांतों को पढ़े बिना समझे बिना आप एक सनातन हैं । परमान सागर महाराज को सुने और जैन धर्म को पढ़े .

    • @chiragchavan3776
      @chiragchavan3776 Год назад

      अगर आपने यह वीडियो सुन लिया होता तो आप यह बात कहते ही नहीं!
      जैन धर्म के बिलकुल विप्रीत है आपकी बात !

    • @Ameya_pardeshi
      @Ameya_pardeshi 11 месяцев назад

      Aur Insan?

  • @shaileshjain8361
    @shaileshjain8361 3 года назад +19

    Agar duniya Jain philosophy apna le to dharti swarg ho jayegi

    • @kamleshdave3867
      @kamleshdave3867 3 года назад +1

      To bhai jain derasar kyun banate ho agar bhagavan nahi hai to

    • @musicwallah1723
      @musicwallah1723 3 года назад +5

      @@kamleshdave3867 are Bhai kon bola bhagwan nahi hai 🤦🏻🤦🏻🤦🏻🤦🏻
      Jain mante hai ki bhagwan hai magar wo apki moksh prapti me help nahi kar sakte
      App bhagwan ka sirf ashirwad lo
      Magar wo apki help nahi karenge

    • @musicwallah1723
      @musicwallah1723 3 года назад +4

      @@kamleshdave3867 to isliye app bhagwan ko kuch karne ki koshish na kare
      Bhagwan apki koi help nahi karenge
      Bhagwan ke liye bali na de , bhagwan ke liye home hawan na kare
      Bhagwan ke liye koi karm kand na kare
      Aisi jain philosophy hai
      Jain bhagwan ko nahi nakarte 🤦🏻

    • @esotericwanderer6473
      @esotericwanderer6473 2 года назад +1

      @@kamleshdave3867 jihadi hai tu, dusre dharma ke baare me kuch pata nahi hota lekin aajate hai bakchodi karne. Jainism me bhagwan hai lekin woh creater preserver and destroyer nahi hote. Jain dharm me bhramand shuru se tha aur anant kaal tak rahega, koi bhi vishnu, etc, universe ko nahi bana sakta. Tapobal se mamuli admi bhi bhagwan ban sakta hai, ye cheez jain dharm sikhata hai. JAI JINENDRA.

    • @akshaykulkarni5691
      @akshaykulkarni5691 Год назад +1

      Bilkul theek. Aur agar duniya bhakt ban jaye to dharti vaikunth ban jayegi..

  • @prakashrandad2096
    @prakashrandad2096 3 года назад +1

    True divine encyclopaedia

  • @kantilaltated7503
    @kantilaltated7503 2 года назад +1

    Very great , Sir ji

  • @sudhasingh6547
    @sudhasingh6547 3 года назад

    Pranam guruji.....omh arihantaram

  • @raushankumar4117
    @raushankumar4117 3 года назад

    Bahut achhi vkhya sir
    Humney bahut kuch jana

  • @sandy-oy6rr
    @sandy-oy6rr Год назад +2

    Very nice work man keep it up 👍

  • @rajivranjan6079
    @rajivranjan6079 3 года назад +1

    Guruji Pranam.

  • @chetan1008
    @chetan1008 Год назад

    5:00 अनेकान्तवाद के अनुसार प्रत्येक वस्तु में अनन्त विरोधी युगल एक साथ रहते हैं। एक समय में एक ही धर्म अभिव्यक्ति का विषय बनता है। प्रधान धर्म व्यक्त होता है और शेष गौण होने से अव्यक्त रह जाते हैं। वस्तु के किसी एक धर्म के सापेक्ष ग्रहण व प्रतिपादन की प्रक्रिया है 'नय'।, 6:00 नय वाद
    8:35 *स्याद्वाद*, जैन तत्वमीमांसा में, सिद्धांत है कि सभी निर्णय सशर्त हैं, केवल कुछ स्थितियों, परिस्थितियों, या इंद्रियों में अच्छा रखते हैं, जिसे स्यात (संस्कृत: "हो सकता है") शब्द द्वारा व्यक्त किया गया है । किसी वस्तु को देखने के तरीके (नय कहलाते हैं) संख्या में अनंत हैं।
    स्यादवाद में कितने निर्णय शामिल है?
    सप्तभंगी नय सापेक्षिक ज्ञान की तार्किकता के आधार पर जैन दर्शन में निर्णय या मत के सात प्रकार माने गये हैं।
    अनेकांतवाद के कितने भेद हैं?
    अनेकांतवाद - कथन के दो प्रमुख ढंग
    अनेकांत शैली को प्रस्तुत करने के लिए जैन आचार्यों ने दो प्रमुख ढंग का उपयोग किया - स्यादवाद (conditioned viewpoint)और नयवाद (partial viewpoint)। स्यादवाद यानि वस्तु के गुण को समझने, समझाने और अभिव्यक्त करने का सापेक्ष ढंग।
    स्यादवाद के जनक कौन है?
    महावीर स्वामी ने स्वयं 'भगवतीयसूत्र' में आत्मा की सत्ता के विषय में 'स्याद अस्ति', 'स्याद नास्ति' और 'स्याद अवक्तव्यम' इन तीन भंगों का उल्लेख किया है।

  • @gianjindal9158
    @gianjindal9158 Год назад

    VERY NICE KNOWLEDGE GURU JI

  • @dkhan9456
    @dkhan9456 3 года назад +1

    हृदय से आभार।

  • @hanumanji2056
    @hanumanji2056 9 месяцев назад

    Very nice teaching sir

  • @abhishekgupta2110
    @abhishekgupta2110 2 года назад +1

    सादरप्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @sohan-qo3dv
    @sohan-qo3dv 3 года назад

    Thanks Dr sinha

  • @anilajain7116
    @anilajain7116 8 месяцев назад

    ❤ बहुत अच्छा समझाया

  • @yashbirsingh1673
    @yashbirsingh1673 3 года назад +5

    Sir u have tried ur best to explain Jainism in short 'syadvad' but fully incomplete, do more effort to understand, nice thanks

  • @Like-attracts-like
    @Like-attracts-like 3 года назад +1

    🙏

  • @trilokjain-rx7lb
    @trilokjain-rx7lb 3 месяца назад

    Jainam Jayati Shasanam.

  • @tilkesh
    @tilkesh 2 года назад +1

    Pranam !!!!!!!

  • @swatiyadav7622
    @swatiyadav7622 2 месяца назад

    गुरुजी प्रणाम

  • @deepikakumari-vq7zv
    @deepikakumari-vq7zv 4 года назад +8

    Sir, aap Indian philosophy ki epistemology bhi btaaiye

  • @hanumanji2056
    @hanumanji2056 9 месяцев назад

    👍👍🙏🙏🙏🙏

  • @nehajain6949
    @nehajain6949 11 месяцев назад

    Vastu ka sababhav hi dhram ha or chatna ka sababhav sukh ha.

  • @sudhakargosavi7545
    @sudhakargosavi7545 3 года назад +1

    अच्छा विश्लेषण...

  • @asimanayak9711
    @asimanayak9711 11 месяцев назад

    Awesome ❤

  • @dashingmathsacademy
    @dashingmathsacademy 2 года назад +2

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @sangramtupe1256
    @sangramtupe1256 Год назад

    Very nice

  • @abudarda6211
    @abudarda6211 2 года назад +5

    JAIN PHILOSOPHY IS LESS SUPERSTITIOUS.

  • @kaushikpatel34
    @kaushikpatel34 3 года назад +2

    Sir, Please share your thought on Bhagwan Swaminarayan.