BAI PADAMSIMHA KA PHLE BHAA BUDHISIST BHABN THA .ZE DC SARKAR K KITAB PUNJAB HARYANA HIMCHAL M LIKHI H..ZO REAL M H USKI KOI BAT NHI KRTA .AZZ SAB RSS K KARM KAND CHLTE H SWARN MANDIR M.AZZ B BHAA AURTO KO KIRTAN KRNE OR SEWA KRNE KA ADIKAR NHI H
हिंदू सिखो ने जैसी इज्जत मुस्लिम संतों फकीरों को दी के अपने मंदिर तक शिलान्यास उनसे करवाया, क्या मुस्लिम समुदाय ने भी उस प्रेम और सम्मान का बदला उसी प्रेम और सम्मान से दिया? क्या कभी मुस्लिम समुदाय ने किसी मस्जिद की नींव सिख गुरु से रखवाई? नहीं। उन्होंने सम्मान और प्रेम का बदला गुरु तेग बहादुर जी महाराज की हत्या और गुरुगोविंद सिंह जी महाराज के मासूमों को दीवार में छिनवा के आग में जलकर दिया। यही भाईचारा है एकतरफा।।मौका मिलते ही जिहादी अपनी दरिंदगी दिखा ही देते हैं मदीने से लेकर मुर्शिदाबाद तक यहीं रिकॉर्ड है। सेकुलर शिकारी दाना डालकर उल्लू बनाते है बेहोश करते है जिहादी शिकार कर कन्वर्ट किल or kick out।
सिख धर्म का मूल सिद्धांत : मानस की जात सभ्य ऐकै पहचानवो।। सब महि जोत जोत है सौऐ तिसदै चानण सब मैं चानण हौए।। हम नहीं चंगे बुरा नहीं कौए।। ना को बैरी नहीं वेगाना सगल संग हम को बन आई।। गुरू ग्रंथ साहिब जी हर समय सभी प्राणियों से प्रेम करने का उपदेश देते है। जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभ पाओ।।
सिखों का संघर्ष सिर्फ शासक के दमन और अत्याचार के खिलाफ था किसी धर्म के खिलाफ कभी नहीं । हां , ब्राहमण वाद का तो गुरू नानक ने ही विरोध शुरू कर दिया था , क्योंकि वो भी दमनकारी व्यवस्था थी ।
Guru Nanak Dev Ji ne pakhand vad ko samapat karne ka sandesh diya na ki brahmano se sangharash kiya tha. Ve pakhandvad se naraj the. Sabko ek saman prem ka sandesh diya tha. Sat Shri Akal Ji. Jai Siya Ram Ji 🙏
What a great program. At present time all over the world, people in power are spreading hate, this kind of massage is very important. Salute to Pro.Mukesh ji and Dr.Puniyani.Keep it up.Thanks a lot.
When I visited Lahore in 2008 , I paid my respects at Hazrat Mian Mir ji's tomb. He was SUFI ( secular to the core) & close friend of Guru Arjan Dev ji.He was upset when Guru Arjan Dev was being tortured by Jahangir & wanted to intervene but Guru Arjan Dev ji stopped him. I consider myself lucky & privileged
@@vivekpoonia3393 jis molana ki ap bat kar rahe ho aise pandit acharya aur bhi brahman dharmik logo ne sikh dhram ke bare me na jane kya kya bola hai mahatma gandhi ne to muafi bhi mangi thi guru gobind singh ji ke liye upshbad bole the ,bat hai sàmaj aps me kaise rehta hai aur kaise rehna cahiye us cheej ki misal the saai mia mir ji maharaja ranjeet singh
@@trueindian3086 tumhe aaj pta chla hai kya? Ye to bache bache ko pta hai Mai 29 year ka hu, muje bhi school time se hi pta hai Kitne salo se Katha mai bhi suna hai
For us, Sikhs, we were butchered by Mughals, but still our Gurus never taught us to hate muslims. Moreover, our Gurus gave us a lot of examples to never hate any community. Malerkotla City is an example, Mian Meer is an example. There are 100s of examples. Moreover, we respect Mian meer a lot.
Mughals and Muslims are not the same.Mughals were Muslims by birth but did they really follow Islam,but not all Muslims are mughals.Maler Kotla ka example bekar hai kyunki Maler Kotla ko Guruji ne ashirvad diya tha ki jitni bhi andhi aayegi Maler Kotla kabhi nahi ujrega aur 1947 ke fasad ke samay logon ko sahi mein koi safed parchai dikhai di thi ghode pe baithe hue protecting Maler Kotla.Yeh maine BBC ke partition pe ek documentary mein ek Muslim bujurg ko bolte suna tha.
MUGHAL KINS were kings ,,no doubt they were muslim , But they killed many people of all religions,Not only people ,,,they killed their brothers and family members though they were Muslim and mughals,,,Usually rulers always prefer their rule not religion,,The both world war killed christian by chirstian ,,,,so we should condemns all killers may be muslim or not,,,
मिलें तो ये पूरा बुक पढ़ लें इस्लामी जिहाद (M. A. Khan) page no 17 जहां तक मुसलमानों और काफिरों के बीच संबंध की बात है, तो इस बारे में महान अल्लाह के शब्द ये हैं: “हम तुम्हें (काफिरों अर्थात गैरमुसलमानों को) अपनाने से अस्वीकार करते हैं। जब तक कि तुम केवल अल्लाह को ही न मानने लगो, हमारे मध्य शत्रुता व घृणा बनी ही रहेगी।' इसलिये शत्रुता है, और यह शत्रुता हृदय में बैठे भयानक विद्वेष का साक्षी है। और यह भयानक शत्रुता तभी रुकेगी, जब यदि काफिर इस्लाम के प्रभुत्व के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें, अथवा यदि उसका रक्त बहाया जाना वर्जित किया गया हो, अथवा यदि उस समय में मुसलमान दुर्बल अथवा असमर्थ हों। किंतु यदि हृदय से (काफिरों के प्रति) घृणा का लोप हो जाता है, तो यह बड़ा कुफ्र है! सर्वसामर्थ्यवान अल्लाह द्वारा अपने रसूल को कहे गये ये शब्द सच्चे संबंध के बारे में अंतिम अभिवचन का वर्णन है: हे रसूल! काफिरों व मुनाफिकों से जंग करो और उनके प्रति कठोर व निष्ठर रहो । उनका ठिकाना जहन्नुम (नर्क) है, उनकी नियति बहुत बुरी है!” इस प्रकार काफिरों और मुसलमानों के बीच संबंध का मूलतत्व व आधार ऐसा है। काफिरों के विरुद्ध मुसलमानों की जंग, शत्रुता व घृणामूलक व्यवहार हमारे मजहब का आधार है।
गुरू साहिबान ने एक बात जिसे बाकी लोग शायद ही समझ पाए हैं कि कमांद के खेत का एक पेड (गनना ) खराब हो जाए तो इस का मतलब यह नहीं कि सारा खेत का कमांद खराब हो गया । गुरू साहिबान ने खेत के एक गनने को उखाडने का काम किया । हम साधारण लोग सारे खेत को उखाडने जलाने चल पडते हैं
Sikhs Dushmani Main viswas nahin rakhte.!! Sagli jot hamari apni Hai!! Sabhi hamare Bhai Hain. Darbar sahib Amritsar sabhi ka Hai. Hamm sikhs sain Mia Mir ji Nabhi khan Ganni Khan peer Bhudhuu shah ji ka bahut sanman krte Hain!!!
@@jagdeepsandhu9659are you making fun of them Because of your ego you dishonour the Nishkaam(निष्काम/ਨਿਸ਼ਕਾਮ) public welfare work done by the Sant ji😢
@@pushpindersingh7240 It is a historical fact , maximum money donation came from Punjab and ,Pt Madanmohan Malviya did spread his jholi. Not funny . Punjab has been milked dry since 1849 .
इस्लामी जिहाद (M. A. Khan) page no 17 जहां तक मुसलमानों और काफिरों के बीच संबंध की बात है, तो इस बारे में महान अल्लाह के शब्द ये हैं: “हम तुम्हें (काफिरों अर्थात गैरमुसलमानों को) अपनाने से अस्वीकार करते हैं। जब तक कि तुम केवल अल्लाह को ही न मानने लगो, हमारे मध्य शत्रुता व घृणा बनी ही रहेगी।' इसलिये शत्रुता है, और यह शत्रुता हृदय में बैठे भयानक विद्वेष का साक्षी है। और यह भयानक शत्रुता तभी रुकेगी, जब यदि काफिर इस्लाम के प्रभुत्व के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें, अथवा यदि उसका रक्त बहाया जाना वर्जित किया गया हो, अथवा यदि उस समय में मुसलमान दुर्बल अथवा असमर्थ हों। किंतु यदि हृदय से (काफिरों के प्रति) घृणा का लोप हो जाता है, तो यह बड़ा कुफ्र है! सर्वसामर्थ्यवान अल्लाह द्वारा अपने रसूल को कहे गये ये शब्द सच्चे संबंध के बारे में अंतिम अभिवचन का वर्णन है: हे रसूल! काफिरों व मुनाफिकों से जंग करो और उनके प्रति कठोर व निष्ठर रहो । उनका ठिकाना जहन्नुम (नर्क) है, उनकी नियति बहुत बुरी है!” इस प्रकार काफिरों और मुसलमानों के बीच संबंध का मूलतत्व व आधार ऐसा है। काफिरों के विरुद्ध मुसलमानों की जंग, शत्रुता व घृणामूलक व्यवहार हमारे मजहब का आधार है।
Thank you Mukesh ji and Puniyani sir.. You are great. Kuch log gire hue Mansikta ke hain, kuch Rajnitik Neta bhi hain Jo apne Sowarth aur Satta ke lie Hindu Muslim mai Nafrat faila rahe hain.
पुनयानी जी मैने खुद मुस्लिम को स्वर्ण मंदिर परिसर में नमाज पढ़ते देखा है और आजादी से पहले और गुरु साहिबों के समय कुछ मुस्लिम और हिंदू जत्थे स्वर्ण मंदिर में कीर्तन भी करते रहे हैं। रवींद्र नाथ टैगोर भी कई कई महीनों स्वर्ण मंदिर में ठहरते रहे हैं।
मुकेश जी आप कभी किसी सिख विद्वान को जरूर बुलाना चाहिए वह बहुत ही विस्तार से बतायेगा जैसे डॉ सुखदेव सिंह उद्योके और भी बहुत , आप सिख के अमृतपान की विधि को देखे तो दंग होगें
Sikh faith is based on tolerance and gurus inculcated community cohesion for peaceful co-existence . The Sikh gurus stood against the ruling elite and religious tyrants of various hues (muslim as well hindu ) who were suppressing the common man. They believed in the Individuals freedom, self respect, and the right to practice one's religious beliefs
Dr ram puniani thank u very much for high lighting briefly about sikh religion i new that sain mian meer laid the foundation of golden temple but was not aware of the brief biography of sain mian meer a big thanks again
समाज को केवल दो भागों में बांटा जा सकता है मानवतावादी , अमानवतावादी। मानवतावादी धारमिक , अमानवतावादी अधारमिक। केवल परतीकों से समाज को बांटना एक समय पर धरिणा ही पैदा करता है
इस्लामी जिहाद (M. A. Khan) page no 17 जहां तक मुसलमानों और काफिरों के बीच संबंध की बात है, तो इस बारे में महान अल्लाह के शब्द ये हैं: “हम तुम्हें (काफिरों अर्थात गैरमुसलमानों को) अपनाने से अस्वीकार करते हैं। जब तक कि तुम केवल अल्लाह को ही न मानने लगो, हमारे मध्य शत्रुता व घृणा बनी ही रहेगी।' इसलिये शत्रुता है, और यह शत्रुता हृदय में बैठे भयानक विद्वेष का साक्षी है। और यह भयानक शत्रुता तभी रुकेगी, जब यदि काफिर इस्लाम के प्रभुत्व के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें, अथवा यदि उसका रक्त बहाया जाना वर्जित किया गया हो, अथवा यदि उस समय में मुसलमान दुर्बल अथवा असमर्थ हों। किंतु यदि हृदय से (काफिरों के प्रति) घृणा का लोप हो जाता है, तो यह बड़ा कुफ्र है! सर्वसामर्थ्यवान अल्लाह द्वारा अपने रसूल को कहे गये ये शब्द सच्चे संबंध के बारे में अंतिम अभिवचन का वर्णन है: हे रसूल! काफिरों व मुनाफिकों से जंग करो और उनके प्रति कठोर व निष्ठर रहो । उनका ठिकाना जहन्नुम (नर्क) है, उनकी नियति बहुत बुरी है!” इस प्रकार काफिरों और मुसलमानों के बीच संबंध का मूलतत्व व आधार ऐसा है। काफिरों के विरुद्ध मुसलमानों की जंग, शत्रुता व घृणामूलक व्यवहार हमारे मजहब का आधार है।
Thank you sir both of you very good परन्तु सिखों ने कभी भी मुसलमानों को अपना दुश्मन नहीं समझा और न ही कभी सिख गुरुओं ने बल्कि जितना साथ उस समय मुसलमानों ने दिया और किसी ने भी नहीं दिया।।
The spiritual insights into the inner dimension achieved by Baba Farid, Mian Mir, and other Sufi mystics are indistinguishable from those of Guru Nanak Sahib, his successors, Kabir Sahib, and other Bhakti movement saints such as Ravidas and Namdev. Baba Bulleh Shah and Hazrat Sultan Bahu subsequently affirmed this path of self- or God-realization.
सिख धर्म सांझीवालता का प्रतीक है। पांचवें गुरु, श्री गुरु अर्जुन देव जी द्वारा संकलित आदि (गुरु)ग्रन्थ मानवता का पुंज है। इसमें भारत के अलग अलग राज्यों के विभिन्न धर्मो को मानने वाले 15 संतों/भक्तों की बाणी अंकित है। जैसे- उत्तर प्रदेश के कबीर जी, बंगाल के जयदेव जी, महाराष्ट्र के नामदेव जी , राजस्थान के भक्त पीपा और धन्ना जी, और मध्यप्रदेश के भक्त सैन जी आदि...। इसमे 11भट्ट सहित, 6गुरु साहिबान और 3 गुरसिखों की वाणी संग्रहित है। यह भारतीय संस्कृति -सभ्यता की एकता, शांति और भाईचारे का प्रतीक है जो प्रभु के एकेश्वरवाद की बात करता है। मानव को सही मार्गदर्शन देने का अनूठा ग्रंथ है। इसमें 1430पावन पृष्ठ हैं। इसमें संग्रहित सारे श्लोक/रचनाएं 31रागों में गाए जाते हैं। यह सिर्फ सिखों का ग्रंथ नहीं बल्कि हर मानव को जीवन जीने का सलीका सिखाता है। इस आदि ग्रंथ को "गुरु" का दर्जा 10वें गुरु, साहिबे कमाल गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1708 में दिया - "श्री गुरु ग्रन्थ साहिब"
Sat Naam Sri Waheguru ji Maharaj 🙏❤️🌹 Sarbat ka bhala ji 🙏❤️ Bharat sone ki chidia kehlata tha 🙏tab koi bhaid bhav nahin hota tha insaniyat imandari se log jeetey they 🙏bhaichara muhabbat se log rehte they 🙏 jab se manuwad bharahmanwad aaya tab se nafrat beimani katad panti Dhokha dhadi ki shuruwat Hui thi 🙏 Aaj desh ishi ki wajah se jhoojh raha hai 🙏 sikhon ki musalmano ke atiyachar ke peechey bharahman wad hi tha 🙏isko samajhna pade ga 🙏 jab tak isko samjho ge nahin is pareshani se nikal nahin pao ge 🙏
Sikhism is the only solution for the global peace and brotherhood if we all walk on the teaching of 10 gurus and guru granth sahib ji , I think there will be no hate AGANIST eachother and people will love to see eachother with open arms
Shree Guru ji believes in brotherhood of mankind.when Guru ji got enlightened ,He uttered the words, “ No Hindu;No Muslman” Guru Ramdas ji developed and taught the Sikhs to think all are equal in eyes of God .Moreover, The Sant was a Suffi Saint and his teachings were of Guru Nanak Sahib’s teachings .That is why The 4th Guru ji gave this respect.
Sri Guru Granth Sahib ji contains banis of Six Sikh Guru, 15 Bhagats (Hindu, Muslim, Kabir ji, Farid ji Sain ji, Ravi Das’s Ji Dhanna ji etc), 4 Sikhs including Bhai Mardana ji and 11 Batt Scholars.
Muslim vest people in the whole world . Also Mughal King Akbar ate langar in the Golden temple . Mughals were most secular kings of their tine Once again mughal rule in india . Mughal gdp = 30% Modi gdp = 3%
Haridas Droga of Gwalior Fort , who had converted to Sikhism, was instrumental in the release process. He informed Guru Sahib about Emperor Jahangir's dream, leading to the king's decision to release Guru Hargobind Sahib. But the truth is that 101 kings were living in the Fort with Guru Sahib. Sons and grand sons of these (Hindu)Rajas supported Aurangzeb with their army in the war with Sikhs
10:00 professor sahab is wrong here. Jahangir martyred guru arjan dev ji (sikh's fifth guru). Its only after his martyrdom, that sikhism decided to adopt both meeri n peeri and become a martial force to fight the tyrants.
इतिहास के सागर से इतना सुंदर मोती खोज लाभान्वित करने हेतु प्रोफेसर द्वय को सादर साधुवाद एवं प्रणाम।
@@ArunKumar-oe6db 🙏✅
Sikh history clearly proved it was laid ram Das not any Muslim fakir
BAI PADAMSIMHA KA PHLE BHAA BUDHISIST BHABN THA .ZE DC SARKAR K KITAB PUNJAB HARYANA HIMCHAL M LIKHI H..ZO REAL M H USKI KOI BAT NHI KRTA .AZZ SAB RSS K KARM KAND CHLTE H SWARN MANDIR M.AZZ B BHAA AURTO KO KIRTAN KRNE OR SEWA KRNE KA ADIKAR NHI H
हिंदू सिखो ने जैसी इज्जत मुस्लिम संतों फकीरों को दी के अपने मंदिर तक शिलान्यास उनसे करवाया, क्या मुस्लिम समुदाय ने भी उस प्रेम और सम्मान का बदला उसी प्रेम और सम्मान से दिया?
क्या कभी मुस्लिम समुदाय ने किसी मस्जिद की नींव सिख गुरु से रखवाई?
नहीं। उन्होंने सम्मान और प्रेम का बदला गुरु तेग बहादुर जी महाराज की हत्या और गुरुगोविंद सिंह जी महाराज के मासूमों को दीवार में छिनवा के आग में जलकर दिया।
यही भाईचारा है एकतरफा।।मौका मिलते ही जिहादी अपनी दरिंदगी दिखा ही देते हैं मदीने से लेकर मुर्शिदाबाद तक यहीं रिकॉर्ड है। सेकुलर शिकारी दाना डालकर उल्लू बनाते है बेहोश करते है जिहादी शिकार कर कन्वर्ट किल or kick out।
@@bhupindersinghkanwar5681no brother
You had read the wrong history
सिख धर्म का मूल सिद्धांत :
मानस की जात सभ्य ऐकै पहचानवो।।
सब महि जोत जोत है सौऐ तिसदै चानण सब मैं चानण हौए।।
हम नहीं चंगे बुरा नहीं कौए।।
ना को बैरी नहीं वेगाना सगल संग हम को बन आई।।
गुरू ग्रंथ साहिब जी हर समय सभी प्राणियों से प्रेम करने का उपदेश देते है।
जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभ पाओ।।
Terri sarab sanjhi walta ne teri gand faad rakhi hai saali gandu kaum k paas apna koi desh nahi
शानदार हर किसी को एक तराजू में नहीं तौलना चाहिए जिनका का काम शासन करना वो आपने फायदा सोचता बस आम लोग आज भी एक दूसरे से प्यार करते
बड़े platform पर बड़े लोगों द्वारा ऐसी जानकारी, और संदेश का प्रवाह जन-मानस के लिए लाभकारी है,और प्रशंसनीय है.
Sikh holy book Sri Guru Granth Sahib contains the writings of Sufi Muslim Baba Sheikh Farid, whom Sikhs respect a lot.
सिखों का संघर्ष सिर्फ शासक के दमन और अत्याचार के खिलाफ था किसी धर्म के खिलाफ कभी नहीं । हां , ब्राहमण वाद का तो गुरू नानक ने ही विरोध शुरू कर दिया था , क्योंकि वो भी दमनकारी व्यवस्था थी ।
@@Vandematram-e6x kisne shuru kiya ye jattwad ?
Jitne singers thhe ye shuru karne wale ek bhi Jatt nhi tha, Ground mai bhi dekh lo kaha hai Jattwad
@Exmusli kya hai jattvad ?
Guru Nanak Dev Ji ne pakhand vad ko samapat karne ka sandesh diya na ki brahmano se sangharash kiya tha. Ve pakhandvad se naraj the. Sabko ek saman prem ka sandesh diya tha. Sat Shri Akal Ji. Jai Siya Ram Ji 🙏
@@ramkishan6075 Ji , bilkul thik , brahmn ka nahi , brahmanvaad ka virodh kiya , jo bhed bhav par adharit hai aaj bhi.
@@ramkishan6075 Guru Granth Sahib mai Bhatt Brahmano ki bhi bani darz hai, vo sabke thhe aur sab unke
What a great program. At present time all over the world, people in power are spreading hate, this kind of massage is very important. Salute to Pro.Mukesh ji and Dr.Puniyani.Keep it up.Thanks a lot.
When I visited Lahore in 2008 , I paid my respects at Hazrat Mian Mir ji's tomb. He was SUFI ( secular to the core) & close friend of Guru Arjan Dev ji.He was upset when Guru Arjan Dev was being tortured by Jahangir & wanted to intervene but Guru Arjan Dev ji stopped him. I consider myself lucky & privileged
मौलना से मिले जो काणा कहकर महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तोड़ने की बात कहता था ।खैर अब चला गया पर उसका बेटा अभी है अगली बार जाओ तो जरुर मिलके आना 😂
@@vivekpoonia3393This side many Gurdwara broken by Rss like Gian Godri
@@vivekpoonia3393 jis molana ki ap bat kar rahe ho aise pandit acharya aur bhi brahman dharmik logo ne sikh dhram ke bare me na jane kya kya bola hai mahatma gandhi ne to muafi bhi mangi thi guru gobind singh ji ke liye upshbad bole the ,bat hai sàmaj aps me kaise rehta hai aur kaise rehna cahiye us cheej ki misal the saai mia mir ji maharaja ranjeet singh
इसी प्रकार की कट्टरता को ही मिटाना चाहते थे सारे गुरू साहिबान.
@@vivekpoonia3393दशमेश पिता सतगुरू गुरुगोबिंद सिंह जी से गद्दारी करने वाला भी गंगू पंडित था।।
Mera man mughd hogaya 😊 itna pyara itihas hai hamara ❤mere ankho se khushi k aansu nikal aae ..kitna pyara hai etihaas .Salut hai sir ✍️🙏💥
@@trueindian3086 tumhe aaj pta chla hai kya?
Ye to bache bache ko pta hai
Mai 29 year ka hu, muje bhi school time se hi pta hai
Kitne salo se Katha mai bhi suna hai
Prof. Mukesh Sir
Dr. Ram Sir
🇮🇳❤️🇮🇳❤️🇮🇳❤️🇮🇳❤️🇮🇳
पुन्यानी जी का इतिहास विश्लेषण बहुत ही तार्किक और सारगर्भित होता है
For us, Sikhs, we were butchered by Mughals, but still our Gurus never taught us to hate muslims. Moreover, our Gurus gave us a lot of examples to never hate any community. Malerkotla City is an example, Mian Meer is an example. There are 100s of examples. Moreover, we respect Mian meer a lot.
Bhai sb Mughals power keliye tha lakin Baba Fareed aur Guru Nanak Devi ka relation dekho
Mughals and Muslims are not the same.Mughals were Muslims by birth but did they really follow Islam,but not all Muslims are mughals.Maler Kotla ka example bekar hai kyunki Maler Kotla ko Guruji ne ashirvad diya tha ki jitni bhi andhi aayegi Maler Kotla kabhi nahi ujrega aur 1947 ke fasad ke samay logon ko sahi mein koi safed parchai dikhai di thi ghode pe baithe hue protecting Maler Kotla.Yeh maine BBC ke partition pe ek documentary mein ek Muslim bujurg ko bolte suna tha.
MUGHAL KINS were kings ,,no doubt they were muslim , But they killed many people of all religions,Not only people ,,,they killed their brothers and family members though they were Muslim and mughals,,,Usually rulers always prefer their rule not religion,,The both world war killed christian by chirstian ,,,,so we should condemns all killers may be muslim or not,,,
❤ मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना ❤ जो मजहब नफरत सिखाए वह मजहब ही नहीं है ❤
मिलें तो ये पूरा बुक पढ़ लें
इस्लामी जिहाद (M. A. Khan) page no 17
जहां तक मुसलमानों और काफिरों के बीच संबंध की बात है, तो इस बारे में महान अल्लाह के शब्द ये हैं: “हम तुम्हें (काफिरों अर्थात गैरमुसलमानों को) अपनाने से अस्वीकार करते हैं। जब तक कि तुम केवल अल्लाह को ही न मानने लगो, हमारे मध्य शत्रुता व घृणा बनी ही रहेगी।' इसलिये शत्रुता है, और यह शत्रुता हृदय में बैठे भयानक विद्वेष का साक्षी है। और यह भयानक शत्रुता तभी रुकेगी, जब यदि काफिर इस्लाम के प्रभुत्व के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें, अथवा यदि उसका रक्त बहाया जाना वर्जित किया गया हो, अथवा यदि उस समय में मुसलमान दुर्बल अथवा असमर्थ हों। किंतु यदि हृदय से (काफिरों के प्रति) घृणा का लोप हो जाता है, तो यह बड़ा कुफ्र है! सर्वसामर्थ्यवान अल्लाह द्वारा अपने रसूल को कहे गये ये शब्द सच्चे संबंध के बारे में अंतिम अभिवचन का वर्णन है: हे रसूल! काफिरों व मुनाफिकों से जंग करो और उनके प्रति कठोर व निष्ठर रहो । उनका ठिकाना जहन्नुम (नर्क) है, उनकी नियति बहुत बुरी है!” इस प्रकार काफिरों और मुसलमानों के बीच संबंध का मूलतत्व व आधार ऐसा है। काफिरों के विरुद्ध मुसलमानों की जंग, शत्रुता व घृणामूलक व्यवहार हमारे मजहब का आधार है।
Sikh bhai Sher hai
Bada dil hai in bhaiyo ka
Sab ki help karne waale hai
Bhohat khoob discussion congratulations Satya Hindi
गुरू साहिबान ने एक बात जिसे बाकी लोग शायद ही समझ पाए हैं कि कमांद के खेत का एक पेड (गनना ) खराब हो जाए तो इस का मतलब यह नहीं कि सारा खेत का कमांद खराब हो गया । गुरू साहिबान ने खेत के एक गनने को उखाडने का काम किया । हम साधारण लोग सारे खेत को उखाडने जलाने चल पडते हैं
Us ped ka naam kya hai
Ram puniyani sir ko namaskar
प्रोफेसर राम पुनियानी 🎉को करबद्ध प्रणाम 🙏
❤❤ बहुत अच्छी बात आज दुनिया को पता चला ❤ यही भारत की खूबसूरती है ❤ गंगा यमुनि तहजीब ❤ जो नफ़रती चिंतुओं RSS और बीजेपी को पसंद नहीं है ❤❤❤❤
आज यही तहजीब को कट्टर वादी लोग मीटाना चाहते हैं
ये भारत की खूबसूरती नहीं, बल्कि बदकिस्मती है
ਸੁਫੀ ਸੰਤ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸੰਤਾਂ ਭਗਤਾਂ ਦੀ ਵਿਚਾਰਧਾਰਾ ਇੱਕ ਜੈਸੀ ❤🎉
शयाद आपको नहीं पता की बहुत से मुस्लिम थे जो औरंगजेब के ख़िलाफ़ लड़े और बहुत से हिंदू मुसलमानों से मिले हुए थे।
Koyi badi baat nahi hai sab political tha abhi bhi bahut muslim BJP me bhi hai logo ne unki rajniti ko dharm se jod diya
आत्मा धर्म सेवा समर्पण वो धर्म है 😮😮😮😮😮
Mukesh Kumar ji aur ram puniani ji ko nafrat ke mahaul me aapsi meljol ki sachai batane ke liye dhanyawaad.
Sikhs Dushmani Main viswas nahin rakhte.!!
Sagli jot hamari apni Hai!!
Sabhi hamare Bhai Hain.
Darbar sahib Amritsar sabhi ka Hai.
Hamm sikhs sain Mia Mir ji
Nabhi khan Ganni Khan peer Bhudhuu shah ji ka bahut sanman krte Hain!!!
pehli baat toh aap sikh hi secular ho apke religion ka pehla rule hi secularism hai
@@G7itchedperson😂😂
ਸਰਬ ਸਾਂਝੀ ਗੁਰਬਾਣੀ
Sant Attar Singh ji Mastuana Sahib also laid foundation stone of Banaras Hindu University in (1914)
And , all the Sikh Kingdoms donated generously towards establishment of BHU , when Pandit Malviya spread his 'झोली ' in front of them .
@@jagdeepsandhu9659are you making fun of them
Because of your ego you dishonour the Nishkaam(निष्काम/ਨਿਸ਼ਕਾਮ) public welfare work done by the Sant ji😢
@@pushpindersingh7240 It is a historical fact , maximum money donation came from Punjab and ,Pt Madanmohan Malviya did spread his jholi.
Not funny .
Punjab has been milked dry since 1849 .
Very nice very True . Respected Sant Atar Singh ji. ❤❤❤❤❤
Present Rulers must learn from this. It is eye opening message for all of us.
But they don't want to learn because of their power arrogance
जैसे दूध से अंत में धी बनता है बैसे ही सचचे धरम से मानवता आनी चाहिए
इस्लामी जिहाद (M. A. Khan) page no 17
जहां तक मुसलमानों और काफिरों के बीच संबंध की बात है, तो इस बारे में महान अल्लाह के शब्द ये हैं: “हम तुम्हें (काफिरों अर्थात गैरमुसलमानों को) अपनाने से अस्वीकार करते हैं। जब तक कि तुम केवल अल्लाह को ही न मानने लगो, हमारे मध्य शत्रुता व घृणा बनी ही रहेगी।' इसलिये शत्रुता है, और यह शत्रुता हृदय में बैठे भयानक विद्वेष का साक्षी है। और यह भयानक शत्रुता तभी रुकेगी, जब यदि काफिर इस्लाम के प्रभुत्व के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें, अथवा यदि उसका रक्त बहाया जाना वर्जित किया गया हो, अथवा यदि उस समय में मुसलमान दुर्बल अथवा असमर्थ हों। किंतु यदि हृदय से (काफिरों के प्रति) घृणा का लोप हो जाता है, तो यह बड़ा कुफ्र है! सर्वसामर्थ्यवान अल्लाह द्वारा अपने रसूल को कहे गये ये शब्द सच्चे संबंध के बारे में अंतिम अभिवचन का वर्णन है: हे रसूल! काफिरों व मुनाफिकों से जंग करो और उनके प्रति कठोर व निष्ठर रहो । उनका ठिकाना जहन्नुम (नर्क) है, उनकी नियति बहुत बुरी है!” इस प्रकार काफिरों और मुसलमानों के बीच संबंध का मूलतत्व व आधार ऐसा है। काफिरों के विरुद्ध मुसलमानों की जंग, शत्रुता व घृणामूलक व्यवहार हमारे मजहब का आधार है।
Aap dono ko malik salamat rakhe es nafrat ke mahol mai sufi yo ki histori bauan kar taha hai sach baat hai sufi hi sache guru. Hai
Muslimo ko villian bana diya hai godi media ne
Extremists have been rejected by people .😢
Thank you Mukesh ji and Puniyani sir.. You are great. Kuch log gire hue Mansikta ke hain, kuch Rajnitik Neta bhi hain Jo apne Sowarth aur Satta ke lie Hindu Muslim mai Nafrat faila rahe hain.
प्रो. Punyani इतिहास का अनूठा विश्लेषण करते हैं, देहरादून में भी गुरु राम राय को ज़मीन औरंगजेब ने दी थी, जो आज देहरादून शहर हैं!!!!🎉❤🎉❤
सतिनाम श्री वाहिगुरू जी । बहुत-बहुत धन्यवाद
शानदार विश्लेषण किया है. बहुत बहुत धन्यावाद ❤
Mukesh bhai n Rampuniya ji nice program 👍 🙏
पुनयानी जी मैने खुद मुस्लिम को स्वर्ण मंदिर परिसर में नमाज पढ़ते देखा है और आजादी से पहले और गुरु साहिबों के समय कुछ मुस्लिम और हिंदू जत्थे स्वर्ण मंदिर में कीर्तन भी करते रहे हैं। रवींद्र नाथ टैगोर भी कई कई महीनों स्वर्ण मंदिर में ठहरते रहे हैं।
मुकेश जी आप कभी किसी सिख विद्वान को जरूर बुलाना चाहिए वह बहुत ही विस्तार से बतायेगा जैसे डॉ सुखदेव सिंह उद्योके और भी बहुत , आप सिख के अमृतपान की विधि को देखे तो दंग होगें
@@RajinderSingh-fq5nh uduky jat pat vich viswas rakhda
@kuldeepsahota4000 ਪਿਆਰੇ ਵੀਰ ਜਾਤ ਪਾਤ ਇਕ ਕੌਹੜ ਏ ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਕਿਸੇ ਨ ਕਿਸੇ ਤਰੀਕੇ ਦੋਸ਼ੀ ਹਾਂ ਗੁਰੂ ਦਸ਼ਮੇਸ਼ ਪਿਤਾ ਜੀ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਅਮਿ੍ਤ ਛਕਾ ਕੇ ਬਰਾਬਰ ਖੜਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਸੀ ਪਰ ਅਸੀਂ ਅੱਜ ਵੀ ਜਾਤਾਂ ਦਾ ਖੈਹੜਾ ਨਹੀਂ ਛੱਡਿਆ, ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਸਾਨੂੰ ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਸੁਮੱਤ ਬਖਸ਼ਣ, ਮੈ ਵੀ ਦੋਸ਼ੀ ਹਾਂ
सुंदर व्याख्या के लिए आपको साधुवाद
Sikh faith is based on tolerance and gurus inculcated
community cohesion for peaceful co-existence . The Sikh gurus stood against the ruling elite and religious tyrants of various hues (muslim as well hindu ) who were suppressing the common man. They believed in the Individuals freedom, self respect, and the right to practice one's religious beliefs
बहुत ही अच्छी जानकारी देने के लिए दिल से सलाम❤
Thanks.
Ram p sir you are doing a great job I salute you 🎉
Dr ram puniani thank u very much for high lighting briefly about sikh religion i new that sain mian meer laid the foundation of golden temple but was not aware of the brief biography of sain mian meer a big thanks again
वाह जी मुकेश जी बहुत बढिया
ਮੈਂ ਹਮੇਸ਼ਾ ਪੁਨਿਆਨੀ ਜੀ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਸੁਣਦਾ ਹਾਂ ਡਾਕਟਰ ਜੀ ਬਿਲਕੁਲ ਸਹੀ ਗੱਲ ਕਰਦੇ ਹਨ 🙏🙏
Very good journalism and professional program and salute to you both Sir.
Mardana was lifelong friend of GURU NANAK.
Bahut sundar ....manavta se bada koi dharam nahi ......Ladaiya rajao se political tha gaddi ka tha na ki vo koi dharam yudhh tha....
Very Nice Sir Ji
Modi invested in fascism Hindutva and China invested in research and education. 😂😂😂😂😂
समाज को केवल दो भागों में बांटा जा सकता है मानवतावादी , अमानवतावादी। मानवतावादी धारमिक , अमानवतावादी अधारमिक। केवल परतीकों से समाज को बांटना एक समय पर धरिणा ही पैदा करता है
Dr.Rampuniyani mahan itihaaskar 🙏
Excellent information! Tons of Thanks for sharing such thoughtful information 🙏🌹🌹👏👏
भेद है तो क्या अभेद नहीं। हमें अभेद को चुनना चाहिए तभी समाज में सद्भाव बनेगा।
इस्लामी जिहाद (M. A. Khan) page no 17
जहां तक मुसलमानों और काफिरों के बीच संबंध की बात है, तो इस बारे में महान अल्लाह के शब्द ये हैं: “हम तुम्हें (काफिरों अर्थात गैरमुसलमानों को) अपनाने से अस्वीकार करते हैं। जब तक कि तुम केवल अल्लाह को ही न मानने लगो, हमारे मध्य शत्रुता व घृणा बनी ही रहेगी।' इसलिये शत्रुता है, और यह शत्रुता हृदय में बैठे भयानक विद्वेष का साक्षी है। और यह भयानक शत्रुता तभी रुकेगी, जब यदि काफिर इस्लाम के प्रभुत्व के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें, अथवा यदि उसका रक्त बहाया जाना वर्जित किया गया हो, अथवा यदि उस समय में मुसलमान दुर्बल अथवा असमर्थ हों। किंतु यदि हृदय से (काफिरों के प्रति) घृणा का लोप हो जाता है, तो यह बड़ा कुफ्र है! सर्वसामर्थ्यवान अल्लाह द्वारा अपने रसूल को कहे गये ये शब्द सच्चे संबंध के बारे में अंतिम अभिवचन का वर्णन है: हे रसूल! काफिरों व मुनाफिकों से जंग करो और उनके प्रति कठोर व निष्ठर रहो । उनका ठिकाना जहन्नुम (नर्क) है, उनकी नियति बहुत बुरी है!” इस प्रकार काफिरों और मुसलमानों के बीच संबंध का मूलतत्व व आधार ऐसा है। काफिरों के विरुद्ध मुसलमानों की जंग, शत्रुता व घृणामूलक व्यवहार हमारे मजहब का आधार है।
खूब
Very informativevideo❤❤
Thank you sir both of you very good परन्तु सिखों ने कभी भी मुसलमानों को अपना दुश्मन नहीं समझा और न ही कभी सिख गुरुओं ने बल्कि जितना साथ उस समय मुसलमानों ने दिया और किसी ने भी नहीं दिया।।
Sri Darbar Sahib kehna chahiye
Swaran Mandir nhi kehna chahiye
Swaran Mandir kehne se Sri Darbar Sahib ka apmaan hai
The spiritual insights into the inner dimension achieved by Baba Farid, Mian Mir, and other Sufi mystics are indistinguishable from those of Guru Nanak Sahib, his successors, Kabir Sahib, and other Bhakti movement saints such as Ravidas and Namdev. Baba Bulleh Shah and Hazrat Sultan Bahu subsequently affirmed this path of self- or God-realization.
Good
Very good information and knowledge.
Thanks for you to adding my knowledge.
Bahut vadia jankari ditty
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏बैहतरीन जानकारी Sir
सिख धर्म सांझीवालता का प्रतीक है। पांचवें गुरु, श्री गुरु अर्जुन देव जी द्वारा संकलित आदि (गुरु)ग्रन्थ मानवता का पुंज है। इसमें भारत के अलग अलग राज्यों के विभिन्न धर्मो को मानने वाले 15 संतों/भक्तों की बाणी अंकित है। जैसे- उत्तर प्रदेश के कबीर जी, बंगाल के जयदेव जी, महाराष्ट्र के नामदेव जी , राजस्थान के भक्त पीपा और धन्ना जी, और मध्यप्रदेश के भक्त सैन जी आदि...। इसमे 11भट्ट सहित, 6गुरु साहिबान और 3 गुरसिखों की वाणी संग्रहित है। यह भारतीय संस्कृति -सभ्यता की एकता, शांति और भाईचारे का प्रतीक है जो प्रभु के एकेश्वरवाद की बात करता है। मानव को सही मार्गदर्शन देने का अनूठा ग्रंथ है। इसमें 1430पावन पृष्ठ हैं। इसमें संग्रहित सारे श्लोक/रचनाएं 31रागों में गाए जाते हैं। यह सिर्फ सिखों का ग्रंथ नहीं बल्कि हर मानव को जीवन जीने का सलीका सिखाता है। इस आदि ग्रंथ को "गुरु" का दर्जा 10वें गुरु, साहिबे कमाल गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1708 में दिया - "श्री गुरु ग्रन्थ साहिब"
Very Nice Info
So nice sir ji ❤❤❤
sikh fight muslim sa nahi julam sa thee.
Very good information
ਸਵਰਨ ਮੰਦਿਰ ਸਹੀ ਨਾਮ ਨਹੀ ਹੈ ਜੀ , ਅਸਲ ਨਾਮ ਸਿਰੀ ਦਰਬਾਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਹੈ . ਪੰਚਮ ਪਾਤਿਸ਼ਾਹ , ਸਿਰੀ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਮਹਾਰਾਜ ਜੀਉ ਨੇ , ਸਿਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਮਹਾਰਾਜ ਜੀਉ ਦਾ ਦਰਬਾਰ ਸਜਾਕੇ , ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ . ਸੋ ਅਜ ਤੱਕ ਦਰਬਾਰ ਸਜਾਇਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ .
Shree rampuniyaniji ko❤se salam
यह तो हमने बचपन में किताब में पढ़ा था।।।❤❤❤
Bahut Wadhiya🙏🙏
ये संतो के विशाल ह्रदय का परीतक है ।
Many thanks Sayeed ahmad
शीव बर्फ👌👌👌👌भी एक मुसलमान की खोज है👌👌👌🙏
हर मंदिर साहब या दरबार साहब.. सुवर्ण मंदिर तो आम बोलचाल की भाषा है.
@@dilipbade6145 harmandir sahib ji 🙏🙏
@jaspalsingh2075 बोले सो निहाल , सत् श्री अकाल.
वाहे गुरूजी का खालसा, वाहे गुरूजी की फतह..
Only such funny people make such statements. 😢
Bilkul theek satch hai sir ji
Thanks sir ji sachai ki baat Aap donu sir ji aha lagata hai
Saleem Kamal Penkar Maharashtra
Sat Naam Sri Waheguru ji Maharaj 🙏❤️🌹
Sarbat ka bhala ji 🙏❤️
Bharat sone ki chidia kehlata tha 🙏tab koi bhaid bhav nahin hota tha insaniyat imandari se log jeetey they 🙏bhaichara muhabbat se log rehte they 🙏 jab se manuwad bharahmanwad aaya tab se nafrat beimani katad panti Dhokha dhadi ki shuruwat Hui thi 🙏 Aaj desh ishi ki wajah se jhoojh raha hai 🙏 sikhon ki musalmano ke atiyachar ke peechey bharahman wad hi tha 🙏isko samajhna pade ga 🙏 jab tak isko samjho ge nahin is pareshani se nikal nahin pao ge 🙏
Sikhism is the only solution for the global peace and brotherhood if we all walk on the teaching of 10 gurus and guru granth sahib ji , I think there will be no hate AGANIST eachother and people will love to see eachother with open arms
True..❤❤❤
Hazrat miyan Meer saheb is great sufi Saint.
Shree Guru ji believes in brotherhood of mankind.when Guru ji got enlightened ,He uttered the words, “ No Hindu;No Muslman” Guru Ramdas ji developed and taught the Sikhs to think all are equal in eyes of God .Moreover, The Sant was a Suffi Saint and his teachings were of Guru Nanak Sahib’s teachings .That is why The 4th Guru ji gave this respect.
Well yery good information. Audio of Dr. Puniyani is distributering not clear
Sri Guru Granth Sahib ji contains banis of Six Sikh Guru, 15 Bhagats (Hindu, Muslim, Kabir ji, Farid ji Sain ji, Ravi Das’s Ji Dhanna ji etc), 4 Sikhs including Bhai Mardana ji and 11 Batt Scholars.
Satya hindi ka satyanash ho
Allah Ram punyani Sahab ki lambi Umar ho Aameen
Thank you brotherss
Thanks satya
गुरु महान हैं 11:54
Thank you sir
Muslim vest people in the whole world .
Also Mughal King Akbar ate langar in the Golden temple .
Mughals were most secular kings of their tine
Once again mughal rule in india .
Mughal gdp = 30%
Modi gdp = 3%
🙏🙏🙏
Haridas Droga of Gwalior Fort , who had converted to Sikhism, was instrumental in the release process. He informed Guru Sahib about Emperor Jahangir's dream, leading to the king's decision to release Guru Hargobind Sahib. But the truth is that 101 kings were living in the Fort with Guru Sahib. Sons and grand sons of these (Hindu)Rajas supported Aurangzeb with their army in the war with Sikhs
Waheguru Gi
Sikh never fought against any religion instead Sikh fought against the then rulers who were cruel towards their subjects.
Apka Vishlation bilkul sabhi logon ke mail jol bhai chare ka praman hai jise ajkal ki rajniti nast kar rahi hai.
Please ਸਵਰਨ ਮੰਦਰ ਨਾ ਕਹਿ ਕਿਰਪਾ ਕਰਕੇ ਸ਼੍ਰੀ ਹਰਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ ਹਿ ਕਹੋ ਜੀ
10:00 professor sahab is wrong here. Jahangir martyred guru arjan dev ji (sikh's fifth guru).
Its only after his martyrdom, that sikhism decided to adopt both meeri n peeri and become a martial force to fight the tyrants.
मियां मीर जी 🙏🙏🙏🙏🙏